शनिवार, 11 जुलाई 2020

घुसपैठ करते आतंकियों को मार गिराया















 









कश्मीर। भारतीय सुरक्षाबलों ने जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकियों और घुसपैठियों के खिलाफ अभियान तेज कर रखा है। इसी कड़ी में सेना ने पाक घुसपैठियों की भारत के सीमा में दाखिल होने की एक और कोशिश को आज नाकाम कर दिया। साथ ही दो पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार गिराया गया है। सेना ने कश्मीर के नौगाम सेक्टर में शनिवार सुबह एलओसी पर संदिग्ध मूवमेंट देखी। जिसके बाद सेना तेजी से हरकत में आई और बारामुला के नौगाम सेक्टर के एलओसी पर आतंकियों के लिए घात लगाकर बैठ गई। पाकिस्तानी आतंकी जैसे ही भारतीय सीमा में दाखिल हुए तो सेना की कार्रवाई में दोनों आतंकी मारे गए। मारे गए आतंकियों के पास से दो एके-47 और लड़ाई में इस्तेमाल होने वाले गोला बारूद बरामद हुए हैं। सेना के सतर्कता की वजह से पाकिस्तानी आतंकियों के नापाक मंसूबे कामयाब नही हो पाए।


इससे पहले, एक जुलाई को जम्मू कश्मीर के राजौरी के केरी इलाके में सुरक्षाबलों को घुसपैठ की खबर मिली थी। जिसके बाद सुरक्षाबलों ने घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे आतंकी को मार गिराया गया। यह आतंकी सुबह तकरीबन 5.55 पर घुसपैठ की कोशिश कर रहा था। जानकारी है कि आतंकी 400 मीटर एलओसी के भारतीय इलाके में आ गया था, तभी सेना ने उसपर फायर किया था।
















सैनिटाइजर का अधिक उपयोग खतरनाक

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के इस दौर में फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर हमारी नॉर्मल जिंदगी के हिस्से बन गए हैं। डॉक्टर्स लोगों को सलाह देते हैं कि जितना हो सके आप साबुन और पानी से अपने हाथ धोएं। अगर आपके पास हाथ धोने की कोई सुविधा नहीं हो, उसी हालात में आप सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। सैनिटाइजर का उपयोग पिछले छह महीनों से हमारी जिंदगी में बढ़ गया है, इसलिए हमें इस बात से सावधान रहने की आवश्यकता है कि हम क्या उपयोग कर रहे हैं, ताकि यह हमारे लिए हानिकारक न हो। हम आपको बताते हैं कि कैसे हैंड सैनिटाइजर आपके स्वास्थ्य को कई तरीकों से प्रभावित कर सकता है। सैनिटाइजर में कम से कम 60 प्रतिशत अल्कोहल का होना जरूरी है, लेकिन कुछ सैनिटाइज़र ऐसे हैं, जिनमें अल्कोहल नहीं, बल्कि ट्रिक्लोसन होता है। ट्रिक्लोसन एक शक्तिशाली जीवाणुरोधी पदार्थ है, जिसका उपयोग कीटनाशकों में किया जाता है। इसे आपकी स्किन आसानी से ऑब्जर्व कर लेती है। ये आपके थायरॉयड फंगशन, लीवर और मसल्स को प्रभावित कर सकता है।


खाने से पहले हाथों पर सैनिटाइजर काइस्तेमाल नहीं करें हममें से कई लोग ऐसे भी हैं, जो कुछ भी खाने से पहले सेनिटाइजर का इस्तेमाल करते हैं। आपको पता हैं हैंड सैनिटाइज़र में बहुत सारे रसायन होते हैं जिनका सेवन करने से आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। खासकर छोटे बच्चों के इम्यून पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।


