गुरुवार, 16 जुलाई 2020

नीति आयोग द्वारा अधिकारियों की बैठक

अश्वनी उपाध्याय, पालूराम


गाज़ियाबाद। मेरठ मंडल के जनपद मेरठ, गाज़ियाबाद, गौतमबुधनगर एवं बागपत में कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए सभी जन सामान्य को कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षित बनाने, कोरोना पीड़ित मरीजों का कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुरूप यथा समय इलाज संभव कराने तथा संभावित करोना मरीजों की खोज के संबंध में जीडीए के सभागार में नीति आयोग भारत सरकार के माननीय सदस्य विनोद कुमार की अध्यक्षता में सभी को पूर्ण के संक्रमण से सुरक्षित करने के उद्देश्य से आगे की कार्य योजना के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई हैं।
आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवम् परिवार कल्याण अमित मोहन प्रसाद के द्वारा प्रदेश स्तर पर कोविड-19 महामारी को लेकर की जा रही कार्रवाई एवं व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा पूरे भारत में 2 जुलाई से 12 जुलाई तक सर्विलेंस के लिए विशेष अभियान संचालित किया गया हैं। जिसमें संभावित कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की खोज एवं अन्य बीमारियों के संबंध में डाटा प्राप्त भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि जो भी संभावित कोरोना के व्यक्ति मिले है उनकी तत्काल पूरे प्रदेश में जांच करने के उपरांत पॉजिटिव पाए जाने वाले कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को आइसोलेट करते हुए उनका तत्काल इलाज संभव कराया जा रहा हैं।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी को लेकर प्रदेश सरकार निरंतर गंभीरता के साथ कार्यवाही सुनिश्चित कर रही हैं और पूरे प्रदेश में वर्तमान तक 11 लाख कोरोना टेस्टिंग कराई गई हैं, जो अन्य प्रदेशों से बहुत अधिक हैं, जन सामान्य को जागरूक करने के उद्देश्य से पूरे प्रदेश में लगातार कार्यक्रम किए जा रहे हैं, ताकि सभी जन सामान्य को जागरूक करते हुए कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षित किया जा सकें। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ने माननीय सदस्य को एनसीआर के लिए 5 लाख एंटीजन कि भारत सरकार के माध्यम से एनसीआर के जनपदों को उपलब्ध कराने एवम् अनुरोध किया गया ताकि दिल्ली के पास के एनसीआर जिलों में और अधिक तेजी के साथ कोरोना वायरस टिंग का कार्य आगे बढ़ाया जा सकें। बैठक में नीति आयोग के माननीय सदस्य के द्वारा उत्तर-प्रदेश में कोविड-19 महामारी को लेकर किए जा रहे प्रयासों की सराहना की तथा एंटीजन किट भारत सरकार के माध्यम से उपलब्ध कराने के लिए आश्वस्त भी किया गया हैं। इस अवसर पर मेरठ मंडल के कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने कोविड-19 को लेकर मंडल के जनपद गौतमबुधनगर, गाज़ियाबाद, मेरठ एवं बागपत में की जा रही कार्रवाई के संबंध में विस्तार पूर्वक रूप से जानकारी उपलब्ध कराई गई हैं।


उन्होंने बताया कि सभी जनपदों में संक्रमण की ट्रांसमिशन की चेन को तोड़ने के लिए लगातार विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर कोरोना मृत्यु दर को न्यूनतम करने के लिए भी अधिकारियों के स्तर पर विशेष प्रयास जानकारी हैं। उन्होंने कहा कि चारों जनपदों में 1,75,358 कोरोना टेस्टिंग की गई हैं। वहीं, दूसरी ओर विगत 26 जून से 12 जून तक इस कार्य में तेजी लाकर 11,618 कोरोना टेस्टिंग की गई हैं, वहीं 2 जुलाई से 12 जुलाई तक चलने वाले विशेष सर्विलांस अभियान के अंतर्गत 32 लाख 78 हज़ार 871 सर्वे का कार्य भी सुनिश्चित किया गया हैं। जिसके तहत चारों जनपदों में 14,333 कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों की खोज की गई हैं।


