आयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। राम नगरी को नई पहचान दिलाने और इसे विश्वस्तरीय बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़े पैमाने पर काम शुरू करने का मन बनाया है।योगी सरकार की अयोध्या को लेकर क्या योजना है इसे इस बात से भी समझा जा सकता है कि सरकार ने अवधपुरी में इक्ष्वाकु नगरी के नाम से नई अयोध्या बसाने का प्रस्ताव तैयार किया है।पहले चरण में खर्च होंगे 7 हजार करोड़ रुपए
नई इक्ष्वाकु नगरी को बसाने के लिए पहले चरण में 7 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। नई अयोध्या में शोध केंद्र, ऑडिटोरियम, गुरुकुल तो बनाए ही जाएंगे, साथ ही ये आधुनिक भी होगी। इसकी खासियत ये होगी कि इसमें आधुनिक सुविधायुक्त रहन-सहन, शिक्षा, खेल, मनोरंजन, व्यायम, चिकित्सा पर्यटन और परिवहन की सुविधाएं होंगी। नई अयोध्या को बसाने के लिए पड़ोसी जिले गोंडा और अंबेडकर नगर जिलों की भी कुछ भूमि का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव है।
गुरुवार, 23 जुलाई 2020
अयोध्या की पहचान बनाने पर काम शुरू
बकरा ईद को लेकर सरकार की गाइडलाइन
लखनऊ। यूपी सरकार ने बकरीद को लेकर गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। प्रदेश सरकार ने लोगों से घर पर ही नमाज पढ़ने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने पर जोर दिया है। निर्देशों में कहा गया है कि किसी भी स्थान पर भीड़ न इकट्ठा होने दी जाए।
इस संबंध में यूपी डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने जारी किए गए पत्र में कहा है कि समाज में सभी की धार्मिक भावनाओं का ध्यान रखा जाए। गाइडलाइन में पुलिसकर्मियों को लाउडस्पीकर की मदद से सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जागरुक करने का निर्देश दिया गया है।
चार राज्यों में भारी बारिश का पूर्वानुमान
नई दिल्ली। मौसम विभाग ने आज के लिए असम और मेघालय में भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया है। साथ ही पश्चिम बंगाल, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के कई हिस्सों में अत्यधिक बारिश का अनुमान है। इसके अलावा पूर्वी उत्तरप्रदेश, पूर्वी राजस्थान, मध्यप्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ, बिहार, झारखंड, ओड़िसा, अरुणाचल, महाराष्ट्र, कोंकण, गोवा, तेलांगना, तमिलनाडु, कर्नाटक के कई स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान है। बिहार झारखंड में कई इलाकों में गरज के साथ बिजली भी गिर सकती है।
असम में अबतक 90 मौतें
असम में बुधवार को नये इलाकों में पानी घुसने से बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई। बाढ़ के कारण राज्य में दो और लोगों की मौत हो गई और 26 लाख से अधिक व्यक्ति इससे प्रभावित हुए हैं। जबकि उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में वर्षाजनित घटनाओं में पांच लोगों की मौत हुई है।
असम में 26 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित
बाढ़ के कारण मंगलवार तक 24 जिलों में 24.19 लाख लोग प्रभावित हुए थे। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की बुधवार बाढ़ रिपोर्ट के मुताबिक, बारपेटा के बाघबोर और मोरीगांव जिले के मोरीगांव में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। असम में इसके साथ ही इस वर्ष बाढ़ और भूस्खलन में राज्य भर में मरने वालों की संख्या 115 हो गई है जिनमें 89 की मौत बाढ़ से और 26 की मौत भूस्खलन से हुई है। ग्वालपाड़ा बाढ़ से सबसे बुरी तरह प्रभावित जिला है जहां 4.68 लाख लोग पीड़ित हैं जबकि बारपेटा में 3.82 लाख लोग और मोरीगांव में 3.08 लाख लोग प्रभावित हैं।
बिहार में लगातार बारिश से नदियां उफान पर
लगातार बारिश से नदियों उफान पर हैं। सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में हैं. बिहार में बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 16 टीमों को राज्य के अलग-अलग जिलों में तैनात किया गया है। बिहार के 11 जिलों- पश्चिम चंपारण (बेतिया), पूर्वी चंपारण (मोतिहारी), गोपालगंज, कटिहार, अररिया, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, मधुबनी तथा सारण जिलों में एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है।
बिहार में 10 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित
