शुक्रवार, 31 जुलाई 2020

भूमि-पूजन के लिए 1 लाख 1 हजार लडडू

अयोध्या। अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए जाने वाले भूमि पूजन के बाद प्रसाद के रूप में लड्डु बांटा जायेगा। भूमि पूजन के लिए मणिराम दास छावनी में एक लाख 11 हजार लड्डू तैयार किए जा रहे हैं। इन्हें 11 थालियों में सजाकर रामलला को भोग लगाया जाएगा। भूमि पूजन के दिन ये लड्डू अयोध्या धाम व तीर्थ स्थलों में वितरित किए जाएंगे।             


मनोज सिंह ठाकुर


आज से कम होगी एलपीजी की कीमत

नई दिल्‍ली । एक अगस्‍त से एलपीजी सिलिंडर के दाम घट सकते हैं। इसे लेकर केंद्र सरकार के स्‍तर पर तैयारी चल रही है। अनलॉक -2 के दोनों चरण 31 जुलाई तक पूरे हो रहे हैं। इसके बाद केंद्र सरकार क्‍या तय करती है ? इस पर अब सबकी निगाहें हैं। तेल कंपनियों के वरीय अधिकारी की मानें या यह संभावना है कि एक अगस्‍त को रिवाइज होने वाले एलपीजी सिलिंडर के दाम घटेंगे और सब्सिडी सिलिंडर सस्‍ता हो सकता है।


मिली जानकारी के अनुसार दस से बीस रुपये तक एलपीजी सिलिंडर के दाम घट सकते हैं। दो महीने तक महंगी होने के बाद अगर एलपीजी सस्‍ती होती है तो उपभोक्‍ताओं के खाते में सब्सिडी कम आ सकती है। इस वक्‍त पटना में एलपीजी सिलिंडर की कीमत 689 रुपये है, जबकि जून में इसकी कीमत 685 रुपये थी। इसी साल फरवरी, मार्च और अप्रैल में लगातार तीन महीनों तक एलपीजी सिलिंडर के दाम घटे थे। इसके चलते सिलिंडर के दाम 275 रुपये तक कम हो गये थे।वहीं आप इंडियन ऑयल के उपभोक्ता हैं, तो आपके लिए अहम खबर है। अगले माह से सिलिंडर बुकिंग सिस्टम पूरी तरह ऑनलाइन हो जायेगा। फिलहाल उपभोक्ताओं की सुविधाओं का ख्याल रखते हुए ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन की सुविधा दी गयी है। इसे लेकर वितरक को सूचना भेजी जा चुकी है।


सूचना में कहा गया है कि सीबेल में वितरण की पुष्टि बंद कर दी जायेगी। केवल मोबाइल वितरण एप से अनुमति दी जायेगी और डिलिवरी ऑथेंटिकेशन कोड (डीएसी) ओवरराइड विकल्प भी उपलब्ध नहीं होगा। डिलिवरी की पुष्टि केवल डीएसी के साथ की जायेगी।


भारतीय नौसेना में करोड़ों का घोटाला


  • आईटी हार्डवेयर की आपूर्ति के नाम पर घोटाला

  • सीबीआई ने चार राज्यों के 30 ठिकानों पर की छापेमारी


नई दिल्ली। नौसेना में फर्जी बिल के जरिए घोटाले का मामला सामने आने के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने चार राज्यों दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के करीब 30 ठिकानों पर छापेमारी की. दरअसल, पश्चिमी नौसेना कमान को आईटी हार्डवेयर की आपूर्ति के लिए जाली बिल बनाकर 6.76 करोड़ रुपये के घपले का आरोप है। आरोप है कि कैप्टन अतुल कुलकर्णी, कमांडर मंदार गोडबोले और आरपी शर्मा और पेटी ऑफिसर एलओजी (एफ&ए) कुलदीप सिंह बघेल ने कथित रूप से 6.76 करोड़ रुपये के सात फर्जी बिल तैयार किए। छापेमारी के दौरान पुलिस को 10 लाख रुपये की नकदी मिली है। इसके अलावा कुछ अहम दस्तावेज भी मिले हैं।


