बुधवार, 8 जुलाई 2020

केरल राज्य के लिए 1 और महामारी

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली/तिरुवंतपुरम। महामारी से लाखों लोग मारे जा चुके हैं और 1 करोड़ से ज़्यादा संक्रमित हो चुके हैं। इस बीच, लाखों करोड़ों लोग इस पैन्दीमिक के कहर से जूझ रहे हैं। इस साल नौकरियां जाने, रोज़गार खत्म होने (Unemployment) और पलायन होने से कई अर्थव्यवस्थाओं को बड़ा संकट झेलना होगा। ऐसे में, भारत के सामने एक नया संकट यह आने वाला है कि खाड़ी देशों से लाखों लोग बेरोज़गारों की तरह लौटेंगे। और यह मुश्किल केरल के लिए एक और महामारी से कम नहीं होगी।


संसार बैंक का अनुमान है कि कम और मध्यम आय वाले देशों में 2020 में बाहर से आने वाले धन में 20% गिरावट आएगी। यह गिरावट इतिहास में सबसे बड़ी होगी क्योंकि 2009 की वैश्विक मंदी (Global Slowdown) के दौरान इसमें 5% की कमी दर्ज हुई थी। इन हालात में केरल के सामने बड़ी चुनौती इसलिए खड़ी होने वाली है। क्योंकि राज्य को बाहर से आने वाली रकम की लत लग चुकी है और इसका कोई विकल्प यहां तैयार है ही नहीं। जानिए कैसे केरल के सामने एक और मुसीबत का पहाड़ टूटने वाला है।


खाड़ी देशों से अब पैसा नहीं, मायूसी आएगी
इस साल के लिए जो अनुमान लगाए गए हैं, उनके मुताबिक सिर्फ संयुक्त अरब अमीरात से भारत आने वाले धन में ही 35% की कमी आएगी और वह भी केवल दूसरी तिमाही में। यूएई गल्फ कॉपरेशन काउंसिल में बाहरी धन का सबसे बड़ा स्रोत है और भारत इसे पाने वाला सबसे बड़ा देश। हालांकि पिछले कुछ सालों में भारत में खाड़ी से आने वाले पैसे में कमी देखी गई थी लेकिन केरल में 2018 और 19 में ज़्यादा धन।केरल के सामने दोहरी मुसीबत। दूसरे भारतीय राज्यों के मुकाबले केरल के तार खाड़ी देशों से काफी पहले से और काफी गहरे जुड़े हैं। हालांकि केरल सरकार बाहर से आने वाले धन के आंकड़े सालाना नहीं देती, लेकिन फिर भी विशेषज्ञ मानते हैं कि केरल की जीडीपी का एक तिहाई हिस्सा यही है। अब केरल के सामने हालात ये हैं कि पहले थम चुकी कोविड 19 संक्रमण की लहर फिर उठान पर है और ऐसे में खाड़ी से आने वाले धन के आदी हो चुके केरल को लौटने वाले बेरोज़गारों की भीड़ को भी संभालना होगा और कोरोना के खतरे को भी।


केरल की जीडीपी का एक तिहाई हिस्सा खाड़ी देशों से आने वाला धन माना जाता है।

केरल और खाड़ी के रिश्ते की कहानी
खाड़ी देशों पर आश्रित होने वाली केरल की अर्थव्यवस्था की कहानी 1970 के दशक में शुरू हुई थी जब केरल के लोगों ने खाड़ी में जाना शुरू किया था। 21वीं सदी आते आते केरल के करीब 15 लाख लोग खाड़ी में थे। चूंकि शिक्षा के मामले में केरल भारत का सबसे बेहतर राज्य रहा, इसलिए पाकिस्तानियों और बांग्लादेशियों के मुकाबले केरल के लोगों को काम आसानी से मिलता रहा। दूसरी तरफ, केरल की सरकारों और कम्युनिस्ट नेताओं ने शिक्षा का तो खयाल रखा, लेकिन केरल में उद्योग धंधे संबंधी विकास को तरजीह नहीं दी। धीरे धीरे हालात ये हो गए कि खाड़ी देशों से केरल में आने वाला पैसा व्यक्तिगत तौर पर ही खर्च होता रहा। लोग बाहर से आने वाले पैसों को प्रॉपर्टी और सोना खरीदने में खर्च करते रहे और राज्य इस धन का कोई इस्तेमाल रणनीति के तहत कर ही नहीं सका।


