मंगलवार, 14 जुलाई 2020

कांग्रेस को यूपी में भी लगा झटका

सचिन कुमार गुप्ता


जयपुर। राजस्थान में मचे अंदरूनी कलह के बीच कांग्रेस पार्टी को उत्तर प्रदेश में भी झटका लगा है। यहां विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने साक्ष्यों के अभाव में विधायक अदिति सिंह और राकेश सिंह की सदस्यता रद्द करने की कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया। वहीं, हरदोई के भाजपा विधायक नितिन अग्रवाल पर फैसला सुरक्षित रखा गया है।


कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा ने रायबरेली सदर विधायक अदिति सिंह और हरचंदपुर सीट से विधायक राकेश सिंह के खिलाफ दलबदल कानून के तहत 16 नवंबर 2019 को सदस्यता खत्म करने के लिये याचिका दायर की थी। दोनों विधायक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते हैं। सरकार गठन के बाद से ही सभी मौकों पर अपनी पार्टी लाइन से इतर भाजपा सरकार का समर्थन किया है। कांग्रेस से बगावत कर चुकी अदिति सिंह को राज्य सरकार ने ग्रेडेड सुरक्षा दी है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 का मामला हो या प्रवासी श्रमिकों के लिए कांग्रेस की तरफ से एक हजार बसों के चलाने की पेशकश, अदिति सिंह ने पार्टी लाइन से इतर अपनी आवाज मुखर की है।
रायबरेली सदर की कांग्रेस विधायक अदिति सिंह रायबरेली के पूर्व विधायक अखिलेश सिंह की पुत्री हैं। वे 2017 में चुनाव लड़ी थीं। वहीं, रायबरेली की ही हरचंदपुर सीट से कांग्रेस विधायक राकेश सिंह भाजपा में शामिल हो चुके एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह के सगे भाई हैं।               


हॉस्पिटल के अंदर डॉक्टर की धुनाई की

पंचकूला में सरकारी अस्पताल के डाक्टर की धुनाई, देखे ऐसे क्या हुआ
राणा ओबरॉय


पंचकूला। पंचकूला के सेक्टर 6 स्थित सामान्य अस्पताल में एक डॉक्टर द्वारा नर्स के साथ छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया है। जिससे मंगलवार को नर्सों का गुस्सा फूट गया और उन्होंने आइसोलेशन वार्ड में तैनात आरोपी डॉक्टर की जमकर धुनाई कर दी। नर्सों ने डॉक्टर को जमकर थप्पड़ मारे। कैमरे के सामने पूरा घटनाक्रम हुआ।


इससे पूर्व नागरिक अस्पताल सेक्टर 6 पंचकूला में शनिवार देर रात एक डाक्टर द्वारा नर्स से छेड़छाड़ मामले में नर्सिंग वेल्फेयर एसोसिएशन पंचकूला डाक्टर के खिलाफ लामबंद हो गई है। नर्सिंग वेल्फेयर एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि डाक्टर पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वह आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगी। पीएमओ को लिखे पत्र में नर्सों ने कहा कि डाक्टर के खिलाफ केस दर्ज करवाया जाए। डाक्टर को अस्पताल से भेज दिया, जिससे साफ दिख रहा है कि डाक्टर को बचाने की कोशिश हो रही है।


20 लाख रूपये किलो बिकता है कीड़ा




नई दिल्ली। दुनिया का सबसे महंगा फंगस या यूं कहें कि कीड़ा यानी हिमालयन वियाग्रा जो बाजार में करीब 20 लाख रुपए प्रति किलो की दर से बिकता है। उसका कारोबार अब एकदम चौपट हो गया है। अब इसे कोई 1 लाख रुपए प्रति किलो की दर से भी खरीदने नहीं आ रहा है। चीन को इस कीड़े की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। लेकिन भारत के साथ सीमा विवाद के चलते और कोरोना वायरस की वजह से इस बार इस कीड़े का कारोबार चौपट हो गया है। इतना ही नहीं इसे अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने ख़तरे की सूची यानी रेड लिस्ट में डाल दिया है।







IUCN का मानना है कि इसके कारोबार में आई कमी की वजह है इसका ज्यादा इस्तेमाल। इसे शारीरिक दुर्बलता, यौन इच्छाशक्ति की कमी, कैंसर आदि बीमारियों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। अब IUCN की सूची में नाम आने के बाद हिमालयन वियाग्रा के बचाव के लिए राज्य सरकारों की मदद लेकर एक योजना तैयार की जा रही है. हिमालयन वियाग्रा 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में मिलती है। हल्द्वानी स्थित वन अनुसंधान केंद्र ने जोशीमठ के आसपास किए गए रिसर्च में पाया कि पिछले 15 सालों में इसकी उपज 30 प्रतिशत कम हो गई है। इसकी मात्रा में आई कमी का सबसे बड़ा कारण है इसकी मांग, ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज। इसके बाद ही IUCN ने हिमालयन वियाग्रा को संकट ग्रस्त प्रजातियों में शामिल कर ‘रेड लिस्ट’ में डाल दिया है।