क्या है पूरा मामला


यह पूरा मामला पश्चिमी नौसेना कमान में आईटी हार्डवेयर की आपूर्ति के लिए आकस्मिक व्यय बिल के भुगतान से जुड़ा हुआ है। इस पूरे घोटाले का खुलासा रक्षा मंत्रालय की आंतरिक जांच में हुआ। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने 23 अक्टूबर 2019 को सीबीआई को जानकारी दी। रक्षा मंत्रालय की हरी झंडी मिलने के बाद सीबीआई ने मामला दर्ज कर लिया।


6.76 करोड़ से अधिक हो सकता है घोटाला


सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि यह घोटाला 6.76 करोड़ से बड़ा सकता है। मामले की तफ्तीश शुरू कर दी गई है और पुराने बिलों के भुगतान की भी पड़ताल की जा सकती है। फिलहाल, सीबीआई की ओर से नेवी अफसरों और कंपनियों से जानकारी जुटाई जा रही है।


किन लोगों पर दर्ज हुआ केस


बताया जा रहा है कि सीबीआई ने कैप्टन अतुल कुलकर्णी, कमांडर मंदर गोडबोले, कमांडर आर पी शर्मा, पेटी ऑफिसर एलओजी (एफ&ए) कुलदीप सिंह बघेल के अलावा एस एम देशमने, ए.के. के. विश्वास, इंदू कुंभरे, अनमोल कंदियाबूरू, प्रदीप चौहान, अमर देववाणी (प्राइवेट पर्सन), मेसर्स ACME नेटवर्क एंड आईटी सॉल्यूशन ( कंपनी), कौशल पंचाल साइबरस्पेस इंफोविजन प्राइवेट लिमिटेड के मालिक, जीतू मेहरा (मेसर्स मोक्ष इंफोसिस कंपनी के मालिक) और मेसर्स स्टार नेटवर्क कंपनी के मालिक लाल चंद यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)


 अगस्त 01, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-352 (साल-01)
2. शुक्रवार, अगस्त 01, 2020
3. शक-1943, श्रावण,शुक्ल-पक्ष, तिथि- द्वादशी/त्रयोदशी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:20,सूर्यास्त 07:18।


5. न्‍यूनतम तापमान 22+ डी.सै.,अधिकतम-36+ डी.सै.। भारी बरसात की संभावना।


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गुरुवार, 30 जुलाई 2020

मॉरीशसः सुप्रीम कोर्ट भवन का उद्घाटन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रवींद जगन्नाथ ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संयुक्त रूप से मॉरिशस के नए सुप्रीम कोर्ट भवन का उद्घाटन किया। देश की राजधानी पोर्ट लुई में इस भवन का निर्माण भारत के आर्थिक सहयोग से किया गया है। इस उद्घाटन समारोह में जज, न्याय विभाग के अधिकारी के अलावा दोनों देशों के गणमान्य लोगों ने भी हिस्सा लिया। इस मौके पर मौके पर मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने हिंदी में कहा कि मोदी जी, हमारा देश, हमारी जनता आपके समर्थन के लिए आभारी है। उद्घाटन समारोह में लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कुशल प्रबंधन के लिए मैं मॉरिशस की सरकार और लोगों को बधाई देना चाहूंगा। मुझे खुशी है कि भारत दवाइयों की समय पर आपूर्ति और अनुभवों को साझा करने के माध्यम से इस प्रयास का समर्थन करने में सक्षम था। 


दोनों देशों के बीच रहे मैत्रीपूर्ण संबंध


वर्चुअल इवेंट को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इतिहास में डेवलपमेंट पार्टनरशिप के नाम पर देशों को एक दूसरे पर निर्भर होना मजबूरी थी और इससे औपनिवेशिक व्यवस्था को बढ़ावा मिला। भारत के लिए विकसित सहयोग का मूल सिद्धांत पार्टनरों का सम्मान करना है। उन्होंने कहा, 'पोर्ट लुइस में नया सुप्रीम कोर्ट भवन भारत-मॉरिशस सहयोग का प्रतीक है।' संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच मैत्री के संबंध को और मजबूत बनाने पर जोर देते हुए कहा- 'भारत-मॉरिशस मैत्री अमर रहे।' इस बात को उन्होंने मॉरिशस की स्थानीय भाषा में भी कहा, 'विव लामिते एंत्र लांद ए मोरीस।'


मॉरिशस  के पीएम ने पीएम मोदी को कहा- 'धन्यवाद'