जनपद उन्नाव 3 दिन के लिए बंदः डीएम

उन्नाव। उन्नाव जनपद में कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से जिलाधिकारी श्री रवीन्द्र कुमार की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अधिकारियों एवं व्यापार मण्डल के अध्यक्ष व प्रतिनिधियों के साथ कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय कक्ष में बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्तमान में जनपद में कोविड-19 का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। प्रतिदिन अधिक संख्या में कोरोना पाॅसटिव पेसेन्ट निकल रहे है। कोरोना वायरस की रोक थाम के लिये बैठक में चर्चा कि गई कि जनपद में पुनः मुख्य बाजारों को बन्द करातें हुये वृहद स्तर पर सेनीटाईजेशन की कार्यवाही की जाये, तथा लोगो का अवागमन सिमित किया जाये। इससे कोविड-19 का सर्वें भी भली भंति हो जायेगा।
जिलाधिकारी एवं व्यापार मण्ड़ल के पदाधिकारियों के बीच तय किया गया कि आगामी 10,11,12 जुलाई 2020 को जनपद में सभी बाजार, (मेडिकल स्टोर एवं नर्सिगहोम को छोड़कर) बन्द रखी जाये। तथा आवश्यक वस्तुओ की दुकाने प्रातः 09 बजे तक खुले।जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी सहित जनपद के समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिये है कि जनपद के समस्त ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रोें में आगामी 10,11,12 जुलाई 2020 (शुक्रवार, शनिवार तथा रविवार),को जनपद में सभी बाजार, (मेडिकल स्टोर एवं नर्सिगहोम को छोड़कर), बन्द रखे जाये। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओ की दुकाने प्रातः 09 बजे तक खोले जाने की कार्यवाही कराई जाये। उन्होंने कहा कि सब्जी एवं फल विक्रेता केवल भ्रमण कर बिक्री कर सकेगे, सब्जी मण्डी एवं फल मण्डी की दुकानें इन तीन दिन तक नही खुलेगी। मेडिकल इमरजेंसी या अस्पताल जाने हेतु किसी भी व्यक्ति को छूट होगी। न्यायालय और कार्यालय जाने वालोें के लिए दिये गये जारी पास मान्य होंगे तथा अधिवक्ताओं के लिए उनके ड्रेस अथवा उनके अधिवक्ता संघ का परिचय पत्र मान्य होगा। इस दौरान समस्त नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वृहद स्तर पर सैनिटाइजेशन का कार्य किया जायेगा तथा प्रयास रहेगा कि कोई भी हिस्सा सेनेटाइजेशन से न छूटे। द्वितीय शनिवार एवं रविवार को समस्त कार्यालय का भी सेनेटाइजेशन कराया जाएगा। नर्सिंग होम, जिला अस्पताल समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रविवार को सैनिटाइजेशन का कार्य कराया जाएगा। इसका डाक्यूमेंन्टशन भी कराया जाएगा। जो भी व्यक्ति बाहर निकलेगा उसके लिया मास्क पहनना आवश्यक होगा। मास्क न लगाने वाले व्यक्ति के विरुद्ध जुर्माने की कार्यवाही की जाएगी। जो दुकाने अनाधिकृत रूप से खुली पाई जाएंगी उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।जिलाधिकारी ने समस्त सम्मानित नागरिकों से अपील की है कि वह अपरिहार परिस्थितियों में ही घर से बाहर निकले। समस्त उन्नाव नागरिक इन दिनों अपने-अपने घरों को सेनेटाइज करें तथा टिवट्र एवं फेसबुक पर टैग कर सोशल मीडिया के माध्यम अपनी सहभागिता प्रदर्शित करें। उन्होंने सचेत करतेे हुये कहा कि निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित न करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 भारतीय दंड संहिता (अधिनियम संख्या-45 सन् 1860) की धारा 188 के अंतर्गत वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डा0 राजेश कुमार प्रजापति, अपर पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार पाण्डेय, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 आशुतोष कुमार, अपर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, नगर मजिस्ट्रेट चंदन कुमार पटेल, उप निदेशक सूचना डा0 मधु ताम्बे, व्यापार मण्ड़ल अध्यक्ष उन्नाव रजनीकान्त श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।


