मंगलवार, 14 जुलाई 2020

हरियाणा में लगेगा अल्पकालीन लॉकडाउन

गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्झर में कोरोना संक्रमण के मामले जा रहे बढ़ते


राणा ओबरॉय


चंडीगढ़। हरियाणा में भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर दो दिन का लॉकडाउन करने पर प्रदेश सरकार विचार कर रही है। गृह मंत्री अनिल विज ने इस बात के संकेत दिए हैं। सूबे में गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्झर में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि हरियाणा में कोरोना के बढ़ रहे मामलों को लेकर सरकार गंभीर है। हालांकि रिकवरी रेट बढ़िया है। लेकिन रोजाना बढ़ रहे आंकड़ों को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग चिंतित है। ऐसे में प्रदेश सरकार किसी भी समय कोई बड़ा फैसला ले सकती है।


हरियाणा में रोजाना मिल रहे 500 नए मामले


प्रदेश में इस समय रोजाना करीब 500 नए मामले कोरोना पॉजिटिव सामने आ रहे हैं। जिसमें अधिकतर मामले दिल्ली के साथ लगते क्षेत्रों में ही हैं। अनलॉक टू के साथ ही प्रदेश में कोराना का ग्राफ बढ़ गया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर पर एनसीआर क्षेत्र में लगातार अधिकारियों के माध्यम से निगरानी रखे हैं लेकिन कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है।


आपको बता दें कि पहले भी दिल्ली बार्डर दो बार सील हो चुका है। बार्डर सील होने पर सबसे अधिक दिक्कत दिल्ली में काम करने वाले व वहां के लोगों को होती है। रोजमर्रा की सप्लाई के अलावा दिल्ली में नौकरी पेशा लोग परेशान होते हैं। पहली बार जब बार्डर सील हुआ तो लोग हाईकोर्ट भी गए थे। जिसके बाद हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए ही सरकार ने बार्डर सील किया था।               


इम्यूनिटी बढ़ाने के 10 घरेलू उपाय

कोरोना महामारी के इस दौर में यदि वायरस से बचना है, तो अपना इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। जरूरी नहीं की हर छींक कोरोना हो, लेकिन हल्की खांसी और गले में खराश को लेकर बहुत परेशान हैं, तो घरेलू इम्यूनिटी बूस्टर लीजिए। इन सबके के लिए आपको अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसकी दवा आपकी रसोई में ही मौजूद है। बस, जरूरत है उसे जानने और दूसरों को समझाने की। तो चलिए आपको इम्यूनिटी बढ़ाने के घरेलू उपाय बताते है।









इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय

हल्दी- आप अच्छी तरह से जानते हैं कि हल्दी में एंटी ऑक्सीडेंट्स और एंटी इंफ्लेमेट्री गुण मौजूद होते हैं, जो सेहत के लिए काफी लाभकारी साबित हो सकते हैं। भारतीय मसालों में हल्दी का प्रमुख स्थान है और सेहत से जुड़ी कई प्रकार की बीमारियों और समस्याओं को दूर करने के लिए भी हल्दी का सेवन किया जाता है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हल्दी एक आयुर्वेदिक औषधि की तरह काम कर सकती हैं। हल्दी का सेवन करने के लिए आप दूध में हल्दी मिला सकते हैं या शहद और पानी में उबालकर इसका सेवन कर सकते हैं।








गिलोय- इस दौर में गिलोय की काफी चर्चा हुई है. खासकर इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए गिलोय कारगर औषधियों में मानी गई है। गिलोय का सेवन कर भी इम्यूनिटी को बढ़ावा मिल सकता है। इस आयुर्वेदिक औषधि का सेवन कई तरीके से किया जा सकता है। गिलोय आपको कैप्सूल के रूप में या फिर हरी पत्तियों के रूप में भी बड़ी आसानी से मिल जाएगी. गिलोय की पत्तियों का जूस के रूप में भी सेवन किया जा सकता है।


तुलसी- तुलसी भारतीय घरों में आसानी से मिल जाती है। तुलसी के पत्तों में भी एंटी ऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। तुलसी की पत्तियों का सेवन कर इम्यून सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है। तुलसी की पत्तियों का सेवन अगर शहद के साथ किया जाए तो यह इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में काफी लाभकारी साबित हो सकती हैं। ऐसे में अगर आप इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए इस उपाय को आजमाएंगे तो आपको जरूर फायदा हो सकता है।


