शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

एनकाउंटर के साथ दफन हुए कई राज

नीरज जिंदल


कानपुर। गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी के 24 घंटों के अंदर ही उसका एनकाउंटर हो गया। उज्जैन से खुद की गिरफ्तारी करवाने वाले विकास दुबे ने आज यूपी वापसी के दौरान भागने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने उसे मुठभेड़ में मार गिराया। हालाँकि 7 दिनों से उसकी तलाश में लगी यूपी पुलिस ने कई बड़े खुलासे किये थे। कई पुलिसकर्मियों के साथ उसके सम्पर्क थे, वहीं नेताओं से भी उसका सम्बन्ध था। उम्मीद की जा रही थी कि विकास की गिरफ्तारी के बाद कई चेहरों से पर्दे हटेंगे लेकिन विकास की मौत के साथ ही ये राज बनकर दफ़न हो गए।  उज्जैन से महाकाल से विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद माना जा रहा था कि अब कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है। दरअसल, विकास को पहले से एनकाउंटर की जानकारी थी, वहीं इसके पहले भी उसने एक मंत्री की हत्या कर दी थीं। इन सब के बावजूद वह आजाद था। ऐसे में विकास के संबंध कई राजनेताओं और पुलिस के लोगों से होने की बात सामने आ रही थी लेकिन मुठभेड़ में मारे जाने के बाद अब ऐसा कोई खुलासा नहीं हो सकेगा।
कुख्यात गैंगेस्टर विकास दुबे का आपराधिक साम्राज्य बिना राजनीतिक संरक्षण के चलना मुश्किल था। उसपर प्रदेश के बड़े राजनीतिक दलों का हाथ रहा। विकास 15 साल बसपा, 5 साल बीजेपी और 5 साल सपा के साथ रहा था। वहीं पंचायत चुनाव में बसपा के समर्थन में रहा, जबकी उसकी पत्नी को सपा की आजीवन सदस्य्ता मिली थी। राजनीतिक दलों के संरक्षण में उसने कानपुर में अपना रसूख कायम किया। कई जमीनों पर अवैध कब्जे भी किए। एक दौर ऐसा आया कि जेल में बंद होने के बाद भी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने शिवराजपुर से नगर पंचायत चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। राजनाथ सिंह की सरकार के कार्यकाल में 11 नवंबर 2001 को कानपुर के थाना शिवली के अंदर विकास दुबे ने मंत्री संतोष शुक्ला की गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी, हालाँकि जब कोर्ट में मामला गया तो कई पुलिसकर्मियों ने अपने बयान बदल दिए और वह बरी हो गया। कानपुर काण्ड के बाद जब वह फरार हुआ तो उसकी तलाश में लगी पुलिस ने कई बड़े खुलासे किये। उसके कॉल डिटेल निकलवाई तो पता चला कि 24 पुलिसकर्मियों के साथ विकास का सम्पर्क था। एनकाउंटर की रात भी विकास को पता था कि पुलिस रेड देने वाली है। वहीं उसके गाँव की बिजली भी थाने से कटवाई गयी। मामले में चौबेपुर थाने के दारोगा और कुछ सिपाही सस्पेंड हुए और पूरा थाना लाइन हाजिर हुआ। पूर्व एसएसपी अनंत देव भी जांच के दायरे में आ गए लेकिन विकास की मौत के बाद उसके वर्दी वाले साथी संगियों के नाम से पर्दा नहीं हट सका।           