फारूख खान


राजातालाबः सेनेटरी पैड बैंक का शुभारंभ

नरेश गुप्ता 


पीएम के काशी के राजातालाब में पहले सेनेटरी पैड बैंक का हुआ शुभारंभ


आशा ट्रस्ट के सहयोग से इस दंपति ने अपने शादी के सालगिरह पैड बैंक खोल कर मनाया


वाराणसी/ रोहनियां/राजातालाब। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के पहले सेनेटरी पैड बैंक का शुभारंभ राजातालाब में मंगलवार को आराजी लाइन की ब्लाक प्रमुख नगीना सिंह पटेल ने फिता काटकर किया। आशा ट्रस्ट के सहयोग से रेड ब्रिगेड ट्रस्ट द्वारा इस बैंक की स्थापना की गई है। ब्लाक प्रमुख नगीना सिंह पटेल ने कहा कि ट्रस्ट कई वर्षों से समाज में अपना योगदान दे रहा है। इस तरह के प्रयास से नारी शक्ति का उद्धार होगा। गरीब महिलाओं को काफी लाभ मिलेगा। पैड बैंक के संचालन की जिम्मेदारी स्वैच्छिक सेवा प्रदाता शिक्षिका पूजा गुप्ता ने लिया है बताया कि आज हमारी शादी की छठवीं सालगिरह के अवसर पर उक्त सेनेटरी पैड बैंक खोलने का मकसद गरीब महिलाओं को इसका लाभ मिल सके। आशा ट्रष्ट और रेड ब्रिगेड ट्रस्ट द्वारा लॉकडाउन से ही स्वयं अपने घर पर रहकर हस्त निर्मित मास्क बनाने के साथ ही खाद्य सामग्री भी हजारो जरूरतमंद लोगों में बांटे हैं। उद्घाटन के दौरान रेड ब्रिगेड ट्रस्ट की सदस्य नग्मे इरम खान ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने भी ट्रस्ट की ओर से की गई पहल की सराहना करते हुए नारी सशक्तीकरण की दिशा में सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कि आज की नारी किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। जरूरत है तो उन्हें उचित मंच और प्रोत्साहन देते रहने की।


जरूरतमंद महिलाओं को उपलब्ध कराएंगे पैड: पैड बैंक संचालिका पूजा गुप्ता का कहना है कि इस बैंक के माध्यम से जिले भर में ऐसी जरूरतमंद महिलाओं, युवतियों तक सेनेटरी पैड नि:शुल्क प्रदान किया जाएगा। इसके लिए ट्रस्ट की ओर से हेल्पलाइन मोबाइल नंबर 9336617112 जारी किया गया ताकि पढ़ी लिखी महिलाएं और युवतियों टेलीफोनिक माध्यम से सेनेटरी पैड की मांग कर सकें। नग्मे इरम खान ने कहा कि ये कदम उनकी साफ-सफाई के लिए है. अलग अलग क्षेत्रों में सक्रिय जागरुक महिलाओं ने मिलकर इस पैड बैंक की शुरुआत की है। इस बैंक से ग़रीब और ज़रूरतमंद महिलाओं को सेनेटरी पैड मुफ़्त में दिए जाएंगे यहां से लड़कियों को फ्री में नैपकिन दिया जाएगा। आशा ट्रस्ट के वल्लभाचार्य पांडे ने बताया कि इस तरह का दस और पैड बैंक वाराणसी जिले में और खोला जाएगा। हमारी कोशिश हैं कि आसपास के अन्य जिलों में भी इसी तरह का पैड बैंक खोला जाएगा। सामान्य परिवारो के लड़कियों, महिलाओं व बच्चियों को 5 रुपये में चार नैपकिन दिए जाएंगे। कार्यक्रम में रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख अजय पटेल, नग्मे इरम खान, पूजा गुप्ता, प्रियंका भारती, प्रिया राय, राजकुमार गुप्ता आदि लोग मौजूद थे सभी ने पूजा गुप्ता और राजकुमार गुप्ता के शादी की सालगिरह की बधाई और शुभकामनाएं भी दिया।


