गुरुवार, 30 जुलाई 2020

सुरक्षा को लेकर सीएम की हाई लेवल मीटिंग

लखनऊ। अयोध्या में 5 अगस्त को होने जा रहे राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम को लेकर तैयारियां जोरों शोरों से जारी हैं। अयोध्या में भूमि पूजन से पहले यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने सुरक्षा को लेकर बड़ी बैठक की है। सीएम ने पुलिस अधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए हैं।


सीएम ने अधिकारियों को भूमि पूजन कार्यक्रम को लेकर हर जिले में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। भूमि पूजन कार्यक्रम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को देखते हुए सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध करने के निर्देश दिए गए हैं। शरारती व असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगाह रखने के भी निर्देश दिए गए हैं। कार्यक्रम में करीब 200 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। ऐसे में पुलिस के सामने कोविड-19 के प्रोटोकॉल को सख्ती से पालन कराने की भी चुनौती होगी, ऐसे में सीएम योगी ने निर्देश दिए हैं कि कोरोना वायरस के प्रोटोकॉल को फॉलो करने में कोई भी ढीलाई ना बरती जाए।


गौरतलब है कि इस कार्यक्रम को लेकर केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने इनपुट दिया है कि आयोजन पर आतंकी साया मंडरा रहा है। इंटेलिजेंसी एजेंसीज का कहना है कि 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर शिलान्यास को लेकर आतंकी साजिश रची जा रही है। ऐसे में पूरे प्रदेश में भूमिपूजन यानि 5 अगस्त से लेकर स्वतंत्रता दिवस तक हाई अलर्ट घोषित किया गया है।केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश में व्यवस्था चाक चौबंद की जा रही है। इनपुट मिले हैं कि आतंकी 5 अगस्त से 15 अगस्त के बीच किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। ऐसे में सभी जिलों के महत्वपूर्ण स्थानों, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन पर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।


अरेस्ट सैकड़ों हत्याओं का दोषी, 'डॉक्टर डेथ'

राणा ओबरॉय


नई दिल्ली। देश में डॉक्टर डेथ के नाम से कुख्यात डॉक्टर देवेंद्र शर्मा आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया | देश के मेडिकल इतिहास में उसके अपराध हमेशा पुलिस और पीड़ितों को याद रहेंगे | पुलिस की अपराध शाखा की नारकोटिक्स सेल ने इस दुर्दांत हत्यारे को बड़ी चालाकी से धर दबोचा | डॉ. देवेंद्र शर्मा की बुधवार देर रात बापरौला इलाके से गिरफ्तारी की पुष्टि भी हुई है। खुद डॉक्टर डेथ कई बार दावा करता है कि अब तक 100 से ज्यादा ट्रक ड्राइवरों और टैक्सी चालकों की हत्या कर चुका है | उसके मुताबिक उसने 100 कत्ल के बाद हत्याओं की गिनती करना छोड़ दिया है।


