गुरुवार, 9 जुलाई 2020

महत्वपूर्ण 6 पुलों का ई- उद्घाटन किया

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) और नियंत्रण रेखा (LOC) के निकट स्थित संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों एवं पुलों की कनेक्टिविटी में एक नई क्रांति का सूत्रपात करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज नई दिल्‍ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छह प्रमुख पुलों को राष्ट्र को समर्पित किया। सामरिक दृष्टि से अत्‍यंत महत्वपूर्ण इन पुलों का निर्माण कार्य सीमा सड़क संगठन (BRO) ने रिकॉर्ड समय में पूरा किया।


रक्षा मंत्री ने रिकॉर्ड समय में छह पुलों का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए बीआरओ के सभी योद्धाओं को बधाई दी। रक्षा मंत्री ने इसके साथ ही सर्वाधिक दुर्गम इलाकों और अत्‍यंत खराब मौसम में भी मुस्‍तैदी के साथ काम करके राष्ट्र निर्माण में बहुमूल्‍य योगदान देने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि सड़कें एवं पुल किसी भी राष्ट्र की जीवन रेखा हैं और इसके साथ ही ये दूर-दराज के क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। रक्षा मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में विकास से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता देने संबंधी केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री  नरेन्‍द्र मोदी नियमित रूप से इन परियोजनाओं की प्रगति पर करीबी नजर रख रहे हैं। यही नहीं, इन परियोजनाओं का समय पर कार्यान्‍वयन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है।


राजनाथ सिंह ने कहा, ‘लोगों को कनेक्‍ट करने वाले इन पुलों का उद्घाटन ऐसे समय में करना सचमुच एक सुखद अनुभव है जब पूरी दुनिया सामाजिक दूरी बनाए रखने, एक-दूसरे से अलग रहने पर विशेष जोर दे रही है (कोविड-19 के कारण)। मैं इस अहम कार्य को बड़े कौशल के साथ पूरा करने के लिए सीमा सड़क संगठन को बधाई देता हूं।’


बीआरओ की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘बीआरओ द्वारा पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों और पुलों का निरंतर निर्माण करना दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच सुनिश्चित करने संबंधी सरकार के विजन को साकार करने में मददगार साबित होगा। सड़कें किसी भी राष्ट्र की जीवन रेखा हैं।’ उन्‍होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कें न केवल सामरिक ताकत हैं, बल्कि ये दूरस्‍थ क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने का भी कार्य करती हैं। दरअसल, चाहे सशस्त्र बलों की सामरिक आवश्यकता हो या स्वास्थ्य, शिक्षा, व्यापार से संबंधित अन्य विकास कार्य हों, ये सभी कनेक्टिविटी से ही संभव हो पाते हैं।


जम्मू-कश्मीर के लोगों के उल्लेखनीय सहयोग के लिए उनका धन्यवाद करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, ‘मुझे पूरा भरोसा है कि आधुनिक सड़कों और पुलों के निर्माण से इस क्षेत्र में समृद्धि आएगी। हमारी सरकार देश की सीमाओं पर बुनियादी ढांचागत विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। जम्मू-कश्मीर के विकास में हमारी सरकार की गहरी रुचि है। जम्मू-कश्मीर की जनता और सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कई अन्य विकास कार्य भी जल्‍द ही शुरू किए जाने हैं, जिनकी घोषणा उचित समय पर की जाएगी। वर्तमान में जम्मू क्षेत्र में लगभग 1,000 किलोमीटर लंबी सड़कें निर्माणाधीन हैं।’


रक्षा मंत्री ने यह माना कि पिछले दो वर्षों में नवीनतम तकनीकों और अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग करके बीआरओ ने 2,200 किलोमीटर से अधिक की कटाई की है, लगभग 4,200 किलोमीटर लंबी सड़कों की विशिष्ट ऊपरी सतह बनाने का काम किया है तथा लगभग 5,800 मीटर लंबे स्थायी पुलों का निर्माण किया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण के लिए बीआरओ को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद सरकार बीआरओ के संसाधनों को कम नहीं होने देगी। इसके साथ ही मंत्रालय बीआरओ के इंजीनियरों और कर्मियों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखेगा।