भारतीय डाक विभाग में बंपर भर्ती

नई दिल्ली। भारतीय डाक विभाग में 4166 पदों पर निकली भर्ती के लिए आवेदन करने का आखिरी मौका बचा है। आधिकारिक नोटिफिकेशन के मुताबिक इस भर्ती के लिए 7 जुलाई 2020 तक ही अप्लाई किया जा सकता है। योग्य व इच्छुक उम्मीदवारों को आज ही इसके लिए आवेदन करना होगा।


इस भर्ती के तहत हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड पोस्टल सर्किल में उम्मीदवारों की नियुक्तियां की जाएंगी। नोटिफिकेशन के मुताबिक इन पदों पर नौकरी के लिए 10वीं पास उम्मीदवार भी अप्लाई कर सकते हैं. आइए जानते हैं डाक विभाग (India Post) में नौकरी से जुड़ी अहम जानकारियां।


कहां कितनी वैकेंसी?


हरियाणा – 608 पदों पर वैकेंसी


मध्य प्रदेश- 2,834 पदों पर वैकेंसी


उत्तराखंड – 724 पदों पर वैकेंसी


तीनों राज्यों में कुल वैकेंसी- 4,166


भारतीय डाक विभाग के तहत हरियाणा पोस्टल सर्किल में ग्रामीण डाक सेवकों की 608 भर्तियां निकाली गई हैं। ग्रामीण डाक सेवक की इस भर्ती के तहत ब्रांच पोस्टमास्टर, असिस्टेंट ब्रांच पोस्टमास्टर, डाक सेवक पद भरे जाएंगे। इन पदों पर आवेदन करने के लिए आखिरी तारीख 7 जुलाई 2020 है।


इन पदों के लिए 10वीं पास उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। बता दें कि इन पदों पर उम्मीदवारों का चयन मेरिट के आधार पर किया जाएगा, जो 10वीं में प्राप्ताकों के आधार पर बनेगी। वहीं, आयु सीमा की बात करें तो आवेदन के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष होनी चाहिए। इन पदों पर नौकरी से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।


भारतीय डाक विभाग के मध्य प्रदेश पोस्टल सर्किल में ग्रामीण डाक सेवकों (GDS) की भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं। डाक विभाग में इस भर्ती प्रक्रिया के तहत 2834 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी। इन पदों पर 10वीं पास उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। ग्रामीण डाक सेवक की इस भर्ती के तहत ब्रांच पोस्टमास्टर, असिस्टेंट ब्रांच पोस्टमास्टर, डाक सेवक के पद भरे जाएंगे।


इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवार को मान्यता प्राप्त स्कूल शिक्षा बोर्ड से दसवीं पास होना जरूरी है। इसके साथ ही 60 दिनों का बेसिक कंप्यूटर ट्रेनिंग सर्टिफिकेट होना चाहिए। इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवार 7 जुलाई 2020 तक आवेदन कर सकते हैं। इन पदों पर नौकरी से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।