मॉरिशस  के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद अदा किया और कहा, 'एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हृदय से धन्यवाद देता हूं कि मॉरिशस उनके दिल के बहुत करीब है।' मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'सरकार और मॉरिशस के लोगों को COVID19 वैश्विक महामारी के प्रभावी प्रबंधन के लिए बधाई देता हूं। मुझे खुशी है कि भारत समय पर दवाइयों की आपूर्ति और अनुभवों को साझा करके कोरोना प्रबंधन में सहयोग दे सका।' प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'भारत और मॉरिशस दोनों ही हमारी स्वतंत्र न्यायपालिकाओं को हमारी लोकतांत्रिक प्रणालियों के महत्वपूर्ण स्तंभों के रूप में सम्मान देते हैं। यह नई इमारत अपने आधुनिक डिजाइन और निर्माण के साथ इस सम्मान की निशानी है।'विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत की ओर से  मॉरिशस  को वर्ष 2016 में विशेष आर्थिक पैकेज का सहयोग दिया गया था जिसके तहत वहां पांच इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाना है। इसमें से दो का शुभारंभ पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी ने किया था।' 


2016 में भारत ने दिया था विशेष आर्थिक पैकेज


मॉरिशस की राजधानी पोर्ट लुईस में भारत की सहायता से बनी यह पहली आधारभूत संरचना है। वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री मोदी व  मॉरिशस के प्रधानमंत्री ने संयुक्त रूप से वहां मेट्रो एक्सप्रेस व नया ENT अस्पताल प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया था। पहले चरण में मेट्रो एक्सप्रेस प्रोजेक्ट का काम पिछले साल सितंबर माह में पूरा हो गया था, जबकि दूसरे चरण के अंतर्गत 14 किलोमीटर लंबे मेट्रो लाइन बिछाने का काम अभी जारी है। बता दें कि भारत के सहयोग से ही वहां 100 बेड के अस्पताल का निर्माण शुरू हुआ था। वर्ष 2016 में भारत ने 35.3 करोड़ डॉलर का विशेष आर्थिक पैकेज दिया था। यह परियोजना निर्धारित समय में और अनुमानित से कम लागत में पूरी हुई है। यह भवन 4700 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है।            


जीडीपी में 9.5 फ़ीसदी की गिरावट

वाशिंगटन डीसी। कोरोना संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित अमेरिका की जीडीपी में दूसरी तिमाही में 9.5 फीसदी की गिरावट आई है। कॉमर्स डिपार्टमेंट ने गुरुवार को यह बात कही। सालाना आधार पर जीडीपी में यह 32.9 फीसदी रही जो अब तक की सबसे बड़ी तिमाही गिरावट है। अमेरिका के आधुनिक इतिहास में इसकी तुलना ग्रेट डिप्रेशन और दूसरे विश्व युद्ध के बाद डिमोबिलाइजेशन से की जा सकती है। ये दोनो घटनाएं मॉडर्न इकनॉमिक स्टेटिस्टिक्स के आने से पहले हुई थीं।
अमेरिकी इकॉनमी में 1940 के दशक के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट है जो इस बात का प्रमाण है कि कोरोना वायरस महामारी ने पूरे देश में बिजनस को किस कदर प्रभावित किया है। इसके कारण देश में लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं। सालाना आधार पर जीडीपी में 32.9 फीसदी की गिरावट आई है जो 1947 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। इस दौरान पर्सनल स्पेंडिंग में भी सालाना आधार पर 34.6 फीसदी की रेकॉर्ड गिरावट आई है। अमेरिका की जीडीपी में पर्सनल स्पेंडिंग की दो-तिहाई हिस्सेदारी है।             


चीन के साथ 'भारत' पर भी साधा निशाना

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के साथ भारत पर भी साधा निशाना


वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रदूषण को लेकर भारत पर हमला बोला है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि भारत, चीन और रूस को अपनी हवा को लेकर कोई चिंता नहीं है जबकि अमेरिका अपने देश की हवा की परवाह करता है। ट्रंप कई मौकों पर प्रदूषण को लेकर भारत की तीखी आलोचना कर चुके हैं।