उपर्युक्‍त छह पुलों का उद्घाटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं राज्य मंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय; कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय; परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग डॉ. जितेंद्र सिंह की उपस्थिति में किया गया। जम्मू के सांसद जुगल किशोर शर्मा वीडियो लिंक के माध्यम से साइट पर मौजूद थे। बता दें कि कठुआ जिले में तरनाह नाले पर दो पुल और अखनूर/जम्मू जिले में अखनूर-पल्लनवाला रोड पर स्थित चार पुल 30 से 300 मीटर तक फैले हुए हैं और ये कुल 43 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए। बीआरओ के ‘प्रोजेक्ट संपर्क’ द्वारा निर्मित इन पुलों से सशस्त्र बलों को सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में आवाजाही करने में काफी सुविधा होगी। यही नहीं, ये पुल दूरस्‍थ सीमावर्ती क्षेत्रों के समग्र आर्थिक विकास में भी अहम योगदान देंगे। यह स्पष्ट है कि पिछले कुछ वर्षों में बीआरओ द्वारा कार्यान्वित कार्यों में काफी तेजी आई है। यह इस तथ्य से स्पष्ट होता है कि वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में वित्त वर्ष 2019-20 में बीआरओ ने लगभग 30 प्रतिशत अधिक कार्यों का सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह सरकार की ओर से पर्याप्त बजटीय सहायता देने और ढांचागत सुधारों के स‍कारात्‍मक प्रभावों के साथ-साथ बीआरओ द्वारा पूरे फोकस के साथ/समर्पित प्रयास करने से ही संभव हो पाया है।


बीआरओ का वार्षिक बजट वित्त वर्ष 2008-2016 के दौरान काफी भिन्‍न 3,300 करोड़ रुपये से लेकर 4,600 करोड़ रुपये तक रहा, लेकिन वित्त वर्ष 2019-2020 में यह तेज उछाल के साथ 8,050 करोड़ रुपये के उच्‍च स्‍तर पर पहुंच गया। सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचागत सुविधाओं में बेहतरी पर सरकार के फोकस के मद्देनजर वित्त वर्ष 2020-2021 में इसका बजट 11,800 करोड़ रुपये होने की संभावना है। इससे मौजूदा परियोजनाओं को काफी बढ़ावा मिलेगा और इसके साथ ही हमारी उत्तरी सीमाओं के आसपास सामरिक दृष्टि से महवपूर्ण सड़कों, पुलों और सुरंगों के निर्माण में तेजी आएगी।


इस अवसर पर बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने राष्ट्र निर्माण में बीआरओ के योगदान को रेखांकित किया और निरंतर मार्गदर्शन एवं सहयोग के लिए रक्षा मंत्री का धन्यवाद किया तथा इसके साथ ही उन्‍होंने भरोसा व्यक्त किया कि बीआरओ सरकार द्वारा निर्धारित हमारे समग्र राष्ट्रीय सामरिक उद्देश्यों के अनुरूप तय किए गए लक्ष्यों को प्राप्‍त करने के लिए अपने प्रयास निरंतर जारी रखेगा। इस अवसर पर दिल्ली में थल सेनाध्यक्ष जनरल एम एम नरवाने, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार एवं बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह और साइट पर सेना एवं नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद उपस्थित थे।           


नशामुक्ति के लिए कार्यशाला आयोजित

पलवल को नशामुक्त कराने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया : डा. ब्रह्मदीप


