अश्वनी उपाध्याय
गाजियाबाद। कोरोना काल में हम सभी का ध्यान शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने में लगा हुआ है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लोग आयुर्वेदिक काढ़ा का जम कर इस्तेमाल कर रहे हैं। डॉक्टरों का भी मानना है कि इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा काफी मददगार साबित हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषणों में काढ़ा के सेवन का जिक्र किया था।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस काढ़े से आपकी सेहत को कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। अधिक मात्रा में काढ़े का सेवन करने से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। शरीर पर काढ़े किए विपरीत प्रभावों को जानने के लिए आपको इन 5 खास लक्षणों पर नजर रखनी होगी। अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो थोड़े समय के लिए काढ़े का सेवन कर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
नाक से खून आना
मुंह में छाले पड़ना
पेट में जलन होना
पेशाब करते समय जलन होना
अपच और पेचिश जैसी समस्या
आयुर्वेदिक काढ़े के नुकसान
असल में इम्यूनिटी बूस्टर आयुर्वेदिक काढ़े को आमतौर पर अलग-अलग जड़ी बूटियों के मेल के बाद तैयार किया जाता है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए जो इम्यूनिटी बूस्टर काढ़ा चलन में है उसमें काली मिर्च, अश्वगंधा, पीपली, दालचीनी, हल्दी, सोंठ और गिलोय जैसी औषधियों का डाल कर तैयार किया जा रहा है। यह सभी चीजें तासीर में गर्म होती हैं और बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन करने पर यह नक्सीर जैसी समस्या पैदा कर सकते हैं। कई मामलों में बुखार जैसी समस्या भी देखने को मिलती है। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि आप काढ़े का सेवन संतुलित मात्रा में ही करें।
कैसे करें समस्या को कम
सबसे जरूरी बात यह है कि आप वात और पित्त दोष का ध्यान रखें. इसके लिए आपको गर्म तासीर वाली चीजें काढ़े में कम डालनी हैं और ठंडी तासीर वाली चीजें ज्यादा। मौसम के अनुसार भी काढ़े की सामग्रियों में बदलाव होते रहना चाहिए।