बिहार के दस जिलों में 4.6 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और 13 हजार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। राज्य सरकार की एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। बाढ़ के कारण राज्य में कहीं भी किसी के मरने की खबर नहीं है।
कोसी, बूढ़ी गंडक, कमला बलान और लाल बकेया जैसी नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं लेकिन अब उनका जल स्तर नीचे आ रहा है या स्थिर है।
उत्तर बिहार में विकराल हुई बाढ़: लाखों लोग हुए बेघर
नेपाल के कई इलाकों में भारी बारिश व वाल्मीकिनगर बराज से सवा तीन लाख क्यूसेक पानी गंडक में छोड़े जाने के बाद उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति और विकराल हो गई है। बुधवार को डूबने से आठ लोगों की मौत हो गई। पश्चिम चंपारण में चार लोगों की मौत हो गई। दो के शव की तलाश जारी है. वहीं मुजफ्फरपुर के गायघाट में चार लोगों की मौत डूबने से हो गई।
दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वीं व पश्चिम चंपारण जिले की स्थिति बाढ़ से खराब
दूसरी तरफ दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वीं व पश्चिम चंपारण जिले की स्थिति बाढ़ से खराब होती जा रही है। बड़ी संख्या में विस्थापित परिवार बांध व एनएच पर शरण लिये हुए हैं। मोतिहारी में बंजरिया में तिलावे नदी का बांध व सुगौली में रिंग बांध टूटने से अफरातफरी की स्थिति बनी हुई है। पिछले दो दिनों की बारिश व बराज से काफी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद मुजफ्फरपुर की पांचों प्रमुख नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं। गंडक नदी जहां पारू व साहेबगंज में तबाही मचाने लगी है, वहीं बागमती व लखनदेई व मनुषमारा औराई, कटरा व गायघाट में तबाही मचाने लगी है। पांचों प्रखंड में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है और बड़ी संख्या में निचले इलाके के लोगों को बांध व एनएच पर शरण लेनी पड़ी है। बूढ़ी गंडक में उफान से मुजफ्फरपुर शहर के तटवर्ती हिस्सों में कई मोहल्ले बाढ़ के पानी से घिरे हैं।
दरभंगा में कमला जीवछ का पानी शहरी क्षेत्र पर दबाव बनाने लगा है. इसके अलावा 26 पंचायत बाढ़ की चपेट में आ गईं हैं। यहां बागमती का जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर हो गया है। सीतामढ़ी में बाजपट्टी एनएच 104 व एनएच 57 पर भी बाढ़ का पानी चढ़ा हुआ है। यहां भी सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मधुबनी में शहर पर तो दबाव नहीं बढ़ा है, हालांकि ग्रामीण इलाकों मेंची पानी के कारण फसलों का बहुत नुकसान हुआ है।
उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर जारी
उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर जारी है। मौसम विभाग ने आज भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। देहरादून, हरिद्वार, टिहरी पौड़ी, नैनीताल, अल्मोड़ा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बारिश से कई सड़कें, कई जगह भू-स्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं। आपदा प्रबंधन विभाग और SDRF अलर्ट पर है।
24 घंटे में 45 हजार नए संक्रमित मिलें
नई दिल्ली। देश में एक बार फिर कोरोना विस्फोट हुआ है। पिछले 24 घंटे में पहली बार 45 हजार से ज्यादा कोरोना के नए मामले दर्ज किए गए हैं। साथ ही सबसे अधिक एक हजार से ज्यादा मौत भी हुई हैं। देश में अब कुल संक्रमितों की संख्या सवा 12 लाख के पार पहुंच गई है, वहीं करीब 30 हजार मौतें भी हुई हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल संक्रमितों की संख्या 12 लाख 38 हजार 635 हो गई है। इनमें चार लाख 26 हजार 167 एक्टिव केस हैं तो वहीं सात लाख 82 लोग ठीक हो चुके हैं। अबतक 29 हजार 861 लोग अपनी जान गवां चुके हैं।
कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रभावित देश है। अमेरिका, ब्राजील के बाद कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित भारत है। लेकिन अगर प्रति 10 लाख आबादी पर संक्रमित मामलों और मृत्युदर की बात करें तो अन्य देशों की तुलना में भारत की स्थिति बहुत बेहतर है। भारत से अधिक मामले अमेरिका (4,100,875), ब्राजील (2,231,871) में हैं। देश में कोरोना मामले बढ़ने की रफ्तार भी दुनिया में दूसरे/तीसरे नंबर पर बनी हुई है।
एक्टिव केस के मामले में टॉप-5 राज्य