रतन सिंह चौहान
होडल पलवल। बुधवार को जिला मानसिक स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस विभाग से साथ मिलकर एक कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पुलिस अधीक्षक दीपक गहलौत व सिविल सर्जन एवं वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ ब्रह्मदीप सिंह ने की। कार्यक्रम का संचालन जिला मानसिक स्वास्थ्य विभाग मधु डागर मनोवैज्ञानिक द्वारा किया गया। कार्यशाला के मुख्य प्रवक्ता सिविल सर्जन व वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ ब्रह्मदीप ङ्क्षसह रहे। कार्यशाला में सभी थाना प्रमुख उपस्थित रहे।
पुलिस अधीक्षक दीपक गहलौत ने पुलिस विभाग के लोगों को बताया कि नशे की तस्करी करने वाले मुजरिमों से जुड़ी चेन को ट्रैक करके मुख्य आरोपी का पता लगाकर सख्त से सख्त कार्यवाही करके ही समाज को नशा मुक्त किया जा सकता है। उन्होंने कार्यशाला के माध्यम से सभी से अपील की है कि वह पुलिस कार्यवाही में सहयोग करें।
कार्यशाला में डा. ब्रह्मदीप ने नशे के प्रकार, दुष्परिणाम, उनसे बचने के उपाय व पुलिस प्रशासन की भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि युवा पीढी किस प्रकार नशे रूपी गाडी में एक बार सवार होकर अपने जीवन का अंत कर लेती है। उन्होंने बताया कि आज के युग में खासकर युवा पीढी में एक स्टेट्स सिम्बल के रूप में उभर रहा है, जिसके लिए युवा पीढी को और हमे जागरूक होने तथा करने की सख्त आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि नशा मनुष्य को किस प्रकार सामाजिक, शारीरिक व मनोवैज्ञानी रूप से नुकसान पहुंचाता है। सामाजिक रूप से बहिष्कार व्यक्ति को समाज के द्वारा ही नशे से दूर ले जाया जा सकता है। डा. ब्रह्मदीप ने कहा कि इस बार अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस की थीम बेटर नोलेज फॉर बेटर केयर है। इस थीम का विश्लेषण करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक हमे नशे से संबंधित दुष्परिणामो के बारे में पूरी जानकारी नहीं होंगी तब तक हम इस बीमारी को समाज से नहीं निकाल सकते। उन्होंने कहा कि पुलिस 24 घंटे नागरिकों के बीच में रहती है। अगर वह लोगों को जागरूक करे तो लोगों को बड़ी संख्या में नशा मुक्ति की ओर ले जाया जा सकता है। समाज तभी स्वस्थ बन सकता है जब हम सब मिलकर काम करेंगे। उन्होंने पुलिस प्रशासन को कोरोना काल में कंधे से कंधा मिलाकर साथ चलने के लिए सराहा।
कार्यशाला में जिला मानसिक स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सिविल सर्जन डा. दिनेश मलिक ने नशे से जुड़ी काल्पित कथाओं का खंडन करते हुए नशे से जुड़ी सटीक जानकारी से उपस्थिति को अवगत कराया। यह एक इन्ट्रेक्टिव कार्यशाला थी, जिसमे पुलिस प्रशासन ने बढ़-चढक़र भाग लिया और अपने-अपने सवाल रखें, जिनका डा. ब्रह्मदीप सिंह ने बड़े ही सहज व संतोष जनक तरीके से उत्तर दिया। कार्यशाला का समापन सिविल सर्जन व वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ ब्रह्मदीप द्वारा उपस्थित सभी पुलिस जवानों व उपस्थित व्यक्तियों को नशे से दूर रहने के लिए शपथ दिलाकर किया।               


कोरोना से पुलिस के एएसआई की मौत

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के एक 53 वर्षीय असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर की गुरुवार सुबह दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई। एक सप्ताह पहले ही उनके कोरोना वायरस (COVID-19) से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी। ASI जीवन सिंह दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच के मोटर ट्रांसपोर्ट सेक्शन में में तैनात थे।


