शनिवार, 18 जुलाई 2020

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जुलाई 19, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-341 (साल-01)
2. रविवार, जुलाई-19, 2020
3. शक-1943, श्रावण, कृष्ण-पक्ष, तिथि- चतुर्दशी-महाशिवरात्रि, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:29,सूर्यास्त 07:23।


5. न्‍यूनतम तापमान 23+ डी.सै.,अधिकतम-36+ डी.सै.। भारी बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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शुक्रवार, 17 जुलाई 2020

भारत में सामुदायिक संक्रमण नहीं हैं


नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक भारत में अभी कोरोनावायरस कोविड-19 का सामुदायिक संक्रमण नहीं है। डब्ल्यूएचओ की ताजा जारी कोविड-19 स्थिति रिपोर्ट में 16 जुलाई तक के आंकड़े दिए गए हैं। डब्ल्यूएचओ ने अपनी इस रिपोर्ट में कहा है कि दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में मात्र 2 देश बांग्‍लादेश और इंडोनेशिया में कोरोना का सामुदायिक संक्रमण है। भारत, नेपाल, थाईलैंड, मालदीव, श्रीलंका और म्यांमार में सामुदायिक संक्रमण नहीं है। भूटान और पूर्वी तिमोर में कोरोना संक्रमण के बहुत कम मामले हैं। गत 16 जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक भूटान में कोरोना संक्रमण के 84 मामले और पूर्वी तिमोर में 24 मामले हैं।             


उत्तराखंड में 4 दिन कंप्लीट लॉकडाउन

देहरादून। शुक्रवार को 120 नए कोरोनावायरस मामले आने के बाद राज्य में 4102 कोरोनावायरस का आंकड़ा पहुंच गया है। जिसे देख आखिरकार सरकार ने शनिवार और रविवार को 4 जिलों में लॉकडाउन किए जाने का निर्णय लिया है। लगातार राज्य में बढ़ रहे कोरोनावायरस के संक्रमण को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है।


मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार के दोपहर में ही लॉकडाउन की बात कही थी और देर शाम इसकी गाइडलाइंस भी जारी हो गई है देखिए क्या रहेगी गाइडलाइंस। शासन ने रविवार और शनिवार को की जाने वाली तालाबंदी को लेकर आज नए आदेश जारी किए हैं। जिसके तहत शनिवार और रविवार को देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, नैनीताल कंप्लीट लॉकडाउन रहेगा इसमें आवश्यक सेवाएं शामिल नहीं होगी जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में काम किया जाता रहेगा कृषि व निर्माण कार्य भी चलते रहेंगे लिकर शॉप होटल मूवमेंट ऑफ पर्सन और गाड़ी जो इन कार्य से जुड़ी होगी उन को मंजूरी दी जाएगी। उत्तराखंड में यात्रा करने से पहले बाहरी राज्यों के लोगों को पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। अगर किसी ने कोरोना जांच 72 घंटे पहले कराई है और वो नेगेटिव है तो बिना क्वारंटाइन रूल के एंट्री मिलेगी। अपनी मेडिकल रिपोर्ट को स्मार्ट देहरादून पोर्टल पर अपलोड करना होगा जो कि सीमा पर चैक होगी।                         


अमरनाथ-यात्रा पर चरमपंथियों का साया

नई दिल्ली। भारतीय सेना के खुफिया सूत्रों को जानकारी मिली है कि चरमपंथी अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रदालुओं को निशाना बना सकते हैं। इसकी जानकारी देते हुए सेक्टर कमांडर 9 आरआर ब्रिगेडियर वीएस ठाकुर ने मीडिया को बताया कि चरमपंथी नेशनल हाइवे-44 पर हमले की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये पूरा इलाका बेहद संवेदनशील है और भारतीय सेना अमरनाथ यात्रा को शांतिपूर्वक कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। अमरनाथ यात्रा 21 जुलाई से शुरू होने वाली है। इससे पहले सेना को अपने खुफ़िया सूत्रों से जानकारी मिली है कि दक्षिण कश्मीर में इस वक्त 100 से ज़्यादा चरमपंथी मौजूद हैं जिसमें 25 से 30 विदेशी भी हैं। इस साल हर दिन महज 500 लोगों को अमरनाथ यात्रा जाने की इजाजत मिली है। यात्रा पर जाने वाले श्रदालुओं का यात्रा से पहले स्क्रीनिंग होगी, टेस्ट लिए जाएंगे।               


