रविवार, 26 जुलाई 2020

वापस लौटते मजदूरों में संक्रमण का खतरा

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। लॉकडाउन खत्म होने के बाद विभिन्न राज्यों में गए कामगार अब रोजी रोटी पर लौट रहे हैं।  गाज़ियाबाद जिले के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूर भी नौकरी पर लौट आए हैं।  इन मजदूरों में कई मजदूरों के कोरोना संक्रमण से पीड़ित होने की संभावना बनी हुई है। अभी हाल ही में हापुड़ जिले की एक औद्योगिक इकाई में पश्चिम बंगाल से लौटे कुछ मजदूर संक्रमित पाए गए थे।


काम पर लौटे मजदूरों में संक्रमण फैलने से रोकने के लिए उपायुक्त (उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन) बीरेंद्र कुमार ने सभी उद्यमियों को सलाह दी है कि वे दूसरे राज्यों से काम पर लौटे कामगारों को नौकरी पर रखने से पहले उनका कोरोना टेस्ट करा लें और यदि कोई कोरोना संक्रमित कामगार मिलता है तो उसे काम पर न रखें। मुफ़्त कोरोना टेस्ट के लिए जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्था की गई है। यदि किसी उद्यमी को कोरोना टेस्ट कराने में परेशानी हो रही है तो वह संबंधित औद्योगिक संगठन के माध्यम से या स्वयं ही उपयुक्त से संपर्क कर सकता है।  यदि टेस्ट कराने वाले श्रमिकों की संख्या ज्यादा हुई तो औद्योगिक संगठन के सहयोग से क्षेत्र में एक एंटीजन टेस्ट कैंप भी लगाया जा सकता है।           


हफ्तो से बिजली आपूर्ति ठप, जनता त्रस्त

दो हफ्ते से जला ट्रंसफ़र्मर सौरई बुजुर्ग गांव के ग्रामीण परेशान


कौशाम्बी। सिराथू तहसील क्षेत्र के सौरई बुजुर्ग स्कूल के तरफ गाँव घुसते ही रोड के किनारे लगा 25 केवीए का विद्युत ट्रांसफार्मर लगभग दो हफ्ते से जला हुआ है। इसके जल जाने से क्षेत्र के लोग अंधेरे में रहते है जिससे लोग काफी परेशान हैं ट्रांसफार्मर बदलने के लिए कार्यवाही भी पूरी हो गई है। इसके बावजूद विभाग द्वारा लोगों की परेशानी पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश ब्याप्त है।गांव के ही राममूरत शर्मा, राजू सविता , दीपक सविता, जगत पटेल, गुलाब सरोज, जयचंद्र निर्मल, जितेंद्र निर्मल  व कई अन्य लोगो ने कहा कि गांव में बिजली विभाग ने 25 केवीए का ट्रांसफार्मर लगाया है। लोड अधिक होने के कारण ट्रांसफार्मर बार-बार जल जाता है। विभाग को गांव में उक्त ट्रांसफार्मर को बदल कर 63 केवीए का करने के लिए भी कहा गया है, लेकिन समस्या जस की तस बरकरार है। बिजली नहीं होने से लोगों के साथ-साथ किसान भी खेतो से घर वापस आते ही पँखे जैसे उपकरण चलाने को लेकर काफी परेशान हैं। चूंकि इस समय धान के फसल की रोपाई भी चल रही है। ऐसे में किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गांव के लोगों ने बिजली विभाग से जला हुआ बिजली का ट्रांसफार्मर बदल कर उच्च क्षमता का ट्रांसफार्मर जल्द से जल्द लगाने की मांग की है, ताकि लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। कड़ा विकास खण्ड के सौरई बुजुर्ग ग्रामीण अंचल में फुंके ट्रांसफार्मर को बदलकर विद्युत आपूर्ति बहाल करने का दावा फेल हो गया है। शिकायत के बाद भी 15-15 दिन तक दूसरा ट्रांसफार्मर नहीं लग रहा है। बिजली न मिलने से भीषण गर्मी में जहां लोग बिलबिला रहे हैं वही जिले के आला अधिकारी व जनप्रतिनिधि जनता की समस्या से बेपरवाह हैं। सूबे की कमान संभालते ही मुखिया योगी आदित्यनाथ ने नगरीय इलाके को बिजली कटौती से मुक्त व ग्रामीण अंचल में कम से कम 18 घंटे बिजली देने का फरमान जारी किया था। दावा किया था कि नगर क्षेत्र में 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 48 घंटे के अंदर फुंके ट्रांसफार्मर बदलकर आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी। इसके लिए टोल फ्री नंबर जारी करते हुए 24 घंटे शिकायत दर्ज कराने व उसके निस्तारण की व्यवस्था लागू था। कुछ दिनों तक व्यवस्था ठीक-ठाक चली लेकिन वर्तमान में स्थिति पुराने ढर्रे पर आ गई है। ट्रांसफार्मर फुंका तो नगरीय इलाके में तीन से चार दिन और ग्रामीण क्षेत्र में 10 से 25 दिन की छुट्टी हो जा रही है। ग्रामीणों द्वारा चंदा एकत्र कर कुछ धनराशि देने के बाद दो-चार दिन पहले सुविधा मिलने लगती है। ग्रामीणों की माने तो इस उमस भरी गर्मी में अपने परिवारों एवं छोटे छोटे बच्चो के साथ ग्रामीण ब्याकुल रहते है शिकायत के बाद भी कई दिन से जला ट्रंसफ़र्मर नही बदला गया है।