खुशबू वाला हैंड सैनिटाइजर न खरीदें


 जिन सैनिटाइजर में सेंट का इस्तेमाल किया जाता है, वो उतने ही अधिक विषाक्त पदार्थों और रसायनों से भरे होते हैं। सिंथेटिक सुगंध में हानिकारक तत्व होते हैं, जो अंतःस्रावी अवरोधक होते हैं और आनुवंशिक विकास को बदल सकते हैं।


आग लगा सकता है सैनिटाइजर


हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल से कई जलने की घटनाएं सामने आई हैं। हैंड सैनिटाइज़र में मौजूद अल्कोहल इसे अधिक ज्वलनशील बनाता है। यदि आप अपने हाथों पर सैनिटाइज़र लगाते हैं और आग के पास जाते हैं, तो यह जलने का कारण हो सकता है।


अपने मास्क को हैंड सैनिटाइजर से साफ न करें


हममें से कई लोग यही सोचते हैं कि मास्क को सैनिटाइजर से साफ करने से कीटाणुरहित हो जाएगा तो वो गलत सोचते है। ऐसा करने से मास्क में सैनिटाइज़र का वाष्प फंस सकता है और जब आप मास्क पहनते हैं तो ये मितली और उल्टी का कारण बन सकते हैं।             


सेनीटाइज के बाद घर में रखें सामग्री

सिंगरौली। कलेक्टर श्री राजीव रंजन मीना के द्वारा जिले के आम नागरिको को इस आषय की हिदायत दी गई है कि कोरोना वायर के संक्रमण के प्रभाव को रोकने के लिए बाहर से लाई जाने वाली संमग्रियो को पहले सेनेटाईज इसके बाद ही घर मे रखे। उन्होने कहा कि कोरोना महामारी का संकट अभी टला नही है जरूरत पड़ने पर ही घर के बाहर निकलने घर से निकलते समय मास्क लगाना न भूले। कलेक्टर ने कहा कि अपने हाथो के बार बार धोते रहे खासकर बाहर से आने पर पहले हाथो को सेनेटाईज करे इसके बाद ही घर मे प्रवेष करे। उन्होने बताया कि जिले महामारी से बचाव हेतु लोगो को बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। आम जन अभियान के दौरान बिमारी के बाचव के लिए जो सावधानिया बताई जा रही उनका हर हाल मे अनुसरण करें।


 कलेक्टर ने कहा कि बारिस के मौसम मे उत्पन्न होने वाली बिमारियो से अपना बचाव करे। उन्होने कहा कि सर्दी,खासी तथा बुखार की अवस्था मे तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र या आगनवाड़ी केन्द्र पर संम्पर्क करे ताकि बिमारी का उचित उपचार  किया जा सके।उन्होने कहा बारिस के मौसम मे  बच्चो की अच्छी तरह से देखभाल करे उनके दस्त प्रबंधन के लिए आगनवाड़ी केन्द्रो पर ओआरएस तथा जिंक की गोली आईएफए सिरप, पैरासीटामाल की गोली उपलब्ध है बच्चो के चोट लगने पर चोट के उपचार  के लिए मलहम पट्टी एवं डिटाल उपलंब्ध है समस्या होने पर तत्काल अपने क्षेत्र के आगनवाड़ी कार्यकर्ता से संम्पर्क करे।कलेक्टर ने आम नागरिको से आग्रह करते हुये कहा कि बर्षा जनित बिमारियो से बचने के लिए अपने आस पास की जगहो मे साफ सफाई रखे अपने आस पास कचरा तथा गदां पानी एकठ्ठा न होने दे पीने वाले पाली को साफ बर्तन मे ढककर रखे सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करे।                


साजिश का आरोप, 2 भाजपा नेता अरेस्ट

जयपुर। राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत की सरकार को कथित रूप से गिराने की कोशिशों के मामले में बीजेपी नेताओं का नाम सामने आया है। राजस्थान पुलिस ने इस मामले में दो बीजेपी नेताओं को देर रात हिरासत में लिया था। पूछताछ के बाद राजस्थान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया है।


रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान में विधायकों की खरीद फरोख्त मामले में ब्यावर के दो भाजपा नेताओं का नाम सामने आया है। इन नेताओं के नाम हैं भरत मालानी और अशोक सिंह. इन्हें ब्यावर उदयपुर से स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने गिरफ्तार किया है। राजस्थान SOG के मुताबिक मालानी की कॉल रिकॉर्डिंग से पता चला है कि विधायकों को खरीदने की कोशिश जा रही है।


इस खुलासे के बाद एसओजी ने भरत मालानी को हिरासत में ले लिया है, बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल जयपुर में उनसे पूछताछ हो रही है। भरत मालानी राजस्थान बीजेपी में कई पदों पर जिम्मेदारी निभा चुके हैं।


बता दें कि राजस्थान में सरकार गिराने की कोशिशों को लेकर स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने केस दर्ज किया है। एफआईआर के मुताबिक स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को कुछ फोन नंबरों की रिकॉर्डिंग के दौरान पता चला कि अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश चल रही है। एफआईआर के अनुसार, ऐसी बात फैलाई जा रही है कि राजस्थान में सीएम और डिप्टी सीएम में झगड़ा चल रहा है। ऐसी स्थिति में कुछ ताकतें निर्दलीय और कांग्रेस के विधायकों को तोड़कर इस सरकार को गिराना चाहते हैं।


एफआईआर में आरोप है कि बीजेपी नेता विधायकों को धन का प्रलोभन देकर अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं। राजस्थान का स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप इस मामले की जांच कर रहा है।


खादी की कोख में पल रहा था 'विकास'

खादी की कोख में पल रहा था विकास
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर पहुचे विकास ने किया था सरेंडर स्वांग सजाकर कर दिया गया एनकाउंटर
8 पुलिस कर्मियों को मौत के घाट उताने का था विकास पर आरोप
प्रदेश की पुलिस को चकमा देकर एमपी पहुचा था विकास यूपी पुलिस की हो रही थी भारी किरकिरी
पिछले दिनों एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की मात्र 9 दिनों पहले हुई थी शादी घर से उठा कर किया गया था एनकाउंटर
विकास के एनकाउंटर पर उठ रहें हैं सवाल एसटीएफ की कार्यवाही पर जताया जा रहा है बड़ा संदेह