आंकड़ों के मुताबिक, देश में इस वक्त चार लाख से ज्यादा कोरोना के एक्टिव केस हैं। सबसे ज्यादा एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं। महाराष्ट्र में एक लाख से ज्यादा संक्रमितों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इसके बाद दूसरे नंबर पर तमिलनाडु, तीसरे नंबर पर कर्नाटक, चौथे नंबर पर आंध्र प्रदेश और पांचवे नंबर पर दिल्ली है। इन पांच राज्यों में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं। एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का चौथा स्थान है। यानी कि भारत ऐसा चौथा देश है, जहां फिलहाल सबसे ज्यादा संक्रमितों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
कोर्ट पहुंचा राजस्थान का सियासी संकट
नई दिल्ली। राजस्थान का सियासी संकट सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। यहां पर दोनों तरफ के वकीलों ने अपनी-अपनी दलीले रखी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से ने इनकार कर दिया है। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अगली सुनवाई होगी, जबकि स्पीकर की अर्जी पर कल ही राजस्थान हाईकोर्ट फैसला सुनाने वाला है।
सुप्रीम कोर्ट में अशोक गहलोत सरकार की तरफ से कपिल सिब्बल पेश हुए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के अनुरोध किया, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा, “राजस्थान उच्च न्यायालय राजस्थान अध्यक्ष से अयोग्य ठहराए जाने के नोटिस के खिलाफ कांग्रेस विधायकों की याचिका पर आदेश पारित कर सकता है।”मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कहा कि लोकतंत्र में असंतोष की आवाज को बंद नहीं किया जा सकता है। बुधवार को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सचिन पायलट और उनके वफादार 18 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के राज्य उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी और संविधान का तर्क दिया था कि अदालत अध्यक्ष के आदेश पर उल्लंघन नहीं कर सकती है।
वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने राजस्थान के अध्यक्ष सीपी जोशी की ओर से पेश होकर कहा कि अदालत अध्यक्ष को निर्देश नहीं दे सकती। उन्होंने कहा कि यह न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई अपडेट:
कोर्ट ने पायलट कैंप के वकील से मांगा जवाब- कोर्ट ने सचिन पायलट कैंप की ओर से हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी से जवाब मांगा। सिब्बल ने कोर्ट से राजस्थान HC की कार्यवाही रुकने का किया आग्रह- कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से राजस्थान HC की कार्यवाही रुकने का आग्रह किया। यदि आप इसकी जांच कर रहे हैं, तो आपको निलंबित करना होगा कि हाईकोर्ट में क्या हो रहा है।
आदेश से ‘दिशा’ शब्द निलंबित करें: सिब्बल- शीर्ष अदालत ने कहा, “आपको केवल (राजस्थान) हाईकोर्ट द्वारा 24 जुलाई तक इंतजार करने का अनुरोध किया गया था, जिस पर सिब्बल ने जवाब दिया, “आदेश से ‘दिशा’ शब्द निलंबित करें। अदालत ऐसा नहीं कर सकती।”
तो समस्या केवल शब्द के साथ है? हर जगह आदेश को ‘अनुरोध’ कहा जाता है, कोर्ट ने पूछा।
लोकतंत्र में आवाज को दबाया नहीं जा सकता: न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा – “क्या जनता द्वारा चुने गए व्यक्ति असंतोष की बात को व्यक्त नहीं कर सकते? न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा ने कपिल सिब्बल से पूछा, लोकतंत्र में असहमति की आवाज को दबाया नहीं जा सकता।” किस आधार पर विधायकों को अयोग्य ठहराया गया? – शीर्ष अदालत ने कपिल सिब्बल से पूछा कि विधायकों को अयोग्य किस आधार पर ठहराया गया? जिस पर उन्होंने जवाब दिया, “विधायक पार्टी की बैठक में शामिल नहीं हुए, वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। वे हरियाणा के एक होटल इनकम्युनिकाडो में हैं और अपनी ही पार्टी के खिलाफ फ्लोर टेस्ट की मांग कर रहे हैं।”सिब्बल का कहना है कि कोर्ट स्पीकर को निर्देश नहीं दे सकता: कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि अदालत ‘स्पीकर’ को निर्देशित नहीं कर सकती है और स्पीकर को एक निर्देश जारी करने में राजस्थान उच्च न्यायालय गलत था। यह इस बिंदु पर तय कानून के खिलाफ है।