अयोध्याः कौशाम्बी से मिट्टी-जल मंगाया

अयोध्या में प्रभु श्री राम के मंदिर की आधारशिला रखते समय कौशाम्बी की पवित्र मिट्टी और जल मंगाए जाने से कौशाम्बी का पुण्य फिर से हुआ जागृत


रामलला के भव्य मंदिर की नींव में प्रयोग होगा कड़ा धाम की माटी तथा पवित्र कुंड का जल


कौशांबी। जिले के 51 शक्तिपीठों में शामिल प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मां शीतला धाम कड़ा की मिट्टी और जल मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जन्म भूमि अयोध्या में आगामी 5 अगस्त को राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखे जाने के समय शीतला धाम की मिट्टी और जल शामिल किए जाने की याद त्रेता युग को तरोताजा कराएगी जब प्रभु श्री राम बनवास चित्रकूट जाते समय कौशाम्बी की पवित्र धरती से गुजरे थे।कौशाम्बी क्षेत्र का गौरवशाली इतिहास रहा है। जिसमें राम वन गमन मार्ग युगों युगों तक मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के यश कीर्ति का गुणगान करता रहेगा अयोध्या में प्रभु श्री राम के मंदिर की आधारशिला रखते समय कौशाम्बी की पवित्र मिट्टी और जल मंगाए जाने से कौशाम्बी का पुण्य फिर से जागृत हुआ है तथा मंदिर निर्माण में लगे संत महात्माओं के इस निर्णय से जिले के लोग अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।