हिमालयन वियाग्रा को भारतीय हिमालयी क्षेत्र में कीड़ाजड़ी और यारशागुंबा के नाम से भी जाना जाता है। इसका नाम कीड़ाजड़ी इसलिए रखा गया है क्योंकि यह आधा कीड़ा और आधा जड़ी है। हिमालयन वियाग्रा जंगली मशरूम है, जो एक खास कीड़े के कैटरपिलर्स को मारकर उसके ऊपर पनपता है। इस जड़ी का वैज्ञानिक नाम ओफियोकॉर्डिसेप्स साइनेसिस है। जिस कीड़े के कैटरपिलर्स पर यह उगता है, उसे हैपिलस फैब्रिकस कहते हैं।






पिछले 15 सालों में हिमालयन वियाग्रा की उपलब्धता में 30 फीसदी की कमी आई है। ये भारत के अलावा नेपाल, चीन और भूटान के हिमालय और तिब्बत के पठारी इलाकों पाई जाती है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़, चमोली और बागेश्वर जिलों में ये काफी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मिलती है। मई से जुलाई महीने के बीच जब पहाड़ों पर बर्फ पिघलती है तो सरकार की ओर से अधिकृत 10-12 हजार स्थानीय ग्रामीण इसे निकालने वहां जाते हैं। दो महीने इसे जमा करने के बाद इसे अलग-अलग जगहों पर दवाओं के लिए भेजा जाता है।






हिमालयन वियाग्रा की एशियाई देशों में बहुत ज्यादा मांग है। सबसे ज्यादा मांग चीन, सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में है। इन देशों के बिजनेसमैन इसे लेने भारत, नेपाल तक चले आते हैं। एजेंट के जरिए खरीदने पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 20 लाख रुपए प्रति किलो तक पहुंच जाती है। एशिया में हर साल इसका 150 करोड़ रुपए का व्यवसाय होता है।  हिमालयन वियाग्रा का सबसे बड़ा कारोबार चीन में होता है। इसे पिथौरागढ़ से काठमांडू भेजा जाता है और फिर वहां से यह भारी मात्रा में चीन ले जाया जाता है। लेकिन इस साल कोरोना वायरस के कहर के चलते, साथ ही भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद के चलते हिमालयन वियाग्रा का व्यवसाय चौपट हो गया।               




शपथ ग्रहण के साथ विभागों का बंटवारा

रायपुर। मुख्यमंत्री निवास में संसदीय सचिवों के शपथ ग्रहण के बाद तत्काल विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। सभी 15 संसदीय सचिवों को अलग-अलग विभागों में दायित्व सौंपा गया है। जो अब मंत्रियों के विभागों के काम काज में उनका सहयोग करेंगे। बता दें कि कुछ देर पहले ही संसदीय सचिवों को सीएम निवास में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है।









संसदीय सचिवों को को इन मंत्रियों के साथ किया गया अटेच 









  • द्वारिकाधीश यादव – मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम

  • विनोद चंद्रकार— मंत्री टीएस सिंहदेव

  • चंद्रदेव राय— मंत्री मो.अकबर

  • शकुंतला साहू— मंत्री रविंद्र चौबे

  • अंबिका सिंहदेव— मंत्री रुद्र कुमार

  • चिंतामणी महाराज— मंत्री ताम्रध्वज साहू

  • यू.डी मिंज— मंत्री कवासी लखमा

  • पारसथान राजवाड़े— मंत्री उमेश पटेल

  • इंदरशाह मंडावी— मंत्री जयसिंह अग्रवाल

  • कुंवरसिंह निषाद— खाद्य मंत्री अमरजीत भगत

  • गुरुदयाल सिंह बंजारे— मंत्री टीएस सिंहदेव

  • रश्मि आशीष सिंह— मंत्री अनिला भेड़िया

  • शिशुपाल शोरी— मंत्री मो.अकबर

  • रेखचंद जैन— मंत्री शिव डहरिया           


भुखमरी के कगार पर पहुंचे सेक्स वर्कर

 अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। वैसे तो कोरोना ने सभी बिजनेस की कमर तोड़ दी है लेकिन इसके चलते सेक्स इंडस्ट्री पूरी तरह से तबाह हो चुकी है। इसको लेकर सेक्स वर्कर्स ने तगड़ा प्रदर्शन किया। जर्मनी की लगभग 400 सेक्स वर्कर्स ने हैम्बर्ग शहर में प्रदर्शन किया। इन्होंने कोरोना वायरस के कहर के चलते कई महीनों से बंद ब्राथल हाउसेस यानि वेश्यालयों को फिर से खोलने की मांग करते हुए हैम्बर्ग के रेड लाइट इलाके में प्रदर्शन किया। इन सेक्स वर्कर्स का कहना था कि जब जर्मनी में सभी बिजनेस खोल दिये गये हैं तो इस बिजनेस को भी खोलने की इजाजत दे दी जानी चाहिए। सेक्स बिजनेस बंद होने से इससे जुड़े परिवार भूखे मरने को मजबूर हैं।