डॉक्टर डेथ ने हरियाणा में सीरियल किलर के रूप में कुख्याती अर्जित की है | उसे हरियाणा का सबसे बड़ा जल्लाद नाम से जाना जाता है | पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है कि उसने कई राज्यों में फैले किडनी रैकेट के सरगना के रूप में काम किया था | रिकॉर्ड के मुताबिक अब तक वो करीब 125 लोगों की किडनी अवैध रूप से निकालकर ट्रांसप्लांट कर चुका है। यह शख्स राजस्थान की एक अदालत से पैरोल के बाद गायब हो गया था | जयपुर पुलिस को इसकी पैरोल जंपिंग मामले में तलाश थी।दिल्ली पुलिस में अपराध शाखा के डीसीपी डॉ. राकेश पावरिया के मुताबिक नारकोटिक्स सेल के इंस्पेक्टर राममनोहर की टीम ने उसे सुनियोजित रूप से धर दबोचा है |उनके मुताबिक हत्या में उम्रकैद काट रहा सीरियल किलर देवेंद्र कुमार शर्मा जनवरी 2020 में राजस्थान से पैरोल जंप कर नदारत हो गया था | उन्होंने बताया कि यह मुजरिम दिल्ली के बापरौला में भेष बदलकर रह रहा था। एक सूचना के बाद उसकी छानबीन में एसआई श्याम बिहारी सरन, हवलदार अशोक नागर, संजय, सिपाही सुमित व सुनील की टीम जुटी हुई थी | उन्होंने बताया कि 62 वर्षीय डॉ. देवेंद्र कुमार शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है। फ़िलहाल उससे पूछताछ की जा रही है | पुलिस के मुताबिक, यह मुजरिम एक विधवा महिला से शादी कर यहां छिपा था | उसने पुलिस को गुमराह करने की खूब कोशिश की। लेकिन दिल्ली पुलिस ने उसकी जब हकीकत जाहिर की तो उसने सच उगल दिया। उन्होंने बताया कि जयपुर पुलिस को इसकी सूचना दे दी गई है। जयपुर पुलिस इस सीरियल किलर की सुपुर्दगी के लिए दिल्ली पहुँच गई है |अपराध की दुनिया में डॉ. देवेंद्र शर्मा का नाम दुर्दांत अपराधियों की श्रेणी में है | वह बीएएमएस डिग्रीधारी है | लेकिन किडनी निकालने व ट्रांसप्लॉट करने की सर्जरी में उसका कोई मुकाबला नहीं |


बताया जाता है कि इस डॉक्टर ने कई ट्रक ड्राइवरों की हत्या कर उनके शव को कासगंज स्थित हजारा नहर में मगरमच्छों को खिला दिया | ताकि कोई सुबूत न मिले। यह उन लोगों की किडनियां निकाल लिया करता था | यही नहीं ड्राइवरों की गाड़ियों को वो दिल्ली के कासगंज बाजार में बेच देता था | कई गाड़ियों को उसने मेरठ के कबाड़ियों को बेचकर कटवा दिया था।


अंबानी के ऑफिस पर यस बैंक का कब्जा

मुंबई। कर्ज के जाल में फंसे रिलायंस ग्रुप के अनिल अंबानी को एक और झटका लगा है। दरअसल, निजी क्षेत्र के यस बैंक ने 2,892 करोड़ रुपये का बकाया कर्ज नहीं चुकाने की वजह से अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (ADAG) के सांताक्रूज मुख्यालय को अपने कब्जे में ले लिया है। आपको यहां बता दें कि अनिल धीरूभाई अंबानी समूह पिछले साल इसी मुख्यालय को पट्टे पर देना चाहता था ताकि वह कर्ज चुकाने के लिए संसाधन जुटा सके। यह मुख्यालय 21,432 वर्ग मीटर में है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक यस बैंक ने रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर द्वारा बकाये का भुगतान नहीं करने के चलते दक्षिण मुंबई के दो फ्लैटों का कब्जा भी अपने हाथ में ले लिया है। दो अन्य संपत्तियां दक्षिण मुंबई के नागिन महल में हैं। ये दोनों फ्लैट क्रमश: 1,717 वर्ग फुट और 4,936 वर्ग फुट के हैं। इस तरह, यस बैंक के कब्जे में रिलायंस ग्रुप की तीन संपत्तियां आ गई हैं।


आपको यहां बता दें कि अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (एडीएजी) की लगभग सभी कंपनियां सांताक्रूज कार्यालय ‘रिलायंस सेंटर’ से परिचालन कर रही हैं। हालांकि, पिछले कुछ साल के दौरान समूह की कंपनियों की वित्तीय स्थिति काफी खराब हो गई है। कुछ कंपनियां दिवालिया हो गई हैं, जबकि कुछ को अपनी हिस्सेदारी बेचनी पड़ी है। यस बैंक ने कहा कि उसने छह मई को रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को 2,892.44 करोड़ रुपये का बकाया चुकाने का नोटिस दिया था। 60 दिन के नोटिस के बावजूद समूह बकाया नहीं चुका पाया। इसके बाद 22 जुलाई को हमने रिलायंस समूह की तीनों संपत्तियों का कब्जा ले लिया। बैंक ने आम जनता को आगाह किया है कि वह इन संपत्तियों को लेकर किसी तरह का लेनदेन नहीं करें।


