शनिवार, 25 जुलाई 2020

जिलें में संक्रमण को लेकर प्रशासन सख्त

कलेक्टर ने कोविड-19 के बचाव उपायों का कड़ाई से पालन कराने अधिकारियों को दिये निर्देश

अब नहीं मानी बात तो होगी जुर्माने सहित होगी कड़ी कार्यवाही

कलेक्टर ने की जिले की समस्त जनता से सहयोग की अपील

कोरिया। कलेक्टर श्री एस एन राठौर ने आज यहां जिला कलेक्ट्रेट के स्वान कक्ष में वीसी के माध्यम से जिले के सभी एसडीएम, सीईओ जनपद, आयुक्त नगर निगम चिरमिरी एवं सभी सीएमओ को उनके क्षेत्र अंतर्गत कोविड-19 के बचाव उपायों जैसे मास्क पहनना, सार्वजनिक एवं भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचना तथा सोशल डिस्टनसिंग का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिये। इस दौरान एसपी श्री चंद्रमोहन सिंह, सीएमएचओ तथा ब्लॉक मेडिकल टीम भी शामिल हुए कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि लोगों को जागरूक करने बार-बार मुनादी कराई जाये। अंतर्राज्यीय नाकों पर विशेष ध्यान दें। सैंपल टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई जाये। जिले में ट्रूनाट लैब के जरिये पॉज़िटिव या नेगेटिव केस की शीघ्र पहचान करने की सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही उन्होंने राजस्व एवं पुलिस की संयुक्त टीम बनाकर जिले में निगरानी करने तथा उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना के साथ कड़ी कार्यवाही के भी निर्देश दिये। 

उन्होंने जिले की समस्त जनता से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि आम जन कोरोना महामारी से चल रही इस जंग में जिला प्रशासन का सहयोग करें। आपके सहयोग और जागरूकता से ही जिले में कोविड-19 के प्रसार को रोका जा सकता है।           

गृह मंत्रालय के आदेश पर की कार्रवाई

रायपुर। राजनांदगांव जिले में हत्या का मामला संज्ञान में आते ही प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश देने के बाद पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी 24 घंटे के भीतर कर ली है। गौरतलब है कि राजनांदगांव-अम्बागढ़ चौकी के रायसिंह पिता स्व.आनंद सिंह पटेल ने 22 जुलाई की सुबह थाने आकर रिपोर्ट लिखाई की रात में सभी खाना खाकर सोए थे। सुबह उसके छोटे बेटे अनुज पटेल की लाश बिस्तर पर मिली। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की और पोस्टमार्टम में गला घोंटकर कर हत्या करना पाया। जांच के दौरान घटना स्थल कातुलवाहि जाकर सूक्ष्मता से पूछताछ करने पर मृतक का बड़ा भाई अन्नू पटेल जो शादी शुदा था। उसने अपना जुर्म कबूल किया और बताया कि मृतक अनुज खेत के काम में मदद नहीं करता था। इतना ही नहीं वह नशे का आदी था। पहले दोनों के बीच दो बार झगड़ा हो चुका था। वह उसकी पत्नी से भी मारपीट करता था। मौका देखकर अपनी पत्नी के साथ गमछे से नाक मुँह दबाकर उसकी हत्या कर दी। निरीक्षक आशीर्वाद रहटगांवकर ने वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में 12 घंटे में ही हत्या की गुत्थी सुलझाने में सफलता प्राप्त की। आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।           


एमपी सीएम वायरस से संक्रमित हुए


भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। सीएम ने अपने संपर्क में आए लोगों से कहा है कि वह खुद की कोरोना जांच करवाएं। साथ ही एहतियात बरतते हुए खुद को अन्य लोगों से अलग कर लें। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के कोरोना संक्रमित होने पर कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विज सिंह ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि आपने सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल नहीं रखा, मुझ पर तो भोपाल पुलिस ने  ऐसा नहीं करने पर एफआईआर दर्ज कर ली थी, लेकिन आप पर कैसे करते।


दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की खबर मिलते ही सीएम आवास पर एक एंबुलेंस पहुंच गई है। शिवराज को जल्द ही अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। 
बता दें कि, मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'मेरे प्रिय प्रदेशवासियों, मुझे कोविड-19 के लक्षण आ रहे थे, टेस्ट के बाद मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मेरी सभी साथियों से अपील है कि जो भी मेरे संपर्क में आए हैं, वह अपना कोरोना टेस्ट करवा लें। मेरे निकट संपर्क वाले लोग क्वारंटीन में चले जाएं।

