तेहरान। ईरान ने आरोप लगाया है कि उसके एक यात्री विमान का अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ-15 ने पीछा किया। किसी टकराव से बचने में विमान की अचानक ऊंचाई बदलने से कई यात्री जख्मी हो गए हैं। यह घटना गुरुवार को उस समय हुई, जब ईरानी निजी विमानन कंपनी महान एयर का विमान तेहरान से बेरुत जा रहा था। विमान में 150 से ज्यादा लोग सवार थे। अमेरिकी सेंट्रल कमान ने कहा कि सीरिया में अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य अड्डों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत ऐसा किया गया। जंगी जेट एफ-15 ईरानी यात्री विमान से एक हजार मीटर की सुरक्षित दूरी पर था। ईरानी मीडिया में आई खबरों के अनुसार, लड़ाकू जेट ने ईरानी विमान को परेशान किया। हालांकि यात्री विमान लेबनान की राजधानी बेरुत में सुरक्षित उतर गया। इधर, ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस घटना पर स्विटजरलैंड के दूतावास के जरिये आपत्ति दर्ज कराई जाएगी। ईरान में यह दूतावास अमेरिकी हितों का प्रतिनिधित्व करता है। मंत्रालय ने कहा कि अगर इस विमान को वापसी में कोई दिक्कत हुई तो उसके लिए अमेरिका जिम्मेदार होगा।
शुक्रवार, 24 जुलाई 2020
सेटेलाइट से हथियार की लॉन्चिंग की गई
लंदन/ वाशिंगटन डीसी/ मास्को। ब्रिटेन और अमरीका ने आरोप लगाया है कि रूस ने अंतरिक्ष में एक सैटेलाइट से हथियार जैसी कोई चीज़ लॉन्च की है। ब्रिटेन के अंतरिक्ष निदेशालय के प्रमुख ने एक बयान जारी कर कहा, "रूस ने हथियार जैसी कोई चीज़ को लॉन्च कर जिस तरह से अपने एक सैटेलाइट को टेस्ट किया है उसको लेकर हमलोग चिंतित हैं।
बयान में कहा गया है कि 'इस तरह की कार्रवाई अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के लिए ख़तरा है। रूस के इस सैटेलाइट के बारे में अमरीका ने पहले भी चिंता जताई थी। ब्रिटेन के अंतरिक्ष निदेशालय के प्रमुख एयरवाइस मार्शल हार्वे स्मिथ ने बयान जारी कर कहा, "इस तरह की हरकत अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के लिए ख़तरा पैदा करती है और इससे अंतरिक्ष में मलवा जमा होने का भी ख़तरा रहता है जो कि सैटेलाइट और पूरे अंतरिक्ष सिस्टम को नुक़सान पहुँचा सकता है जिस पर सारी दुनिया निर्भर करती है।"
भारत सरकार ने नियमों में किया बदलाव
अकाशुं उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत सरकार ने अपने व्यापार नियमों में गुरुवार को एक अहम बदलाव किया है। नए नियमों के मुताबिक़ सरकारी ख़रीद में भारत में बोली लगाने वाली कंपनियाँ तभी इसके लिए सक्षम हो पाएँगी, जब वो डिपार्टमेंट फ़ॉर प्रमोशन ऑफ़ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड (डीपीआईआईटी) की रजिस्ट्रेशन कमेटी में रजिस्टर्ड हों। इसके अलावा इन्हें भारत सरकार के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय से राजनीतिक और सुरक्षा मंज़ूरी लेना आवश्यक होगा। केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि वो भी अपनी सभी सरकारी ख़रीद में इस नियम को लागू करें। इस नियम के तहत वित्त मंत्रालय ने कुछ छूट भी दी है।कोविड-19 महामारी के कारण कोविड से जुड़े सामान की ख़रीद को लेकर 31 दिसंबर तक छूट दी गई है। ये बदलाव भारत सरकार ने जनरल फ़ाइनेंशियल नियम, 2017 में किए गए हैं। ये उन देशों पर लागू होगा, जो देश भारत के साथ सीमा साझा करते हैं और सरकारी ख़रीद में हिस्सा लेते हैं। जानकारों की माने तो इस बदलाव में चीन की बात कहीं नहीं कही गई है, लेकिन इस फ़ैसले का सबसे ज़्यादा असर भारत के पड़ोसी देश चीन के साथ व्यापार पर पड़ेगा।
बाढ़ संबंधित क्षेत्र का निरीक्षण किया
उपजा ने जिलाधिकारियों को सौंपा ज्ञापन
पत्रकार सुरक्षा कानून बनाये यूपी सरकार-रतन दीक्षित
पत्रकारों की हत्या और उत्पीड़न के खिलाफ उपजा ने जिलाधिकारियों को सौंपा ज्ञापन
बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के प्रान्तीय अध्यक्ष एवं एनयूजे आई के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव रतन कुमार दीक्षित के निर्देश पर उपजा की प्रयागराज , रायबरेली, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, अम्बेडकरनगर, फिरोजाबाद, गाजीपुर, महोबा, जालौन, आगरा, हमीरपुर, अमेठी सहित एक दर्जन से अधिक इकाइयों ने अपने-अपने जनपदों के माध्यम से पत्रकारों के दमन, उत्पीड़न, हमलों और हत्याओं के खिलाफ जिलाधिकारियों को के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन सौंपकर पत्रकारों की सुरक्षा पर चिन्ता जतायी और प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सार्थक कानूनी प्राविधानों सहित पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग की है।
उपजा के प्रान्तीय अध्यक्ष रतन दीक्षित ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सम्बोधित ज्ञापन देकर पुनः मांग की है कि प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा हेतु प्रदेश के समस्त प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून के प्राविधान आगामी विधानसभा सत्र में निर्माण करने का निर्णय लें।
वहीं दूसरी आज पूर्व घोषणा के अनुरूप नई दिल्ली में इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स से संबंद्ध नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया और दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी और मध्यप्रदेश में निवाड़ी में पत्रकार सुनील तिवारी की हत्या के खिलाफ प्रेस क्लब से प्रधानमंत्री कार्यालय तक मार्च निकाला। संघटनों की तरफ से पत्रकार सुरक्षा कानून, मीडिया काउंसिल और मीडिया कमीशन के गठन के साथ ही पत्रकारों का उत्पीड़न, जबरन छंटनी, वेतन में कटौती और छोटे और मध्यम अखबारों की समस्याओं को दूर करने की मांग की गयी।
एनयूजे आई के अध्यक्ष रास बिहारी की अगुवाई में प्रेस निकाले से शुरू हुए मार्च को पुलिस ने प्रधानमंत्री कार्यालय से पहले की रोक लिया। विरोध मार्च को एनयूजे अध्यक्ष रास बिहारी, दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश थपलियाल महासचिव के पी मलिक,कोषाध्यक्ष नरेश गुप्ता, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य आनंद राणा, एनयूजे की पूर्व कोषाध्यक्ष सीमा किरण ने संबोधित किया।इस अवसर पर अशोक किंकर, रणवीर सिंह, सुजान सिंह, सुभाष चंद्र, सुभाष बारोलिया, बंसी लाल, मनमोहन, ओमप्रकाश सहित दर्जनों पत्रकार शामिल थे।
प्रदर्शन के दौरान संघटनन के नेताओं ने कहा कि विक्रम जोशी और तिवारी की हत्या पुलिस में सुरक्षा मांगने के बावजूद की गई। मध्यप्रदेश के पत्रकार तिवारी ने दो महीने पहले अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई गई थी। इससे पहले कानपुर में बालू माफिया का पर्दाफाश करने पर पत्रकार शुभम त्रिपाठी की हत्या कर दी गई थी।
एनयूजे अध्यक्ष रासबिहारी ने कहा कि पत्रकारों पर बढ़ते हमले, फर्जी मुकदमे और फर्जी पत्रकारों की बढ़ती भीड़ को रोकने के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून और राष्ट्रीय पत्रकार रजिस्टर बनाने की आवश्यकता है। प्रेस काउंसिल की ताकत बढ़ाने और इलैक्ट्रानिक मीडिया को दायरे में लाने के लिए मीडिया काउंसिल बनाने की आवश्यकता है। डीजेए अध्यक्ष राकेश थपलियाल ने कहा कि पत्रकारों पर हमले रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार तुरंत प्रभावी कदम उठाएं। डीजेए महासचिव के पी मलिक ने कहा कि पत्रकारों की हत्या से कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति सामने आई है। एनयूजे की वरिष्ठ नेता सीमा किरण ने कहा कि कई स्थानों पर कवरेज के दौरान भी महिला पत्रकारों के साथ अभद्र व्यवहार की शिकायतें बढ़ रही है। सरकार को इस ओर देने की जरूरत है।
पुष्प अर्पित कर श्राद्धंजली अर्पित की
महापौर ने लाल जी टंडन की अस्थि कलश को पुष्प अर्पित कर श्राद्धंजली अर्पित की