पैरिस जलवायु समझौते का जिक्र करते हुए ट्रंप ने बुधवार को कहा कि ये समझौता एकतरफा और ऊर्जा को बर्बाद करने वाला था इसलिए उन्होंने इससे बाहर होने का फैसला किया।बता दें कि ट्रंप ने जून 2017 में पेरिस जलवायु समझौते से अलग होने ऐलान किया था। इस वैश्विक समझौते में हानिकारक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को घटाने के लिए कई कदम उठाने पर जोर दिया गया था। समझौते में भारत समेत विकासशील देशों को कुछ छूट मिली हुई थी।


ट्रंप ने टेक्सस के एक कार्यक्रम में कहा, "पैरिस जलवायु समझौते की पाबंदियों को मानकर वॉशिंगटन के वामपंथी डेमोक्रेट्स अनगिनत अमेरिकी नौकरियां और फैक्ट्री चीन और उसके जैसे प्रदूषण फैलाने वाले देशों को सौंप देते। वे हमसे हवा की चिंता करने के लिए कहते हैं लेकिन चीन अपने यहां की हवा पर ध्यान नहीं देता है। भारत भी अपनी वायु की गुणवत्ता को लेकर कोई चिंता नहीं करता है और ना ही रूस।लेकिन हम करते है। जब तक मैं राष्ट्रपति हूं तब तक अमेरिका फर्स्ट की नीति लागू रहेगी. ये बहुत सीधी सी बात है।


ट्रंप ने कहा, कई सालों से हम दूसरे देशों को खुद से पहले रखते आए हैं लेकिन अब हमारी प्राथमिकता अमेरिका है।अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि पैरिस जलवायु समझौता विनाशकारी था और उससे अमेरिका को अरबों डॉलर की चपत लगती। ट्रंप के पूर्ववर्ती बराक ओबामा ने इस वैश्विक समझौते में अहम भूमिका अदा की थी। ट्रंप ने कहा, अगर हमने इस समझौते को माना होता तो हम प्रतिस्पर्धा लायक नहीं रह जाते। हमने ओबामा प्रशासन के नौकरियां छीनने वाले पावर प्लान को रद्द कर दिया।


ट्रंप ने कहा, पिछले 70 सालों में हम पहली बार ऊर्जा निर्यातक देश बन पाए हैं। अमेरिका अब तेल और प्राकृतिक गैस का नंबर वन उत्पादक देश बन गया है। हम सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में हमारी ये पोजिशन बनी रहे। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने प्रदूषण को लेकर भारत पर निशाना साधा हो। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इससे पहले कहा था कि भारत, चीन और रूस अपने उद्योगों से निकले धुएं के निपटारे के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं और समुद्र के जरिए इन देशों का कचरा लॉस एंजेलिस पहुंच रहा है।


ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका के पास तुलनात्मक रूप से कम जमीन है और अगर आप चीन, भारत और रूस से तुलना करें तो पाएंगे कि ये देश अपने प्रदूषण के निपटारे के लिए कुछ भी नहीं कर रहे हैं, अपने देश में पेड़ों का सफाया कर रहे हैं और सारा कचरा समुद्र में बहा दे रहे हैं। यह कूड़ा बहकर लॉस एंजेलिस तक आ रहा है। लेकिन इसके बारे में कोई भी बात नहीं करना चाहता है। हर कोई बस हमारे देश के बारे में बात करता है। हमें ये करना होगा, हमें प्लेन नहीं उड़ाने होंगे, हमारे यहां गायें नहीं होनी चाहिए, हमारे पास कुछ नहीं होना चाहिए लेकिन चीन और विकासशील देशों के बारे में कोई कुछ नहीं कहता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक अन्य बयान में कहा था कि चीन, भारत, रूस व कई अन्य देशों के पास ना तो साफ हवा है, ना साफ पानी है और ना ही साफ-सफाई को लेकर समझ ही है। उन्होंने कहा था कि कुछ शहरों में तो आप सांस तक नहीं ले सकते हैं।


दिसंबर 2018 की ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट के अनुमान के मुताबिक, भारत दुनिया में कार्बन डाई ऑक्साइड का चौथा सबसे बड़ा उत्सर्जक देश है और 2017 में वैश्विक उत्सर्जन में 7 फीसदी की हिस्सेदारी थी। साल 2017 में कार्बन का सबसे ज्यादा उत्सर्जन करने वालों में चीन (27%), अमेरिका (15%), यूरोपीय यूनियन (10%) और भारत (10%) थे।          


सीएम शिवांशु 'निर्भयपुत्र'


'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...