महोबा,(रितुराज राजावत)। खाकी की कोख से जन्म लेने वाले विकास का अंत हो चुका है । उज्जैन से वापिस लाते हुए एसटीएफ कमिर्यो से होने वाली सीधी मुठभेड़ में विकास दुबे को मौत के घाट उतारा जा चुका है ।इस पूरे वाकये पर योगी सरकार की जमकर वाह वाही हो रही है तो वहीं प्रयासरत यूपी पुलिस को अपनी पीठ थपथपाने का स्वर्णिम अवसर प्राप्त हो गया है। वास्तविक विकास से अछूती जनता के समछ कुख्यात बदमाश माने जाने वाले विकास को मौत की नींद सुलाने का ढिढोंरा जोर शोर के साथ पीटा जा रहा है। न्यायपालिका को ठेंगें पर रखकर पुलिस और एसटीएफ कर्मियों द्वारा जिस प्रकार से इस एनकाउंटर की रूप रेखा बताई जा रही है वो न सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि हास्यपद भी मानी जा रही है। सूबे में योगी सरकार को आए तीन वर्ष से अधिक वख्त गुजर गया है। इस पूरे कार्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश में अपराध का ग्राफ कम होने की जगह अपने चरम पर जा पहुचा है। इसी बीच सरकार में तीन वर्ष गुजारने के बाद एकाएक योगी आदित्यनाथ के राज में एनकाउंटर के दौर की सुरूआत हो गई है। कानपुर कांड के बाद चिर निद्रा से जागी सरकार में खाकी द्वारा चुन चुन कर अपराधियों को मौत के घाट उतारा जाने लगा है फिर चाहे तरीका जायज हो या फिर नाजायज। न्यायव्यवस्था का माखौल उड़ाते हुए विकास दुबे के एनाकाउंटर को एक उदाहरण के रूप में लिया जा सकता है। जिस व्यक्ति के पैर में स्टील की राॅड पड़ी थी वो कई किलोमीटर तक दौड़कर भागा जैसे बयान देने वाले बुद्धिजीवियों के शिक्षा स्तर पर संदेह व्यक्त करना कदाचित अनुचित नही कहा जा सकता है। इस पूरे प्रकरण में एक अकेला अपराधी या यूं कहें की समर्पणकर्ता का पूरी एसटीएफ कर्मियों पर भारी पड़ते हुए बंदूक छीनकर भाग जाना जैसे धूर्ततापूर्ण तथ्यों की प्रमाणिक्ता देते सुरक्षा कर्मियों को सवालों के कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। अपने आप में ये भी अकाट्य सत्य है की विकास को पकड़ने में उत्तर प्रदेश की पुलिस साफ तौर पर नाकारा और नाकामयाब साबित हुई है अगर एैसा नही था तो विकास मध्यप्रदेश के उज्जैन नगरी के महाकालेश्वर मंदिर तक आखिर पहुचा कैसे। ऐसे न जाने कितने सवाल हैं जिनका जवाब शायद ही किसी के पास होगा लेकिन इन सब में सबसे बड़ा सवाल ये है की विकास को अपने गर्भ में पालने वाले वो कोख किन राजनैतिक रसूखदारों की थी जिन्होनें एक आम आदमी को अपराधी बना डाला । इस प्रकरण के दौरान जो सबसे आश्चर्यजनक वाकया हुआ वो था सन्देह के घेरे में आए तिवारी जी पर लाइन हाजिर जैसी छोटी कार्यवाही करके उनपर विशेष कृपा का बनाया जाना । न तो कोई दंडात्मक कार्यवाही तिवारी जी पर की गई है और न ही उन्हें पदमुक्त किया गया हैं । जांच की जा रही जैसे की पूर्व में की जाती रही है और थोड़े दिनों बाद थाने की शोभा बढ़ाने के लिए उन्हें फिर से किसी थाने पर विराजमान कर दिया जाएगा जैसे की पूर्व में अन्य चहेतों को किया जाता रहा है ।             


सवालों के कटघरे में योगी सरकार

अकांशु उपाध्याय 


लखनऊ। विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद सोशल मीडिया में लाखों सवालों की झड़ी लग गई है। अपने-अपने हिसाब से लोग पुलिस, उत्तर प्रदेश सरकार और बीजेपी-कांग्रेस से सवाल कर रही है। कई लोग मजेदार मीम्स बनाकर भी सोशल मीडिया में वायरल कर रहे है। कुछ लोग इस एनकाउंटर को सही बता रहे है तो कुछ इसे गलत। कुछ इसे जाति-धर्म से भी जोड़कर सवाल पूछ रहे है और कई सवालों का जवाब जानना चाह रहे है। इसे लेकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसमें ग्राउंड रिपोर्टिगं के हालात को देखते हुए कई जायज सवाल उठाए है, जिसके जवाब का इंतजार पूरे देश को है।






 






  1. दिनभर चार्टर्ड प्लेन की खबरें थीं, फिर सड़क के रास्ते कैसे ले जाया गया?


पहले चर्चा थी कि विकास को चार्टर्ड प्लेन के जरिए उज्जैन से इंदौर और फिर वहां से यूपी ले जाया जाएगा, लेकिन गुरुवार शाम को अचानक कहा गया कि उसे सड़क के रास्ते ले जाया जाएगा और इसके लिए यूपी एसटीएफ की टीम आ रही है। लेकिन एसटीएफ की टीम आई ही नहीं। शाम को उज्जैन से एमपी पुलिस की टीम विकास को झांसी तक ले गई।



  1. पुलिस के काफिले में कई गाड़ियां थीं, एक्सीडेंट सिर्फ उसी गाड़ी का हुआ जिसमें विकास सवार था?


