सोमवार, 27 जुलाई 2020

सतह से 200 फुट नीचे की होगी जांच

अयोध्या। रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की तिथि पांच अगस्त तय की गयी है। राममंदिर बनाने में बहुत सारी ऐसी चीजों का प्रयोग होगा, जिससे मंदिर के इतिहास विकास को पता करने में सहजता हो। इसलिए इस बार अब जो मंदिर निर्माण होगा उसमें एक टाइम कैप्सूल बनाकर 200 फिट नीचे डाला जाएगा। इससे भविष्य में राम मंदिर के संघर्ष के इतिहस के बारे में पता करने में आसानी हो सकेगी। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए 200 फिट अंदर एक टाइम कैप्सूल डाला जाएगा, जिससे भविष्य में मंदिर के इतिहास और संस्कृतिक का पता किया जा सके। चौपाल ने कहा, ” भविष्य की जानकारी आवश्यक है। इसलिए यह डाला जाएगा। आज खुदाई से जो अवशेष प्रदान हुए हैं वे बड़ा साक्ष्य हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए भविष्य के इतिहास की कई चीजें इसमें डाली जाएंगी। इसे विद्वान लोग तय करेंगे। इससे मंदिर के इतिहास का अध्ययन बड़ी आसानी से हो जाएगा। जिससे आने वाले समय में कोई विवाद न उत्पन्न हो। इतिहास सिद्ध करने के लिए बहुत लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी है।”


उन्होंने कहा, “इस कैप्सूल के बारे में विद्वान लोग बैठकर तय करेंगे। भविष्य को ध्यान में रखते हुए कई तथ्य डाले जाएंगे। जैसे खुदाई के समय निकले अवशेष बड़ा साक्ष्य बनता है। इसी प्रकार की कई चीजें इसके अंदर डाली जाएंगी। जिससे मंदिर के इतिहास के तथ्य लोगों को पता चल सके।”


उधर, ट्रस्ट पांच अगस्त को राममंदिर निर्माण के लिए होंने वाले भूमि पूजन की व्यापक तैयारी कर रहा है। अभी आमंत्रण पत्र की सूची तैयार की जा रही है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कैसे कार्यक्रम किया जाए। इस पर भी गहन मंथन चल रहा है। घर-घर दीपक, मंदिरों भजन आदि की तैयारियां जोरों पर है।           


विधानसभा सत्र का नहीं होगा आयोजन

जयपुर। राजस्थान में राज्यपाल और अशोक गहलोत सरकार के बीच विरोध अभी भी जारी है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य सरकार द्वारा भेजे गए विशेष विधानसभा सत्र की अनुमति वाली फाइल को राज्यपाल कलराज मिश्र ने सोमवार को वापस कर दिया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने दूसरी बार कोविड-19 विषय पर चर्चा के लिए विशेष विधानसभा सत्र बुलाए जाने के प्रस्ताव पर अनुमति प्राप्त करने के लिए राज्यपाल को फाइल भेजी थी। अधिकारियों ने पुष्टि की कि राजभवन कार्यालय ने राजस्थान सरकार के संसदीय कार्य विभाग को वापस भेजी गई फाइल में सरकार से अधिक जानकारी मांगी है। वहीं फिलहाल विधानसभा सत्र बुलाने के बारे में अभी तक कुछ भी तय नहीं हुआ है। ऐसे में राज्य सरकार को राजभवन द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध करानी होगी और उसके बाद ही विधानसभा सत्र बुलाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।