यस बैंक के डूबे कर्ज की एक बड़ी वजह एडीएजी समूह की कंपनियों को दिया गया कर्ज है। नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) के ऊंचे स्तर की वजह से भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ ने बैंक में 10,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालकर उसे संकट से बाहर निकाला है। बैंक के लिए राहत पैकेज से पहले सरकार और रिजर्व बैंक ने मार्च में यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग कर दिया था। साथ ही बैंक के नए मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और निदेशक मंडल की नियुक्ति की थी।


पुलिसः यूपी में बेखौफ हुई अराजकता

कानपुर। औरैया जनपद के थाना दिबियापुर कस्बे में उस समय सनसनी फैल गई जब देर शाम 9:00 बजे के करीब ग्रीन वैली स्कूल के पास एक न्यूज़ चैनल आपरेशनल हेड व ऑल इंडियन रिपोर्टर्स एसोसिएशन के मण्डल संगठन मंत्री पत्रकार प्रशान्त कुमार पुत्र मनोज कुमार निवासी नेहरू नगर दिवियापुर को तीन अज्ञात बदमाशों ने उनकी ही कार में अगवा कर बंधक बना लिया।अपहृत पत्रकार प्रशांत कुमार ने औरैया पुलिस को बताया कि वह अपना कामकाज निपटाने के बाद घर जा रहे थे तभी ग्रीन वैली स्कूल के पास एक मोटरसाइकिल पर सवार तीन लोगों ने उन से औरैया जाने का रास्ता पूछा और इसी बीच उन बदमाशों ने कट्टे के बल पर उनको गाड़ी में ही बंधक बना लिया और इधर उधर भटकाने के बाद आँखों मे पट्टी बांधकर अज्ञात रास्ते होते हुए बदमाश कही ले गये प्रशान्त कुमार को उक्त तीनों बदमाश  गाड़ी में बराबर मारपीट करते रहे तथा बदमाशो ने जान से मारने का भी प्रयास किया रसूलाबाद थाना क्षेत्र के वैरगरा गाँव से आगे जंगल में वह पेशाब करने के बहाने से गाड़ी से उतरा इसके बाद उक्त बदमाशों ने उसे जंगल में जान से मारने का प्रयास किया तो कट्टा फायर ना कर सका और मिस हो गया और गुस्साए बदमाश उसके साथ मारपीट कर उनकी नई सफेद रंग की हुंडई औरा कार ,नगदी दो मोबाइल , बेग व अन्य सामान लेकर फरार हो गए जंगल मे दूर दिख रही रोशनी की तरफ चलते चलते रात्रि वह वेरगरा ग्राम पहुंचा जहां पर ग्रामीणों को घटना की जानकारी देते हुए मोबाइल से बात कराने का निवेदन किया जहां के ग्रामीणों ने उसे मोबाइल देकर एसपी औरैया तथा संबंधित थाना प्रभारी को घटना की सूचना देते हुए डायल 112 पर सूचित किया मौके पर पहुंची थाना रसूलाबाद पुलिस व औरैया दिबियापुर पुलिस ने देर रात्रि तक घटना की छानबीन करने में जुटे रहे। वहीं घटना के बाबत अपरपुलिस अधीक्षक औरैया कमलेश दीक्षित ने बताया पत्रकार के साथ हुई घटना के मामले को गम्भीरता से लेते हुए पुलिस जांच में करने में जुटी हुई है कि अपहृत रसूलाबाद- कैसे कैसे पहुचा उन बिंदुओं की गहनता से पुलिस जांच कर रही व फिलहाल पुलिस घटना के हर बिंदुओ की गहनता से जांच करने में जुटी हुई है।             