गले की खराश, आजमाएं घरेलू नुस्खे

गले में ख़राश चिड़चिड़ापन पैदा करती है। हालांकि, ये कोरोना वायरस के शुरुआती कुछ लक्षणों में से भी है। गले में ख़राश के साथ सूखी खांसी का मतलब है वायरल संक्रमण, जिसका समय रहते इलाज न किया जाए तो कोफी बढ़ सकता है।
घरेलू उपाय आज़माएं :-
कोरोना वायरस में फौरन इलाज की ज़रूरत होती है, हालांकि, कुछ ऐसे घरेलू उपाय हैं, जो आपको गले की ख़राश से राहत दे सकते हैं। हम आज आपको बता रहे हैं ऐसे 5 उपाय जो आपकी ऐसे समय में मदद कर सकते हैं।
अदरक और शहद :-
अदरक और शहद का मिश्रण बिल्कुल काढ़े की तरह करता है और कीटाणु और फैलते संक्रमण से लड़ता है। अदरक, गले की खराश को कम करता है, तो शहद में मौजूद एंटी-इंफ्लामेट्री गुण इम्यूनिटी को मज़बूत करते के साथ गले में राहत पहुंचाता है। अदरक और शहद का मिश्रण बलग़म को ख़त्म करता है, साथ ही गले में ख़राश पैदा कर रही तकलीफ को दूर करता है।
इसके लिए आपको चाहिए :-
अदरक ( कद्दूकस किया हुआ)
कच्चा शहद
ज़ैतून का तेल
आटा
टिशू/रुमाल
गॉज़
टेप
शहद और आटे मिला लें, फिर इसमें कद्दूकस किया हुआ अदरक और ज़ैतून के तेल की 2-3 बूंदें मिला लें। जब ये तैयार हो जाए, तो एक रुमाल या टिशू में इसे रखें। फिर गॉज़ और टेप की मदद से इसे सीने पर लपेट लें। इसे सोने से पहले लगाएं।
नमक के पानी से ग़रारे :-
नमक के पानी से ग़रारे से बेहतर उपाय और कुछ नहीं है। ऐसा करने से न सिर्फ गले की ख़राश से राहत मिलती है, बल्कि रोगाणु और वायरस भी खत्म होते हैं। इसे रोज़ाना कम से कम 3-4 दिनों तक करना चाहिए, उसके बाद ही आपको इसका असर देखने को मिलेगा। हालांकि, ये अभी तक सिद्ध नहीं हो पाया है कि नमक का पानी कीटाणु या फिर कोरोना वायरस को ख़त्म कर सकता है। नमक का पानी गले में आई सूजन और ख़राश को कम कर सकता है। इसके लिए गुनगुने पानी में आधा बड़ा चम्मच नमक मिलाएं और ग़रारे करें। ध्यान रहे कि आप इसे निगले नहीं, बल्कि थूक दें। इसे दिन में 2-3 बार करें। याद रहे, कि गर्म पानी या नमक का पानी कोरोना वायरस को ख़त्म करने का तरीका नहीं है।
मुलैठी खाएं :-
मुलैठी एक आयुर्वेदिक जड़ीबूटी है, जिसे कई बार चाय में भी डाला जाता है। इसके अलावा कई लोग गले की ख़राश के लिए भी इसे खाते हैं। गले में ख़राश के वक्त खुजली से भी राहत दिलाती है मुलैठी। मुलैठी में ज़रूरी एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो बीमारी फैलाने वाले वायरस को ख़त्म करती है।
सेब का सिरका भी है मददगार :-
एप्पल साइडर वेनेगर यानी सेब के सिरके में एंटी-इंफ्लामेट्री गुण होते हैं। यह गले में ख़राश से राहत देने में विशेष रूप से सहायक है क्योंकि इसमें मौजूद एसिड खराब बैक्टीरिया को फैलाने वाले संक्रमण को ख़त्म करने में मदद करती है, जिससे गले में सूजन होती है। ख़राश से राहत पाने के लिए, गुनगुने पानी में एक बड़ा चम्मच सेब का सिरका मिला लें और इसे पी लें। स्वाद के लिए आप इसमें शहद भी मिला सकते हैं।
नारियल तेल :-
गले की ख़राश को दूर करने का ये एक पारंपरिक तरीका है। नारियल तेल को मुंह में करीब 20 मिनट तक रखने के बाद थूक देने से कीटाणु ख़त्म होते हैं। ये साथ ही नासिका मार्ग को भी साफ करता है। नारियल तेल गले को राहत पहुंचाता है और इसके साइड-इफेक्ट भी नहीं होते।
इल लेख में दिए गए उपाय गले में ख़राश को दूर करने के लिए बताए गए हैं। हालांकि, ये उपाय कोरोना वायरस को ख़त्म नहीं कर सकते, लेकिन उसके लक्षणों में राहत ज़रूर दे सकते हैं। अगर आपको कोविड-19 के लक्षण महसूस होते हैं, तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें।                     