रिपोर्ट-बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। शुक्रवार को महापौर अभिलाषा गुप्ता नन्दी ने प्रयागराज के संगम तट पर राज्यपाल मध्य प्रदेश, पूर्व मंत्री , जनसंघ व भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता , राजधानी लखनऊ की शान, कार्यकर्ताओं के प्रेरणास्त्रोत, मार्गदर्शक स्वर्गीय लालजी टंडन जी के अस्थि कलश विसर्जन में पुष्प अर्पित कर नमन किया । पुण्य मृतात्मा की शांति हेतु महादेव से कामना की इस अवसर प० केशरी नाथ त्रिपाठी पूर्व राज्यपाल बंगाल, डॉ० नरेंद्र सिंह गौर पूर्व मंत्री उ.प्र, गणेश केसरवानी महानगर अध्यक्ष भाजपा, केशरी देवी पटेल सांसद फूलपुर, ई० हर्षवर्धन वाजपेयी विधायक, संजय गुप्ता विधायक, अजय भारतीय विधायक, नीलम करवरिया विधायिका, हरिओम मिश्रा जिलाध्यक्ष प्रतापगढ़, मुरारी लाल अग्रवाल पूर्व उपमहापौर, शशि वार्ष्णेय पूर्व अध्यक्ष, राजेन्द्र मिश्र पूर्व अध्यक्ष, अनिल केसरवानी झल्लर महानगर उपाध्यक्ष, देवेश सिंह व रमेश पासी महानगर महामंत्री, देवेन्द्र नाथ मिश्रा, विजय द्विवेदी, आशुतोष पालीवाल समस्त कार्यकर्तागण आदि लोग उपस्थित रहे।
डीएम एवं टीम की बाढ को लेकर चर्चा
जिलाधिकारी प्रयागराज की एनडीआरएफ की टीम के साथ बाढ़ को लेकर चर्चा
रिपोर्ट-बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। आगामी बाढ़ के खतरों को देखते हुए प्रशासन द्वारा 11 एनडीआरएफ वाराणसी की एक टीम को जिले में बाढ़ बचाव के कार्यों के लिए तैनात किया गया है। पिछले बाढ़ के प्रभाव को देखते हुए प्रशासन बहुत सतर्क है। इसी के चलते इस बार भी बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया है। जिलाधिकारी श्री भानु चंद्र गोस्वामी की अध्यक्षता में जिलाधिकारी कार्यालय में एनडीआरएफ की टीम के अधिकारी श्री एसएस साजवान असिस्टेंट कमांडेंट, टीम कमांडर जगदीश राणा निरीक्षक व उनकी टीम के साथ प्रयागराज क्षेत्र में बाढ़ से प्रभावित होने वाले इलाकों और राहत बचाव कार्य करने की योजना के ऊपर चर्चा की गई।
जिलाधिकारी महोदय द्वारा निर्देश दिया गया कि एनडीआरएफ की टीम प्रशासन के साथ मिलकर बाढ़ से प्रभावित होने वाले संभावित क्षेत्रों का दौरा करें। क्योंकि प्रयागराज में बाढ़ आने पर पानी तटीय क्षेत्रों से होते हुए प्रयागराज के शहरी इलाकों में घुस जाता है जिनमें बघाड़ा,छोटा बघाड़ा, सलोरी, नागवासुकी, पत्रकार कालोनी, नया पुरवा, बेली,दारागंज, राजापुर, गंगानगर इत्यादि इलाके बहुत प्रभावित होते हैं और ग्रामीण इलाकों में कई क्षेत्र प्रभावित होते हैं। इन्हीं इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य करने में बहुत कठिनाई होती है इसी के चलते प्रशासन और आपदा बचाव के लिए एजेंसियों का आपस में तालमेल होना जरूरी है ताकि सभी अपने संसाधनों और क्षमताओं को आंक लें और आने वाली बाढ़ जैसी आपदा के लिए लोगों को जागरूक करें और खुद को तैयार करें।
*बाढ बचाव के लिए एनडीआरएफ चलाएगी जन जागरूकता अभियान*
कोरोना महामारी के इस माहौल में टीम बाढ़ से बचने के तरीकों के बारे में बताएगी और लोगों के बीच में जाकर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए जन जागरूकता अभियान भी चलाएगी। जिसमें लोगों को कोरोना महामारी से बचने के उपाय और साथ ही बाढ़ के समय घर के उपलब्ध संसाधनों में आपातकालीन किट बनाने के तरीके भी सिखाएगी। टीम अभी तक द्रौपदी घाट, राजापुर ,गंगा नगर , घाट एवं संगम क्षेत्र इलाकों का दौरा कर चुकी है और ऋषिकेश उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में स्थानीय लोगों के लिए जन जागरूकता का कार्यक्रम भी चलाया है । इसी प्रकार करोना की चुनौती को देखते हुए बाढ़ संबंधी बचाव के तरीकों को जन जागरूकता अभियान के माध्यम से टीम लोगों को जागरूक करेगी।
फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी
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