अदरक- हमारे किचन में अदरक न सिर्फ स्वाद बढ़ाता है, बल्कि स्वास्थ्य को कई तरह के फायदे भी दे सकता है। सर्दी, खांसी और जुकाम से लेकर यह इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए काफी लाभदायक माना जाता है। अदरक में कई तरह के गुण होते हैं जो इम्यून सिस्टम को बूस्ट कर सकते हैं। अदरक में एंटी बैक्टीरियल, एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो इम्यून सेल्स बढ़ावा देते हैं। इसका सेवन आप चाय या पानी घोलकर शहद के साथ कर सकते है।


अश्वगंधा-अश्वगंधा का नाम आपने कई बार सुना होगा। आयुर्वेद में अश्वगंधा का इस्तेमाल कई रोगों से छुटकारा पाने में किया जाता है। इम्यूनिटी बढ़ने के लिए अश्वगंधा का सेवन आप दूध के साथ कर सकते हैं। अश्वगंधा का सेवन करने से इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाया जा सकता है। अश्वगंधा वाला दूध रात को सोने से पहले पीने से अच्छी नींद लेने में भी मदद कर सकता है।


लेमन ग्रास- लेमन ग्रास के औषधीय पौधे के बारे में आपने शायद ही पहले कभी सुना होगा। इस पौधे का तेल इम्यून सिस्टम के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। वायरल फीवर (मौसमी बुखार) और खांसी, सर्दी, जुकाम में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। पेट, आतों और यूरीनरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन से यह तुरंत राहत दिलाता है।


धनिय-धनिया सेहत का धनी होता है। इसलिए यह वायरल बुखार जैसे कई रोगों को खत्म करता है। वायरल के बुखार को खत्म करने के लिए धनिया की चाय बहुत ही असरदार औषधि का काम करती है। मॉनसून के मौसम में इसकी चाय आपको रोज सुबह शाम पीनी चाहिए।


काढ़ा चाय रेसिपी- इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए काढ़ा भारत में पुराने समय से इस्तेमाल किया जाता है. काढ़ा चाय बनाने के लिए पानी गर्म करें और पानी उबलने पर चाय की पत्तियां, नींबू का रस और शहद डालें। अब इसमें तेज पत्ता, कैरम बीज, काली मिर्च, 2 लौंग, हरी इलायची, 1 टेबल स्पून अदरक, 1 इंच कच्ची हल्दी जड़ डालकर उबाल लें। जब अच्छी तरह उबल जाए तो छान कर पी लें।


अदरक और मुलेठी वाली चाय रेसिपी- यह एक अचूक इम्युनिटी बूस्टर चाय रेसिपी है। यह चाय इम्यूनिटी बूस्ट करने के साथ ही फ्लू के लक्षणों को भी कम करेगी। एक कप चाय जो आपको सर्दी-जुकाम और खांसी से राहत दिलाएगी और इम्यूनिटी को भी करेगी स्ट्रॉन्ग। अदरक और मुलेठी वाली चाय बनाने के लिए पानी गर्म कर इसमें चायपत्ती, चीनी, मुलेठी और कद्दूकस किया हुआ अदरक डालें. इसे ढककर रख दें और 2 मिनट तक उबालें। उसके बाद पी लें।


योगा और प्राणायाम- इसके साथ ही योगा, ध्यान और प्राणायाम का भी सहारा लिया जा सकता है। बदली परिस्थितियों में आप यही छोटे-छोटे नुस्खे आजमाकर स्वस्थ रह सकते हैं, क्योंकि अभी अस्पताल और चिकित्सक कोरोना के मरीजों की जांच और देखरेख में व्यस्त हैं। इसलिए अस्पतालों में अनावश्यक दबाव बढ़ाने से बचें और सुरक्षित रहें।


