शनिवार, 18 जुलाई 2020

गांव, घर, स्कूल, सड़क सब डूब गया

दरभंगा। जिले में बागमती नदी उफान पर है तो कमला बलान नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है। कमला में पानी बढ़ने से दरभंगा के कुशेश्वरस्थान प्रखंड में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। कुशेस्वरस्थान के पूर्वी इलाके में तो पानी लोगों के लिए तबाही है। पूरा इलाका किसी समंदर से कम नहीं लगता। चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी और इस बाढ़ के पानी में लोगों की जिंदगी नाव पर सवार होकर डगमगाते मंजिल की ओर चलती जाती है। नदी के इस रौद्र रूप को देखकर गाव की महिलाएं नदी में नाव पर सवार होकर कमला मइया के गीत गाकर उसके इस विकराल रूप को शांत करने का टोटका भी कर रही हैं।


बाढ़ के पानी के कारण कुशेश्वरस्थान के इठहर और सुघराईं पंचायत के हाल बेहद खराब है। स्कूल के अन्दर तक़रीबन चार से पांच फीट तक  पानी भरा है। स्कूल के कमरे में पानी भरा है स्कूल की खिड़कियां पानी में डूबी है तो गांव घर के हाल भी बुरे हैं. पूरा गांव पानी से घिरा है, घरों में पानी है, गरीबों की झोपड़ियां पानी में डूब चुकी हैं। सड़कें भी नजर नहीं आतीं।


बेपटरी हो चुकी जिन्दगी को पटरी पर लाने के लिए लोग जान बचाकर ऊंचे बांध पर अपने पशुओं के साथ शरण ले चुके हैं।  पशु और इंसान में फर्क मिट गया है। पेट की आग बुझाने के लिए बांध पर ही चूल्हे की आग जला कर सरकारी मदद की आस में जिंदगी की सांस बचा रहे है। खुद जैसे तैसे अपना पेट भर रहे इन बाढ़ पीड़ितों की समस्या इतने पर ही नहीं थमती बल्कि चारो तरफ पानी होने के कारण इनके लिए पशु की चारा एक बड़ी समस्या है।


इ लुकाछिपी से कोरोना ना भागीः लालू

पटना। राजद प्रमुख लालू प्रसाद और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने शुक्रवार को सरकार पर हमला करने के लिए भोजपुरी का इस्तेमाल किया है। राजद प्रमुख ने कहा है कि बिहार का हाल देख हमार दिल रो रहा है। राजद प्रमुख ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संबोधित करते हुए कहा है कि ‘ई लुकाछिपी से कोरोना ना भागी। जब सेनापति मैदान छोड़ के भागऽल रही त लड़ाई के लड़ी।’ आरोप लगाया है कि बेरोजगारी, भुखमरी और अपराध से जनता परेशान है। सरकार अपना चेहरा रंगने में लगी है। लगभग चार महीने हो गये। लोगों को रोजी-रोटी पर आफत है। ऐसे में सीएम चार महीने में चार बार भी बंगले से बाहर नहीं निकले।


उधर, राबड़ी देवी ने भी आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ‘अतिथि भूमिका’ में हैं। बाढ़, कोरोना, इलाज का अभाव, जल जमाव, ग़रीबी, पलायन, बेरोज़गारी समेत अनेक समस्याओं से बिहार त्राहिमाम कर रहा है लेकिन सूबे के मुखिया का कहीं पता नहीं है। संकट की घड़ी में उन्हें राज्यवासियों के बीच रहना चाहिए।


लालू जी चिंता न करें, बिहार सुरक्षित हाथों में : जदयू
प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने शुक्रवार को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को उन्हीं की भाषा भोजपुरी में जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि जब सत्ता में थे तो कुछ नहीं किए, आज भोजपुरी में बोलकर इस भाषा का मजाक उड़ा रहे हैं। संजय सिंह ने कहा कि लालू जी आप वहीं हैं न जहां आपको आपके नाम नहीं नम्बर से जाना जाता है। आपको बिहार की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि बिहार एकदम सुरक्षित हाथ में है। घबराने की कोई जरूरत नहीं है, नीतीश कुमार सभी मर्ज की दवा हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार घर से कितनी बार निकलते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। बिहार की जनता के लिए काम हो रहा या नहीं, इससे फर्क पड़ता है। आपलोगों को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा कि बिहार में इतना बेहतर तरीके से सबकुछ ठीक कैसे चल रहा है। कोरोना और बाढ़ में सीएम दिन-रात एक करके मेहनत कर रहे हैं। सभी जगह सुचारू रूप से काम चल रहा है।              