उत्तराखंड पोस्टल सर्कल ने 700 से ज्यादा पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं। इस भर्ती के तहत बीपीएम/एबीपीएम/ग्रामीण डाक सेवक के पदों पर 724 उम्मीदवारों की भर्ती की जाएगी। इसके लिए उम्मीदवार का मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं पास होना अनिवार्य है। साथ ही 10वीं कक्षा में उसका एक स्थानीय और अंग्रेजी भाषा में भी पास होना अनिवार्य है।


इस भर्ती के लिए उम्मीदवारों की आयु सीमा 18 वर्ष से लेकर 40 वर्ष के बीच निर्धारित की गई है। आयु की गणना 8 जून 2020 के आधार पर की जाएगी। जीडीएस बीपीएम के पदों पर चयनित उम्मीदवारों को 12,000 रुपये से 14,500 रुपये प्रति माह वेतन मिलेगा। जबकि जीडीएस एबीपीएम के लिए 10,000 रुपये से 12,000 रुपये प्रति माह वेतन दिया जाएगा। इन पदों पर नौकरी से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें।


सपने और भविष्य के लिए निवेश करें

नई दिल्ली। भारतीय जीवन बीमा निगम देश की सबसे भरोसेमंद बीमा कंपनी है। सरकार के द्वारा संचालित इस कंपनी की पॉलिसी में निवेश पर ग्राहकों को कई फायदे दिए जाते हैं। बढ़ती महंगाई के इस दौर में हम सभी के लिए यह जरूरी है कि अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई का कुछ हिस्सा कैसे भी करके हम बचत कर किसी पॉलिसी में निवेश में करें। हर कि‍सी का सपना होता है कि उनके बच्‍चों का भवि‍ष्‍य अच्‍छा हो। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की भी ऐसी ही एक स्कीम है, जो बच्‍चों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। हम बात कर रहे हैं एलआईसी की ‘न्‍यू चि‍ल्‍ड्रन्‍स मनी बैक प्‍लान’ की।


आइए जानते हैं इस पॉलिसी की खास बातें…


इस पॉलिसी की खास बातें


(1) इस बीमा को लेने की न्यूनतम आयु 0 वर्ष है


(2) बीमा लेने की अधिकतम आयु 12 वर्ष


(3) न्यूनतम बीमा राशि 1,00,00 रुपए
(4) अधिकतम बीमा राशि की कोई सीमा नहीं
(5) प्रीमियम वेवर बेनिफिट राइडर- ऑप्शन उपलब्ध


मनी बैक इंस्टॉलमेंट– पॉलिसीधारक को 18, 20 और 22 वर्ष की उम्र पूरी होने पर सम एश्योर्ड का 20 फीसदी रकम मिलेगा।


मैच्युरिटी बेनिफिट- पॉलिसी मैच्योरिटी के समय (बीमाधारक की पॉलिसी अवधि के दौरान मृत्यु नहीं होने पर) पॉलिसीधारक को बीमा राशि का बचा हुआ 40 फीसदी बोनस के साथ मिलेगा।


डेथ बेनिफिट- पॉलिसी अवधि के दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु की स्थिति में बीमा राशि के अलावा निहित साधारण प्रत्यावर्ती बोनस और अंतिम अतिरिक्त बोनस दिया जाता है। डेथ बेनिफिट कुल प्रीमियम पेमेंट का 105 फीसदी से कम नहीं होगा।


एम्स में मृत महिलाओं के शव बदले


कविता गर्ग


नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। एम्स ट्रामा सेंटर में कोरोना संक्रमित 2 महिलाओं की मौत के बाद उनके डेड बॉडी को लापरवाही के चलते अलग- अलग परिवारों को दे दिया गया। एक महिला मुस्लिम समुदाय की थी और उसके शव को हिंदू समुदाय के परिजनों को दे दिया गया। वहीं, हिंदू परिवार ने मुस्लिम महिला के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। इतनी बड़ी लापरवाही की शिकायत मृतक महिला के परिवार की तरफ से दिल्ली पुलिस में की गई है। वहीं, एम्स प्रशासन इस गलती को मानते हुए अपने सिस्टम को सुधारने की बात कर रहा है।