हरियाणा: नए संक्रमित 689, संख्या 20929

महावीर जैन


चंडीगढ़।  हरियाणा में कोरोना संक्रमण की स्थिति अब उत्तरोत्तर गम्भीर रूप धारण करती जा रही है। राज्य में आज सायं तक कोरोना के 689 नये मामले आने के बाद राज्य में कोरोना मरीजों की कुल संख्या 20929 पहुंच गई है। वहीं इनमें से 308 लोगों की मौत हो चुकी है और 16637 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। राज्य में कोरोना के सक्रिय मामले अब 4984 हैं।
राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के कोरोना की स्थिति को लेकर यहां जारी बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। राज्य में काेरोना संक्रमण पॉजिटिव दर 5.84 प्रतिशत, रिकवरी दर 75.87 प्रतिशत जबकि मृत्यु दर 1.40 प्रतिशत है। राज्य के सभी 22 जिले इस समय कोरोना की चपेट में हैं। राज्य में कोरोना मामले अब लगातार बढ़ रहे हैं। गुरूग्राम जिले में अब तक कोरोना के सबसे ज्यादा कुल 6966 मामले आये हैं। इसके अलावा फरीदाबाद, सोनीपत, रोहतक, अम्बाला, पलवल और करनाल में जिलों में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। गुरूग्राम में आज कोरोना के 106, फरीदाबाद 130, अम्बाला 105, सोनीपत 60, रोहतक 63, महेंद्रगढ़ 46, पलवल 26, भिवानी और हिसार 24-24, झज्जर 18, रेवाड़ी 15, पानीपत 13, करनाल 10, कुरूक्षेत्र और चरखी दादरी नौ-नौ, नूंह और पंचकूला आठ-आठ, सिरसा सात, कैथल छह और यमुनानगर में दो मामले आये।
राज्य के जींद और फतेहाबाद में कोरोना का आज कोई नया मामला नहीं दर्ज किया गया। राज्य में कोरोना के कारण अब तक 308 लोगों की मौत हो चुकी है जिनमें 227 पुरूष और 81 महिलाएं हैं। गुरूग्राम में 107, फरीदाबाद में 101, सोनीपत 24, रोहतक 16, करनाल आठ, हिसार और पानीपत सात-सात, अम्बाला छह, रेवाड़ी और पलवल पांच-पांच, भिवानी, जींद और झज्जर चार-चार, नूंह तीन, यमुनानगर दो तथा महेंद्रगढ़, कुरूक्षेत्र, सिरसा, यमुनानगर, फतेहाबाद और चरखी दादरी में एक-एक मौत होने की बुलेटिन में पुष्टि की गई है।               


किशोरी से छेड़खानी के बाद गैंगरेप

बांदा। किशोरी से छेड़खानी और गैंगरेप करने वाले पांचों आरोपियों को कर्नलगंज पुलिस ने शनिवार को जेल भेज दिया। इनमें एक दरोगा के दो बेटे भी शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए रेप पीड़िता के कपड़े और ब्लड सैंपल को प्रिजर्व किया है। उनका डीएनए मैच कराया जाएगा।


बांदा की एक किशोरी को उसके फेसबुक फ्रेंड राहुल यादव ने बुलाया और उसे लेकर संगम गया जहां नहाने के दौरान उसके साथियों ने किशोरी से छेड़खानी की। आरोप है कि गुरुवार रात 10 बजे किशोरी को बक्शी बांध पर बुलाया। वहीं उसके चार साथी अमित, विकास दिव्यांशु और हिमांशु भी पहुंच गए। गैंगरेप के आरोपी दिव्यांशु और हिमांशु एक दरोगा के बेटे हैं। किशोरी ने मुकदमा दर्ज कराया है कि पांचों ने उसके साथ गैंगरेप किया। सूचना मिलने पर कर्नलगंज पुलिस ने शुक्रवार को मुकदमा दर्जकर सभी को गिरफ्तार कर लिया। शनिवार को इन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से पांचों को नैनी जेल भेज दिया गया। आरोपियों को परिजन नाबालिग बताने में लगे थे लेकिन कोर्ट में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सके।            


व्हाट्सएप पर निपटाए इन बैंकों का काम

कविता गर्ग


नई दिल्ली। देशभर में फैले कोरोना संकट के बीच कई बैंकों ने ग्राहकों को घर बैठे बैंकिग सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। इस समय जिस स्पीड से इंटरनेट और ऑनलाइन बैंकिग का क्रज बढ़ रहा है। इस बीच कई बैंक अपने ग्राहकों को WhatsApp पर बैंकिग सुविधाएं दे रहे हैं। इस लिस्ट में HDFC Bank, ICICI Bank, Kotak Mahindra Bank शामिल हैं।


नहीं लिया जाएगा कोई चार्ज


इस समय WhatsApp के जरिए ग्राहकों को रियल टाइम सुविधाएं मिल रही हैं। सबसे खास बात ये है कि इस सुविधा के लिए ग्राहकों से किसी भी तरह का चार्ज नहीं लिया जा रहा है।


किन लोगों को मिलेगी सुविधा


बता दें कि बैंक की ये खास सुविधा सिर्फ उन लोगों को मिलेगी, जिनका मोबाइल नंबर बैंक में रजिस्टर्ड है। अगर आपका मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड नहीं है तो आपको इस सुविधा का लाभ लेने में थोड़ी परेशानी हो सकती है।