18 पॉजिटिव केस से विभाग में हड़कंप

भानु प्रताप उपाध्याय


शामली। जनपद में कोरोना का कहर ज़ारी है। अब ग्रामीण क्षेत्रो में भी निकल रहें है। कोरोना पॉजिटिव एक साथ अट्ठारह कोरोना पॉजिटिव केस सामने आने से मचा स्वास्थ्य विभाग में हड़कम, कोरोना पॉजिटिव मरीज़ो को लेने के लिये स्वास्थ्य विभाग की टीमें रवाना ज़िले में अब एक्टिव कोरोना पॉजिटिव मरीज़ो की संख्या हुई 59 ज़िला अधिकारी ने की पुष्टि।                 


आज की चिंता 'संपादकीय'

आज की चिंता    'संपादकीय'
 देश का प्रत्येक नागरिक अपने भविष्य को लेकर विचार-विमर्श के साथ-साथ परवाह भी करता है। अपने परिवार, राष्ट्र के प्रति यह प्रत्येक नागरिक का दायित्व भी है। इसके विपरीत देश के प्रधानमंत्री का देश के प्रति भी इसी प्रकार दायित्व बनता है। लेकिन परवाह उन्हीं लोगों की हो रही है जो देश की जनता को लूट-खसोट रहे हैं और भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। देश की परवाह विपक्ष के लोग भी करते हैं। भले ही वे जलन से करते हो। जो दल और विचार तो नहीं मानते हैं केवल वर्ग-समुदाय के सीमित दायरे में रहते हैं। वे लोग भी खूब परवाह करते हैं। आखिरकार सभी लोग परवाह करते हैं। ऐसा नहीं है कि देश के प्रधानमंत्री ने देश की जनता की परवाह नहीं की है। उन्होंने एक उन्नत नीति के आधार पर महत्वपूर्ण योजना पर कार्य किया है। जिसे उन्होंने 'मेक इन इंडिया' का नाम भी दिया है। 'मेक इन इंडिया' के तहत अभी तक भारत की जनता को केवल समझाया जा रहा है। प्रशिक्षण दिया जा रहा है। भारत विकास कौशल और स्किल इंडिया जैसे कई अभियान चलाकर व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। हालांकि आर्थिक स्थिति पर बात करने की कोई जरूरत नहीं है। कोई भी काम किया जाए, पैसा तो खर्च होता ही है। प्रचार-प्रसार नहीं होगा जागृति कैसे आएगी? आप जानते हैं, जनता इतनी ढीठ होती है। 10-15 साल 'पकोड़े तलने' के काम को सीखने में लगा देती है। 'मेक इन इंडिया' को धरातल पर लाने के लिए लापरवाही बरती जा रही है। कई संगठन हाथ पर हाथ धरे हुए बैठे हैं। यदि प्रचार-प्रसार अधिक विस्तृत होगा, तो योजना का आवरण भी विस्तृत होगा। ठीक है मान लिया जाए, महामारी है, लॉक डाउन लागू किया गया है। तो उसके साथ-साथ अनाज, चावल और चना भी तो सब लोग मिल बांटकर ही खा रहे हैं। देश के युवा-वर्ग को 'मेक इन इंडिया' पर फोकस करने की सख्त आवश्यकता है। आखिरकार देश का स्वर्णिम भविष्य आप लोग ही तो हैं। अगर अभी भी दिमाग में कोई फितूर है तो उसे निकाल देना चाहिए। सरकारी नौकरी और 'मेक इन इंडिया' में बस थोड़ा सा अंतर है। भारतीय रेल के सभी पुर्जे और हिस्सों का निर्माण इंडिया में ही होगा। लेकिन रेल का निजीकरण कर दिया जाएगा। यह कम उपलब्धि नहीं है। कम से कम रेल के हिस्से और पुर्जे तो भारत में बनेंगे। जो लोग छोटा-मोटा व्यापार, काम-धंधा करते थे। उन लोगों को भी इस अभियान का हिस्सा बन जाना चाहिए और ज्यादा कुछ नहीं कम से कम 'स्पेशल चाय' बनाने की ट्रेनिंग तो ले लेनी चाहिए। कुछ एडवांस लोग ट्रेनिंग ले चुके हैं। उन्हें देश हित में प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना करनी चाहिए। जो लोग इस अभियान में अधिक सहयोग नहीं कर सकते हैं। कम से कम इस अभियान की परवाह तो करें।


"अब बैठकर आंख भिढ़ाने के अलावा कोई काम नहीं है।
गुजरता वक्त बना देगा निकम्मा, यूं ही हम बदनाम नहीं है।
वफा तो अब करनी होगी, कुत्तों का ही यह काम नहीं है।
हर गले पर लटका है फंदा, बचेगा वही जिसे जुकाम नहीं है।
ऐ मेरे वतन के लोगों, पहले वाली तो यह सुबह-शाम नहीं है। जितना बेचैन है आलिम तू, उसी तरह मुझे भी आराम नहीं है।


राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'           


कोरोना के प्रेरकों को दिया जाए सम्मान

भानु प्रताप उपाध्याय 


भारत सरकार द्वारा बाबा रामदेव, अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार और रतन टाटा को कोरोना काल के सबसे बड़े प्रेरक का सम्मान दिया जायें- आरआरडी उपाध्याय


शामली। कोरोना के खिलाफ जंग में लोगों को प्रेरित करने वाले बाबा रामदेव, अमिताभ बच्चन, रतन टाटा और अक्षय कुमार को भारत सरकार द्वारा कोराना काल के सबसे बड़े प्रेरक का खिताब देने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को  समाजसेवी आर०आर०डी० उपाध्याय ने लिखा पत्र।
कोरोना काल के प्रारंभ होने से लेकर वर्तमान तक देश की चार महान हस्तियाँ बाबा रामदेव और अमिताभ बच्चन, रतन टाटा और अक्षय कुमार निरंतर देश व मानवता के लिए कार्य करते हुये, कोरोना वायरस के खोफ़ में जी रहे आम आदमी से लेकर खास आदमी तक को प्रेरित कर रहे है, उनका मनोबल बढ़ा रहें हैं।
समाजसेवी आर०आर०डी० उपाध्याय ने कहा कोरोना काल में कोरोना के खिलाफ जंग में ब्रांड एम्बेसडर बने "अमिताभ बच्चन" को करोड़ों लोगों फॉलों करते हैं, उन्हें सुनते हैं और उनकी बात मानते है। कोरोना आपातकाल में सदी के महानायक लोगों की प्रेरणा है। बच्चन के कोरोना पॉजिटिव होने पर सम्पूर्ण भारतवर्ष में लोग उनके स्वास्थ्य होने के लिए मन्नत मांगी है। हिन्दुस्तान में लॉकडाऊन शुरू होने से पूर्व ही बाबा रामदेव हिन्दुस्तान सहित दुनियां के बहुत से देशों को अपनी सेवाएं दे रहे है। कोरोना काल में देश विदेश के करोड़ों लोग बाबा रामदेव के साथ प्राणायम लोम-विलोम व योग आसन कर रहें है। उनके द्वारा बताये गयें गाढ़े नुक्सों का सेवन कर रहें है। बाबा रामदेव द्वारा निर्मित जिस दवाई पर अंगुली उठाई गई करोड़ों लोग उसकी डिमाण्ड कर रहे है। कोरोना काल के समय बाबा रामदेव के फ़ॉलोवर में उन्हें पसंद न करनें वालों, उन पर नकारात्मक टिप्पणी करने वालों की भी बड़ी संख्या मौजूद है। बाबा रामदेव ने देश और विदेश में कई करोड़ लोगों का मनोबल बढाया है। वह लोगों में सकारात्मक ऊर्जा संचालित कर रहें है, लोगों को प्रेरित कर रहें है।
अक्षय कुमार ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में केन्द्र सरकार  द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी नागरिक सहायता एवं आपात स्थति राहत कोष के ऐलान के तुरंत बाद 25 करोड़ बड़ी धन राशि देकर उद्यमीयों, खिलाड़ियों, फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को तो प्रेरित किया है साथ ही आम आदमी में भी मातृभूमि के लिए धन से योगदान करने की होड़ सी मची गयी। अक्षय कुमार से प्रभावित छोटे-छोटे बच्चों ने अपनी गुल्लक तोडनी शुरू कर दी यह एक जबरदस्त प्रेरणा और अद्भुत दृश्य था। कोरोना काल में 500 करोड़ रूपये देश को समर्पित करने वाले रतन टाटा का वह वाक्य 2021 में आप अपने परिवार के साथ ज़िन्दा है यही आपकी सबसे बड़ी पूंजी और सबसे बड़ा लाभ (आमदनी) है प्रत्येक हिन्दुस्तानी विशेष रूप से छोटे दुकानदार से लेकर बड़े व्यापारियों के दिलों को छु गयी। रतन टाटा के इस वाक्य ने सम्पूर्ण भारतवर्ष को प्रेरित किया है।
समाजसेवी कि कहना है कि ये चारों महान हस्ती कोरोना काल में हिन्दुस्तान के सबसे बड़े प्रेरक  हैं। इसी लिए भारत सरकार को इन्हें कोरोना काल के सबसे बड़े प्रेरक होने के सम्मान दिया जायें। यह सम्मान लाखों नागरिकों को राष्ट्र व मानवता के प्रति समर्पित होने के लिए प्रेरित करेगा।           


सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...