उन्होंने बताया कि इन जनपदों में 772 कोविड हेल्प टेक्स्ट स्थापित हैं तथा 2, 277 गांव एवं शहरों में मोहल्ला निगरानी समिति कार्य कर रही हैं। नीति आयोग के माननीय सदस्य के द्वारा चारों जनपदों के जिलाधिकारियों से भी कोविड-19 महामारी के संबंध में फीडबैक प्राप्त किया गया हैं। जिलाधिकारी गाज़ियाबाद के द्वारा माननीय सदस्य को अवगत कराया गया है कि जनपद में अत्यंत गंभीर मरीजों के लिए दिल्ली जैसी सुविधाएं जनपद में उपलब्ध नहीं हैं और यहां के मरीज दिल्ली में जाने पर वहां के चिकित्सालयों में उनका इलाज नहीं किया जा रहा हैं। माननीय सदस्य के द्वारा इस बिंदु पर बहुत ही गंभीरता के साथ विचार किया गया है और भारत सरकार के माध्यम से कार्रवाई करने के लिए आश्वस्त भी किया गया हैं। इसी प्रकार उन्होंने लोनी एवं खोड़ा व दिल्ली से सटे हुए होने के कारण वहां पर कोविड-19 को लेकर एकरूपता के साथ कार्रवाई करने के लिए भी माननीय सदस्यों को अवगत कराया गया हैं।बैठक में अन्य जनपदों के जिला अधिकारियों द्वारा भी अपने-अपने जनपद में कोविड-19 महामारी को लेकर की जा रही कार्रवाई के संबंध में विस्तार पूर्वक रूप से जानकारी उपलब्ध कराई गई हैं। आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में एनसीआर के जनपदों के संबंध में सभी अधिकारियों के कार्यो की सराहना की गई हैं और आगे भी इसी क्षमता के साथ कार्य करने की अपेक्षा की गई हैं। उन्होंने अंत में अपने उद्बोधन मैं कहा है कि करोना महामारी से जन सामान्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से जनता के सहयोग से इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाए और इसे पैनिक ना करते हैं, जनता को जागरूक करने के लिए विशेष जागता कार्यक्रम संचालित किया जाए। दूसरी ओर उन्होंने कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुरूप ही सभी अस्पतालों में इलाज करने का आवाह्न किया ताकि सभी मरीज यथा समय एक होकर अपने घर पहुंच सकें। अंत में जिला अधिकारी अजय शंकर पांडे ने माननीय सदस्य एवं सभी अधिकारियों का धन्यवाद किया हैं।              


गाजियाबाद में नकली दवाइयों का जखीरा

अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। गोविंदपुरम स्थित मून फार्मा पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग ने छापामारी कर नकली दवा के 243 डिब्बे बरामद किए हैं। पकड़े गए माल की कीमत बाज़ार में पौने पांच लाख रुपए बताई जा रही है। इस छापेमारी की सूचना से दवा व्यापारियों में हड़कंप मच गया है।


औषधि निरीक्षक अनिरूद्ध कुमार ने बताया कि प्रदेश मुख्यालय से सूचना मिली थी कि गोविंदपुरम स्थित मून फार्मा में नकली दवा का कारोबार हो रहा है। सूचना मिलने के बाद सहायक आयुक्त औषधि मेरठ मण्डल वीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में टीम ने जब छापा मारा तो उन्हें मौके पर नकली दवा के 243 डिब्बे बरामद हुए। टीम के मुताबिक नकली दवा अमोकसी मून सीवी 625 ग्राम के 243 डिब्बे थे, जिसकी बाजार में कीमत करीब पौने पांच लाख रुपए बताई जा रही है।


औषधि निरीक्षक टीम ने बताया कि हमें अमोकसी मून नाम की गुणवत्ता को लेकर शिकायत की गई थी। शिकायत मिलने दवाई का नमूना राजकीय प्रयोगशाला में भेजा गया था। जांच में दवा नकली पाई गई, जिसके बाद शासन से छापेमारी के आदेश किए गए। स्थानीय औषधि निरीक्षक अनिरुद्ध कुमार व बागपत औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर संयुक्त रुप से उक्त मेडिकल फर्म पर छापेमारी के दौरान शामिल थे। उन्होंने बताया कि अमोकसी मून सीवी 625 ग्राम यूरिन व दूसरे इंफेक्शन में यूज की जाती है। एक डिब्बे में करीब 100 गोलियां हैं। जबकि एक पत्ते की कीमत करीब 196 रुपए अंकित है। इस मामले में मून फार्मा के संचालक विपिन कुमार अग्रवाल के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।               