वायरस पर मायावती ने चिंता व्यक्त की

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामलों में वृद्धि को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने सरकार से अस्पतालों और कोविड केन्द्रों पर साफ-सफाई की मांग उठाई है। मायावती ने ट्वीटर के माध्यम से लिखा है, “देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के दिन-प्रतिदिन बढ़ने से यहां की जनता जिस प्रकार से काफी चिन्तित व त्रस्त है। उसके मद्देनजर कोरोना टेस्टिंग, अस्पतालों में सुविधा व कोविड केन्द्रों की साफ-सफाई आदि पर सरकार तुरन्त उचित ध्यान दे, बीएसपी की यह मांग है।” इससे पहले भी कोविड केन्द्रों की साफ-सफाई को लेकर वह ट्वीट कर चुकी हैं। उन्होंने लिखा था कि कोरोना बीमारी से रोकथाम के लिए यूपी में बनाये गये सरकारी कोविड केन्द्रों में से अधिकतर वहां पर उचित साफ-सफाई व रख-रखाव आदि के अभाव के कारण कहीं वे बीमारी के नए केन्द्र न बन जायें, सरकार इस पर भी गंभीरता से ध्यान दे तो यह बेहतर होगा।               


विधानसभा सत्र बुलाने पर राजनीति गरमाई

जयपुर। राजस्थान में विधानसभा सत्र बुलाने के मुद्दे पर राजनीति गरमा गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में शुक्रवार को राजभवन में दिये गये धरने के कारण राज्यपाल ने मंत्रिमंडल की बैठक में कुछ बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण मिलनेपर विधानसभा का सत्र बुलाने का आश्वासन दिया था। इसके बाद देर रात तक मंत्रीमंडल की बैठक हुई जिसमें छह बिन्दुओं पर चर्चा कर प्रस्ताव तैयार किया गया है।


यह प्रस्ताव आज राज्यपाल को भेजा जायेगा। इस बीच कांग्रेस ने आज जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा है। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा व्हिप का उल्लंघन करने के मामले में 19 विधायको को दिये गये नोटिस पर अदालत की रोक के बाद इस मुद्दे पर 27 जुलाई को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई होगी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अब खुलकर कांग्रेस को जबाव देने का फैसला किया है। भाजपा का मानना है कि कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान का दोष भाजपा पर मढ़ा जा रहा है जबकि कांग्रेस विधायक खरीद फरोख्त में शामिल केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत का नाम ले चुकी है। इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी लोगों पर प्रवर्तन निदेशालय तथा केन्द्रीय जांच ब्यूरों सीबीआई की कार्यवाही की है। कांग्रेस ने अपने विधायकों को एक पंच सितारा होटल में ठहरा रखा है जिस पर भी भाजपा ने एतराज जताया है। इधर उपमुख्यमंत्री पद से निष्कासित कांग्रेस के 19 विधायकों ने भी बंधक बनाने से इनकार करते हुए पार्टी की अंदरूनी खींचतान को उजागर किया है। कांग्रेस बहुमत होने का दावा कर रही है जिस पर राज्यपाल का कहना है कि कांग्रेस के पास बहुमत हो तो फिर सत्र बुलाने की क्या जरूरत है। राज्यपाल ने जिन छह बिन्दुओं पर केबिनेट की राय जानने की बात कही थी उनमें सत्र बुलाने की तारीख, अल्पसूचना पर सत्र बुलाने का औचित्य, विधायकों की स्वतंत्रत आवागमन की सुनिश्चितता तथा कोरोना को देखते हुए सत्र बुलाने के जरूरी प्रबंधन के बिन्दू शामिल है।           

सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर

श्रीनगर। श्रीनगर के बाहरी इलाके रणबीरगढ़ पंजीनारा में शनिवार को सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए हैं। आईजी पुलिस विजय कुमार ने बताया है कि मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए हैं। मारे गए आतंकवादियों की पहचान का अभी तक पता नहीं चल पाया है। सुरक्षा बलों ने एक विशिष्ट खुफिया इनपुट मिलने के बाद सुबह ऑपरेशन शुरू किया था। पुलिस, सीआरपीएफ और सेना की एक संयुक्त टीम ने आतंकवादियों के छिपने की जगह की घेराबंदी की। इसके बाद उन पर हुई भारी गोलीबारी से मुठभेड़ शुरू हो गई। मारे गए आतंकियों के पास से हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है।             