बोलिविया की राष्ट्रपति कोरोना संक्रमित

लापाज। बोलिविया की राष्ट्रपति जिनिन नॉवेल कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। उन्होंने यह जानकारी स्वयं गुरुवार को दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वो ठीक थीं और आइसोलेशन में काम कर रहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘एक साथ मिलकर हम इससे निकल जाएंगे।’बोलिवियाई सरकार ने इस बात की पुष्टि की है कि स्वास्थ्य मंत्री समेत करीब 7 मंत्री संक्रमित हैं और घर में ही रहकर इलाज करवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी टीम में कई लोग बीमार थे इसलिए उन्होंने अपना टेस्ट कराया। उन्होंने कहा, ‘मैं ठीक हूं, आइसोलेशन में रहकर मैं अपना काम जारी रहूंगी। मैं बोलिविया के सभी नागरिकों को धन्यवाद कहना चाहती हूं जो इस स्वास्थ्य संकट में हमारी मदद कर रहे हैं।’ बोलिविया में 6 सितंबर को आम चुनाव होगा। पहले यह मई में आयोजित होना था लेकिन महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।                


रूस और चीन में वैक्सीन ट्रायल शुरू

नई दिल्ली। कोरोना वायरस वैक्‍सीन पर आज दो बड़े अपडेट हैं। रूस की डिफेंस मिनिस्‍ट्री ने जो वैक्‍सीन बनाई है, वह ट्रायल के आखिरी दौर में पहुंच गई है। वैक्‍सीन जिन्‍हें दी गईं, उनमें कोरोना वायरस के प्रति इम्‍यूनिटी डेवलप होते देखी गई है। वहीं दूसरी तरफ, चीन की झिफेई ने अपनी कोविड वैक्‍सीन के फेज 2 ट्रायल शुरू कर दिया है। कंपनी ने तीन हफ्ते पहले ही क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया है। कोरोना वैक्‍सीन बनाने के मामले में चीन सबसे व्‍यापक स्‍तर पर कोशिशें कर रहा है। उसकी दुनिया के 19 लीडिंग प्रोग्राम्‍स में से कम से कम 6 में सक्रिय भागीदारी है। भारत में तैयार हुई कोरोना वैक्‍सीन COVAXIN का ह्यूमन ट्रायल जल्‍द शुरू होने वाला है। उससे पहले वैक्‍सीन के बैच की टेस्टिंग CDL कसौली में चल रही है।


इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) – नैशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी (NIV) और भारत बायोटेक ने मिलकर COVAXIN नाम से कोरोना वैक्‍सीन बनाई है। इसके क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी मिलने के बाद फिलहाल वालंटियर्स का एनरोलमेंट हो रहा है। फिलहाल इस वैक्‍सीन के बैच CDL कसौली में चेक किए जा रहे हैं ताकि इंसानों को दिए जाने से पहले उनकी सेफ्टी, शुद्धता, पोटेंसी और स्‍टेबिलिटिी कन्‍फर्म की जा सके।


चीन की फार्मा कंपनी Zhifei ने वैक्‍सीन का फेज 2 ट्रायल शुरू कर दिया है। कंपनी ने पहले कहा था कि फेज 1 ट्रायल 21 जुलाई तक खत्‍म होगा। उसने फेज 1 ट्रायल के डिजाइन या रिजल्‍ट्स को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। Zhifei की वैक्‍सीन चीन की उन 8 वैक्‍सीन में से एक हैं जिनका इंसानों पर ट्रायल चल रहा है।