लापता विक्रम त्यागी की सूचना पर इनाम

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। 26 जून से लापता चल रहे बिल्डर विक्रम त्यागी की सूचना देने वाले व्यक्ति को गाज़ियाबाद पुलिस की ओर से 50 हजार रुपए का इनाम मिलेगा। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि सूचना देने वाले का नाम और पहचान भी गुप्त रखी जाएगी।  राज नगर एक्सटेंशन की केडीपी ग्रांड सवाना सोसायटी में रहने वाले विक्रम त्यागी अंतिम बार 25 जून को पटेल नगर में देखे गए थे। उनकी खून से सनी कार मुजफ्फरनगर में मिली थी लेकिन विक्रम के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है।


वहीं विक्रम त्यागी की बरामदगी को लेकर पुलिस की नाकामी पर लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को विक्रम त्यागी की बरामदगी की मांग को लेकर लोग सड़क पर उतर आए थे और उन्होंने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की थी। मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे थे और क्रोधित लोगों को जहां समझा-बुझाकर शांत किया था। उस समय एसपी सिटी मनीष मिश्रा ने मौके पर लोगों को आश्वस्त करते हुए बताया था कि मामले की जांच एसटीएफ को भी सौंप दी गई है। इसके अलावा 10 अन्य टीमें इसके लिए कार्यरत हैं।               


जानिए 'उधम रजिस्ट्रेशन' और उठाएं लाभ

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। केंद्र सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत एमएसएमई में बदलाव कर इसमें उद्यमियों को रजिस्टर करने के लिए 1 जुलाई से एक अलग पोर्टल शुरू गया है जिसका नाम हैं ‘उद्यम रजिस्ट्रेशन’। इस पोर्टल के माध्यम से नए और पुराने दोनों प्रकार के उद्यम पंजीकृत कराए जा सकते हैं। इस पोर्टल की विशेषता यह हैं कि इसमें केवल आधार नंबर और सेल्फ डिक्लेरेशन के साथ पंजीकरण कर सकते हैं, इसके अलावा इसमें अन्य किसी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होती हैं। इसलिए यह पेपरलेस सुविधा के रूप में उभर सकता हैं। अतः यदि आप एक नए उद्यम हैं तो एमएसएमई के इस नए सिस्टम के तहत रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को पूरा पढ़ें।  


सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम आकार के उद्योगों (MSME Industries) के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए पोर्टल www.udyamregistration.gov.in पर की जा रही है। यह पोर्टल कदम-कदम पर इंडस्ट्रीज को गाइड भी करेगा.


उद्यम रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन पोर्टल क्या है


हम सभी जानते हैं कि एमएसएमई मंत्रालय ने 1 जून 2020 को निवेश एवं टर्नओवर के आधार पर एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए नए मापदंड निर्धारित किये हैं। उसके बाद 26 जून, 2020 को एमएसएमई मंत्रालय द्वारा इसकी विस्तार से अधिसूचना जारी की गई थी। इस अधिसूचना में पंजीकरण की प्रक्रिया को स्पष्ट किया गया था। अब उद्यम रजिस्ट्रेशन नाम से एक अलग पोर्टल बनाया गया हैं. यह पोर्टल एवं इसमें रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया 1 जुलाई, 2020 से शुरू गई है।  इस पोर्टल में नए एवं पुराने सभी उद्यम रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे।


उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया


30 जून 2020 से पहले से पंजीकृत उद्यम 31 मार्च 2021 तक की अवधि के लिए मान्य रहेंगे। इसके बाद के उद्यमों के लिए कोई सीमा का निर्धारण नहीं किया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह हैं एक उद्यम केवल एक व्यवसाय के लिए रजिस्टर कर सकता है। इसमें रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया इस प्रकार है –



  • सर्वप्रथम आपको उद्यम रजिस्ट्रेशन के अधिकारिक पोर्टल की लिंक पर क्लिक करना होगा।

  • इस वेबसाइट पर पहुँचते ही आपको होम पेज में ‘उद्यम रजिस्ट्रेशन’ सेक्शन में ‘वेलकम टू रजिस्टर हियर’ का विकल्प मिलेगा, जोकि नए उद्यमियों के लिए हैं और दूसरा ‘यू कैन रि – रजिस्टर हियर’ होगा। जोकि पुराने उद्यमियों के लिए होगा।