अयोध्या में प्रस्तावित रामलला मंदिर निर्माण की नींव में इक्यावन शक्तिपीठ माता शीतला कड़ा धाम की मिट्टी तथा मंदिर में स्थित पवित्र कुण्ड के जल का प्रयोग किया जाएगा, मालूम हो कि 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या में भगवान श्री राम के मन्दिर का शिलान्यास करेंगे, जिसमे पूरे भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों की पवित्र मिट्टी एवं  नदियों के जल नींव में प्रयोग किया जाएगा, इसी के  क्रम में करोड़ों लोगों के आस्था का केंद्र बिंदु प्रदेश के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शामिल कड़ा धाम जहाँ पूरे भारत से लाखों तीर्थ यात्री सालभर तीर्थटन के लिए आते रहते हैं,के तीर्थ पुरोहितों ने एक कलश में पवित्र जल तथा दूसरे कलश में मिट्टी भरकर अयोध्या के लिए तीर्थ पुरोहितों का एक जत्था रवाना किया गया, जहाँ वे "रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र" ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय को मिट्टी एवं जल सौंपेगे,मालूम हो कि रामजन्म भूमि को लेकर कई दशकों तक विववाद चलता रहा है, जिसमे उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ है,इस आंदोलन में यहाँ के कई बुजुर्ग अपने युवास्था में इस आंदोलन से गहराई से जुड़े थे, शिलान्यास की तारीख की घोषणा के बाद इन बुजुर्गों में नई उत्साह का संचार हुआ है,इस अवसर पर तीर्थ पुरोहितों के साथ धाम वासियों में विशेष उत्साह दिखाई दिया,जिससे पूरा माहौल जय श्री राम के नारों से गूंज उठा इस अवसर पर राधेश्याम पण्डा, जगत प्रसाद पण्डा, पण्डा समाज अध्यक्ष भुक्कड़ पण्डा, रामायणी प्रसाद, ऊदल,मोनू पुरोहित अनिल प्रकाश पण्डा जगत प्रसाद पण्डा कुन्ना पण्डा, कड़ेकान्त रजत पण्डा आदि लोग उपस्थित रहे।


राम मन्दिर आंदोलन से जुड़े भक्त हुए भावुक


राम मंदिर आंदोलन को याद करते हुए आंदोलन से जुड़े सैकड़ो लोग भावुक होते हुए कहते हैं, होने वाला राम मन्दिर निर्माण दशकों के संघर्ष का परिणाम है,राम मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों का कहना है। युवावस्था में अपने सैकड़ो साथियों के साथ केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर शासन प्रशासन की बन्दिशों को धता बताते हुए, पैदल ही कारसेवा के लिए लोग निकल पड़े रास्ते में हाथ जोड़कर वाहन चालकों से लिफ्ट लिया सैकड़ो किमी पैदल चले दो दिन भूखे रहे और जब अयोध्या पहुंचे तो पुलिस की लाठियाँ खायीं लेकिन संकल्प नही डगमगाया लाख दुश्वारियों के बाद भी हौसला आसमान को छू रहा था,जब भगवान श्री राम का मंदिर बन रहा है तो मन को संतोष है।


सुशील केशरवानी


यूपी में पत्रकार पर हमले की पुनरावृत्ति

गाजियाबाद/ कानपुर। गाजियाबाद पत्रकार की हत्या का मामला खत्म ही नहीं हुआ था कि कानपुर में एक्शन सागर न्यूज़ के पत्रकार नासिर अली पर हमला कर दिया गया।


कानपुर नगर के चमन गंज थाना क्षेत्र में रहने वाले हलीम मुस्लिम इंटर कॉलेज का प्रबंधक मोहम्मद सैम द्वारा अपने घर के बाहर से निकल रहे हैं। नासिर अली पत्रकार पर जानलेवा हमला कर दिया नासिर अली का कहना है कि वह हसीब जो सैम का मामू है के घर के सामने से अपने कार्यालय जा रहा था तभी सैम ने उस पर हमला कर दिया और और हसीब के घर से डंडा निकाल कर डंडों से पीटा जिसके कारण पूरे शरीर और मुंह के जबड़े को तोड़ने की कोशिश करी अपने बचाव में हाथ से जहां जहां रोका वहां पर लाठियों के चोट के निशान है। नासिर अली का कहना है कि अब्दुल हसीब मुझसे इसलिए रंजिश मानता है कि मैं उसकी पैरोकारी न करके अब्दुल हसीब के विरोध में जो काम करता है। उसका साथ देता हूं और उसके गलत कामों का इनकार करता हूं। नासिर ने बताया इससे पहले भी दो बार मुझ पर हमला हुआ था लेकिन मैं बच गया था लेकिन आज यह लग रहा था यह जैसे मुझे जान से मार देगा यह बहुत बड़ी विडंबना की बात है। एक तरफ देश और प्रदेश के मुखिया कह रहे हैं कि पत्रकारों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा वही रोज कहीं उन्नाव कही गाजियाबाद और कहीं कानपुर में पत्रकारों पर जानलेवा हमला हो रहा है यहां तक की जान ले ली जा रही है अब देखना यह है नासिर पर हुए हमले पर कानपुर की पुलिस और प्रदेश सरकार कितना संज्ञान लेती है।