तंगी के कारण दंपत्ति ने की आत्महत्या

बिलासपुर। लॉकडाउन के चलते लोग आर्थिक रूप से पूरी तरह टूट चुके हैं ।नतीजतन उनके समक्ष आत्महत्या ही एकमात्र उपाय रह गया है। इस तरह की घटनाएं थमती नहीं दिख रही। आज फिर तोरवा थाना क्षेत्र के दोमुहानी में ऐसे ही एक पति पत्नी ने फांसी लगाकर जान दे दी। सुबह लड़के के पिता ने बार बार फोन लगाया लेकिन किसी ने फोन रिसीव नहीं किया जिसके बाद पड़ोसियों ने घर जाकर देखा तो पति पत्नी दोनों फांसी पर लटक रहे थे। खास बात यह है कि इन दोनों ने अभी पांच छह माह पहले ही प्रेम विवाह किया था। अमन साहू और श्रुति के बीच प्रेम संबंध था लेकिन दोनों की जाति अलग-अलग थी। इस कारण से दोनों ही के अभिभावक इस शादी से खुश नहीं थे।
लिहाजा अमन साहू के पिता ने दोनों को अपने घर से अलग दोमुहानी में दूसरा घर दे दिया था, जहां यह दोनों रह रहे थे ।इस बीच लॉक डाउन लग जाने के कारण दोनों आर्थिक तंगी का भी शिकार थे, तो वही बताया जा रहा है कि 1 दिन पहले बलात्कार के आरोप में पकड़े गए वीरेंद्र देवांगन को भी अमन साहू ने अपने घर पर पनाह दिया था। हो सकता है कि अमन और श्रुति को इस बात का डर था कि वीरेंद्र देवांगन के पकड़े जाने के बाद उसे अपने घर में पनाह देने के जुर्म में पुलिस उन्हें भी गिरफ्तार कर सकती है। दरअसल वीरेंद्र, अमन साहू का मित्र था इसीलिए शायद अंजाने में ही इन्होंने उसे घर में पनाह दिया था। वही आसपास के लोगों का मानना है कि अमन साहू ने जिस श्रुति के साथ शादी की थी वह भी नाबालिग थी , यहां तक कि दोनों ने औपचारिक रूप से विवाह किया भी नहीं था।शायद दोनों में इस बात का भी डर रहा हो। कुल मिलाकर श्रुति और अमन की खुदकुशी के पीछे कई वजह हो सकती है, जिसे पता लगाने की कोशिश तोरवा पुलिस कर रही है। हालांकि दोनों ने अपने पीछे कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा है और ना ही उनके अभिभावक ही इनकी जिंदगी में खास दखल रखते हैं, जिससे कि उनसे कुछ जाना जा सके। बताया जा रहा है अमन और श्रुति दोनों की ही मां नहीं है और पिता भी इनकी परवाह नहीं करते थे। इनका अड़ोस पड़ोस के लोगों से भी खास मेल मुलाकात नहीं थी। इस कारण से अमन और श्रुति को लेकर बहुत जानकारी पुलिस के पास भी नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि जिस तरह लॉकडाउन के दौरान लोग आर्थिक रूप से परेशान हो रहे हैं अमन और श्रुति भी परिवार से सहयोग न मिलने के बाद इसी संकट का शिकार हुए हो, जिसके चलते उन्हें इस तरह मौत को गले लगाना पड़ा है। वैसे अमन साहू और श्रुति दोनों ही कम उम्र के थे जिन्होंने प्रेम विवाह किया था, यह सोचे बगैर कि गृहस्थी की गाड़ी कैसे चलेगी। यह उन सभी के लिए सबक है जो प्रेम पाश में फंस कर भविष्य की चिंता किये बगैर ऐसा कदम उठाते है और जिसकी परिणति इसी तरह की होती है।