दरअसल, सरकार ने जर्मनी में दुकानों, रेस्तरां और बार सभी को दोबारा खोलने की इजाजत दे दी है। अब इसी को जर्मनी की सेक्स वर्कर मुद्दा बनाकर सरकार से मांग कर रही हैं कि जर्मनी में वेश्यावृत्ति कानूनी रूप से वैध है और उनके काम से किसी के लिए कोई बड़ा स्वास्थ्य जोखिम नहीं है इसलिए सरकार को ये काम फिर से शुरू करने की इजाजत देनी चाहिए। इन सेक्स वर्कर्स का प्रदर्शन इतना जोरदार था कि हैम्बर्ग के कई इलाकों की सड़कें घंटो जाम का शिकार हो गई।           


हर सूर्यास्त के बाद सूर्य उदय होता है

हर सूर्यास्त के बाद सूर्योदय होता है..!


बिलासपुर। कोरोना संक्रमण के कारण आर्थिक संकट से घिरे अधिवक्ताओं की समस्या किसी से छुपी नहीं है, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका भी मुख्यनायधीश पी आर रामचंद्रन मेनन एवं जस्टिस पी पी साहू के बेंच में चल रही है, जिसमे याचिका राजेश केशरवानी ने अपने अधिवक्ता संदीप दुबे के माध्यम से फाइल की है जिस पर सुनवाई में 18/06/2020 के अपने एक आदेश में वकीलों के दुर्दशा का जिक्र बहुत ही सवेंदनशीलता से किया था, हाईकोर्ट ने इसे अत्यन्त संवेदनशील बताते हुए एक राष्ट्रीय दैनिक में प्रकाशित समाचार का उल्लेख किया। जिसमें बताया गया था कि बेरोजगारी के कारण अधिवक्ता को आदिवासी इलाकों की टोकनियां बेचकर गुजारा करना पड़ा है। उन्होंने एक न्यूज़ टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपे खबर का हवाला दिया जिसमे अधिवक्ता अपने आर्थिक हालत ख़राब होने से टोकना बनाने का कार्य श्रमिक बनकर कर रहे है।


उस अधिवक्ता के कार्य से प्रदेश के सवेंदलशील मुख्यानाधिपति प्रभावित होकर उन्हें आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए अधिवक्ता के. उत्तमकुमाराम को पत्र लिखा। पत्र के साथ 10 हजार का चेक जारी करते हुई लिखा है।            


उथल-पुथल से खेल जगत में होगा बदलाव

नई दिल्‍ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण पूरे खेल जगत में उथल पुथल मची हुई है, हालांकि अब खेल की दुनिया फिर से पटरी पर लौटने की कोशिश में जुटी है. चार महीने बाद क्रिकेट की वापसी भी हुई. मगर भारतीय क्रिकेट अभी भी बंद है। मार्च में साउथ अफ्रीका के खिलाफ बारिश के कारण धर्मशाला वनडे रद्द होने के बाद कोविड के कारण पूरी सीरीज को ही रद्द कर दिया गया था। इसके बाद आईपीएल के 13वें सीजन को भी अश्चितकाल के लिए टाल दिया गया। इस वायरस ने भारतीय क्रिकेट के 2020 2021 क्रिकेट शेड्यूल में बड़े बदलाव के संकेत दे दिए हैं।


" alt="" aria-hidden="true" />चंदन अग्रहरि शाहगंज, जौनपुर। नगर में तेजी से पांव पसार रहे कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर प्रशासन 6 नए कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण का काम तेजी से शुरू किया है। कोरोना संक्रमण का दायरा स्थानीय नगर में फैलने लगा है। रविवार को 15 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन ने एराकियाना व पुराना चौक मोहल्ले में दो-दो और नोनहट्टा मोहल्ले में बैरिकेडिंग कराते हुए कंटेनमेंट जोन घोषित किया है। मोहल्ला हुसैनगंज में 250 मीटर के दायरे में दुकानों को बंद रखने का निर्देश दिया गया है। यहां पर बैरिकेडिंग नहीं की जाएगी क्योंकि हुसैनगंज मोहल्ला मुख्य मार्ग की दोनों पटरियों पर बसा है। बैरिकेडिंग लगाए जाने पर वाराणसी-अयोध्या मार्ग बंद हो जाएगा। उप जिलाधिकारी राजेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में सोमवार को प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भ्रमण करके लोगों को दिये आदेशों का अनुपालन करने को कहा। एसडीएम राजेश कुमार वर्मा ने कहा कि जो व्यक्ति आदेश का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


बीसीसीआई सभी सेंट्रल कॉन्‍ट्रेक्‍ट क्रिकेटर्स के साथ जुलाई के मिड में नेशनल कैंप शुरू करने की योजना बना रहा था, मगर देश के कई हिस्‍सों में लॉकडाउन, हवाई यात्रा की अव्‍यवस्‍था और सुविधाओं ने बीसीसीआई को इसे आगे टालने पर मजबूर कर दिया। टाइम्‍स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार इन सब पर नजर रखने वालों का कहना है केंद्र सरकार और राज्‍य सरकार की अनुमति के बिना बीसीसीआई कुछ भी नहीं कर सकता।               


'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...