गाजीपुर। एक बार फिर जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। गुरुवार की शाम तक 24 नए संक्रमित मामले सामने आए हैं। जिनमें पुलिस लाइन और शहर के कुछ मोहल्लों के लोग भी पॉज़िटिव पाए गए हैं। आज की आंकड़ों में ट्रूनेट के जरिए हुई जांच में पुलिस कप्तान ओम प्रकाश सिंह गाजीपुर का भी नाम संक्रमितों में शामिल है। 24 नए मामले आने के बाद अब जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 677 पहुँच चुकी है।
शुक्रवार, 24 जुलाई 2020
गाज़ीपुर एसपी संक्रमित, हुए क्वॉरेंटाइन
गाजीपुर। एक बार फिर जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। गुरुवार की शाम तक 24 नए संक्रमित मामले सामने आए हैं। जिनमें पुलिस लाइन और शहर के कुछ मोहल्लों के लोग भी पॉज़िटिव पाए गए हैं। आज की आंकड़ों में ट्रूनेट के जरिए हुई जांच में पुलिस कप्तान ओम प्रकाश सिंह गाजीपुर का भी नाम संक्रमितों में शामिल है। 24 नए मामले आने के बाद अब जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 677 पहुँच चुकी है।
यूपी गवर्नमेंट ने 'जिला पंचायत' चुनाव टालेंं
उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला अग्रिम आदेशों तक टाले गए जिला पंचायत के चुनाव
कार्यभार संभालेंगे प्रशासक जिला पंचायत के प्रशासक होंगे जिलाधिकारी
लखनऊ/ललितपुर। उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा ऐलान जिसमें सरकार ने ऐलान किया है कि इस साल होने वाली जिला पंचायत क्षेत्र पंचायत और गांव पंचायत के चुनाव टाले जाने का निर्देश जारी किया है जिसके चलते उन्होंने बताया है कि कोरोना महामारी के चलते तैयारियां नहीं होने की वजह से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समय से नहीं हो पाएंगे पंचायती संस्थाओं का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उनमें प्रशासक तैनात कर दिए जाएंगे ग्राम पंचायत में सहायक विकास अधिकारी पंचायत क्षेत्र पंचायत में उप जिला अधिकारी और जिला पंचायत में जिला अधिकारी को प्रशासक बनाने की तैयारी चल रही है और उक्त चुनाव 2020 में होने की संभावना जताई जा रही थी जिसको अब आगे बढ़ा दिया गया है। जिसमें एक साथ हो सकते हैं त्रिस्तरीय चुनाव ग्राम पंचायत क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत की पूरे उत्तर प्रदेश में 58 758 ग्राम पंचायतें 821 क्षेत्र पंचायतों और 75 जिला पंचायतों के चुनाव इसी साल के आखिर तक होने थी जो आगे बढ़ा दिए गए हैं अग्रिम आदेशों तक चुनाव नहीं होंगे।
बृजेश तिवारी/संजय नायक
भोपाल में आज से 10 दिवसीय लॉक डाउन
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी में कोरोना वायरस के मामलों में बढोतरी के मद्देनजर राज्य सरकार ने भोपाल में आज की रात से 10 दिन का लॉकडाउन लागू करने का फैसला लिया है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को बताया, ‘‘हमने तय किया है कि 24 जुलाई की रात आठ बजे से पूरा भोपाल 10 दिन के लिए लॉकडाउन रहेगा।’
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. इसके बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा, ‘‘भोपाल में 10 दिन के लॉकडाउन के दौरान सिर्फ दवा, दूध, सब्जी और सरकारी राशन की दुकानें ही खुली रहेंगी। इसलिए भोपाल के सभी लोगों से आग्रह है कि वे ज़रूरी सामानों का इंतजाम दो दिन में कर लें।’ उन्होंने कहा कि भोपाल में आने-जाने वालों के लिए पहले के लॉकडाउन की तरह ही ई-पास पर ही अनुमति मिल सकेगी।