इसी बीच राजस्थान कांग्रेस ने राज्य में ‘लोकतंत्र बचाओ-संविधान बचाओ’ अभियान के तहत विरोध प्रदर्शन की रणनीति में आखिरी मिनट में बदलाव किया है। अब राजस्थान कांग्रेस ने घोषणा की है कि पार्टी राज्य में सोमवार को प्रस्तावित योजना के तहत राजभवन के बाहर विरोध नहीं करेगी, हालांकि उनके राष्ट्रव्यापी विरोध में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इससे पहले भी राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने राज्यपाल से विशेष विधानसभा सत्र की अनुमति देने का अनुरोध किया था, हालांकि राज्यपाल ने अनुमति नहीं दी। राज्य की कांग्रेस सरकार ने शनिवार देर रात को राज्यपाल को एक संशोधित नोट भेजा था। इसमें कोरोनोवायरस की स्थिति पर चर्चा करने के लिए 31 जुलाई को एक विशेष विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति मांगी गई थी, न की फ्लोर टेस्ट के लिए।



  • इस बीच, राज्यपाल कलराज मिश्र ने रविवार को मुख्य सचिव राजीव स्वरूप और डीजीपी भूपेंद्र सिंह से मुलाकात की थी। यह मुलाकात सोमवार को राज्यपाल के आवास पर प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन को लेकर की गई थी, जिसमें दोनों अधिकारियों ने विरोध के मद्देनजर प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे सुरक्षा उपायों से उन्हें अवगत कराया। उन्होंने कोविड-19 मामलों में वृद्धि पर भी अपनी चिंता जताई और अधिकारियों से कोविड-19 से निपटने के लिए एक नई रणनीति तैयार करने का आग्रह किया। यह जानकारी रविवार को राजभवन द्वारा जारी एक प्रेस नोट में दी गई।           


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)


 जुलाई 28, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-348 (साल-01)
2. मंगलवार, जुलाई-28, 2020
3. शक-1943, श्रावण,शुक्ल-पक्ष, तिथि- नवमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:25,सूर्यास्त 07:20।


5. न्‍यूनतम तापमान 25+ डी.सै.,अधिकतम-39+ डी.सै.। भारी बरसात की संभावना।


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रविवार, 26 जुलाई 2020

रक्षा और सुरक्षा को लेकर सभी परेशान

बिजिंग। साउथ चाइना सी के मुद्दे पर चीन और अमेरिका के बीच विवाद गहराता जा रहा है। चीन और अमेरिका के बीच हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। चीन चारों तरफ से घिर चुका है। चीन को घेरने की सबसे बड़ी तैयारी समंदर में की जा रही है। यही वजह है कि अब चीन भी अपनी तरफ से अमेरिका समेत ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया का सामना करने की तैयारी कर रहा है।


अमेरिका के विदेश मंत्री माइ​क पोम्पियो ने चीन को लेकर बड़ा बयान दिया है। पोम्पियो ने ट्वीट कर कहा,  'दक्षिण चीन सागर चीन का समुद्री साम्राज्य नहीं है और अब स्वतंत्र राष्ट्रों को एक साथ आना होगा। दरअसल, कोरोना से शुरुआत हुई चीन-अमेरिका की कोल्डवॉर अब ऐसे मोड़ पर आ चुकी है जहां दोनों देशों के बीच हालात युद्ध जैसे हो चुके हैं। अमेरिका तैयारी कर चुका है। देशों के साथ सहयोग हो या फिर युद्धपोत की तैनाती या कॉन्सुलेट बंद करने का ऐलान, चीन की घेराबंदी चारों तरफ से है।             


सीएम शिवांशु 'निर्भयपुत्र'