लक्ष्मण वालों को जांच की सुविधा दिलाएं

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वैसे मरीज जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण हैं, उन्हें किसी भी निर्धारित स्वास्थ्य संस्थान पर अपनी जांच कराने की सुविधा दिलाएं। इसके लिए संस्थान तय कर दें। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करे।पटना में इस तरह की व्यवस्था अविलंब प्रारंभ करा दें। साथ ही विज्ञापन एवं अन्य माध्यमों से लोगों को यह सूचना दी जाय कि कहां पर और किस प्रकार से जांच की यह व्यवस्था की जा रही है।


मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को मुख्य सचिव के साथ कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की और कई निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि एंटीजन जांच की व्यवस्था का विस्तार सुनिशित किया जाय, ताकि जांच कार्य एवं इसकी रिपोर्ट आने में और तेजी आ सके। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों की लगातार मॉनिटरिंग करें। उन्हें किसी प्रकार की चिकित्सा सुविधा की जरूरत होने पर अविलंब उपलब्ध करायी जाय। उनका मनोबल भी लगातार बनाये रखने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने अपील की है कि लोग धैर्य रखें, सचेत रहें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। अत्यंत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें और घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग अवश्य करें।               


पीलीभीतः 6 पुलिसकर्मी संक्रमित, थाना सील

राजेश गुप्ता


पीलीभीत। जनपद के एक थाने में एक साथ 6 पुलिसकर्मियों को कोरोना संक्रमित पाए जाने से जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है।जानकारी के अनुसार जनपद पीलीभीत के थाना अमरिया में पुलिसकर्मियों की रैंडम चेकिंग की गई थी जिसके अंतर्गत रेंडम चेकिंग कि आई रिपोर्ट में 6 पुलिसकर्मियों को कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि सीएससी अधीक्षक अमरिया लोकेश कुमार गंगवार ने की है। उन्होंने मीडिया को बताया है थाना अमरिया में तैनात 6 पुलिसकर्मियों को कोरोना संक्रमित पाया गया है।सभी कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मियों को पीलीभीत के L1 फैसिलिटी आयुर्वेदिक विद्यालय में भर्ती करा दिया गया है।इसी के साथही थाने में तैनात 66 पुलिसकर्मियों को क्वॉरेंटाइन करते हुए प्रशासन के द्वारा थाना अमरिया का 500 मीटर का एरिया भी सील करा दिया गया है।पूरे थाना को सैनिटाइजिंग किया जा रहा है। अधीक्षक लोकेश गंगवार ने आगे बताया है थाने के सभी लगभग 60 से 70 पुलिस कर्मियों का चेकअप किया जा रहा है।             


बनारस में एक साथ 51 संक्रमित मिले

मो0 सलीम


वाराणसी। सुबह-ए-बनारस और नियमो के तहत एक तरफ की खुलती दुकानों के बीच आज सुबह-ए-बनारस ने अपनी अलसाई आँखे खोली ही थी कि कोरोना ने भी शहर में अंगडाई ले डाली और एक एक साथ 51 नए संक्रमण के मामले सामने आने के बाद कोरोना के खौफ ने शहर बनारस को अपने आगोश में ले लिया है। इसके बाद भी सडको पर बेमतलब टहलने वालो की कमी भी नहीं है। बाज़ार थोड़ी ही सही खुली हुई है। सड़के भले तंग है मगर आप अपनी बाइक से बेमतलब निकल जाए। कोई काम हो न हो सिर्फ घूमना मकसद हो। चंद फुल लेने भी कम से कम तीन किलोमीटर दूर जाये। मगर इसके पहले आप एक बार गौरफरमाए कि हुजुर बनारस में कोरोना संक्रमण के मामलो ने एक हज़ार की तायदात पार कर दिया है।


बहरहाल, साहब जीवन आपका है। आपको सुरक्षित रखना है। हम अपनी खबर को पूरा कर दे रहे है कि यहाँ शहर बनारस जो अपनी मस्ती मौज में चलता रहता है, अब कोरोना के कहर से खौफज़दा हो रहा है। हर रोज नए मरीजों का मिलना बदस्तूर जारी है। आज शनिवार को सुबह 11 बजे तक आई रिपोर्ट में 51 लोग पॉजिटिव पाए गए है। वाराणसी में इस खतरनाक बीमारी से अबतक कुल 31 लोगों की जान भी जा चुकी है। जिले में कुल कोरोना मरीजों की संख्या 1169 हो गया है। जबकि 513 मरीज स्वस्थ होकर अपने अपने घरों के लिए डिस्चार्ज हो चुके हैं। वर्तमान में एक्टिव कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 625 है।