बता दें कि मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 24 जुलाई से 3 अगस्त तक 10 दिनों तक लॉकडाउन जारी रहेगा। इससे पहले शहर में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने कुछ इलाकों में तीन दिन के लिए लॉकडाउन लगाया था। भोपाल में कोरोना संक्रमितों की संख्या 5 हजार तक पहुंच गई है। वहीं मध्य प्रदेश में भी कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में अभीतक कुल 24,842 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। वर्तमान में राज्य में 7,236 केस एक्टिव हैं। वहीं कोरोना संक्रमण से अब तक 770 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही 16,836 लोग इलाज के बाद ठीक हो कर गर जा चुके हैं।
रात के खाने में इनका परहेज करें
यम-यम आइसक्रीम
खाना बहुत अधिक पसंद किया जाता है। जो कि रात को नींद खराब करने का सबसे आसान तरीका है। बस बात इतनी है कि जो लोग इस कारण रात को सो नहीं पाते हैं, उन्हें पता ही नहीं होता कि उनकी टेस्टी आइसक्रीम ने उनकी नींद उड़ा दी है।
प्रोटीन से भरपूर चिकन
चॉकलेट उड़ा देती है रात की नींद
सुपर स्पाइसी फूड
मिल्क प्रॉडक्ट्स
-वहीं, रात को चीज, पनीर और दही खाना शरीर को नुकसान पहुंचाता है। चीज और पनीर का जहां ठीक प्रकार से पाचन नहीं हो पाता है और इस कारण नींद मे विघ्न होता है, वहीं दही खाने से रात को शरीर में दर्द की समस्या हो जाती है। जिससे नींद टूट जाती है और अगले दिन आलस रहता है।
चाय और कॉफी-चाय और कॉफी दोनों में ही कैफीन होता है। हम सभी जानते हैं कि कैफीन शरीर को इंस्टंट एनर्जी देने का काम करता है। यानी जब भी आपको थकान, उदासी या उनिंदापन अनुभव हो रहा हो, उस समय चाय या कॉफी आपके मूड को बेहतर बना सकती है। लेकिन रात के समय यदि आप इनका सेवन करेंगे तो नींद पूरी तरह डिसटर्ब हो जाएगी। इसलिए रात के समय इनके सेवन से आपको बचना चाहिए।
चीन में ईसाइयों पर अत्याचार बढा़
बीजिंग। एक तरफ दुनिया कोरोना संकट के जूझ रही हैं वहींं चीन की सरकार उइगर मुसलमानों को परेशान करने के बाद अब ईसाइयों (Christians) पर अत्याचार करने पर उतारू हो गई है। चीन के कई राज्यों और शहरों में सैकड़ों ईसाई धार्मिक चिन्ह हटाए गए हैं। क्रॉस निकाल दिए गए और मूर्तियां तोड़ दी गईं। प्रभु यीशु के तस्वीर हटवाकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग और माओत्से-तुंग की तस्वीरें लगाने का आदेश दिया गया है। इसका जो विरोध करता है, उसके साथ मारपीट होती है। चीन की सरकार ने अपने नए आदेश में कहा है कि ईसाई यानी क्रिश्चियन समुदाय के लोग अपने घरों में प्रभु यीशु (ईसा मसीह) तस्वीरें और चर्चों से क्रॉस और मूर्तियां हटवा दें।
इनकी जगह चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तस्वीरें (Photos) लगाई जाएं। पिछले एक महीने में चीन की सरकार ने पांच राज्यों अंशुई, जियांग्सु, हेबई, झेजियांग और अनहुई के चर्चों से सैकड़ो धार्मिक चिन्ह को तुड़वा दिया है। जिस जगह विरोध हुआ, वहां धार्मिक चिन्ह तो तोड़े ही गए साथ ही विरोध करने वालों के साथ मारपीट भी की गई। हुआईनैन शहर के शिवान चर्च से धार्मिक चिन्ह हटाने के लिए करीब 100 कर्मचारियों की टीम क्रेन लेकर पहुंची थी। लोगों ने इसका विरोध किया। इस पर अधिकारियों ने वहां मौजूद लोगों के साथ मारपीट की।
ईसाइयों के संगठन चाइना एड ने चर्चों पर कार्रवाई की तस्वीरें जारी की हैं। उधर, चीन के अधिकारियों का कहना है कि इमारतों के जरिए किसी धर्म की पहचान नहीं होनी चाहिए। सरकार ने देश में समानता स्थापित करने के लिए धार्मिक चिन्ह (Religious insignia) के आदेश दिए हैं। इससे पहले सरकार ने धार्मिक किताबों के इस्तेमाल और उनके अनुवाद पर रोक लगा दी थी। सरकार की सख्त चेतावनी दी है कि कम्युनिस्ट पार्टी के 8.5 करोड़ कार्यकर्ता किसी धर्म का पालन नहीं करेंगे। चीन में करीब 40 करोड़ बौद्ध-ताओ, 6.7 करोड़ ईसाई और डेढ़ करोड़ मुस्लिम हैं। इन्हें धार्मिक स्थलों के बाहर ही प्रार्थना करने की अनुमति है। सरकार यहां आने वाले श्रद्धालुओं से टैक्स लेती है। शिनजियांग प्रांत में जेल सरीरी कई इमारतें हैं जहां हजारों उइगर मुसलमानों को कैद कर रखा है। चीन की सरकार ने इस्लाम को कम्युनिस्ट पार्टी के एजेंडे पर चलाने के लिए पांच साल की योजना बना चुकी है।