  • आप अपने अनुसार विकल्प का चयन करें। इसके बाद आप अगले पेज में पहुंचेंगे जहां आपके सामने रजिस्ट्रेशन करने के लिए कुछ जानकारी भरने के लिए कहा जायेगा। उसे भर कर आप सबमिट कर दें। आपका इसमें रजिस्ट्रेशन हो जायेगा।

  • इस अधिकारिक पोर्टल में आपको संपर्क करने के लिए फोन नंबर एवं ईमेल आईडी भी दी गई है। जिसके माध्यम से जो भी जानकारी आपको प्राप्त करना हो आप कर सकते हैं।


उद्यमियों के लिए एमएसएमई मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं


एमएसएमई मंत्रालय ने जिला स्तर और क्षेत्रीय स्तर पर सिंगल विंडो सिस्टम के रूप में एमएसएमई के लिए एक मजबूत सुविधा तंत्र स्थापित किया है। इस सिंगल विंडो सिस्टम के तहत उन उद्यमियों की मदद की जाएगी, जोकि किसी कारण से उद्यम पंजीकरण में दर्ज होने में सक्षम नहीं हैं। यानि कि जिनके पास वैध आधार संख्या नहीं हैं, वे सिंगल विंडो सिस्टम से सम्पर्क कर सकते हैं। ऐसे लोगों को अपने आधार नामांकन रिक्वेस्ट या पहचान, बैंक फोटो पासबुक, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस अपने साथ ले जाना होगा। इसके बाद ही सिंगल विंडो सिस्टम उन्हें आधार नंबर प्राप्त करने के बाद उद्यम के रूप में पंजीकरण करने की सुविधा प्रदान करेगा।


जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र की महत्वपूर्ण भूमिका


जिला स्तर पर उद्यमियों की सुविधा के लिए जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी) को जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह एमएसएमई मंत्रालय ने हाल ही में और बाद में भी देश भर में ‘चैंपियन कण्ट्रोल रूम्स’ को उद्यमियों को पंजीकरण में सुविधा प्रदान करने के लिए कानूनी रूप से जिम्मेदार बनाया है। यदि किसी उद्यम के पास पहले से उद्यम रजिस्ट्रेशन नंबर है, तो उसे अपनी जानकारी को उद्यम पंजीकरण पोर्टल में ऑनलाइन अपडेट करना होगा। इसमें उन्हें पिछले वित्तीय वर्ष के लिए आईटीआर और जीएसटी रिटर्न का विवरण और स्वयं के आधार पर आवश्यक अन्य अतिरिक्त जानकारी देनी हो सकती हैं।


सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम उद्यमियों एमएसएमई की नई परिभाषा


आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी सेक्टर के लिए कई फैसले लिए उन्हीं में से एक था एमएसएमई की नई परिभाषा। इसके लिए आवश्यक दिशा निर्देशों बनाने के बाद इसे जून माह से लागू किया जाना था, किन्तु अब इसे 1 जुलाई, 2020 से लागू किया गया है।  एमएसएमई की नई परिभाषा को निम्न श्रेणी के आधार पर समझाया गया है –



  • सूक्ष्म उद्यम  इस श्रेणी के उद्यम में प्लांट, मशीनरी एवं उपकरण में निवेश 1 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होता हैं, और सालाना टर्नओवर 5 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होता है।

  • लघु उद्यम इस श्रेणी के उद्यम में प्लांट, मशीनरी एवं उपकरण में निवेश 10 करोड़ रुपये तक होता हैं और सालाना टर्नओवर अधिकतम 50 करोड़ रुपये तक होता है।

  • मध्यम उद्यम इस अंतिम श्रेणी के उद्यम में प्लांट, मशीनरी एवं उपकरण में निवेश 50 करोड़ रुपये और सालाना कारोबार 250 करोड़ रुपये तक का होता है।


निवेश की गणना किस तरह से की जाती है


प्लांट, मशीनरी या उपकरण में निवेश की गणना आयकर अधिनियम, 1961 के तहत, दायर की गई पिछले वर्ष की आयकर रिटर्न पर आधारित होती है। इसके अलावा आपको बता दें कि प्लांट और मशीनरी में भूमि, भवन, फर्नीचर और फिटिंग के अतिरिक्त सभी संपत्ति शामिल की जाती है। गुड्स और सर्विस टैक्स आइडेंटिफिकेशन संख्या वाली वे सभी यूनिट्स जोकि एक ही स्थायी खाता संख्या के विरुद्ध लिस्टेड है, उसे सामूहिक रूप से एक उद्यम माना जाता है। इन यूनिट्स का उपयोग सूक्ष्म, लघु या माध्यम उद्यम के रूप में श्रेणी तय करने के लिए, टर्नओवर और निवेश की गणना के लिए किया जाता है।