यूपी में 'नो टेस्ट नो कोरोना' की पॉलिसी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना मामलों को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है। प्रियंका ने लिखा है कि लगता है आपकी सरकार ने ‘नो टेस्ट नो कोरोना’ को मंत्र मान कर लो टेस्टिंग की पलिसी अपना रखी है। प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि उप्र में कल कोरोना के 2500 केस आए और लगभग सभी महानगरों में कोरोना मामलों की बाढ़ सी आई है। अब तो गांव देहात भी इससे अछूते नहीं है। साफ प्रतीत होता है कि आपकी सरकार ने ‘नो टेस्ट नो कोरोना’ को मंत्र मानकर लो टेस्टिंग की पालिसी अपना रखी है। अब एकदम से कोरोना मामलों के विस्फोट की स्थिति है। जब तक पारदर्शी तरीके से टेस्ट नहीं बढ़ाए जाएँगे तब तक लड़ाई अधूरी रहेगी व स्थिति और भी भयावह हो सकती है। उन्होंने लिखा कि यूपी में क्वारंटीन सेंटर और अस्पतालों की स्थिति बड़ी दयनीय है। कई जगह की स्थिति इतनी खराब है कि लोग कोरोना से नहीं, सरकार की व्यवस्था से डर रहे हैं। इसी कारण लोग टेस्ट के लिए सामने नहीं आ रहे हैं। कोरोना का डर दिखाकर पूरे तंत्र में भ्रष्टाचार भी पनप रहा है। जिस पर अगर समय रहते लगाम न कसी गई तो कोरोना की लड़ाई विपदा में बदल जाएगी।


प्रियंका ने आगे लिखा कि सरकार ने दावा किया था कि 1़5 लाख बेड की व्यवस्था है लेकिन लगभग 20,000 सक्रिय संक्रमित केस आने पर ही बेडों को लेकर मारामारी मच गई है। अगर अस्पतालों के सामने भयंकर भीड़ है तो मैं यह नहीं समझ पा रही हूं कि यूपी सरकार मुंबई और दिल्ली की तर्ज पर अस्थाई अस्पताल क्यों नहीं बनवा रही है? चिकित्सीय सुविधा पाना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। प्रियंका ने लिखा, प्रधानमंत्री बनारस के सांसद हैं और रक्षामंत्री लखनऊ के, अन्य भी कई केंद्रीय मंत्री उत्तर प्रदेश से हैं। आखिर बनारस, लखनऊ और आगरा में अस्थाई अस्पताल क्यों नहीं खोले जा सकते हैं। महोदय, स्थितियां गंभीर होती जा रही हैं। आपसे आग्रह करती हूं कि सिर्फ प्रचार करके यह लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती है। उन्होंने लिखा कि दिल्ली में स्थापित केंद्रीय सुविधाओं का प्रयोग सीमवर्ती जिलों के लिए भी किया जा सकता है। वहां के अस्पतालों का अधिकतम उपयोग अभी नहीं हो पा रहा है। होम आइसोलेशन एक अच्छा कदम है परंतु इसे भी आनन-फानन में आधा अधूरा लागू नहीं किया जाए।


उन्होंने आगे लिखा, मुझे इस बात का एहसास है कि अक्सर आपकी सरकार को लगता है कि हमारे सुझाव सिर्फ राजनीतिक ²ष्टिकोण से दिए जाते हैं। पैदल चल रहे यूपी के मजदूरों के लिए हमारी तरफ से बसें चलाने के प्रयास के दौरान आपकी सरकार की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट जाहिर होता था। मैं एक बार फिर से आपको विश्वास दिलाना चाहती हूं कि उत्तर प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य और जीवन की रक्षा में हमारी सबसे बड़ी भावना है। इस समय जबकि महामारी तेजी से बढ़ रही है। इस युद्घ में कांग्रेस पार्टी यूपी की जनता के साथ खड़ी है और आपकी सरकार को पूरी सहायता देने के लिए तैयार है।             


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