विकास को जब झांसी में एमपी पुलिस ने यूपी पुलिस के हवाले किया, तब वहां 10 से ज्यादा गाड़ियां तैयार थीं। इसमें से एक गाड़ी में विकास को बैठाया गया। बाकी गाड़ियां आगे-पीछे थीं। मीडिया भी इस काफिले का पीछा कर रहा था। भारी बारिश हो रही थी। इस पूरे काफिले में एक्सीडेंट सिर्फ विकास की गाड़ी का हुआ। पुलिस की बाकी किसी गाड़ी या मीडिया की किसी गाड़ी के साथ हादसा नहीं हुआ।



  1. मीडिया को जानबूझकर रोक दिया गया?

    आरोप है कि काफिले के साथ चल रही मीडिया की गाड़ियों को रोकने के लिए बीच में अचानक चेक पोस्ट लगा दी गई। इस वजह से मीडिया की गाड़ियां पीछे छूट गईं। बाद में खबर आई कि विकास दुबे जिस गाड़ी में था, वह पलट गई और उसका एनकाउंटर हो गया। एनकाउंटर के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस के आला अफसरों ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि क्या मीडिया को रोकने के लिए ही अचानक चेकिंग शुरू की गई थी?



    1. विकास को हथकड़ी नहीं लगाई थी?


    यह भी बड़ा सवाल है कि जिस पर 60 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हों, जो 8 पुलिसवालों की हत्या का आरोपी हो, उसे गाड़ी में क्या हथकड़ी पहनाकर नहीं बैठाया गया था? उज्जैन के महाकाल मंदिर के निहत्थे गार्ड ने विकास को रोका था। कहा गया था कि गार्ड के साथ हाथापाई भी हुई, लेकिन विकास भाग नहीं सका। उसे पकड़ने वाली उज्जैन पुलिस के पास लाठी तक नहीं थी। वहीं, कानपुर के पास जब पुलिस की गाड़ी पलट गई तो विकास ने कैसे हथियारबंद पुलिस से पिस्टल छीन ली और फायरिंग करने लगा?



    1. कौन-से बड़े खुलासे करने वाला था विकास दुबे?


    इस बारे में पूछे जाने पर यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने बताया था कि विकास से पूछताछ की जाए तो बड़े-बड़े लोगों के नाम सामने आएंगे। इसमें आईएएस, आईपीएस, नेताओं के नाम सामने आ सकते हैं। विकास का उज्जैन में पकड़ा जाना समझ से बाहर है।


    उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दिलचस्प ट्वीट किया। उन्होंने लिखा- दरअसल कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा- जिसका शक था, वही हो गया। विकास दुबे का किन-किन राजनीतिक लोगों, पुलिस अधिकारियों से संपर्क था, अब यह उजागर नहीं हो पाएगा। सभी एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है?


    6. उज्जैन में गिरफ्तारी क्या स्क्रिप्टेड थी?


    विकास दुबे 4 राज्यों से गुजरते हुए 1250 किमी का सफर तय कर उज्जैन कैसे पहुंचा था, यह सस्पेंस बना हुआ है। उज्जैन में उसकी गिरफ्तारी पर भी सवाल उठे। एक दिन पहले यानी बुधवार दोपहर को उज्जैन के महाकाल थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी का तबादला हुआ। रात को कलेक्टर आशीष सिंह और एसपी मनोज सिंह महाकाल मंदिर पहुंचे थे। दाेनाें का दावा है कि वे एक बैठक के सिलसिले में गए थे।


