गुरुवार, 16 जुलाई 2020

29 दिन में बह गया 264 करोड का पुल

छपरा। बिहार में भारी बारिश से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। बिहार के छपरा से सटे गोपालगंज में 264 करोड़ की लागत से बना सत्तरघाट महासेतु पानी के दबाव से ध्वस्त हो गया है। इस महासेतु के ध्वस्त होने से चंपारण तिरहुत और सारण के कई जिलों का संपर्क टूट गया है। इस पुल पर आवागमन पूरी तरह बाधित है। इस बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पुल के ढहने को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह पुल इसलिए टूटा है क्योंकि इसमें भ्रष्टाचार हुआ है। तेजस्वी ने एक चैनल से बात करते हुए कहा कि इस पुल का पैसा अफसरों से वसूल किया जाना चाहिए।


बता दें कि यह पुल महज 29 दिन के अंदर पानी में बह गया। 16 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस महासेतु का उद्घाटन किया था।गोपालगंज को चंपारण से और इसके साथ तिरहुत के कई जिलों से इस महासेतु को जोड़ने का अतिमहत्वकांक्षी पुल था। जिसके निर्माण में करीब 264 करोड की लागत आई थी।गोपालगंज में तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी का बहाव था। गंडक के इतने बड़े जलस्तर के दबाव से इस महासेतु का एप्रोच रोड टूट गया। जिसकी वजह से आवागमन बाधित हो गया है। गोपालगंज के बैकुंठपुर के फैजुल्लाहपुर में यह पुल टूटा है। इस महासेतु का निर्माण पुल निर्माण विभाग की ओर से कराया गया था। 2012 में इस पुल का निर्माण शुरू किया गया और 16 जून, 2020 को इस महासेतु का उद्घाटन किया गया।


पुल निर्माण में लापरवाही को लेकर जांच की मांग उठने लगी है। बिहार विधानसभा में नेत प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसको लेकर नीतीश सरकार को घेरा है। आरजेडी नेता ट्वीट में कहा, ‘263 करोड़ से 8 साल में बना लेकिन मात्र 29 दिन में ढह गया पुल। बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है।’


अगस्त में होगा कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी का एक साल का कार्यकाल को 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। इसे बढ़ाने के लिए जल्द ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक करनी होगी। पार्टी को अपना निर्णय चुनाव आयोग को 10 अगस्त तक सूचित करना होगा।


हाल ही में कांग्रेस ने आयोग को बताया था कि कोरोना महामारी को रोकने के लिए 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के कारण नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है। आयोग के अधिकारियों का कहना है कि 10 अगस्त तक अध्यक्ष नहीं चुने जाने पर आयोग इस मामले में दखल देगा। निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस को नोटिस भेजकर राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर जानकारी मांगी है। पिछले साल 10 अगस्त को ही सोनिया गांधी ने कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी। उस समय एक साल के अंदर स्थाई अध्यक्ष चुन लिए जाने की बात आयोग को बताई गई थी. आयोग ने उसी सिलसिले में कांग्रेस से तकाजा किया।


बीते साल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को महज 52 सीटें मिली थीं। इसके बाद हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने तब कहा था कि वो अध्यक्ष के रूप में काम नहीं करना चाहते, लेकिन पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। कांग्रेस के नए अध्यक्ष के लिए पार्टी के कई नेताओं के नाम पर चर्चा होती रही, लेकिन कई दिनों की माथापच्ची के बाद कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर फिर से सोनिया गांधी को कमान सौंप दी गई। सोनिया गांधी अपने पहले अध्यक्षीय कार्यकाल में बहुत सफल रही थीं।


बिना ड्राइवर के जल्दी कपड़े सुखाए

मनोज सिंह ठाकुर


आपको इंटरव्यू के लिए जाना हो, लेकिन फॉर्मल शर्ट गंदी पड़ी हो, तो आपके पास उसे धोने के अलावा कोई चारा नहीं है, क्योंकि गंदी शर्ट पहला इम्प्रेशन भी गंदा ही देगी। अब आप कहेंगे कि शर्ट धुल तो 5 मिनट से भी कम समय में जाएगी, लेकिन अब उसे जल्दी सुखाएं कैसे? बात तो सही है, जब जल्दी हो, तो कपड़ों को धोने से ज्यादा उन्हें सुखाने का टेंशन होता है। पास में वॉशिंग मशीन न हो, तो यह काम और भी चैलेंजिंग बन जाता है। ऐसे में हम आपके लिए लाए हैं, कुछ काम के ट्रिक्स, जो बिना ड्रायर के ही आपको कपड़े जल्दी सुखाने में मदद करेंगे।
तौलिया
कपड़े को धोने के बाद उसे एक बड़े टॉवल में लपेटें और फिर ट्विस्ट करते हुए उसे निचोड़ें। एक टॉवल गीला हो जाए, तो यही प्रॉसेस दूसरे तौलिये से दोहराएं। तौलिये के कारण आपको बेहतर ग्रिप बनाने में मदद मिलेगी, तो वहीं उसके रेशे कपड़े में से पानी सोखने का काम करेंगे। इसके बाद फैन को फुल स्पीड पर कर, कपड़े को हैंगर पर टांग दें।
हेयर ड्रायर
फैन की हवा सीधे कपड़े पर नहीं लगती है, इसलिए पंखे के साथ ही हेयर ड्रायर का इस्तेमाल करें। इस पर वॉर्म मोड को सिलेक्ट करें, जिससे पानी को भांप बनने और कपड़े को जल्दी सूखने में मदद मिलेगी।
कूलर
हेयर ड्रायर न भी हो, तो कूलर आपके काम आ सकता है। कूलर की हवा को भी कपड़े पर डायरेक्ट किया जा सकता है। इस वजह से निचोड़े गए कपड़े को जल्दी सूखने में मदद मिलती है।
प्रेस
कपड़े को निचोडऩे के बाद उसे सुखाने के लिए प्रेस का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। हालांकि, यह ध्यान रखें कि पहले टेंपरेचर को लो पर रखें, ताकि कपड़े को नुकसान न पहुंचे और उस पर इस्तरी का निशान न बन जाए। इसके बाद जरूर कपड़े के फैब्रिक के अनुसार प्रेस के टेंपरेचर को सेट करें और क्रीज बनाते हुए उसे सुखाएं।