भारत में अब केवल 12वीं कक्षा बोर्ड हैं

10वीं बोर्ड खत्म, अब बोर्ड केवल 12वीं क्‍लास 


अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव करते हुए नई शिक्षा नीति-2020 जारी कर दी है।नई शिक्षा नीति के अनुसार देश में अब 12वींं में ही बोर्ड की परीक्षा होगी। वहीं पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था। अब स्कूली शिक्षा में 5+3+3+4 फॉर्मूले चलेगे, इसकेअनुसार ही 9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी और पढ़ाया जाएगा। दुसरी ओर कॉलेजों की डिग्रियों में भी बदलाव किया है। अब कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी, मतलब कि स्नातक के पहले साल में सर्टिफिकेट, दूसरे साल में डिप्‍लोमा और तीसरे साल में डिग्री मिलेगी। जिन छात्रों को उच्च शिक्षा में नहीं जाना है उनको 3 साल में डिग्री मिल जाएगी। लेकिन ​उच्च शिक्षा में जाने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी। इस प्रणाली में 4 साल वाले छात्रों को एक साल में एमए की डिग्री मिल सकेगी। दुसरी ओर उच्च शिक्षा में भी अब दसवीं बोर्ड की तरह एमफिल को खत्म कर दिया है और एमए के छात्र अब सीधे ही पीएचडी कर सकेंगे। 


देश में 5वीं तक अंग्रेजी माध्यम खत्म
नई शिक्षा नीति 2020 के निर्णय अनुसार अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा। शेष विषयों में अंग्रेजी ही क्यों न हो। ऐसी स्थिति में एक विषय के अनुसार हि पढ़ाया जाएगा।


अब इस तरह का होगा 10+2 का नया कोर्स
नई शिक्षा नीति के अनुसार 10+2 के कोर्स को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। अब इसे 10+2 से खत्म कर 5+3+3+4 सांचे में ढाल दिया गया है। देश में अब स्कूल के पहले पांच साल में प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन साल और कक्षा एक और कक्षा 2 सहित फाउंडेशन स्टेज शामिल होंगे। वहीं अगले तीन साल को कक्षा 3 से 5 की तैयारी में विभाजित किया जाएगा। फिर तीन साल मध्य चरण मतलब कक्षा 6 से 8 और माध्यमिक अवस्था के चार वर्ष यानि कक्षा 9 से 12। स्कूलों में कला, वाणिज्य, विज्ञान स्ट्रीम का कोई कठोर पालन नहीं होगा। छात्र अपनी ईच्छा के अनुसार अब जो भी पाठ्यक्रम चाहें, ले सकते हैं।             


सेना पर हमला, 3 जवान शहीद 6 घायल

चंदेल। मणिपुर में सेना के जवानों पर घात लगाकर हमला किया गया है। इस हमले में सेना के तीन जवान शहीद हो गए, जबकि 6 जवान घायल हो गए हैं। घटना बुधवार रात करीब सवा एक बजे राजधानी इंफाल से करीब 95 किलोमीटर की दूरी पर चंदेल जिले में हुई। यह पहाड़ी इलाका है। भारत-म्यांमार सीमा पर उग्रवादी समूहों के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान 4 असम राइफल्स के तीन जवान शहीद हो गए। जवानों पर घात लगाकर उग्रवादियों ने हमला बोला था। इस हमले में 6 जवान घायल हो गए हैं, जिन्हें इंफाल पश्चिम जिले के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


सूत्रों का कहना है कि मणिपुर के स्थानीय उग्रवादी समूह पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने हमले को अंजाम दिया है। सेना की ओर से उग्रवादियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसके साथ ही भारत-म्यांमार सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है। पिछले साल नवंबर में चंदेल जिले में ही असम राइफल्स के कैंप पर उग्रवादियों ने हमला किया था। उग्रवादियों ने सैन्य कैंप में बम फेंके थे। इसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी हुई थी। इसके बाद उग्रवादी नजदीक की पहाड़ी में भाग गए थे। इस हमले में सेना का कोई भी जवान हताहत नहीं हुआ था।


'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...