एमएसएमई में शिकायत निवारण मैकेनिज्म


किसी भी तरह की विसंगति या शिकायत के मामले में, संबंधित जिले के जिला उद्योग केंद्र में महाप्रबंधक उद्यम द्वारा प्रस्तुत उद्यम पंजीकरण की जानकारी के सत्यापन के लिए एक जाँच करेंगे। इसके बाद अधिकारी राज्य सरकार से संबंधित निदेशक या आयुक्त या उद्योग सचिव को आवश्यक रिमार्क के साथ मामले को आगे बढ़ाने के लिए कहेंगे। और फिर अधिकारी उद्यमों को एक नोटिस जारी करेंगे, उन्हें अपने केस को पेश करने का अवसर भी दिया जायेगा। वे निष्कर्षों के आधार पर जानकारी को संशोधित भी कर सकते हैं। साथ ही वे अपने उद्यम पंजीकरण प्रमाण पत्र को रद्द करने के लिए एमएसएमई मंत्रालय को सिफारिश भी कर सकते हैं।


एमएसएमई के वर्गीकरण, पंजीकरण और सुविधा का यह नया सिस्टम बेहद सरल और अभी तक की सबसे फ़ास्ट – ट्रैक, सहज और विश्वव्यापी बेंचमार्क प्रक्रिया साबित हो सकता है, और यह ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम भी है।         


साइबर ठगों के निशाने पर गाजियाबाद

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। तमाम नसीहतों और पुलिस की सतर्कता के बावजूद भी आम जनता साइबर ठगों का शिकार हो ही जाती है। ऐसा नहीं है कि साइबर ठग आपसे ज्यादा समझदार हैं। लेकिन सभी ठग हमारी लालची मानसिकता का लाभ उठाना अच्छी तरह से जानते हैं। ठग, मानव स्वभाव के उस लालची पक्ष को उकसाते हैं जिसमें वह रातों रात अमीर बनने के सपने देखता है या फिर मुफ्त के माल के पीछे भागता है।  


ऐसा ही कुछ हुआ वसुंधरा सेक्टर 4 ए में रहने वाले कौशल किशोर के साथ। चार दिन पहले उन्हें एक फोन आया और कॉल करने वाले ने उन्हें एक बहुत ही लुभावना ऑफर दिया।  ऑफर में भोजन की एक थाली 200 रुपए की बताई गई। ऑफर के अनुसार उन्हें 10 रुपए ऑनलाइन पे करने के बाद बाकी कीमत डिलवरी बॉय को चुकानी थी।  थाली में बताए गए व्यंजनों के हिसाब से थाली की कीमत काफी कम थी और बस फिर क्या था कौशल ने सस्ते के लालच में आकर तुरंत अपने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 10 रुपए का भुगतान कर दिया।      


थोड़ी ही देर में उनके पास एक के बाद एक कर 7 मैसेज आए जिन्हें देखकर उनके होश उड़ गए।  साइबर ठगों ने कौशल किशोर को सस्ती थाली काल लालच देकर उनके खाते से 70 हजार रुपए निकाल लिए। बहरहाल उन्होंने क्रेडिट कार्ड को ब्लॉक करा कर थाने में रिपोर्ट लिखा दी है।  थाना एसएचओ संजीव शर्मा का कहना है कि मामले में रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।               


गाजियाबाद एनसीआर का एपिक सेंटर

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। कुल 3,700 कोरोना संक्रमितों के साथ अब गाज़ियाबाद उत्तर प्रदेश और एनसीआर का एक नया एपीक सेंटर बन गया है। बुधवार को गाज़ियाबाद जिले में 144 नए संक्रमितों की पहचान हुई है। इस अवधि में 30 मरीजों को कोरोना मुक्त होने के बाद विभिन्न अस्पतालों से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वर्तमान में जिले में 1407 सक्रिय मरीज हैं।  पिछले 24 घंटों के दौरान गाज़ियाबाद में 2 अलग-अलग अस्पतालों में दो संक्रमितों की मौत हो गई जिनकी पुष्टि करने से स्वास्थ्य विभाग ने इनकार कर दिया है।