पायलट के लिए कांग्रेस का दरवाजा खुला

जयपुर। राजस्थान में मचे सियासी बवाल के बीच अब राहुल गांधी ने सचिन पायलट के लिए संदेश भेजा है। राहुल की ओर से संदेश दिया गया है कि सचिन पायलट पार्टी के सदस्य हैं और पार्टी के दरवाजे उनके लिए हमेशा खुले हैं। साथ ही सीएम अशोक गहलोत को सार्वजिनक बयान नहीं देने के लिए भी कहा गया है।


सूत्रों के मुताबिक, पार्टी आलाकमान भी सचिन पायलट पर निजी हमले से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज है। आजतक ने पहले ही सूचना दी थी कि पार्टी नेतृत्व ने सचिन पायलट को भेजे गए नोटिस के लिए अशोक गहलोत की खिंचाई की गई थी। बता दें कि गहलोत ने सीधे सचिन पायलट पर विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सरकार गिराने का आरोप लगाया है। गहलोत ने यहां तक कह दिया कि उनके पास इसके सबूत हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अबतक सचिन पायलट की तरफ से ये कहा जा रहा है कि उन्होंने पांच साल मेहनत की थी और सीएम पद पर कब्जा अशोक गहलोत ने जमा लिया।


राहुल गांधी के संदेश के बाद साफ हो गया है कि अभी सचिन पायलट के लिए कांग्रेस के दरवाजे बंद नहीं है। कांग्रेस में अभी सुलह-समझौते की गुंजाइश बची हुई है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा पायलट पर गंभीर आरोप लगाने के आधे घंटे के बाद ही कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट ‘वापस घर’ आएं और पार्टी फोरम पर खुलकर बात करें।


रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी कहा कि पायलट होनहार नेता हैं और आलाकमान ने उनके प्रति उदारता दिखाई है। हालांकि राजस्थान में सरकार गिराने की साजिश हुई है, जो जनमत का अपमान है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सचिन पायलट को दो बार विधायक दल की बैठक में बुलाया गया, लेकिन वो नहीं आए, इसलिए हमें भारी मन से सचिन पायलट पर फैसला लेना पड़ा है।


पुलिस की ज्यादती, दंपत्ति ने खाया जहर

गुना। मध्यप्रदेश के गुना जिले में किराए की जमीन पर खेती कर रहे किसान पति-पत्नी ने आत्महत्या करने का प्रयास किया। स्थानीय प्रशासन पुलिस वालों के साथ सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हटाने पहुंचे था। परिजनों के मुताबिक परिवार पर तीन लाख रूपये से अधिक का कर्जा है, वो किराए पर खेत लेकर कर्ज की रकम चुकाना चाहते थे। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। महिला की हालत नाजुक है।


गुना के सरकारी पीजी कॉलेज की जमीन पर राजकुमार अहिरवार लंबे समय से खेती कर रहे थे, मंगलवार दोपहर अचानक गुना नगर पालिका का अतिक्रमण हटाओ दस्ता एसडीएम के नेतृत्व में यहां पहुंचा और राजकुमार की फसल पर जेसीबी चलवाना शुरू कर दिया। राजकुमार ने विरोध किया तो उसे पुलिस ने पकड़ लिया।


राजकुमार का कहना था कि ये उसकी पैतृक जमीन है। दादा-परदादा इस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। उसके पास पट्टा नहीं है. जब जमीन खाली पड़ी थी तो कोई नहीं आया। उसने 4 लाख रुपए का कर्ज लेकर बोवनी की है। अब फसल अंकुरित हो आई है। इस पर बुल्डोजर न चलाया जाया. मेरे परिवार में 10-12 लोग हैं। अब मेरे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है। आत्महत्या करूंगा।


