गुरुवार, 23 जुलाई 2020

'आजाद' से युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए

करोड़ों युवाओं के प्रेरणा स्रोत थे चंद्रशेखर आजाद 


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। लोनी मानव कल्याण चैरिटेबल फाउंडेशन के  राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र त्यागी ने अपने समस्त पदाधिकारियों के साथ नवनिर्मित हॉस्पिटल नाईपुरा पहला पौधा नीमका चंद्रशेखर आजाद जन्म दिवस पर लगाकर हर्षोल्लास से मनाया जन्म दिवस। अध्यक्ष धर्मेंद्र त्यागी ने बताया चंद्रशेखर आजाद का जन्म आज ही 1906 में मध्य प्रदेश के भाबरा गांव में हुआ। अध्ययन के लिए वाराणसी की संस्कृत पाठशाला भेजा गया। 15 साल की उम्र में असहयोग आंदोलन में भाग लेने के कारण 15 कोडो की सजा मिली क्रांतिकारी संगठन हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन से जुड़े रहे। 27 फरवरी 1931 को तत्कालीन इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में पुलिस ने उन्हें घेर लिया। मुकाबले के बाद खुद अपने आप को गोली मारकर चंद्रशेखर आजाद ने जीवन त्याग दिया और कहा दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे। आजाद ही है और आजाद ही रहेंगे। लेकिन एक सवाल आज भी खड़ा है देश के उन करोड़ों युवाओं के लिए चंद्रशेखर आजाद ने हमें आजादी तो दिला दी। अंग्रेजों से लड़कर लेकिन आज देश और प्रदेश में नक्सलवाद आतंकवाद और देश में जातिवाद धर्म संप्रदाय हिंसा से आजादी कौन दिलाएगा ? आज देश के करोड़ों युवाओं को क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद से प्रेरणा लेनी चाहिए। बचपन से ही जिनके अंदर देश प्रेम जागृत था आजाद के दोस्त ने कहा चंद्रशेखर तुम्हारे घर की हालत बहुत खराब है मां बाप भूखे हैं जो धन अंग्रेजों से लूटा है। उसमें से कुछ घर के लिए दे दो चंद्रशेखर आजाद ने दोस्त से कहा इसका एक भी पैसा किसी को नहीं दिया जाएगा देश के काम आएगा किसी ने इसमें से लिया तो गोली मार दूंगा धन्य है। वह मां बाप जिनके यहां चंद्रशेखर आजाद पैदा हो आज चंद्रशेखर आजाद के जन्मदिवस पर हम युवाओं को अध्यक्ष धर्मेंद्र त्यागी ने शपथ दिलाई भी हम अपने जीवन में शराब गुटका बीड़ी सिगरेट पान तमाखू आदि से हम आजाद होते हैं कभी सेवन नहीं करेंगे इस मौके पर मनीष जैन राकेश ठाकुर सुशील मोघा नरेश कुमार प्रवीण कुमार मौजूद रहे।         


6 शिक्षक किए बर्खास्त, होगी वसूली

बस्ती।  उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में दूसरे के नाम के फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में नौकरी करने वाले छह शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। फर्जी शिक्षकों से दो करोड़ 68 लाख 64108 रुपये की वसूली भी होगी। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जिले में छह शिक्षक अवैध तरीके से नौकरी कर रहे थे। जांच में इनका प्रमाण पत्र फर्जी और कूट रचित पाया गया। सभी शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है।


सतीश प्रसाद सहायक अध्यापक, विपिन कुमार सहायक अध्यापक, प्रियंका चौधरी प्रधानाध्यापिका, ध्रुव नारायण, मालती पांडे, राणा प्रताप सिंह सभी सहायक अध्यापक हैं और इन अध्यापकों के वेतन मद में लिए गए दो करोड़ 68 लाख 64 हजार 108 की संशोधन किए जाने की प्रक्रिया शुरू। कर दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह भी कहा कि जिले भर के अध्यापकों की नियुक्ति पत्रों की गहन तरीके से जांच पड़ताल की जा रही है।

फीस संबंधी याचिका पर बृहस्पति को सुनवाई

अकाशुन उपाध्याय


नई दिल्ली।  कोरोना संकट के कारण देश में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान स्कूलों से फीस लेने से मना करने संबंधी मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों की ओर से बच्चों से सिर्फ ट्यूशन फीस लेने संबंधी आदेश पारित करने पर संदेह व्यक्त किया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई पर कहा कि पूरे देश के लिए एक समान आदेश पारित नहीं किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस संबंध में हाईकोर्ट जाने को कहा है।