पुलिस के अनुसार, जीवन सिंह बीते माह 21 जून को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे और 23 जून को उन्हें लाजपत नगर स्थित आईबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से 27 जून को उन्हें गंगाराम अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था, जहां उन्हें प्लाज्मा थेरेपी दी गई, लेकिन वह ठीक नहीं हो सके।


डीसीपी (स्पेशल ब्रांच) सुमन नलवा ने बताया कि गुरुवार सुबह लगभग 4.30 बजे वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे तभी उनकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि जीवन सिंह 10 जुलाई, 1991 को दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे। वह नोएडा में अपने परिवार के साथ रहते थे। उनके परिवार में 49 वर्षीय पत्नी, 19 वर्षीय बेटा और एक 23 वर्षीय बेटी है जो नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी में काम करती है।


बता दें कि मंगलवार रात को भी कोरोना की चपेट में आने से दिल्ली पुलिस के एक 40 वर्षीय सिपाही की मौत हो गई थी। कॉन्स्टेबल योगेंद्र यादव, पश्चिम विहार थाने में तैनात थे और लिवर से संबंधित बीमारी के कारण उन्हें 12 जून को पार्क अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 25 जून को उनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था। कॉन्स्टेबल योगेंद्र यादव मूल रूप से हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में बलाहा कलां गांव के रहने वाले थे और अपने परिवार के साथ पश्चिम विहार पुलिस कॉलोनी रहते थे। ज्ञात हो कि अब तक दिल्ली पुलिस के लगभग 2,000 जवान वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से 1,300 पुलिस कर्मी ठीक होकर अपने काम पर लौट आए हैं। पुलिस के अनुसार, COVID-19 के कारण अब तक कम से कम 13 पुलिसकर्मियों की मौत हुई है।               


देश के शीर्ष पुलिस थानों में 'नादौन'

शिमला। प्रदेश के सीएम जय राम ठाकुर ने राज्य पुलिस और विशेषकर हमीरपुर (Hamirpur) जिला के नादौन पुलिस थाने को देश के शीर्ष पुलिस थानों में स्थान पाने और प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ पुलिस थाना चुने जाने पर बधाई दी है। सीएम ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा इस पुलिस थाने को उत्कृष्टता प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस थानों की रैंकिंग भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा की जाती है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने हाल ही में पुलिस महानिदेशकों के सम्मेलन के दौरान इस रैंकिंग को जारी किया था। हिमाचल के डीजीपी संजय कूडूूंं ने इसके लिए नादौन थाना में तैनात सभी पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों को बधाई दी है। उधर एसपी अर्जित सेन ने बताया कि नेशनल क्राइम ब्यूरो के 19 मानकों के आधार पर महिला क्राइम , पब्लिक सर्विस, प्रापर्टी क्राइम, पुलिस की लोगों से सहभागिता और जनता के राय के बाद ही नादौन थाना को श्रेष्ठ थाना का अवार्ड दिया गया है। जिस पर पुलिस थाना नादौन के कर्मचारी बधाई के पात्र है। उन्होने कहा कि हमीरपुर पुलिस का अगला लक्ष्य देश के टॉप 10 में थानों को लेकर आने का है ।             


अध्ययन और योग एक दूसरे के पूरक

योग करने से एकाग्रता और आत्मविश्वास बढ़ता है शिक्षा और योग एक दूसरे के पूरक हैं, आचार्य ललित


