गुरुवार, 23 जुलाई 2020

प्रशासन का डरः असली हव्वा आया सामने

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाज़ियाबाद में चोर उचक्कों और गलियों में निठल्ले घूमने वाले आवारा शोहदों के बीच पुलिस का डर खत्म हो गया है। विजय नगर में छेड़छाड़ का विरोध करने वाले विक्रम जोशी की चिता की रख अभी ठंडी भी नहीं हुई है कि डासना में 11 साल की एक मासूम बच्ची से छेड़छाड़ के बाद छिछोरे लड़कों द्वारा उसके भाई की पिटाई का नया मामला सामने आया है।  इस मामले में पीड़ित परिवार ने मसूरी थाने में रिपोर्ट लिखाई है।  बच्ची दलित परिवार की होने के कारण इस मामले की जांच सीओ सदर धर्मेन्द्र चौहान को सौंपी गई है।  धर्मेन्द्र चौहान ने बताया कि उन्होंने मौका मुआयना करने के बाद मुकदमा दर्ज करने के लिए कहा है। कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, 15 जुलाई को चौथी कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची अपने घर के पास की एक दुकान पर कुछ सामान लेने के लिए गई थी। जहां वहां मौजूद लड़के उसे देखकर अश्लील गाने गाकर भद्दे इशारे कर रहे थे। इस दौरान उसका भाई वहां आया और विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की गई। हालांकि बाद में मौहल्ले का मामला होने के कारण परिवार माफ कर शिकायत नहीं की। आरोप है कि 17 जुलाई के उनके साथ मारपीट की गई। इसके बाद छिछोरे लड़के मिलकर लगातार परिवार को परेशान कर रहे थे। परेशान होकर पीड़ित परिवार ने बुधवार को थाने पहुंचकर इस मामले में शिकायत की।             


सभी को 7 दिन होम आइसोलेट की सलाह

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। होम आइसोलेशन वाले लक्षण विहीन कोरोना संक्रमितों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से रोजाना फोन करके उनके हालचाल लिए जाएंगे। यदि 10 दिनों की अवधि में किसी प्रकार का लक्षण प्रदर्शित होता है तो मरीज को उसकी आयु और को-मार्बिडिटीज की स्थिति के मुताबिक कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाएगा। दूसरी ओर से यदि 10 दिन की अवधि के दौरान कोई लक्षण प्रदर्शित नहीं होने पर उसे संक्रमण मुक्त मान लिया जाएगा। हालांकि प्रदेश सरकार की ओर से जारी की गई नई डिस्चार्ज पॉलिसी के मुताबिक 10 दिनों के बाद भी सात दिनों तक होम आइसोलेशन में रहना होगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनके गुप्ता ने बताया कि इस संबंध में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की ओर से जारी शासनादेश प्राप्त हो गए हैं। इसके अलावा कोविड फैसिलिटी में भर्ती लक्षण विहीन रोगियों में यदि लक्षण प्रदर्शित नहीं हुए हैं तो प्रारंभिक जांच के 10वें दिन अथवा भर्ती होने के सातवें दिन (जो बाद में आए) बिना जांच के डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। ऐसे रोगियों को आठ दिन होम आइसोलेशन में रहना अनिवार्य होगा। हल्के लक्षणों वाले रोगियों के लिए नई डिस्चार्ज पॉलिसी के मुताबिक पहले सैंपल के आठवें दिन फॉलोअप सैंपल ट्रूनॉट मशीन पर जांच हेतु लिया जाएगा। फालोअप सैंपल के निगेटिव आने की स्थिति में (लक्षण प्रदर्शित होने के उपरांत 10 दिवस) उस तिथि से सात दिन होम आइसोलेशन की सलाह के साथ डिस्चार्ज किया जाएगा। मध्यम तीव्रता वाले रोगियों को जिनमें लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के लक्षण हों। मतलब, खांसी, बुखार आदि के साथ सांस लेने में परेशानी और निमोनिया का असर हो तो ऐसे रोगियों को एल-2/3 में भर्ती किया जाएगा। ऐसे मरीज जो ऑक्सिजन देने के बाद भी शरीर में ऑक्सिजन का स्तर बनाए रखने में असमर्थ हों, उन्हें एल- 2/3 में भर्ती किया जाएगा, और साथ ही ऐसे रोगियों को 12 दिन उपरांत फॉलोअप सैंपल लेने के बाद निगेटिव आने पर सात दिन होम आइसोलेशन की सलाह के साथ डिस्चार्ज किया जाएगा। डिस्चार्ज करने से पूर्व इस बात पर ध्यान देना होगा, कि किसी प्रकार के लक्षण तो प्रदर्शित नहीं हो रहे है।       