    7. उज्जैन पुलिस ने गांधीगिरी दिखाई? गुरुवार सुबह विकास दुबे मंदिर में टहलकर फोटो खिंचवाता रहा। यहां पुलिस की गांधीगिरी दिखाई दी। विकास खुद ही मंदिर से बाहर आया, पुलिसवाले पीछे चलते रहे। मीडिया आया, तब उसे गर्दन पकड़कर दबोचा गया। किसी पुलिसवाले के हाथ में डंडा तक नहीं था। मंदिर के अंदर विकास के फोटो-वीडियो कौन बनाता रहा, ये कोई नहीं जानता। जब विकास को पकड़ा गया तो एक पुलिसवाले को बोलते सुना गया कि शर्माजी मरवाओगे। विकास भी पीछे मुड़कर बार-बार देखता रहा। जैसे किसी को खोज रहा हो।




मैं संभाल लूंगी बंदूक, सब मरेंगेः रिचा

नईदिल्ली कानपुर में विकास दुबे का पोस्टमॉर्टम होने के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। इस मौके पर भैरव घाट पर उसकी पत्नी रिचा दुबे, छोटा बेटा और बहनोई दिनेश तिवारी मौजूद थे। लेकिन घाट पर रिचा मीडियाकर्मियों के सवालों पर भड़क गईं। रि‍चा ने आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल भी क‍िया। मेरे पति को मार कर तुम सबने ठीक नहीं किया। अब मैं खुद चलाऊंगी बंदूक…पति को जिसने मरवाया है, जिसने मारा है…सब मरेंगे। ये शब्द शुक्रवार को भैरवघाट में विकास दुबे के अंतिम संस्कार में पहुंची पत्नी रिचा के हैं। पति की मौत के बाद उसका गुस्सा पुलिस, प्रशासन और मीडिया पर साफ तौर से देखने को मिला।


अंतिम संस्कार के लिए जाते वक्त मीडिया ने उससे अपना पक्ष रखने को कहा। इस बात से वो आक्रोशित हो गई और धमकी दी। वहीं, पुलिस के कहने पर भी विकास के अंतिम संस्कार में उसके माता-पिता ने शामिल होने से इंकार कर दिया। विकास के शव का पोस्टमार्टम कराने के काफी देर बाद तक पुलिस को शव का कोई दावेदार नहीं मिला।


शाम को शिवली से विकास के बहनोई दिनेश तिवारी पोस्टमार्टम वाली जगह पहुंचे और अपनी सुपुर्दगी में शव लिया। यहां से शव को सीधे भैरवघाट स्थित विद्युत शवदाह गृह ले जाया गया। लखनऊ से विकास की पत्नी रिचा, बेटा, मामी व बिकरू से रिश्तेदारी की तीन अन्य महिलाएं पहुंचीं। मीडिया ने रिचा से बिकरू में आठ पुलिस की हत्या के संबंध में सवाल किए तो वह भड़क उठी। जोर-जोर से चिल्ला कर कहा कि तुम सबने मिलकर मेरे पति को मरवा दिया। जिसने जैसा किया है, उसको वैसा ही परिणाम भुगतने तक की धमकी दी। एसपी पूर्वी राजकुमार ने पुलिसकर्मियों को उसे वहां से ले जाने के निर्देश दिए। करीब आधे घंटे में शव का अंतिम संस्कार कराने के बाद रिचा, बेटे व मामी के साथ तीन कारों से लखनऊ रवाना हो गई, जबकि तीन अन्य महिलाएं भी गांव के लिए निकल गईं। गौरतलब है कि विकास दुबे की कल सुबह पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गयी। पुलिस का कहना है कि उसे कानपुर लाया जा रहा था, उसी दौरान गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया और वह भागने की कोशिश करने लगा। उसने पुलिस से पिस्तौल भी छीन ली थी और फायरिंग किया था, जिसके बाद जवाबी फायरिंग में वह मारा गया।              


कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। नगर पंचायत पूरब पश्चिम शरीरा में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में भक्तो...