आप इस आकड़ो पर नज़र दौडाए। शहर में बने हॉटस्पॉट को आप कलम से नही बल्कि टहलते घूमते खुद देख रहे है। यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहेगा तो एक वक्त ऐसा भी आ सकता है कि गलियों के शहर बनारस में हर दो गलियों के बाद एक हॉटस्पॉट मिलेगा। आखिर प्रशासन भी आपको कब तक चिल्ला चिल्ला कर कहेगा कि सोशल डिस्टेंस बना कर रखे। आपकी मर्ज़ी है। इस भीड़ का आप हिस्सा बने रहना चाहते है या फिर खुद को और खुद के परिवार को सुरक्षित रखना चाहते है। घरो में रहे सुरक्षित रहे।             


रिकवरी दर 63.33 प्रतिशत तक पहुंची



नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत में कोविद -19 के मौजूदा 3.42 लाख रोगियों में से 1.94 प्रतिशत आईसीयू में हैं और 0.35 प्रतिशत वेंटिलेटर पर हैं। 2.81 प्रतिशत लोगों को ऑक्सीजन दी जा रही है जबकि रिकवरी दर 63.33 प्रतिशत तक पहुंच गई है। मंत्रालय ने कहा कि देश में कोविद -19 का वास्तविक आंकड़ा तीन लाख 42 हजार 756 है जबकि 6.35 लाख से अधिक लोग इस बीमारी से ठीक हुए हैं। पिछले 24 घंटों में 22,942 लोग बरामद हुए और उन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई।




मंत्रालय ने कहा कि वसूली दर को बढ़ाकर 63.33 प्रतिशत कर दिया गया है। देश में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। गुरुवार को इलाज की दर 63.25 प्रतिशत थी। मंत्रालय ने कहा कि दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश भारत में प्रति मिलियन 727.4 मामले हैं, जो कुछ यूरोपीय देशों की तुलना में चार से आठ गुना कम है।


इसके साथ, देश में महामारी की मृत्यु दर प्रति मिलियन 18.6 है, जो दुनिया में सबसे कम है। मंत्रालय ने कहा, "यह भी उल्लेखनीय है कि 1.94 प्रतिशत मरीज आईसीयू में हैं, 0.35 प्रतिशत वेंटिलेटर पर हैं और 2.81 प्रतिशत ऑक्सीजन बिस्तर पर हैं।" कुल मामलों में से 63.33 प्रतिशत ठीक हो गए हैं।


मंत्रालय ने कहा कि यह सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के समन्वित प्रयासों, डोर-टू-डोर सर्वेक्षण, संपर्क का पता लगाने, अलग-अलग क्षेत्रों की निगरानी, ​​निरंतर जांच और समय पर उपचार के कारण संभव हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि भारत ने कोविद -19 रोगियों की विभिन्न श्रेणियों के लिए देखभाल के मानक प्रोटोकॉल का अनुपालन किया है। प्रभावी नैदानिक ​​प्रबंधन नीतियों ने सकारात्मक परिणाम भी दिए हैं।


मंत्रालय ने यह भी कहा कि एन 95 मास्क और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की भी कोई कमी नहीं है। यह बताया गया कि केंद्र ने राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय संस्थानों को 235.58 लाख एन 95 मास्क और 124.26 लाख पीपीई किट प्रदान किए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, कोविद -19 की संख्या शुक्रवार को एक मिलियन से अधिक हो गई, जिसमें एक ही दिन में सबसे अधिक 34,956 मामले दर्ज किए गए। महज तीन दिन पहले यह आंकड़ा नौ लाख को पार कर गया था। शुक्रवार की सुबह आठ बजे तक के आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना वायरस के मामलों की कुल संख्या एक लाख तीन हजार 832 हो गई है, जबकि मरने वालों की संख्या बढ़कर 25,602 हो गई है और एक दिन में मरने वालों की अधिकतम संख्या 687 तक पहुँच गया है।



मौत के खौफ से गैंगस्टर ने किया सरेंडर

एनकाउंटर के खौफ से थाने में सरेंडर करने पहुंचा गैंगस्टर.



सहारनपुर। सीएम योगी की सरकार में बदमाशों के अंदर पुलिस का खौफ साफ नजर आने लगा है। इसका ताजा उदाहरण सहारनपुर के थाना देवबंद में तब देखने को मिला जब एक गैंगस्टर में निरुद्ध बदमाश छोटन निवासी गांव लबक़री अपनी गिरफ्तारी देने खुद ही थाने पहुंच गया।आए दिन हो रहे पुलिस-बदमाशों के बीच एनकाउंटर से भयभीत बदमाश ने कहा वर्तमान में जिस तरह पुलिस आफत बनकर अपराधियों पर टूट रही है, इससे उसे भी डर सताने लगा है। गैंगस्टर में वांछित छोटन हाथ मे तख्ती लिए हुए था जिस पर लिखा हुआ था कि मेरा नाम छोटन है और में लबकरी गांव का रहने वाला हूं और मैं कभी भी भविष्य में अपराध नहीं करूंगा।
रिपोर्ट:अंकुर गर्ग/आस मोहम्मद


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