नासिर अली


10 फ़ीसदी लोगों को मिल रहा है राशन

लहना में आए प्रवासी मज़दूरों को नही मिला राशन


राशन किट बाटने वाले ज़िम्मेदारों ने ही लूट घसोट कर लिया या फिर सरकार दे रही है झूंठे आश्वासन


कौशाम्बी। करारी थाना क्षेत्र के लहना गांव में 10% लोगों को राशन देकर जिम्मेदार पल्ला झाड़ रहे जैसा कि योगी सरकार ने प्रवासी मज़दूरों को राशन किट देने के लिए आदेश दिया था वही दूसरी ओर उनके अधिकारी कर्मचारी अपना पेट भरने से नही आते है। बाज 25 मार्च को खालीं हाँथ लौटे मज़दूरों को 14 दिन स्कूलों में कोरन्टीन किया गया था योगी सरकार के राशन किट बाटने के फैसले से चेहरे प्रवासियों के खिले हुए थे वही ज़िम्मेदारों ने कोरन्टीन रहे सरोज कुमार पुत्र राम स्वरूप, ब्रजेश कुमार उर्फ गोलू पुत्र राम स्वरूप, सोहंलाल पुत्र बच्चू लाल राम, करण पुत्र सोर्गी मौजी लाल, संतलाल पुत्र कल्लू सुखराम, रिंकु पुत्र राम आसरे, मिश्री लाल पुत्र बुधई राजेन्द्र, पुत्र स्वर्गीय बचाऊ लाल, शिव फूल पुत्र बचउ लाल शिवचन्द पुत्र मुन्नी लाल को सरकारी स्कूल में एहतियात के लिए रखा था इनको कोई राशन किट नही मिली।


योगी सरकार के बनाए हुए हेल्फ़ लाइन नम्बर से कई बार काल आई पूछा गया। राशन किट के विषय मे तो प्रवासियों ने जवाब दिया कि नही मिला क्या राशन किट बाटने वाले  ज़िम्मेदारों ने ही लूट घसोट कर लिया या सरकार झूंठे आश्वासन दे रही थी। 


ज़ैगम अब्बास


संजय रामलीला कमेटी के अध्यक्ष बनें

रामलीला कमेटी करारी के अध्यक्ष बने संजय जयसवाल


कौशाम्बी। करारी के ऐतिहासिक रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों द्वारा की गई बैठक में  फैसला लिया गया।
ट्रस्टी रमेश चंद्र शर्मा, संरक्षक बच्चा कुशवाहा व संरक्षक राकेश जायसवाल  की अगुवई में पदाधिकारियोंं का गठन किया।
भाजपा जिला महामंत्री संजय जायसवाल को अध्यक्ष बनाया गया। ज्ञान शर्मा को प्रबंधक, रमेश केसरवानी कोषाध्यक्ष तथा कल्लू राम चौरसिया को ग्राम मंंच प्रबंधक बनाया।