मिलेंगी ये बैंकिग सुविधाएं



  • ग्राहक अपना अकाउंट बैलेंस चेक कर सकते है।

  • इसके अलावा आखिरी 3 लेनदेन की डिटेल्स मिलेगी।

  • क्रेडिट कार्ड की बकाया अमाउंट चेक कर सकते हैं।

  • क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाली क्रेडिट लिमिट चेक कर सकते हैं।

  • डेबिट/क्रेडिट कार्ड को ब्लॉक और अनब्लॉक करा सकते हैं।

  • प्री अप्रूवड लोन ऑफर की डिटेल चेक कर सकते हैं।

  • इंस्टासेव खाता (बचत खाता) ऑनलाइन खोल सकते हैं।


कैसे उठाएं व्हाट्सएप बैंकिंग सुविधा का लाभ:


 1: बैंक के WhatsApp नंबर को कॉनटेक्ट लिस्ट में सेव करें और मिस्ड कॉल दें।
2: एक मिस्ड कॉल देने के बाद आपको सदस्यता मिल जाएगी।
3: आपको बैंक के WhatsApp नंबर से एक वेलकम मैसेज मिलेगा।
4: किसी भी बैंकिंग सेवा के लिए WhatsApp के जरिए चैट शुरू करने के लिए एक मैसेज टाइप करें ‘Hi’.
5: अब आप जरूरत के हिसाब से आगे का विकल्प चुन सकते हैं।


ICICI Bank


ICICI Bank के ग्राहक कॉनटेक्ट लिस्ट में 8640086400 नंबर सेव करें और व्हाट्सएप मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए बैंकिग सुविधा शुरू कर सकते हैं।


HDFC Bank


HDFC Bank के ग्राहक अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से 70659 70659 पर एसएमएस भेजें या मिस्ड कॉल दें। अपने कॉनटेक्ट लिस्ट में 70659 70659 नंबर सेव कर ‘Hi’ लिखकर भेजें। मैसेज भेजने के बाद आपको उधर से वेलकम मैसेज मिलेगा।


सैनिकों की मौत छिपा रहा है चीन

अनिल मिश्रा


बीजिंग। ऐसा लगता है कि गलवान घाटी में हिंसक झड़प के दौरान मारे गए अपने सैनिकों को पहचानने के लिए चीन तैयार नहीं है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की सरकार सैनिकों के परिवारों पर दबाव बना रही है कि वे शवयात्रा और अंतिम संस्कार समारोह का आयोजन न करें।


आपको बता दें कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुआ था। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। साथ ही चीन के भी 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे। भारत ने बिना किसी हिचकिचाहट के सैनिकों के शहादत की बात को स्वीकार किया था। शहीदों को सम्मानपूर्वक अंतिम विदाई दी गई। वहीं चीन लगातार सैनिकों की मौत की बात से इनकार कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 जून को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान गलवान घाटी संघर्ष में शहीद होने वाले सेना के जवानों के प्रति संवेदना व्यक्त की थी। साथ ही कहा था कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।


चीन की बात करें तो सैनिकों के मारे जाने पर दुख जताना तो दूर, वहां उनके परिजनों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। पहले तो चीन की सरकार ने इस घटना के बाद सैनिकों के हताहत होने की बात से इनकार कर किया और अब सैनिकों को दफनाने से भी इनकार कर दिया है। यूएस न्यूड की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी खुफिया आकलन के अनुसार, चीन इस बात को स्वीकार नहीं कर रहा है कि हिंसक झड़प के दौरान उसके सैनिकों को मारा गया। ऐसा वह इसलिए नहीं कर रहा है कि अपनी एक बड़ी भूल को छुपा सके।


पूर्वी लद्दाख में चीन को यथास्थिति को बदलने के एकतरफा प्रयास के दौरान हिंसक झड़प का सामना करना पड़ा। भारत ने साफ-साफ कहा है कि यदि चीन द्वारा उच्चस्तरीय समझौतों पर अमल किया गया तो स्थिति को टाला जा सकता है। आपको बता दें कि चीन सरकार ने अब तक अपने कुछ ही अधिकारियों की मौत की बात को स्वीकार किया है। वहीं, न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाला से बताया था कि चीन के करीब 43 सैनिक या तो मारे गए थे या फिर घायल हुए थे। वहीं, अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने हिंसक झड़प के दौरान चीन के 35 सैनिकों की मौत की पुष्टि की है। इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्र ने यूएस न्यूज को बताया, ‘चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने झड़प में मारे गए सैनिकों के परिवारों से कहा है कि उन्हें पारंपरिक दफन समारोह और सैनिकों के अवशेषों का अंतिम संस्कार नहीं करना चाहिए। कोई भी अंतिम संस्कार किसी एकांत इलाके में होनी चाहिए।’ हालांकि सरकार ने इसके लिए कोरोना संक्रमण का हवाला दिया है। यह गलवान संघर्ष में मारे गए सैनिकों के बारे में किसी भी तरह की याद को मिटाने की कोशिश है।                    


