बीकानेर। कोविड-19 महामारी के बीच इन दिनों प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियेां व शिक्षकों को अपने संस्थान में डयूटी नही देने का संदेश सोशल मीडििया पर वायरल हो रहा है। इस वायरल मैसेज के चलते प्रदेश के शिक्षक व अन्य कर्मचारी असमंजस की स्थिति में है। जबकि राजस्थान में इसी बीच शिक्षा विभाग के सभी कर्मचारी खासतौर पर शिक्षण संस्थाअेां में कार्यरत कर्मचारी व शिक्षक वर्ग द्वारा दसवीं व 12 वीं कक्षा की परीक्षाअेां केा भी संपन्न कराया गया है। इसलिए यंहा पर उन्हे किसी तरह का अवकाश या कोई हिदायत विभाग द्वारा नही दी गई है। इसकी जानकारी शिक्षा विभाग के निदेशक द्वारा दी गई है।
जिसके अनुसार सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमेां में 31 जुलाई 2020 तक सभी शिक्षकेां व कर्मचारियेां को घर से काम करने की बात का जिक्र किया गया है, वही संदेश फेक है और यह संदेश किसी भी तरह से राजस्थान में लागू नही है।
वंही दूसरी और शिक्षा विभाग के सूत्र बतातें है कि मार्च से लेकर अभी तक इस तरह का कोई आदेश विभाग द्वारा नही निकाला गया है। विभागीय कर्मचारी व शिक्षक वर्ग द्वारा नियमित अपने कार्य को संपादित कराया जा रहा है। यदि इस संदेश के आधार पर कोई काम करता है तो उसका अवकाश माना जाता है। इसलिए सभी शिक्षण व कर्मचारी इस तरह के सेाशल मीडिया के संदेश को आधिकारिक नही माने।
सूत्र बतातें है कि इस तरह के आदेश जब शिक्षा विभाग जारी करता है तो उसे आधिकारिक रुप से सभी के पास भेजा जाता है, ताकि सभी को आसानी से संदेश मिल सके। इस तरह की अफवाहों से बचने का भी आव्हान किया गया है।
शिक्षकों को आना होगा ड्यूटी पर
शिक्षा विभाग द्वारा मार्च 2020 माह के दौरान ही आर्डर जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि ‘‘सरकारी विद्यालयों में अवकाश की अवधि के दौरान संस्था प्रधान व शिक्षकों को एहतियात बरतते हुए विद्यालय में उपस्थित रहना होगा। बोर्ड एवं शाला से संबंधित आवश्यक कार्य किए जाएंगे। शिक्षा निदेशक ने सभी जिला कलक्टरों को आदेशों से अवगत कराया है।’’