जैगम अब्बास


बेहद दुर्लभ और जोखिम भरा ऑपरेशन

कोलकाता।  चिकित्सा क्षेत्र में कोलकाता ने एक और मिसाल कायम की है। कोरोना जैसे गंभीर संकट के समय महानगर में एक बेहद दुर्लभ व जोखिम भरे ऑपरेशन को शनिवार को अंजाम दिया गया। एक मरीज की जान बचाने के लिए उसकी खोपड़ी के एक हिस्से को काटकर उसके पेट में रख दिया गया है। मस्तिष्क से बोझ कम करने के लिए यह कदम उठाया गया। खोपड़ी अगले 90 दिनों तक मरीज के पेट की चमड़ी के नीचे रहेगी और उसके बाद उसे फिर से उसकी जगह पर लगा दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर इलाके की रहने वाली 42 साल की अपाला मित्रा लंबे समय से सिरदर्द से परेशान थी। कोरोना के डर से उसका सिरदर्द दुगना हो गया था। अपाला इसे आम तरह का सिरदर्द समझकर दवा ले रही थी। उससे कुछ समय के लिए राहत मिलती थी लेकिन बाद में फिर सिरदर्द शुरू हो जाता था। गत एक मई को वह अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी थी। 15 मई को उसे  कोलकाता के पार्क सर्कस स्थित इंस्टीच्यूट आफ न्यूरोसाइंसेज में ले जाया गया। वहां सिर की एंजियोग्राफी कराई गई तो पता चला कि मस्तिष्क की जिन धमनियों से रक्त का प्रवाह होता है, वह फट गई है। इसके साथ ही ‘सर्वाकनायेड हैमरेज’ और ‘इंट्रेसेरेब्रल हैमरेज’ का भी पता चला।



  • डॉक्टरों के मुताबिक ऐसे मामलों में बचने की उम्मीद एक फीसद से भी कम रहती है। अपाला के मस्तिष्क के ब्लड वेसेल्स के फट जाने से सर्वाकनायेड हैमरेज हुआ था, जिसके कारण वह कोमा में चली गई थी। अपाला 10 दिनों तक बेजान वस्तु की तरह बिस्तर पर पड़ी हुई थी। दूसरी तरफ उनके पति लॉकडाउन के कारण हैदराबाद में फंसे हुए थे। वे मोबाइल से वीडियो कॉल कर पत्नी की हालत का जायजा ले रहे थे। शल्य चिकित्सक डॉक्टर अमित कुमार घोष ने परिवार की सहमति से इस दुर्लभ ऑपरेशन की तैयारी शुरू की। इस ऑपरेशन को चिकित्सकीय भाषा में “डिक्सप्रेसिव क्रोनियेकटमी एंड इवैकुएशन ऑफ हेपाटोमा एंड क्लिपिंग ऑफ एनुरिजम” कहा जाता है। आसान शब्दों में कहें तो खोपड़ी के एक हिस्से को काटकर पेट की चमड़ी के नीचे रखना। डॉक्टर घोष ने बताया कि यह बेहद दुर्लभ ऑपरेशन है। कोरोना के समय इस तरह का ऑपरेशन करना और भी जोखिमपूर्ण था लेकिन मरीज की जान बचाने के लिए दूसरा कोई रास्ता नहीं था। मस्तिष्क की धमनियां फट जाने से मरीज कोमा में चली गई थी। मस्तिष्क के दबाव को कम करने के लिए खोपड़ी के 12 सेंटीमीटर हिस्से को काटकर पेट की चमड़ी के नीचे रखा गया है। 90 दिनों बाद उसे फिर से उसकी जगह पर लगा दिया जाएगा। सिर के अंदर की धमनियों के फूल जाने को ‘एनुरिजम’ कहा जाता है। इस मामले में धमनियां फट गई थीं इसलिए मरीज कोमा में चली गई थी। धमनियां और न फटे इसलिए क्लिप से उसे जोड़ा गया है। इसे ‘क्लिप ऑफ एनुरिजम’ कहा जाता है। अपाला के पति जुलाई के अंत में कोलकाता लौटेंगे।           


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...