'परिवहन उद्योग' को भारी नुकसान पहुंचा

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। लॉकडाउन के दौरान ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को भी भारी नुकसान पहुंचा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अचानक की गई लॉकडाउन की घोषणा के बाद ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े लोगों की ज़िंदगी यथार्थ रूप में ही थम गई थी और उन्हें इससे उबरने में अभी काफी समय लगेगा। परेशान ट्रांसपोर्टरों की एक बड़ी मांग थी कि उन्हें रोड टैक्स से राहत दी जाए।ट्रांसपोर्टरों की मांग पर विचार करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में सभी यात्री वाहनों को दो महीने और यात्री वाहनों को 1 महीने के लिए टैक्स से राहत दी है। परिवहन मंत्रालय के इस प्रस्ताव को योगी कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दी। सरकार के इस फैसले से करीब चार लाख यात्री वाहनों और डेढ़ लाख माल वाहक वाहन मालिकों को राहत मिलेगी। वहीं, इससे परिवहन विभाग को करीब 240 करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान होगा। माल वाहक वाहनों का अप्रैल का और यात्री वाहनों का अप्रैल और मई महीने का टैक्स माफ किया गया है। सरकार ने यह छूट मोटरयान अधिनियम-1997 के तहत दी है। माना गया है कि मालवाहन वाहन केवल एक महीने ही नहीं चले। मई से वे आवश्यक वस्तुओं को लाने- ले जाने के लिए उपयोग में लाए गए। इसी तरह यात्री वाहन अप्रैल और मई दो महीने नहीं चले। एक जून से यात्री वाहन भी संचालित होने लगे थे। इससे पहले प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन की वजह से मार्च और अप्रैल का कर न जमा करने वाले यात्री वाहनों और मालवाहक वाहनों को 5 फीसदी लगने वाली पेनाल्टी में छूट दी थी। इसके लिए 14 जुलाई को अधिसूचना जारी की गई थी कि 30 दिन के अंदर कर जमा करने वालों को यह छूट मिलेगी। परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव आरके सिंह ने बताया कि जिन वाहन संचालकों ने अप्रैल का कर जमा कर दिया है उनका कर आगे के महीनों में समायोजित कर दिया जाएगा।


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दिल्ली में संक्रमितों के लिए बिस्तर- 15475

नई दिल्ली। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की अरविंद केजरीवाल सरकार ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस के रोगियों के लिए शहर के सरकारी और निजी अस्पतालों में लगभग 78 प्रतिशत बिस्तर खाली हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग की बुलेटिन के अनुसार दिल्ली के अस्पतालों में कोविड-19 के रोगियों के लिए कुल 15475 बिस्तर हैं, जिनमें से केवल 3342 पर ही रोगी हैं। इससे संकेत मिलता है कि लगभग 78.40 प्रतिशत बिस्तर खाली हैं। दिल्ली में बुधवार को 1227 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 1.26 लाख से अधिक हो गई है। इसके अलावा 29 रोगियों की मौत के साथ ही मृतकों की तादाद 3719 तक पहुंच गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सोमवार को एक दिन में सामने आए संक्रमण के मामलों की संख्या गिरकर 954 रह गई थी, जो उसके अगले दिन यानि मंगलवार को बढ़कर 1349 हो गई।             


यूपी में संक्रमित संख्या 20 हजारः प्रसाद

लखनऊ। यूपी में सक्रिय कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 20 हजार पार कर गई है। ये जानकारी प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने दी।
बुधवार को प्रदेश में 2308 कोरोना के नए मामले पाए गए हैं। हालांकि, 33500 लोग पूरी तरह ठीक होकर घर जा चुके हैं।उन्होंने बताया कि मंगलवार को 45,650 सैपल्स की जांच की गई। अभी तक प्रदेश में 16 लाख सैपल्स की जांच हो चुकी है। उन्होंने बताया कि होम आइसोलेसन की जांच के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है और जो भी लोग होम आइसोलेसन में हैं चिकित्सकीय सहायता के लिए 1800-180-5146 पर कॉल कर सकते हैं।             


35 फ़ीसदी उपभोक्ता नहीं भरते हैं बिल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को लेकर एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। राज्य में 35 प्रतिशत उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने कनेक्शन लेने के बाद कभी भी बिजली बिल भरा ही नहीं। ये जानकारी उस वक्त सामने आई हैं जब 4000 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे की भरपाई के लिए उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) बिजली की कीमतों को बढ़ाने की तैयारी कर रही है।


उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने लखनऊ स्थित शक्ति भवन में 15 जुलाई को एक वर्चुअल मीटिंग की थी। इसमें एक रिपोर्ट पर चर्चा हुई, जिसमें इस बात का जिक्र था कि राज्य के 3 करोड़ सक्रिय उपभोक्ताओं में से 1.39 करोड़ ने कनेक्शन लेने के बाद कभी बिल ही नहीं भरे। इस रिपोर्ट को हिन्दुस्तान टाइम्स ने भी एक्सेस किया है।             


सबके लिए सरकारी नौकरी पाने का मौका

लखनऊ। लखनऊ में 8वीं पास से लेकर डिग्री होल्डर तक के उम्मीदवारों के लिए सरकारी नौकरी पाने का मौका है। एसजीपीजीआई लखनऊ ने 800 से ज्यादा पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं। इस भर्ती प्रक्रिया के तहत 21 वर्ष से लेकर 40 वर्ष तक के उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं।


एसजीपीजी लॉकडाउन स्टाफ नर्स रिकरुमेंट 2020 के तहत सिस्टर, जूनियर मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजिस्ट तकनीशियन (रेडियोग्राफी), चालक और चिकित्सा सामाजिक सेवा अधिकारी के पदों पर भर्ती की जाएगी।             


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...