रशियन डिफेंस मिनिस्‍ट्री की वैक्‍सीन क्लिनिकल ट्रायल के फाइनल स्‍टेज में पहुंच गई है। मंत्रालय के मुताबिक, जिन्‍हें वैक्‍सीन दी गई है उनको कोई दिक्‍कत महसूस नहीं हो रही। न ही वैक्‍सीन के किसी तरह के साइड इफेक्‍ट्स देखनो को मिले हैं। वालंटियर्स पर टेस्टिंग में सामने आया कि वे कोरोना के प्रति इम्‍यूनिटी डेवलप कर रहे हैं। प्रोटोकॉल के तौर पर वालंटियर्स का रेगुलरली ऐंटीबॉडी टेस्‍ट किया जाता है।


अमेरिका की दिग्‍गज फार्मा कंपनी Moderna ने यूरोपियन कंपनी ROVI से हाथ मिलाया है। यह सौदा वैक्‍सीन के बड़े पैमाने पर प्रॉडक्‍शन और डिस्‍ट्रीब्‍यूशन के लिए किया गया है। ROVI वॉयल फिलिंग और पैकेजिंग उपलब्‍ध कराएगी। Moderna ने mRNA-1273 नाम से वैक्‍सीन बनाई है। इस वैक्‍सीन का फेज 2 ट्रायल जल्‍द शुरू होने वाला है।


वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गनाइजेशन ने 2021 तक कोविड-19 वैक्‍सीन की 2 बिलियन डोज तैयार करने का लक्ष्‍य बनाय है। भारत दुनिया की वैक्‍सीन जरूरत का 60 फीसदी सप्‍लाई करता है। इस लिहाज से उसकी भूमिका इसमें बेहद अहम होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि भारत वैक्‍सीन डेवलपमेंट और डिस्‍ट्रीब्‍यूशन में बड़ी भूमिका निभाने को तैयार है।             


विकास दुबे एनकाउंटर पर उठे सवाल

हाथ बंधे क्यों नहीं थे? विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर उठ रहे हैं ये 5 सवाल


सुदेश उपाध्याय


कानपुर। 8 पुलिसकर्मियों के हत्यारे गैंगस्टर विकास दुबे शुक्रवार सुबह पुलिस एनकाउंटर में मारा गया। उज्जैन से कानपुर लाए जाने के दौरान बर्रा इलाके में एसटीएफ की वह गाड़ी पलट गई जिसमें दुबे भी मौजूद था। पुलिस का कहना है कि दुर्घटना का फायदा उठाकर विकास दुबे ने एक पुलिसकर्मी से हथियार छीनकर भागने की कोशिश की और मारा गया। हालांकि, पुलिस की इस थ्योरी पर कई सवाल भी उठ रहे हैं, जिनका अभी जवाब दिया जाना बाकी है।
सवाल 1: पहला सवाल यह है कि क्या आखिर काफिले की वही गाड़ी अचानक कैसे पलटी जिसमें विकास मौजूद था। यदि इसे संयोग मान लिया जाए तो भी बड़ा सवाल यह है कि जब इतने बड़े अपराधी को पुलिस गाड़ी में ला रही थी तो उसके हाथ खुले क्यों थे? क्या उसे हथकड़ी नहीं लगाई गई थी?
सवाल 2: एक दिन पहले जिस तरह विकास दुबे की गिरफ्तारी हुई उसको लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि उसने खुद मंदिर परिसर में कुछ लोगों को अपनी पहचान बताई थी। यदि वह गिरफ्तारी के लिए तैयार नहीं था तो एक हाई सिक्यॉरिटी जोन में क्यों गया? यदि कल गिरफ्तारी के लिए तैयार था तो आज उसने भागने की कोशिश क्यों की? 
सवाल 3: गुरुवार को प्रभात और शुक्रवार को विकास दुबे, इन दोनों का जिस तरह दो दिन में एनकाउंटर हुआ और पूरे घटनाक्रम को देखें तो यह सवाल जरूर उठता है कि क्या यह संयोग है? प्रभात के एनकाउंटर के बाद पुलिस ने इसी तरह का घटनाक्रम बताया था कि पहले पुलिस की गाड़ी पंक्चर हुई फिर प्रभात पुलिसकर्मियों से पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश करने लगा और फिर एनकाउंटर में मारा गया। आज भी सबकुछ ठीक उसी तरह से हुआ है। 
सवाल 4: दो दिन में दो बार अपराधी पुलिसकर्मियों से हथियार छीन लेते हैं। जानकार सवाल उठा रहे हैं कि क्या पुलिसकर्मियों ने अपने हथियार रखने में लापरवाही बरती जो उनके गिरफ्त में मौजूद कोई बदमाश हथियार छीन लेता है। 
सवाल 5: मीडियाकर्मियों का दावा है कि वे भी उस काफिले के साथ ही उज्जैन से आ रहे थे, लेकिन दुर्घटना स्थल से कुछ पहले मीडिया और सड़क पर चल रही निजी गाड़ियों को रोक दिया गया था। न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी इसका फुटेज जारी किया है। आखिर क्यों मीडिया को आगे बढ़ने से कुछ देर के लिए रोक दिया गया था? यदि विकास ने भागने की कोशिश की तो उसके पैर में गोली क्यों नहीं मारी गई? इस तरह के और भी कई सवाल उठ रहे हैं, जिनका अभी पुलिस को जवाब देना होगा।             