क्वारंटाइन सेंटरों का है बुरा हाल


गाज़ियाबाद में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे क्वारंटाइन सेंटरों का हाल काफी बुरा है।  यहाँ भर्ती मरीज सोशल मीडिया के माध्यम से अपना दुख दुनिया को बता रहे हैं।  अधिकतर सेंटरों में सफाई की व्यवस्था नहीं के बराबर है। भर्ती मरीजों द्वारा शेयर की जा रही वीडियो से पता चलता है कि टायलट में पानी उपलब्ध नहीं है जबकि नालियाँ चोक हो चुकी हैं और उनका गंदा पानी वार्डों में फैला हुआ है। हज हाउस में बने क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती एक मरीज ने बताया कि यहाँ पैकेट बंद खाना दिन में सिर्फ दो बार मिलता है और वह भी ठंडा होता है।  टायलेट में पानी की व्यवस्था नहीं है, पीने और नहाने आदि के लिए नगर निगम ने एक टैंकर लाकर खड़ा किया हुआ है जिस से दिन भर पानी टपकता रहता है।


अत्यंत दबाव में काम कर रहा है सरकारी तंत्र  


चाहे वह क्वारंटाइन सेंटर हों या फिर कोविड स्पेशल अस्पताल, सभी जगह मरीजों का भारी दबाव है।  विदित तथ्य है कि गाज़ियाबाद जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का पहले से ही बुरा हाल था। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों और सपोर्ट स्टाफ की संख्या बहुत कम है। ऐसे में हर दिन बढ़ते कोरोना संक्रमितों के कारण सरकारी स्वास्थ्य तंत्र बेहद दबाव में काम कर रहा है


मिले होम क्वारंटाइन की सुविधा   


ज़्यादातर कोरोना संक्रमितों और उनके परिजनों की मांग है कि गाज़ियाबाद में भी दिल्ली की तरह ही होम क्वारंटाइन की सुविधा मिले।  अर्बन जिला होने के कारण जिले के अधिकतर लोग कोरोना और उससे बचाव के तरीके जानते हैं और मरीज को एक अलग कमरे में रखकर उसकी देखभाल करने में सक्षम हैं। जो परिवार मरीज की देखभाल नहीं कर सकते हैं, उनके लिए सरकारी और निजी अस्पताल मौजूद हैं।


क्वारंटाइन सेंटरों के डर से नहीं करा रहे हैं टेस्ट


जिले में बहुत से व्यक्ति ऐसे भी है जिनमें कोरोना के लक्षण स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं लेकिन उन्हें डर है कि यदि उनका रिजल्ट पॉज़िटिव आता है तो प्रशासन उन्हें सरकारी क्वारंटाइन सेंटरों में भेज देगा जहां की हालत बहुत अच्छी नहीं है।  ऐसे में यदि प्रशासन होम क्वारंटाइन की अनुमति दे देता है तो संभव है कि ज्यादा से ज्यादा लोग स्वेच्छा से कोरोना टेस्ट कराने के लिए सामने आएंगे।


दिल्लीः झुग्गी बस्ती में आग 70 झुग्गी राख

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर बड़ा हादसा हुआ है। राजधानी के शाहबाद डेयरी इलाके में बुधवार देर रात भीषण आग लग गई। इस आग की चपेट में आकर 70 झुग्गियां जलकर राख हो गईं। हालांकि, इस दुर्घटना में अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।


गौरतलब है कि बुधवार देर रात करीब 11.26 बजे दमकल विभाग को एक सूचना मिली कि शाहाबाद में भयानक आग लग गई है, आग तेजी से फैल रही है और झुग्गियों को अपने हाथ में ले लिया है। जिसके बाद 26 वाहनों के साथ दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और राहत और बचाव कार्य शुरू किया। करीब ढाई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद शाहाबाद में लगी आग पर दोपहर करीब 2 बजे काबू पाया गया।


फिलहाल कूलिंग ऑपरेशन चल रहा है। बताया जा रहा है कि आग की वजह से 70 झुग्गियां पूरी तरह से जलकर राख हो गईं। हालांकि, यह राहत की बात है कि इस दुर्घटना में कोई घायल नहीं हुआ है। वहीं, आग लगने का कारण अभी तक साफ नहीं हो पाया है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आग कैसे लगी?              


'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...