रतन सिंह चौहान
होडल। योगाचार्य ललित आर्य होडल में  आर एस योगा संस्थान के तत्वावधान में आयोजित योग और शिक्षा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा और योग का आपस में गहरा संबंध है। योग करने से एकाग्रता और आत्मविश्वास बढ़ता है जिससे शरीर तनाव मुक्त रहता है और बच्चों में पढ़ने की जिज्ञासा बढ़ती है। उन्होंने कहा कि व्यायाम करने से शारीरिक बल तो बढ़ सकता है लेकिन बुद्धि का विकास योग और शिक्षा से ही होता है। लोगों को तनाव मुक्त जीवन के लिए प्रतिदिन योग करना चाहिए।
शिक्षाविद मंजु गौड़ ने बताया कि योग और शिक्षा से स्वस्थ और श्रेष्ठ मानव का विकास होता है और श्रेष्ठ मानव से स्वच्छ समाज का निर्माण होता है। योग और शिक्षा से शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक विकास होता है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ और स्वच्छ समाज से ही देश का कल्याण संभव है। उन्होंने कहा कि आज इस वैश्विक महामारी के दौर में शारीरिक तौर पर आंतरिक बल की जरूरत है। हमें शारीरिक दूरी के साथ साथ मुंह भी ढककर रखना चाहिए।
भारत स्वाभिमान ट्रस्ट से उदयपाल जी ने लोगों से आह्वान किया कि योग और शिक्षा के माध्यम से बच्चों में अच्छे संस्कार पैदा किया जा सकता है। अच्छा संस्कार समाज और मानव जीवन को राष्ट्रहित के लिए  प्रेरित करने का काम करता है। योग मन और शरीर को स्वस्थ रखने का अभ्यास है। योगासन और अभ्यास द्वारा हम अनेक रोगों की रोकथाम कर सकते हैं।
इस अवसर पर डीओसी गाइड्स योगेश कुमार सौरोत मा. देव शर्मा,  समाज सेवी राम अवतार शर्मा आदि अनेक शिक्षा और समाज सेवी उपस्थित थे।  संस्थान के प्रबन्धक फतेह राम शर्मा ने सभी आगंतुकों का धन्यवाद किया।             


राजस्थानः सभी टीचर ड्यूटी करेंगे

बीकानेर। कोविड-19  महामारी के बीच इन दिनों प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियेां व शिक्षकों को अपने संस्थान में डयूटी नही देने का संदेश सोशल मीडििया पर वायरल हो रहा है। इस वायरल मैसेज के चलते प्रदेश के शिक्षक व अन्य कर्मचारी असमंजस की स्थिति में है। जबकि राजस्थान में इसी बीच शिक्षा विभाग के सभी कर्मचारी खासतौर पर शिक्षण संस्थाअेां में कार्यरत कर्मचारी व शिक्षक वर्ग द्वारा दसवीं व 12 वीं कक्षा की परीक्षाअेां केा भी संपन्न कराया गया है। इसलिए यंहा पर उन्हे किसी तरह का अवकाश या कोई हिदायत विभाग द्वारा नही दी गई है। इसकी जानकारी शिक्षा विभाग के निदेशक द्वारा दी गई है।


जिसके अनुसार सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमेां में 31 जुलाई 2020 तक सभी शिक्षकेां व कर्मचारियेां को घर से काम करने की बात का जिक्र किया गया है, वही संदेश फेक है और यह संदेश किसी भी तरह से राजस्थान में लागू नही है।
वंही दूसरी और शिक्षा विभाग के सूत्र बतातें है कि मार्च से लेकर अभी तक इस तरह का कोई आदेश विभाग द्वारा नही निकाला गया है। विभागीय कर्मचारी व शिक्षक वर्ग द्वारा नियमित अपने कार्य को संपादित कराया जा रहा है। यदि इस संदेश के आधार पर कोई काम करता है तो उसका अवकाश माना जाता है। इसलिए सभी शिक्षण व कर्मचारी इस तरह के सेाशल मीडिया के संदेश को आधिकारिक नही माने।


सूत्र बतातें है कि इस तरह के आदेश जब शिक्षा विभाग जारी करता है तो उसे आधिकारिक रुप से सभी के पास भेजा जाता है, ताकि सभी को आसानी से संदेश मिल सके। इस तरह की अफवाहों से बचने का भी आव्हान किया गया है।