थोड़ी देर बाद उसकी पत्नी ने भी जान देने की कोशिश की, अतिक्रमण हटाने आए दस्ते के लोगों ने दोनों को पकड़ने का प्रयास किया तब तक काफी देर हो चुकी थी। बाद में दोनों को जबरन अस्पताल पहुंचाया गया। गुना तहसीलदार निर्मल राठौर ने कहा भूमि की नाप के बाद जब जेसीबी से कब्जा हटाया जा रहा था उस वक्त जो बटाईदार हैं उन्होंने किसी जहरीली वस्तु का सेवन कर लिया, उन्हें इलाज के लिये अस्पताल भेज दिया गया है। अस्पताल में राजकुमार की पत्नी की हालत नाजुक बताई जा रही है।


 


देश के पहले दृष्टिहीन आईएस की नियुक्ति

बोकारो। देश के पहले दृष्टिबाधित आईएएस अधिकारी राजेश सिंह ने झारखंड के बोकारो में पदभार ग्रहण किया। राजेश सिंह ने 32वें डीसी के रूप में बोकारो में पदभार ग्रहण किया है। उपायुक्त राजेश सिंह ने कहा कि सरकार ने मुझ पर भरोसा किया है और मैं खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। बोकारो जिले के विकास में मैं कोई कसर नहीं छोडूंगा। उन्होंने कहा है कि मैं गरीबों के लिए काम करूंगा क्योंकि मैंने संघर्षपूर्ण जीवन जिया है और संघर्ष को बहुत करीबी से जाना और देखा है। आपको बता दें कि आईएएस राजेश सिंह को झारखंड सरकार ने बोकारो का उपायुक्त बनाया है। राजेश सिंह झारखंड सरकार में उच्च तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास विभाग के विशेष सचिव थे।


वर्ष 2007 के आईएएस राजेश सिंह को वर्ष 2011 में पहली नियुक्ति मिली और इसके लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। कारण यह था कि उस वक्त कि सरकार आईएएस। बनने के बाद इनके दृष्टि को आधार बनाकर नियुक्ति देने को तैयार नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाली दो सदस्यीय पीठ ने तब यह फैसला दिया कि इसके लिए दृष्टि की नहीं दृष्टि कोण की जरुरत है।


राजेश सिंह पटना जिले के धनरुआ गांव के रहने वाले है और यह गांव विशेष तौर पर लड्डुओं के लिए विख्यात है। बचपन में क्रिकेट खेलने के दौरान इनकी दृष्टि चली गयी थी। इसके बाद इन्होंने देहरादून मॉडल स्कूल और उसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय तथा जेएनयू से पढ़ाई की और वर्ष 2007 में यूपीएससी की परीक्षा पास कर देश के पहले दृष्टिहीन आईएएस बने।


 कोरोना जैसे आपातकाल में राज्य सरकार ने बोकारो जैसे जिले का दायित्व सौंप कर इनके विलक्षण कार्य शैली पर भरोसा दिखाया है। पदभार ग्रहण करने के बाद बोकारो के नए उपायुक्त राजेश कुमार ने कहा की कोई भी कमी बाधा नहीं बनेगी। मैंने जिस संघर्ष से यहां तक पहुंचा हूं मुझे लोगों का सहयोग और साथ काफी मिला है ऐसे में मैं लोगों का और खासकर मीडिया वालों का भी आभार व्यक्त करता हूं उन्होंने मुझे संघर्ष के समय मेरा साथ दिया। उन्होंने कहा कि मुझ पर सरकार ने भरोसा किया मैं इस पर खरा उतरने का काम करूंगा।


पुणे की यरवदा जेल से 5 कैदी फरार

पुणे। महाराष्ट्र के पुणे में स्थित येरवडा जेल के 5 कैदी आज सुबह फरार हो गए हैं। जेल प्रशासन के अनुसार ये सभी नए कैदी थे जिन्हें हाल ही में येरवडा जेल के पास एक हॉस्टल में बनाई गई अस्थायी जेल में रखा गया था।


यहां उनका नियमानुसार कोरोना टेस्ट कराया गया था जिसकी जांच रिपोर्ट आना अभी बाकि है। पुलिस ने बताया कि कोरोना महामारी के मद्देनजर हमने ये अस्थायी जेल बनाई है। किसी भी नए कैदी की कोरोना टेस्ट होने तक यहां रखा जाता है और जांच में सब सही होने पर ही उसे जेल में एंट्री दी जाती है। कोरोना टेस्ट के इस प्रक्रिया के दौरान ही उक्त सभी कैदियों ने भागने का प्लान बनाया था। जिसके बाद उक्त आरोपियों ने पुलिस को चकमा देकर अस्थायी जेल में बिल्डिंग नंबर 4 की पहली मंजिल पर कमरा नंबर 5 की खिड़की को तोड़कर वहां से भाग निकले। पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि फरार कैदियों के नाम देवगण चव्हाण, गणेश चव्हाण, अक्षय चव्हाण, अंजिक्य कांबळे, सनी टायरन पिंटो हैं. कैदियों के फरार होने की सूचना के बाद से ही पुलिस इनकी तलाश में जुटी हुई है। पुलिस ने कहा कि वे जल्द की वापस कानून की गिरफ्त में होंगे।             


'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...