2021 से पहले वैक्सीन मिलना मुश्किल
वॉशिंगटन। एक ओर जहां, कम से कम तीन कोरोना वायरस वैक्सीनों के इंसानों पर शुरुआती ट्रायल के नतीजे सकारात्मक मिले हैं, वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी कई महीनों तक आम लोगों को वैक्सीन नहीं मिल सकेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक एक्सपर्ट का कहना है कि वैक्सीन को 2021 से पहले इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। अभी आखिरी चरण के ट्रायल में बड़ी संख्या में लोगों पर टेस्ट किए जाने के बाद ही पता चल सकेगा कि ये वैक्सीनें वाकई में कितनी असरदार हैं।
WHO के हेल्थ इर्जेंसी प्रोग्राम के हेड डॉ. माइक रायन का कहना है, 'हम अच्छी प्रगति कर रहे हैं। असल तौर पर देखा जाए तो अगले साल के पहले हिस्से में लोगों को वैक्सीन मिलना शुरू हो सकता है।' रायन ने कहा कि वैक्सीन गरीब या अमीर नहीं, सबकी लिए होती हैं। यह जरूरी है कि कैसे इन्हें लोगों को दिया जाता है। रायन ने एक ऑनलाइन लाइव सेशन के दौरान यह बताया है।
'अभी देखना बाकी है असर'
वहीं, यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एपिडिमियॉलजी में असोसिएट प्रफेसर ऑब्री गोर्डन का कहना है कि पहले और दूसरे चरण के ट्रायल के नतीजे उम्मीद जगाने वाले हैं। हमें इन पर विश्वास करना चाहिए और यह भी याद रखना चाहिए कि इनसे अभी यह साबित नहीं हुआ है कि वैक्सीन असरदार है। उन्होंने बताया है कि शुरुआती चरणों के ट्रायल सुरक्षा देखने और यह पता करने के लिए होते हैं कि वैक्सीन से इम्यून रिस्पॉन्स पैदा हो रहा है या नहीं।
इन वैक्सीनों पर नजर
वैक्सीन की रेस में फिलहाल ब्रिटेन की ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका की Moderna Inc और चीन की CanSino की वैक्सीनें इंसानों पर ट्रायल के शुरुआती चरण पार कर चुकी हैं। ऑक्सफर्ड की वैक्सीन को इस रेस में सबसे आगे माना जा रहा है क्योंकि यह ज्यादा असरदार पाई गई है। इसे दिए जाने पर ट्रायल में ऐंटीबॉडी और T-cell पाए गए। भारत में Serum Institute of India इसका उत्पादन करेगा जिसने इसके लिए AstraZeneca के साथ डील की है।
युवक ने किया खूनी ताण्डव, 5 की हत्या
मिथलेश बर्मन
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से एक बड़ी खबर निकल कर आ रही है। यहां एक युवक ने अपने घर में खूनी तांडव मचाया है। उसने अपने परिवार के सभी लोगों की हत्या कर दी। जिसमें उसके मां-बाप दो भाई और एक बहन शामिल है। इसके बाद वह खुद भी आत्महत्या के लिए गाड़ी के नीचे कूद किया। जहां उसकी मौत हो गई। पूरा मामला बिलासपुर जिले के सीपत क्षेत्र के मटियारी गांव मे देर रात की है।“बताया जा रहा है कि खाना खाने के बाद परिवार के सभी लोग सो रहे थे तभी रोशन ने सबसे पहले अपने पिता रूपदास सूर्यवंशी (45 वर्ष) को कुल्हाड़ी से मारकर मौत के घाट उतारा, उसके बाद युवक ने अपनी मां संतोषी बाई (40 वर्ष) पर कुल्हाड़ी से वार कर उसकी जान ले ली। सनकी युवक ने अपनी मासूम बहन कामिनी (14 वर्ष) को भी नहीं छोड़ा उसे भी निर्दयता से कुल्हाड़ी से मारकर मौत के घाट उतार दिया, 03 हत्या करने के बाद भी उसका मन नहीं भरा तो उसने अपने मासूम भाई ऋषि सूर्यवंशी (उम्र 15 वर्ष) और रोहित सूर्यवंशी (20 वर्ष) को भी कुल्हाड़ी से प्राणघातक वारकर जान ले ली। सुबह घर से 5 लाशों को बरामद किया है। जिसमें उसके माता-पिता दो भाई और एक बहन की लाश हैं। आरोपी ने भी सब की हत्या करने के बाद भी खुद भी खुदकुशी कर ली। उसने ऐसा क्यों किया। फिलहाल पुलिस इस बात की जांच कर रही है। आरोपी के इस कदम से पूरा गांव सकते में है।
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