डिलीवरी के बाद कमर दर्द अपनाएं ये उपाय

मनोज सिंह ठाकुर


प्रेगनेंसी के दौरान ही नहीं बल्कि डिलीवरी के बाद भी महिलाओं को कमर दर्द सताता है। डिलीवरी के बाद कई कारणों से कमर दर्द की शिकायत हो सकती है। इसकी वजह से महिलाओं को अपने नवजात शिशु की देखभाल और अन्य काम करने में भी दिक्कतें आ सकती हैं।
प्रसव के बाद कमर दर्द से छुटकारा पाने के आप घरेलू नुस्खे और घरेलू तरीके इस्तेमाल कर सकती हैं। यहां हम आपको डिलीवरी के बाद कमर दर्द दूर करने के घरेलू उपायों के बारे में बता रहे हैं।
डिलीवरी के बाद कमर दर्द कब तक रहता है
आमतौर पर डिलीवरी के बाद 6 महीने के अंदर कमर दर्द चला जाता है। इतने समय में रिलैक्सिन हार्मोन का स्तर सामान्य हो सकता है और शरीर अपनी सामान्य अवस्था में आ जाता है। मांसपेशियों के टोन, जोड़ों के टाइट और शरीर के दोबारा मजबूत होने पर कमर दर्द चला जाता है।
हालांकि, कुछ मामलों में मां के ज्यादा भारी शारीरिक काम करने की वजह से 12 महीने तक दर्द रह सकता है। महिलाओं को इतने लंबे समय तक दर्द सहने की जरूरत नहीं है क्योंकि वे कमर दर्द के घरेलू इलाज अपनाकर इस दर्द से छुटकारा पा सकती हैं।
कमर दर्द के घरेलू उपाय
*दिन में थोड़ी-थोड़ी देर में कमर की तेल से मालिश करें। मालिश से शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ता है और मांसपेशियों में दर्द से राहत मिलती है।
*कमर दर्द से राहत पाने के लिए गर्म या ठंडी सिकाई भी कर सकती हैं। गर्म या ठंडा वॉग्र बैग कमर के ऊपर लगाने से दर्द से आराम मिलेगा।
*आप दर्द निवारक ऑइंटमेंट भी कमर पर लगा सकती हैं। इससे तुरंत आराम मिलेगा।
डिलीवरी के बाद कमर दर्द कैसे ठीक करें
*डिलीवरी के बाद शिशु को लंबे समय तक गोद में उठाने से कूल्हों पर दबाव पड़ता है इसलिए ऐसा करने से बचें। हाई हील के फुटवियर न पहनें।
*डिलीवरी के तुरंत बाद कोई शारीरिक गतिविध न करें। नौ महीने के प्रेगनेंसी के बाद मांसपेशियों और जोड़ों को आराम की जरूरत होती है। ज्यादा भारी चीजें उठाने से बचें और वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज न करें क्योंकि इनकी वजह से मांसपेशियों और जोड़ों पर दबाव पड़ सकता है।
*आरामदायक पोजीशन में सोएं और सपोर्ट के लिए तकिए का इस्तेमाल करें।
डॉक्टर को कब दिखाएं
वैसे तो डिलीवरी के कुछ महीनों बाद ही कमर दर्द दूर हो जाता है लेकिन निम्न स्थितियों में डॉक्टर को दिखाने की जरूरत होती है :
*यदि दर्द तेज हो और धीरे-धीरे बढ़ रहा हो
*कमर दर्द के साथ बुखार भी हो
*किसी चोट जैसे कि गिरने की वजह से कमर में दर्द हो
*एक या दोनों पैर सुन्न हों
*डिलीवरी के 6 महीने बाद भी कमर दर्द ठीक न हो रहा हो


डिलीवरी के बाद पहले से ही शरीर कई तरह की परेशानियों से गुजर रहा होता है, ऐसे में कमर दर्द सहन करना आसान नहीं होता। शिशु और खुद की देखभाल भी इस समय जरूरी होती है लेकिन अगर आपको बहुत ज्यादा कमर दर्द हो रहा है और ऊपर बताए गए घरेलू तरीके भी काम नहीं आ रहे हैं तो डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।          


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