बता दें कि पिछले काफी दिनों से अभिभावक मांग कर रहे हैं कि स्कूलों को लॉकडाउन के दौरान की फीस लेने से रोका जाए। अभिभावकों की ओर से कहा गया था कि बिना किसी सेवा दिए स्कूलों द्वारा फीस और अन्य खर्चों की मांग करना अवैध है। स्कूल के एडमिशन फॉर्म में कोई फोर्स मेजर क्लॉज नहीं है। स्कूल एडमिशन फॉर्म के नियमों और शर्तों को मानने को बाध्य हैं। वहीं गुजरात सरकार ने राज्य के स्व-वित्तपोषित स्कूलों को निर्देश दिया है कि कोविड -19 की वजह से जब तक वे बंद हैं, तब तक छात्रों से ट्यूशन फीस न लें। सरकार ने स्कूलों को 2020-21 शैक्षणिक सत्र के लिए फीस न बढ़ाने का भी निर्देश दिया। राज्य शिक्षा विभाग द्वारा 16 जुलाई को जारी अधिसूचना बुधवार को सार्वजनिक हुई।इसमें कहा गया है कि कोई भी स्कूल फीस जमा न होने पर इस अवधि में पहली से कक्षा से लकर आठवीं कक्षा तक के किसी भी छात्र को तटस्थतापूर्ण नहीं करेगा क्योंकि ऐसा करना शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा -16 का उल्लंघन होगा। सरकार ने अधिसूचना में कहा कि इसके अलावा गुजरात उच्च न्यायालय के अनुसार 30 जून तक फीस जमा न करने वाले किसी भी छात्र को तटस्थका नियत नहीं किया जाएगा। विभाग ने कहा कि कई स्कूलों ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान अपने शिक्षण या गैर-शिक्षण स्टाफ को कोई वेतन नहीं दिया है या केवल 40-50 प्रतिशत वेतन दिया है।


सोमवार को विस्तृत सुनवाई होगीः एससी

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने संबंधी राज्य विधानसभा अध्यक्ष का अनुरोध गुरुवार को ठुकरा दिया। न्यायालय ने हालांकि, यह स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस नेता सचिन पायलट एवं उनके खेमे के 18 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में उच्च न्यायालय का कोई भी फैसला शीर्ष अदालत के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा। न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की खंडपीठ ने विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल तथा पायलट खेमे की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी की दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह इस मामले में सोमवार को विस्तृत सुनवाई करेगी। इस बीच उच्च न्यायालय के मंगलवार के आदेश पर रोक नहीं लगेगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस बाबत सुनवाई करेगी कि क्या उच्च न्यायालय सदन के अध्यक्ष के नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर सकता है या नहीं? खंडपीठ अध्यक्ष के अधिकार बनाम अदालत के क्षेत्राधिकार जैसे महत्वपूर्ण सवाल पर विचार करेगी। न्यायालय ने हालांकि यह भी स्पष्ट कर दिया कि उच्च न्यायालय का 24 जुलाई का कोई भी फैसला इस मामले में शीर्ष अदालत के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगा। राजस्थान के स्पीकर की अर्जी पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है कि क्या चुने गए प्रतिनिधि अपनी असहमति नहीं जता सकते? अगर असहमति को दबाया जाएगा तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने राजस्थान उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसने शुक्रवार तक सचिन पायलट और उनके खेमे के 18 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है। याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय विधानसभा अध्यक्ष को सचिन गुट पर कार्रवाई करने से नहीं रोक सकता। न्यायालय का कल का आदेश न्यायपालिका और विधायिका में टकराव पैदा करता है।                       


सोने की कीमत ने बनाया नया कीर्तिमान

नई दिल्ली।  सोने के भाव में तेजी जारी है और आज वह नए रेकॉर्ड पर पहुंच गई है। सोने की कीमत ने बुधवार को कारोबार के दौरान 50199 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल टाइम रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। )एक्स पर आज भी तेजी जारी होने और अगस्त में अधिसूचना के लिए सोने की कीमत 171 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 50,249 रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। सितंबर फ्यूचर्स के लिए चांदी का भाव भी 170 रुपये चढ़कर 61,285 रुपये पहुंच गया।
सोने का कहना है कि कोरोनावायरस को लेकर अनिश्चितता का असर सोने और चांदी पर साफ नजर आ रहा है।


