सोमवार, 27 जुलाई 2020

भारत ने चीन के 47 ऐप और बैन किये

नई दिल्ली। चीन से जुड़ी कंपनियों पर भारत सरकार ने फिर एक बार बड़ी कार्रवाई की है। भारत सरकार ने चीन के 47 और ऐप बैन कर दिए हैं। इससे पहले चीन के 59 ऐप बैन किए जा चुके हैं। अब बैन किए गए ऐप्स में ज्यादातर क्लोनिंग वाले ऐप्स शामिल हैं। मतलब पहले से बैन ऐप के जैसे ऐप बनाकर उतार दिए गए थे। इन ऐप्स पर यूजर्स की डेटा का आरोप लगा है।



भारत ने चीनी ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई गलवान घाटी में झड़प के बाद शुरू की थी। PUBG समेत चीन के 275 ऐप की बनी लिस्ट टिक-टॉक समेत 59 ऐप भारत सरकार पहले ही बैन कर चुकी है। अब सरकार की नजर 275 चीनी ऐप्स पर है। इसमें PUBG भी शामिल है। गृह मंत्रालय ने अभी तक इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, मामले से जुड़े एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि चीन के ऐप्स का लगातार रिव्यू जारी है और ये भी पता लगाने की कोशिश है कि उन्हें फंडिंग कहां से हो रही है। अधिकारी के अनुसार कुछ ऐप्स से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पाया गया है तो कुछ ऐप डेटा शेयरिंग और निजता के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। टिक-टॉक समेत 59 ऐप भारत सरकार पहले ही बैन कर चुकी है। अब सरकार की नजर 275 चीनी ऐप्स पर है। इसमें PUBG भी शामिल है। गृह मंत्रालय ने अभी तक इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि, मामले से जुड़े एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि चीन के ऐप्स का लगातार रिव्यू जारी है और ये भी पता लगाने की कोशिश है कि उन्हें फंडिंग कहां से हो रही है। अधिकारी के अनुसार कुछ ऐप्स से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पाया गया है तो कुछ ऐप डेटा शेयरिंग और निजता के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।                



सीआरपीएफ के स्थापना दिवस की बधाईंं

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ( सीआरपीएफ) के 82 वें स्थापना दिवस पर बल के कर्मियों को शुभकामनाएं देते हुए वर्षों में नयी ऊंचाइयों को छूने की कामना की है। मोदी ने अपने शुभकामना संदेश में कहा, “इस असाधारण बल के कर्मियों को 82 वें स्थापना दिवस की बधाई। हमारे देश को सुरक्षित रखने में बल अग्रिम मोर्चे पर डटा रहता है। बल के साहस और पेशेवराना की सर्वत्र प्रशंसा होती है। आने वाले वर्षों में बल और नयी बुलंदियों पर पहुंचे।”


शाह ने कहा, “ सीआरपीएफ पराक्रम, साहस और बलिदान का प्रतीक है। बल ने एक बार देश को फिर गौरवान्वित किया है। वैश्विक महामारी कोविड-19 में बल की समर्पण भाव से इसकी सेवा का कोई सानी नहीं है। मैं लाखों भारतीयों के साथ मिलकर 82 वें स्थापना दिवस पर बल के बहादुर कर्मियों और इनके परिवारों को शुभकामनाएं देता हूं।”बल की स्थापना 27 जुलाई 1939 को नीमच में हुई थी। उस समय बल का नाम क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस (सीआरपी) था। देश के आजाद होने के बाद पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने नाम सीआरपीएफ किया था।             


11 जिलों की 13 लाख आबादी प्रभावित

पटना। बिहार में बाढ़ का पानी अब 11 जिलों में फैल गया है, जिससे राज्य की करीब 15 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। इस बीच, राज्य सरकार द्वारा राहत और बचाव कार्य प्रारंभ किए गए हैं, लेकिन यह अब तक नाकाफी साबित हो रही है। अभी भी राज्य की प्रमुख नदियों में उफान जारी है तथा करीब सभी प्रमुख नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जल संसाधन विभाग के रिपोर्ट में कहा गया है कि कोसी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास सोमवार को सुबह छह बजे 1.55 लाख क्यूसेक था, जो आठ बजे बढ़कर 1.62 लाख क्यूसेक बना हुआ है। इधर गंडक नदी के जलस्तर में भी एक बार फिर बढ़ोतरी हो रही है। गंडक का जलस्राव बाल्मीकिनगर बराज पर सुबह छह बजे 1.89 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे 2.09 लाख क्यूसेक पहुंच गया है। इधर, राज्य की करीब सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गंगा, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, महानंदा, घाघरा कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।


आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है। नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 11 जिलों के कुल 86 प्रखंडों की 625 पंचायतें बाढ से प्रभावित हुई हैं। इन क्षेत्रों में करीब 15 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इन इलाकों में 26 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां 14,011 लोग रह रहे हैं। इसके अलावे बाढ प्रभावित इलाकों में कुल 463 सामुदायिक रसोई घर चलाए जा रहे हैं, जिसमें प्रतिदिन 1,77,065 लोग भोजन कर रहे हैं।


उन्होंने बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि अब तक प्रभावित इलाकों से एनडीआरएफ , एसडीआरएफ और बोट्स के माध्यम से 1,36,464 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से बाहर निकाला गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए हेलीकप्टर के माध्यम से फूड पैकेट्स गिराये जा रहे हैं। इधर, गांवों में बाढ़ का पानी घुसने के बाद लोग ऊंचे स्थानों की खोज में राष्ट्रीय राजमागरें और तटबंधों पर शरण ले रहे हैं। लोगों की शिकायत है कि कहीं भी सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। गोपालगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर की स्थिति अब काफी खराब हो चुकी है। गोपालगंज और मुजफ रपुर में सड़कों पर बाढ़ पीड़ित रात-दिन काट रहे हैं।            


पुंछ में पाकिस्तान ने संघर्षविराम तोड़ा

पुंछ। पाकिस्तानी सैनिकों ने संघर्षविराम का फिर उल्लंघन करते हुए सोमवार को जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि सुबह करीब 10.20 बजे सीमा पार से पाकिस्तानी सैनिकों ने मनकोट सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर अकारण गोलीबारी की और मोर्टार से गोले दागे। भारतीय सैनिकों ने भी इस कृत्य का माकूल जवाब दिया। कल रविवार को भी पुंछ जिले में पाकिस्तानी सैनिकों ने गोलीबारी की थी।           


बिना मास्क पहने दो बकरियां गिरफ्तार

कानपुर। उत्तर प्रदेश में एक अजीब मामला देखने को मिला। कानपुर पुलिस ने बेकनगंज क्षेत्र में घूम रही बकरी को ‘गिरफ्तार’ कर लिया, क्योंकि बकरी ने मास्क नहीं पहना था। यह घटना सप्ताहांत में हुई, जहां बेकनगंज पुलिस ने बकरी को उठाया और जीप में थाने ले गई। जब बकरी के मालिक को पता चला तो, वह पुलिस स्टेशन पहुचा। बकरी मालिक ने पुलिस से गुहार लगाई और पुलिस ने आखिरकार बकरी को रिहा कर दिया यह कहते हुए कि वह जानवर को सड़क पर न घूमने दे। पुलिस अधिकारी अनवरगंज पुलिस स्टेशन सैफुद्दीन बेग ने कहा कि पुलिस ने एक युवक को बिना मास्क के पाया और बकरी को साथ ले आए।


उन्होंने कहा, “जब बिना मास्क के युवक ने पुलिस को देखा तो, वह बकरी छोड़कर भाग गया। पुलिसवालों ने बकरी को पुलिस स्टेशन ले आए। बाद में, हमने बकरी को उसके मालिक को सौंप दिया।” बकरी लाने वाले पुलिसकर्मियों में से एक ने स्वीकार किया कि उन्होंने लॉकडाउन के उल्लंघन में बकरी को गिरफ्तार किया। क्योंकि उसने मास्क नहीं पहन रखा था।उन्होंने कहा, “लोग अब अपने कुत्तों को मास्क पहनाने लगे हैं तो बकरी को क्यों नहीं।” हालांकि, सोशल मीडिया पर चुटकुले बनने के बाद पुलिस ने अपना बयान बदल दिया।           


708 लोगों की मौत, 49,931 संक्रमित

नई दिल्ली। देश में कोरोना की महामारी का प्रकोप लगातार चरम पर है और पिछले 24 घंटों में करीब 50 हजार लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि के बाद संक्रमण का आंकड़ा 14.35 लाख हो गया हालांकि राहत की बात यह रही कि इस दौरान लगभग 32 हजार मरीजों के स्वस्थ होने से इस रोग से मुक्ति पाने वालों की संख्या 9.17 लाख हो गयी। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 49,931 मामले सामने आने से संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 14,35,453 हो गया जबकि 708 लोगों की इस बीमारी से मौत होने से मृतकों की संख्या 32,771 हो गयी।