जानकारी के मुताबिक, मृत मुस्लिम महिला का नाम अंजुमन है। वह महिला बरेली की रहने वाली थी। 4 जुलाई को अंजुमन को उसके परिजनों ने एम्स ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया था। टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि अंजुमन कोरोना से संक्रमित है। इसके बाद इलाज के दौरान 6 जुलाई को रात 11:00 बजे उसकी मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन की तरफ से परिजनों को इस बात की सूचना देर रात 2:00 दी गई। मौत की खबर सुनने के बाद परिवार में मातम पसर गया।


कब्रिस्तान में शव को दफनाने की तैयारी कर रहे थे


परिवार दिल्ली के एक कब्रिस्तान में शव को दफनाने की तैयारी कर रहे थे। एम्स ट्रामा सेंटर से जब डेड बॉडी पहुंची और परिजनों ने जब चेहरा देखा तो उन्हें पता लगा कि शव को बदल कर दूसरी महिला की लाश दे दी गई है। परिजनों ने अब अस्पताल प्रशासन से इस बात की जानकारी दी है। अस्पताल प्रशासन द्वारा जांच में यह पता लगा कि मुस्लिम परिवार की अंजुमन के शव को किसी हिंदू परिवार को लापरवाही के तहत दे दिया गया है। खास बात यह है कि हिंदू परिवार उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया था।


अंजुमन के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है


मतका के भाई शरीफ खान का कहना है कि अंजुमन के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। 6 महीने पहले महिला के सोहर का भी इंतकाल हो गया है। तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। अस्पताल की इस लापरवाही के बाद इन मासूम बच्चों को अपनी अम्मी का आखरी वक्त पर चेहरा भी देखने को नसीब नहीं हुआ। इन मासूम के आंखों में जो गम के आंसू है इसके लिए सरासर एम्स प्रशासन जिम्मेदार है।


एम्स प्रशासन द्वारा पूरी लापरवाही का जिक्र है


इस बड़ी लापरवाही को लेकर पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि जब इस बात को लेकर उन लोगों ने एम्स प्रशासन से बात करनी चाही तो वहां के सुरक्षा गार्ड और बाउंसर द्वारा उन्हें धमकाया गया। ऐसे में परेशान परिवार ने वहीं की पुलिस चौकी में लिखित शिकायत दी है, जिसमें एम्स प्रशासन द्वारा पूरी लापरवाही का जिक्र है। जब एम्स प्रशासन के लोगों से बात की गई तो उन्होंने इस पर सफाई देना शुरू कर दिया. और इसे महज एक सिस्टम की गलती मानकर इसे सुधारने की बात कही।



बिहार में ठनका गिरने से 20 की मौत

पटना। मंगलवार को आंधी-बारिश के दौरान ठनका गिरने से 20 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में कोशी और पूर्वी बिहार के कई जिलों के लोग भी शामिल हैं। 8 लोग झुलस भी गए। सहरसा और मध्यपाड़ा के दो-दो जबकि  भागलपुर, जमुई, मुंगेर और बांका के एक युवक की जान चली गई। बेगूसराय जिले में भी वज्रपात से मां-बेटी समेत 7 लोगों की मौत हो गई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को वज्रपात से 7 लोगों की हुई मृत्यु पर दुख व्यक्त किया है। साथ ही सीएम ने अविलंब मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपये अनुग्रह अनुदान देने के निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि आपदा की इस घड़ी में वे प्रभावित परिवारों के साथ हैं। वज्रपात से बेगूसराय में तीन  तथा भागलपुर, मुंगेर, कैमूर और जमुई में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। सीएम ने लोगों से अपील की है कि खराब मौसम में पूरी सतर्कता बरतें। खराब मौसम होने पर वज्रपात से बचाव के लिये आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समय-समय पर जारी किये गये सुझावों का अनुपालन करें। खराब मौसम में घरों में रहें और सुरक्षित रहें।


सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी

सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी  संदीप मिश्र  लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भी 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी के टैक्स फ्री ...