इस प्रकार की पुनरावृति दोबारा ना हो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कानपुर में पुलिसकर्मियों की हत्या और विकास दुबे समेत आरोपियों की मुठभेड़ों में मौत पर कहा कि यूपी सरकार इस बात का ध्यान रखे कि ऐसी मुठभेड़ दोबारा न हो। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही इन मौतों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन के यूपी सरकार के मसौदे को मंजूरी दे दी। राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश डॉ. बलबीर सिंह चौहान की अध्यक्षता में समिति गठित की है।
मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान कहा कि इस जांच समिति को एक सप्ताह के भीतर अपना काम शुरू कर देना चाहिए और दो महीने के अंदर इसे पूरा कर लेना चाहिए। न्यायमूर्ति चौहान की अध्यक्षता वाली इस जांच समिति में इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश शशिकांत अग्रवाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक के.एल. गुप्ता शामिल हैं। पीठ ने समिति को सचिवालय सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया और कहा कि यह सहयोग एनआईए या किसी अन्य केंद्रीय एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराया जाना चाहिए। पीठ ने कहा कि यह जांच समिति अपनी रिपोर्ट शीर्ष अदालत के साथ ही राज्य सरकार को भी सौंपेगा। इससे पहले, राज्य सरकार ने न्यायालय को सूचित किया कि शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश डॉ. चौहान कुख्यात अपराधी विकास दुबे की मुठभेड़ में हुई मौत के मामले की जांच के लिए गठित समिति का हिस्सा बनने पर सहमत हैं। पीठ ने कहा कि यह समिति कानपुर के चौबेपुर थानांतर्गत बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों के मारे जाने और इसके बाद हुई मुठभेड़ की घटनाओं की भी जांच करेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि जांच समिति उन परिस्थितियों की भी जांच करेगी, जिसमें 65 आपराधिक मामलों का सामना कर रहे विकास दुबे को जमानत पर रिहा किया गया था। मेहता ने इस जांच समिति की कार्य-शर्तों को पढ़कर पीठ को सुनाया। इस पर पीठ ने टिप्पणी की कि हम जांच समिति के हाथ नहीं बांधना चाहते। जांच समिति के लिए कार्य-शर्तें रखना उचित नहीं है। जांच समिति की जांच का दायरा व्यापक होना चाहिए। शीर्ष अदालत उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दुबे और उसके पांच कथित साथियों की मुठभेड़ में हुई मौत के मामले की न्यायालय की निगरानी में जांच कराने का आग्रह किया गया था।
मां-बेटियों ने प्रेमियों से पतियों की हत्या कराई
बुलंदशहर। यूपी के बुलंदशहर में मां-बेटी ने अपने अवैध संबंधों में बाधक बनने पर पूरे फिल्मी अंदाज में अपने प्रेमियों के साथ मिलकर अपने पति का कत्ल करवा डाला। आरोपियों ने पहले बलवीर को डंडों से पीटा, फिर गोली मारकर कर दी। हालांकि पुलिस ने 13 दिन में ही हत्याकांड का खुलासा कर मृतक की पत्नी व पुत्री को उनके प्रेमियों सहित गिरफ्तार कर लिया है और हत्या में प्रयुक्त आला कत्ल को बरामद करने का दावा किया है।
बुलंदशहर के पहासू के गांव जटोला में रहने वाले 40 साल के किसान बलवीर सिंह की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसकी ही पत्नी व बेटी ने अपने आशिकों के साथ मिलकर करवा डाली। दरअसल, उसकी बेटी और पत्नी रानी के हेमंत और गोलू से अवैध संबंध थे, जिसकी भनक जब बलवीर सिंह को लगी तो उसने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। बस फिर क्या था मां-बेटी ने अपने प्रेमियों के साथ मिलकर रच डाली बलवीर सिंह के कत्ल की साजिश।
साजिश के तहत 9 जुलाई को जब बलवीर सिंह एक मोबाइल खरीद कर अपने घर पहुंचा, तो उसे फोन कर किसी ने बुलाया और उसके बाद वह घर नहीं लौटा। 11 जुलाई को उसका शव मिला। हत्यारों ने शव की पहचान मिटाने के लिए उसके चेहरे पर तेजाब भी डाल दिया था, लेकिन जब मृतक की शिनाख्त बलवीर के रूप में हुई। पुलिस ने शक के आधार पर जैसे ही उसकी पत्नी रानी और बेटी को हिरासत में ले सख्ती से पूछताछ की तो मां-बेटी ने कर दिया रिश्तों के कत्ल का खुलासा।
पुलिस ने मृतक की पत्नी-पुत्री उनके दोनों प्रेमियों व एक अन्य साथी सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और पांचों को जेल भेज रही है।
यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें
यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें सुनील श्रीवास्तव मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...
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