इसी अवधि में 31,991 मरीज स्वस्थ हुए हैं जिसे मिलाकर अब तक 9,17,568 लोग कोरोना से मुक्ति पा चुके हैं। देश में अभी कोरोना संक्रमण के 4,85,114 सक्रिय मामले हैं। देश में कोरोना की महामारी से सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र में संंक्रमण के 9,131 नये मामले सामने आये तथा 267 लोगों की मौत हुई जिससे यहां अब संक्रमितों का आंकड़ा 3,75,799 और मृतकों की संख्या 13,656 हो गयी है जबकि 2,13,238 लोग संक्रमण मुक्त हुए हैं। संक्रमण के मामले में दूसरे स्थान पर स्थित तमिलनाडु में इस दौरान 6,986 नये मामले सामने आये और 85 लोगों की मौत हुई जिससे संक्रमितों की संख्या 2,13,723 और मृतकों का आंकड़ा 3,494 हो गया है। राज्य में 1,56,526 लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है।           


राष्ट्र विरोधियों का विरोध 'देशभक्ति' हैं

नई दिल्ली। कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को लद्दाख में चीनी घुसपैठ को लेकर मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि “सच्चाई को छुपाना” और चीन को भारतीय भूमि पर कब्जा करने की अनुमति देना “राष्ट्रविरोधी” है जबकि लोगों का ध्यान इस ओर खींचना “देशभक्ति” है।गांधी ने श्रृंखला में अपना चौथा वीडियो संलग्न करते हुए एक ट्वीट में कहा, “चीनी लोगों ने भारतीय भूमि पर कब्जा कर लिया है। इस सच्चाई को छिपाना और उन्हें इसे लेने की अनुमति देना देशद्रोह है। जबकि लोगों का ध्यान इस ओर आकर्षित कराना देशभक्ति है।”


‘चीन पर कठिन सवाल’ शीर्षक वाले वीडियो में केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद ने कहा, “एक भारतीय के रूप में, मेरी पहली प्राथमिकता देश और उसके लोग हैं।” सरकार पर हमला करते हुए गांधी ने कहा, “आप ऐसे लोगों पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं जो चीन पर प्रधानमंत्री से आपके सवाल कहते हैं?” कांग्रेस नेता ने कहा, “अब, यह बहुत स्पष्ट है कि चीनी हमारे क्षेत्र में प्रवेश कर चुके हैं। यह चीज मुझे परेशान करती है। यह मेरे खून को उबालता है कि कुछ अन्य देश हमारे क्षेत्र में कैसे आ सकते हैं?” उन्होंने कहा, “अब यदि आप एक राजनेता के रूप में चाहते हैं कि मैं चुप रहूं और अपने लोगों से झूठ बोलूं, जबकि मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं क्योंकि मैंने सैटेलाइन तस्वीरें देखी हैं।”


राहुल ने आगे कहा, “मैंने सेना के पूर्व अधिकारियों से बात की है। यदि आप चाहते हैं कि मैं झूठ बोलूं कि चीनियों ने इस देश में प्रवेश नहीं किया है तो मैं झूठ नहीं बोलूंगा। मैं ऐसा नहीं करूंगा। मुझे परवाह नहीं है कि इससे मेरा पूरा करियर नरक में चला जाए पर मैं झूठ नहीं बोलूंगा। मुझे लगता है कि जो लोग हमारे देश में चीनियों के घुसने के बारे में झूठ बोल रहे हैं, वे लोग राष्ट्रवादी नहीं हैं।” उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि जो लोग झूठ बोल रहे हैं और कह रहे हैं कि चीनी, भारत में नहीं हैं, वे देशभक्त नहीं हैं। इसलिए मुझे परवाह नहीं है इसकी कीमत मुझे राजनेता के तौर पर चुकानी पड़े।” बता दें कि सर्वदलीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा था कि चीन ने भारत की भूमि में प्रवेश नहीं किया है। इसके बाद 17 जुलाई को, गांधी ने अपना पहला वीडियो जारी किया था और सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाया।           


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