बुधवार को फ्यूचर मार्केट में सोने की पहली बार 50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का स्तर पार किया गया। दूसरी ओर चांदी भी 60,000 रुपये के पार चली गई। थोक जूलर्स के वाइस चैयरमैन पवन गुप्ता का कहना है कि जो परिस्थितियां बन रही हैं, उनमें सोना जल्दी ही 55,000 रुपये के स्तर को छू सकता है। इस वक्त स्वर्णकारों के लिए सैफ इसवन बना हुआ है।
आंतरिक बाजार में सोने की कीमत 1860.50 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है। इसकी 2,000 डॉलर तक पहुंचने की बात कही जा रही है। ऐसे में अंजाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में सोने का स्तर किस तक पहुंच सकता है। इंटरनेशनल निवेशकों के सोने में निवेश की पीछे महत्वपूर्ण कारण यह है कि कोविड संकट के दौरान यह जबरदस्त डाउनलोड दे रहा है। इसी महीने में यह अब तक 12 प्रतिशत रिटर्न दे चुका है जबकि अन्य बाजार में ऐसा नहीं है। ऐसे में सोने से निवेश से कौन बचेगा।


कमीशन को आधिकारिक तौर पर मंजूरी

नई दिल्ली। केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने सेना में आज महिलाओं के स्थायी कमीशन को आधिकारिक तौर पर मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब विभिन्न शीर्ष पदों पर महिलाओं की तैनाती का रास्ता साफ हो गया है। मंत्रालय के आदेश के बाद महिलाओं को भी संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकेगी। रक्षा मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) की महिला अधिकारियों को भारतीय सेना के जज एंड एडवोकेट जनरल, आर्मी एजुकेशनल कोर में ये सुविधा मिलेगी।इसके अलावा सेना के दस विभिन्न हिस्सों में भी स्थायी कमीशन की इजाजत दे दी गई है। अब आर्मी एयर डिफेंस, सिग्नल, आर्मी सर्विस कोर, आर्मी ऑर्डिनेंस कोर, इंजीनियर, आर्मी एविएशन, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिकल इंजीनियरिंग और इंटेलिजेंस कोर में भी स्थायी कमीशन मिल पाएगा। भारतीय सेना के प्रवक्ता ने बताया जैसे ही सभी प्रभावित एसएससी महिला अधिकारी अपने विकल्प का प्रयोग करती हैं और अपेक्षित दस्तावेजीकरण पूरा करती हैं, उनका चयन बोर्ड निर्धारित किया जाएगा।आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, सुप्रीम कोर्ट ने सेना में सभी एसएससी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के अपने फैसले को लागू करने के लिए केंद्र को एक और महीने की इजाजत दी थी।


5 अगस्त को भूमि पूजन के लिए मंजूरी

अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भगवान श्री राम के जन्मस्थल पर 5 अगस्त को भूमि पूजन के लिए मंजूरी दे दी है। लेकिन मुहूर्त की इस शुभ घड़ी को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने पांच अगस्त की तिथि को ‘अशुभ घड़ी’ करार दिया है।


शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि हमें कोई पद नहीं चाहिए और न ही हम राम मंदिर के ट्रस्टी बनना चाहते हैं। हम केवल यह चाहते हैं कि मंदिर का निर्माण ठीक ढंग से हो और आधार शिला सही समय पर रखी जाए। अभी जो तिथि तय की गई है वह ‘अशुभ घड़ी’ है। इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए तय मुहूर्त को लेकर आचार्य प्रमोद कृष्णम के एक ट्वीट को रीट्वीट किया था। कृष्णम ने अपने ट्वीट में लिखा है, ‘मैं ज्योतिषाचार्य नहीं हूं पर इतना अवश्य जानता हूं कि श्री हरि विष्णु शयन काल में मंदिर निमार्ण का मुहूर्त कोई विद्वान ब्राह्मण नहीं निकाल सकता, भगवान श्री राम हमारी आस्था के आधार हैं, इसलिए प्रत्येक कार्य विधि विधान से ‘शास्त्र’ सम्मत होना चाहिए ‘राजनैतिक’ दृष्टिकोण से नहीं।’ वहीं बीजेपी नेता उमा भारती ने कहा कि राम के काम में कैसा मुहुर्त। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री भारती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को भगवा से दिक्कत है। कांग्रेस नफरत का जहर फैलाती है और उसने धर्म के नाम पर देश का बंटवारा किया है। पार्टी ने हमेशा देश को बांटा है। इन लोगों को देश में शांति बदार्श्त नहीं है। आपको बता दें कि 18 जुलाई को  श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अयोध्या में हुई बैठक में लिए गए निर्णय के बाद पांच अगस्त को भूमि पूजन का दिन तय किया गया था। ट्रस्ट की बैठक में ही भूमि पूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित करने का फैसला लिया गया था और उसी दिन उन्हें आमंत्रित किया गया था। बताया जाता है कि ट्रस्ट के आमंत्रण को प्रधानमंत्री कार्यकाल ने स्वीकृति दे दी थी।          


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...