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जुलाई 11, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-333 (साल-01)
2. शनिवार, जुलाई-11, 2020
3. शक-1943, श्रावण, कृष्ण-पक्ष, तिथि- षष्टि, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:31,सूर्यास्त 07:27।


5. न्‍यूनतम तापमान 26+ डी.सै.,अधिकतम-39+ डी.सै.। बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


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गुरुवार, 9 जुलाई 2020

संक्रमण ने प्रशासन के फुलाए हाथ-पांंव

भरवारी कोरोना पोसिटिव मिलते ही अधिशाषी अधिकारी हुए सख्त किया तत्काल पूरे मोहल्ले को सेनेटाइजर
वहीं प्रभारी निरीक्षक कोखराज व चौकी इंचार्ज ने माइक के माध्यम से सभी दुकानों को कराया बन्द


भरवारी। नगर पालिका परिषद अंतरगत मेहता रोड के लखन लाल कॉलोनी में एक युवक कोरोना पॉजिटिव आने से स्वास्थ्य विभाग कि टीम द्वारा जिलाअस्पताल ले जाने कर बाद अधिशाषी अधिकारी पूरे तरह से सख्त दिखे उनोहने अपने नगर पालिका कर्मचारियों की मदद से पूरेमोहल्ले में सेनेटाइजर करवाया वही प्रभारी निरीक्षक कोखराज बलराम सिंह व चौकी इंचार्ज भरवारी ने माइक के माध्यम से कस्बो की सभीदूकानों को अग्रिम आदेश तक बंद करने का फरमान जारी किया। यहा यह भी बताना आवश्यक है कि कुछ दिन पहले एक युवक मंझनपुर निवासी ने कोखराज इस्तिथ पंचम के ढ़ाबे में एक बर्थ डे पार्टी की दावत भरवारी निवासी अपने कई मित्रो को दावत दी थी।


जिसमे वहा पर सभी मित्रों ने दावत संग जश्न मनाया था उसी में एक मित्र को कोरोना की शिकायत थी वहां से लौटने के बाद से लोगो मे चर्चा शुरू हुई। जिसकी वजह से भरवारी कोरोना से कोशो दूर था। जांच के उपरांत लखन लाल कॉलोनी के एक युवक को कोरोना पॉजिटिव निकलते ही स्वास्थ विभाग की टीम जिला अस्पताल ले गई जिसके वजह से समूचा मोहल्ला में दहशत व सन्नाटा में तब्दील हो गया। इसकी जानकारी होते ही अधिशासी अधिकारी ग्रीश कुमार ने पूरे मोहल्ले को सेनेटाइजर करवा दिया तथा कोखराज पुलिस ने सभी दुकानों को बंद करते हुए सभी को अपने अपने घरों में रहने को कहा।


रिपोर्ट राजू सक्सेना 


अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की

अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की  कविता गर्ग  मुंबई। भोजपुरी सिनेमा की बोल्ड अदाकारा नम्रता मल्ला ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर ...