बुधवार, 29 जुलाई 2020

युवाओं को सेना में शामिल होने का मौका

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। इंजीनियरिंग पास कर चुके या इसके फाइनल ईयर में पढ़ रहे नौजवानों के पास भारतीय सेना में शामिल होने का मौका है। भारतीय सेना ने टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स (TGC 132) के लिए वैकेंसी निकाली है। आर्मी की आधिकारिक करियर वेबसाइट joinindianarmy.nic.in पर इसके लिए नोटिस भी जारी किया जा चुका है।


इस वैकेंसी के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया आज से शुरू हो रही है। इसकी जरूरी डीटेल, नोटिस और आधिकारिक वेबसाइट के लिंक्स इस खबर में दिए जा रहे हैं।


किस स्ट्रीम के लिए कितनी वैकेंसी


सिविल – 8


आर्किटेक्चर –1


मैकेनिकल – 4


इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स – 5


कंप्यूटर साइंस – 11


इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन – 8


इलेक्ट्रॉनिक्स – 1


मेटलर्जिकल – 1


इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन – 1


माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स एंड माइक्रोवेव – 1


कुल वैकेंसी – 41


आवेदन की जानकारी


इसके लिए ऑनलाइन आवेदन joinindianarmy.nic.in पर जाकर करना होगा। कोर्स जनवरी 2021 से देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी में शुरू होगा। इस कोर्स के बाद अभ्यर्थियों को इंडियन आर्मी में स्थायी कमीशन दिया जाएगा।


क्या चाहिए योग्यता


संबंधित स्ट्रीम में इंजीनियरिंग डिग्री प्राप्त की हो या डिग्री कोर्स के फाइनल ईयर में हों। अगर आप फाइनल ईयर में हैं, तो कोर्स शुरू होने के 12 सप्ताह के अंदर डिग्री जमा करनी होगी। उम्मीदवारों की उम्र 20 से 27 साल के बीच होनी चाहिए। नियमानुसार छूट का लाभ मिलेगा। यह वैकेंसी अविवाहित पुरुषों के लिए है।


कैसे होगा सेलेक्शन


इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स में छठे सेमेस्टर / मास्टर्स में सेकेंड सेमेस्टर / आर्किटेक्चर में 8वें सेमेस्टर तक प्राप्त अंकों के आधार पर एक निर्धारित कट-ऑफ के तहत आवेदन करने वालों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। फिर शॉर्टलिस्ट किए गए अभ्यर्थियों का इंटरव्यू लिया जाएगा। साइकोलॉजिस्ट, ग्रुप टेस्टिंग ऑफिसर और इंटरव्यूइंग ऑफिसर द्वारा इलाहाबाद, भोपाल, बंगलुरू और कपूरथला स्थित सेलेक्शन सेंटर्स पर इंटरव्यू होंगे। उम्मीदवारों को SSB द्वारा आयोजित दो चरणों की चयन प्रक्रिया से गुजरना होगा। जिन उम्मीदवारों को एसएसबी मेडिकली फिट घोषित करेगा, उन्हें ज्वाइनिंग लेटर जारी किया जाएगा।


ज्वाइन इंडियन आर्मी की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। लिंक आगे दिया जा रहा है। ऑफिसर एंट्री अप्लाई/लॉगइन पर क्लिक करें। नया पेज खुलेगा। यहां रजिस्ट्रेशन लिंक पर क्लिक करें। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें। रजिस्टर होने के बाद टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स के लिए दिख रहे अप्लाई ऑनलाइन लिंक पर क्लिक करें।           


सालों बाद होगा शिक्षा नीति में बदलाव

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में केंद्रीय मंत्री परिषद की बैठक प्रस्तावित है। आशा की जा रही है कि आज की कैबिनेट बैठक में नई शिक्षा नीति को मंजूरी मिल सकती है।  यदि ऐसा होता है तो देश की शिक्षा नीति में 34 साल बाद बड़ा बदलाव होगा।  आपको बता दें कि इस साल बजट में वित्त मंत्री सीतारमण ने नई शिक्षा नीति का एलान किया था। इस नई शिक्षा नीति के तहत देश में शिक्षा के मायने को बदला जाएगा। इससे न सिर्फ युवाओं को शिक्षा के नए अवसर मिलेंगे, बल्कि रोजगार प्राप्त करने में भी आसानी होगी।


यूनिवर्सिटीज में ऑनलाइन होगी शिक्षा


शिक्षा नीति का एलान करते हुए सरकार ने कहा था कि शिक्षा के क्षेत्र में एक्सटर्नल कमर्शियल बोर्रोविंग और विदेशी निवेश (एफडीआई) को लेकर जरूरी कदम उठाए जाएंगे। सरकार युवा इंजीनियरों को इंटर्नशिप का अवसर देने के उद्देश्य से शहरी स्थानीय निकायों के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है। साथ ही राष्ट्रीय पुलिस यूनिवर्सिटी और राष्ट्रीय फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव लाया जा रहा है। वहीं टॉप 100 यूनिवर्सिटीज पूरी तरह से ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम शुरू करें, इसकी भी योजना तैयार हो रही है।


हायर एजुकेशन को मिलेगा बढ़ावा


केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा है कि हमारी जो नई शिक्षा नीति आ रही है, वह काफी कुछ इन बातों का समाधान करेगी। शिक्षा नीति में सरकार ने हायर एजुकेशन को बढ़ावा देने की बात कही गई है. इसके साथ ही युवाओं को हायर एजुकेशन लेना पहले के मुकाबले काफी आसान हो जाएगा।                 


            


प्रदेश में बढ़ी अपराध की दर-पर, चिंता

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। प्रदेश में अचानक बढ़ी अपराध की दर पर डीजीपी एचसी अवस्थी ने चिंता जताई है। डीजीपी मुख्यालय की ओर से यूपी पुलिस के सीनियर अफसरों के लिए दिशा-निर्देश जारी किया गया है। निर्देश में कहा गया है कि अपहरण की सूचना पर जिला पुलिस तुरंत टीम का गठन करे और जरूरत के मुताबिक तुरंत एसटीएफ को भी लगाया जाए। पूरे मामले की समीक्षा लगातार सीनियर अफसर करें।  इतना ही नहीं सीनियर अफसर खुद घटनास्थल का निरीक्षण करें और जरूरत पड़े तो आरोपियों की ब्रेन मैपिंग व पॉलीग्राफ़ टेस्ट भी कराए जाएं। डीजीपी मुख्यालय द्वारा जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि अपराध की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर थाना प्रभारी, क्षेत्राधिकारी के साथ-साथ पुलिस कप्तान भी मौके पर पहुंचें। इतना ही नहीं शिकायतकर्ता के आरोपों से अगर यह स्पष्ट होता है कि अपहरण किसी अपराध के उद्देश्य से किया गया है तो तुरंत मुकदमा पंजीकृत किया जाए। दिशा निर्देश में कहा गया है कि फिरौती के लिए अपहरण की घटना पर अविलंब आईपीसी की धरा 364A के तहत मुकदमा पंजीकृत कर टीमों का गठन किया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


दिशा निर्देश में कहा गया है कि अपहरण की घटना होने के 24 घंटे के अंदर अपहृत की फोटो तमाम जिलों के साथ अन्य राज्यों में भेजकर उसकी जानकारी हासिल की जाए। अगर जरूरत पड़े तो एसटीएफ को लगाकर अपहृत की बरामदगी सुनिश्चित की जाए।


अधिक काढ़ा पीने से होती हैं यें बीमारियां

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। कोरोना काल में हम सभी का ध्यान शरीर की प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने में लगा हुआ है।  इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लोग आयुर्वेदिक काढ़ा का जम कर इस्तेमाल कर रहे हैं। डॉक्टरों का भी मानना है कि इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए काढ़ा काफी मददगार साबित हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषणों में काढ़ा के सेवन का जिक्र किया था।


लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस काढ़े से आपकी सेहत को कुछ नुकसान भी हो सकते हैं।  अधिक मात्रा में काढ़े का सेवन करने से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। शरीर पर काढ़े किए विपरीत प्रभावों को जानने के लिए आपको इन 5 खास लक्षणों पर नजर रखनी होगी। अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो थोड़े समय के लिए काढ़े का सेवन कर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।


नाक से खून आना


मुंह में छाले पड़ना


पेट में जलन होना


पेशाब करते समय जलन होना


अपच और पेचिश जैसी समस्या


आयुर्वेदिक काढ़े के नुकसान


असल में इम्यूनिटी बूस्टर आयुर्वेदिक काढ़े को आमतौर पर अलग-अलग जड़ी बूट‍ियों के मेल के बाद तैयार किया जाता है। कोरोना वायरस से बचाव के लिए जो इम्यूनिटी बूस्टर काढ़ा चलन में है उसमें काली मिर्च, अश्वगंधा, पीपली, दालचीनी, हल्दी, सोंठ और गिलोय जैसी औषधियों का डाल कर तैयार किया जा रहा है। यह सभी चीजें तासीर में गर्म होती हैं और बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन करने पर यह नक्सीर जैसी समस्या पैदा कर सकते हैं। कई मामलों में बुखार जैसी समस्या भी देखने को मिलती है। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि आप काढ़े का सेवन संतुलित मात्रा में ही करें।


कैसे करें समस्या को कम


सबसे जरूरी बात यह है कि आप वात और पित्त दोष का ध्यान रखें. इसके लिए आपको गर्म तासीर वाली चीजें काढ़े में कम डालनी हैं और ठंडी तासीर वाली चीजें ज्यादा। मौसम के अनुसार भी काढ़े की सामग्रियों में बदलाव होते रहना चाहिए।         


जनपद में बढ़ रही ठीक होने की रफ्तार

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। कोरोना के विरुद्ध जारी लड़ाई में गाज़ियाबाद जिले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने आश्चर्यजनक रूप से ट्रेंड को पलट कर रख दिया है।  पूरे उत्तर प्रदेश में हर दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या हर दिन बढ़ रही है।  वहीं गाज़ियाबाद में नए संक्रमितों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है और ठीक होने वालों की संख्या में उसी रफ्तार से वृद्धि हो रही है। यही कारण है कि अब जिले में 82 प्रतिशत रिकवरी रेट के साथ कुल सक्रिय संक्रमितों की संख्या केवल 785 ही रह गई है।


24 घंटों का हाल


पिछले 24 घंटों के दौरान गाज़ियाबाद में 83 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई है जबकि इस अवधि में 231 कोरोना संक्रमित ठीक होकर अपने घरों को लौटे हैं।  वर्तमान सक्रिय मरीजों की संख्या 785 है।  जिले में अब तक 3859 लोग कोरोना का मात दे चुके हैं।


कितने हुए टेस्ट


स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार गाज़ियाबाद जिले में कुल मिलाकर 90 हजार से अधिक टैस्ट हो चुके हैं। इनमें 50 हजार से अधिक टैस्ट एंटीजन किट के जरिए किए गए हैं। जबकि 40 हजार से अधिक आरटीपीसीआर टैस्ट थे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार कैंप लगाकर एंटीजन टैस्ट कराए जा रहे हैं। सीएमओ ने बताया कि कोरोना के विरुद्ध चल रहे जागरूकता अभियानों का असर भी दिखने लगा है। लोग पहले से अधिक जागरूक हुए है


स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन है इनाम का हकदार


जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने  जिस तेज़ी से कोरोना के विरुद्ध विजय पाई है उसके लिए वे किसी बड़े पुरस्कार के हकदार है।  अगर हम इसी रफ्तार से प्रगति करते रहे तो संभव है कि अगले कुछ दिनों में सक्रिय संक्रमितों की संख्या लगभग शून्य हो जाएगी। यदि ऐसा होता है तो स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन को भी राहत की सांस मिलेगी।             


सेना ने 2 घुसपैठियों को मार गिराया

जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर की एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां पर राजौरी के एलओसी पर सैना ने दो धुसपैठियों को ढेर कर दिय है। और पाक के धुसपैठ करने में फिर नाकाम रहा है। बताया जा रहा है कि बीते रात सुरक्षाबलों को एलाओसी पर संदिग्ध हरकते सामने आई और सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभालते ही दो घुसपैठियों को मार गिराया है। जम्मू-कश्मीर के राजौरी के नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर सेना ने घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया है। सेना ने दो घुसपैठियों को मार गिराया है। इस दौरान एक घायल हो गया।                


इंडियन पायलट उड़ा कर लाएंगे राफेल

नई दिल्ली। आज 36 में से 5 राफेल फाइटर जेट फ्रांस से भारत आ रहे हैं। भारत के ही फाइटर पायलट राफेल उड़ाकर देश लेकर आएंगे। राफेल लाने वाले इंडियन एयरफोर्स के जाबांज पायलटों की टीम का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह को मिली है। उनकी टीम में दक्षिण कश्मीर से एयर कमोडोर हिलाल अहमद राथर, यूपी के बलिया से कोमोडोर मनीष सिंह, राजस्थान के जालोर से विंग कमांडर अभिषेक त्रिपाठी भी शामिल हैं।


कश्मीर के हिलाल अहमद राथर राफेल उड़ाने वाले पहले पायलट
एयर कमोडोर हिलाल अहमद राथर कश्मीर में रातों रात चर्चा का विषय बन गए हैं। हिलाल मौजूदा समय में फ्रांस में भारत के एयर अटैच हैं। भारतीय वायुसेना के इस अधिकारी के करियर विवरणों के अनुसार, दुनिया में यह सर्वश्रेष्ठ फ्लाइंग अधिकारी हैं। हिलाल की पढ़ाई जम्मू जिले के नगरोटा कस्बे में सैनिक स्कूल में हुई। वह वायुसेना में 17 दिसंबर, 1988 को एक लड़ाकू पायलट के रूप में शामिल हुए। 1993 में फ्लाइट लेफ्टिनेंट बन गए, 2004 में विंग कमांडर, 2016 में ग्रुप कैप्टन और 2019 में एयर कोमोडोर बने।


राफेल स्क्वाड्रन के पहले कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह
ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह 17वीं स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरो’ के कमांडिंग ऑफिसर हैं. हरकीरत सिंह पहले मिग-21 के पायलट थे। उन्हें एयरक्राफ्ट और खुद की जान बचाने के लिए 2009 में शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। साल 2008 में हरकीरत सिंह स्क्वाड्रन लीडर थे। उस साल 23 सितंबर की रात मिग-21 को दो विमानों वाली अभ्यास अवरोधन उड़ान बाइसन में भरनी थी। करीब 4 किमी की ऊंचाई पर अवरोध प्रक्रिया के दौरान अचानक इंजन में आग लग गई और तीन धमाके हुए, लेकिन हरकीरत सिंह ने तुरंत आग पर काबू पा लिया और विमान को सुरक्षित लैंड कराया।


बलिया से एयर कोमोडोर मनीष सिंह
उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद में बकवा गांव के रहने वाले मदन सिंह के बेटे मनीष भी राफेल विमान भारत लाने वाले पहले बैच में शामिल है। जब बलिया के लोगों ने पायलट्स की ग्रुप पिक्चर में मनीष सिंह को देखा, स्थानीय लोगों की खुशी का ठिकाना न रहा। मनीष सिंह ने बलिया में प्रारंभिक शिक्षा के बाद सैनिक स्कूल से पढ़ाई की है। मनीष साल 2002 में इंडियन एयरफोर्स में पायलट बने। अंबाला और जामनगर के बाद 2017-2018 में इनकी तैनाती गोरखपुर में थी। फ्रांस से राफेल डील के बाद मनीष को प्रशिक्षण के लिए सरकार ने फ्रांस भेजा।


विंग कमांडर अभिषेक त्रिपाठी
राजस्थान में जालोर शहर के ब्रह्मपुरी में रहने वाले अभिषेक त्रिपाठी कुश्ती के दांव-पेच के बाद अब आसमान का सिंकदर राफेल से उड़ा रहे हैं। उन्होंने 2001 में एनडीए की परीक्षा उत्तीर्ण कर अपने सपनों को उड़ान दी। इसके बाद फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में वायुसेना में अपनी सेवाएं दी। इसके बाद फ्लाइंग लेफ्टिनेंट, स्क्वाडर्न लीडर और अब में अंबाला में विंग कमांडर के पद पर कार्यरत हैं।


7000 किमी का सफर तय कर आएगा राफेल
फ्रांस से 7000 किमी का सफर तय करके पांच राफेल विमान बुधवार को अंबाला एयरबेस पर पहुंचेंगे। इन पांच राफेल विमानों ने सोमवार को फ्रांसीसी शहर बोडरे में मेरिनैक एयर बेस से उड़ान भरी थी। बेड़े में तीन सिंगल सीटर और दो डबल सीट वाले विमान शामिल हैं। इन्हें भारतीय वायुसेना में इसके 17वें स्क्वाड्रन के हिस्से के रूप में शामिल किया जाएगा, जिसे अंबाला एयर बेस पर ‘गोल्डन एरो’ के रूप में भी जाना जाता है।

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच राफेल मौजूदा परिदृश्य में भारत के लिए एक गेम चेंजर होगा। कहा जा रहा है कि यह भारत की वायुशक्ति को कई गुना बढ़ा देगा। राफेल 4.5 जेनरेशन का विमान है और इसमें नवीनतम हथियार व बेहतरीन सेंसर लगे हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  1. अंक-340, (वर्ष-11) पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254 2. शनिवार, नवंबर 23, 2024 3. शक-1945, कार्तिक, कृष्ण-पक्ष, ...