डरः रूस बिट्रेन पर हमला न कर दें

लंदन। ब्रिटेन में सरकारी अधिकारियों को डर है कि रूस कहीं ब्रिटेन पर स्पेस से हमला न कर दे। दरअसल, रूस ने एक ऐंटी-सैटालाइट हथियार लॉन्च किया है। इसके बाद कॉमन डिफेंस कमिटी के चेयरमैन टोबियस एलवुड ने चेतावनी दी है कि अगर रूस को स्पेस में हथियार बनाने की इजाजत मिलती है तो जीपीएस सिस्टम्स को खतरा हो सकता है। अमेरिकी सेना के स्‍पेस कमान ने बताया था कि अंतरिक्ष में चक्‍कर लगा रहे रूस के सैटलाइट कॉसमॉस 2542 पर 15 जुलाई को उसके अपने ही सैटलाइट कॉसमॉस 2543 ने मिसाइल हमला किया है।
ठप हो जाएगा नैविगेशन
एलवुड ने सरकार से ऐसे खतरे से बचाने के लिए कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने चिंता जताई है कि इससे कम्यूनिकेशन और नैविगेशन सिस्टम्स हमले का शिकार हो सकते हैं। एलवुड ने टेलिग्राफ से बताया है, 'हमारी जिंदगी का हर पहलू जीपीएस पर निर्भर है। पेमेंट सिस्टम, कृषि, मशीनरी, मॉडर्न इंडस्ट्रीज और डिफेंस। जीपीएस में नुकसान से नैविगेशन ठप हो जाएगा।' चिंता जताई जा रही है कि इस हथियार से पश्चिमी सैटलाइट्स को नुकसान हो सकता है।           


ब्राजील में कोरोना के 55,891 नए केस

ब्रासीलिया। ब्राजील में कोरोना वायरस के 55,891 नए मामले सामने आए थे और 1,150 लोगों की मौत हो गई थी। एक हफ्ते में यहां कोरोना वायरस से आठ हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। एक हफ्ते पहले यहां मृतकों की संख्या 78 हजार 700 थी। 


बता दें कि दुनियाभर में कोरोना के एक करोड़ 60 लाख 63 हजार से ज्यादा मामले सामने आ गए। वहीं छह लाख 43 हजार लोगों की मौत हो गई। अमेरिका इससे सबसे ज्यादा 41 लाख 94 हजार से ज्यादा मामले सामने आ गए हैं। एक लाख 46 हजार लोगों की मौत हो गई। वहीं भारत में 13 लाख से ज्यादा मामले सामने आ गए हैं और 31 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। रूस में अभी तक आठ लाख से ज्यादा मामलों की पुष्टि हो गई है और 13 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।


अमेरिकाः 24 घंटे में 77,217 नए केस

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका ने संक्रमण के मामलों में अपना ही रिकार्ड तोड़ते हुए पिछले 24 घंटों में 77,217 नए मामले दर्ज किए हैं। यह महामारी फैलने के बाद से अब तक यहां एक दिन में सबसे ज्यादा मामले हैं। 10 जुलाई को यहां 68 हजार मामले सामने आए थे। यहां सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क है जहां 4,31,380 संक्रमित मिले हैं।


टेक्सास और एरिजोना में शवों को रखने की जगह तक खत्म होने के कारण उन्हें दफनाने के लिए बाहर भेजा जा रहा है। दूसरी तरफ, ब्राजील में अधिकारियों ने कहा है कि कई जगह ताबूतों की कमी हो रही है क्योंकि मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अमेजन के वर्षावनों में इसे काबू करना कठिन हो रहा है। देश में जहां संक्रमितों का आंकड़ा 20 लाख पार हो चुका है वहीं 76,000 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं।
अमेरिका के बाद भारत में सबसे अधिक जांच
व्हाइट हाउस के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए सबसे ज्यादा नमूनों की जांच अमेरिका के बाद भारत ने की हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कायले मैकनेनी ने बृहस्पतिवार को बताया कि कोरोना वायरस की जांच के लिए हमने 4.2 करोड़ से अधिक नमूनों की जांच की है। इसके बाद भारत में सर्वाधिक 1.2 करोड़ नमूनों की जांच हुई है। जांच के मामले में हम पूरे विश्व में पहले नंबर पर हैं।
भारत-अमेरिका मिलकर कर रहे सहयोग
अमेरिका में नियुक्त भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि भारत और अमेरिका कोरोना वायरस के खिलाफ मिलकर सहयोग कर रहे हैं। इसके साथ ही दोनों देश मिलकर कोविड-19 टीका भी विकसित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, जीवन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच साझेदारी का लाभ पूरे विश्व को मिलेगा।           


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...