शिक्षकों को आना होगा ड्यूटी पर 
शिक्षा विभाग द्वारा मार्च 2020 माह के दौरान ही आर्डर जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि ‘‘सरकारी विद्यालयों में अवकाश की अवधि के दौरान संस्था प्रधान व शिक्षकों को एहतियात बरतते हुए विद्यालय में उपस्थित रहना होगा। बोर्ड एवं शाला से संबंधित आवश्यक कार्य किए जाएंगे। शिक्षा निदेशक ने सभी जिला कलक्टरों को आदेशों से अवगत कराया है।’’           


गति पकड़ता रैपिड रेल प्रोजेक्ट कार्य

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। रैपिड रेल प्रोजेक्ट का कार्य लगातार गति पकड़ रहा है। इसी कड़ी में नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) ने बुधवार को पैकेज तीन कार्यों के तहत मोदीनगर के असालत नगर और मेरठ के शताब्दी नगर में पियर फाउंडेशन का काम शुरू किया। यह पैकेज दुहाई से शताब्दी नगर तक 33 किमी लंबा है।


एलएंडटी पैकेज 3 लॉट 1 में दुहाई (ईपीई) से मोदी नगर नॉर्थ तक दो एलिवेटेड स्टेशनों, मुराद नगर और मोदी नगर साउथ से एलिवेटेड वायडक्ट का निर्माण कर रहा है। पैकेज तीन लॉट 2 में, एलएंडटी मोदी नगर नॉर्थ स्टेशन से लेकर शताब्दी नगर स्टेशन तक एलिवेटेड वायडक्ट का निर्माण कर रहा है। इसके अंतर्गत पांच एलिवेटेड स्टेशन-मोदी नगर नॉर्थ, मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी और शताब्दी नगर होंगे। एनसीआरटीसी ने शताब्दी नगर के अत्याधुनिक कास्टिंग यार्ड और मोदीनगर के मुख्य परियोजना प्रबंधक के कार्यालय की भी शुरूआत की है।


एनसीआरटीसी के एमडी विनय कुमार सिंह ने आज मोदीनगर साइट ऑफिस एवं शताब्दी नगर में कास्टिंग यार्ड का दौरा किया तथा चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी किया। मोदीनगर स्थित साइट ऑफिस का निर्माण चार महीने से कम के रिकॉर्ड समय में किया गया है। स्वच्छ ऊर्जा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए, एनसीआरटीसी इस कार्यालय में गैस-आधारित जनरेटर का उपयोग करेगा।  दुहाई से शताब्दी नगर के बीच 33 किमी लंबे खंड के निर्माण, बिजली, सिग्नलिंग और दूरसंचार से संबंधित सभी कार्य इस कार्यालय से किये जाएंगे।


एनसीआरटीसी के प्रवक्ता सुधीर कुमार शर्मा ने बताया कि भारत के पहले रीजनल रेल के अंतर्गत, दिल्ली-गाजियाबाद- मेरठ आरआरटीएस कॉरिडॉर, क्रियान्वयन के लिए चिन्हित किए गए तीन प्राथमिकता वाले आरआरटीएस कॉरिडोर्स में से एक है। 82 किमी लंबे कॉरिडोर में दुहाई और मोदीपुरम में दो डिपो सहित 24 स्टेशन होंगे और यह दूरी एक घंटे से भी कम समय में तय की जाएगी। इस कॉरिडोर का निर्माण कार्य जोरों पर है और वसुंधरा कास्टिंग यार्ड में सेगमेंट का निर्माण जारी है। प्राथमिकता खंड के सभी चार स्टेशनों- साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर और दुहाई का निर्माण कार्य चल रहा है।                


अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की

अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की  कविता गर्ग  मुंबई। भोजपुरी सिनेमा की बोल्ड अदाकारा नम्रता मल्ला ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर ...