रात को गहरी नींद लेने के बाद भी कुछ लोगों को दिनभर नींद आती रहती है। वहीं, कुछ लोग पूरा आराम करने के बाद भी हर समय थका-थका महसूस करते हैं। अगर आप इन लोगों में से तो आपको अपनी सेहत पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि बहुत अधिक नींद आना या बहुत अधिक थकान होना आपकी गिरती सेहत की निशानी हैं…
क्यों आती रहती है हर समय नींद?
-जब शरीर से अधिक दिमाग थक जाता है, तब भी बहुत अधिक नींद आती है। अगर आपको लगता है कि आप लगातार कई घंटों तक एक ही जगह बैठे रहते हैं। या आप कंप्यूटर संबंधित जॉब में हैं तो आपके साथ यह समस्या होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
-क्योंकि इस तरह दिनभर काम करने से एक वक्त बाद आपका ब्रेन और आंखें बहुत अधिक थक जाते हैं, जबकि शारीरिक गतिविधि के अभाव में शरीर में दूसरी तरह की दिक्कतें पनपने लगती हैं।
अधिक नींद आने के सेहत से जुड़े कारण
-कुछ लोगों को अधिक नींद कई शारीरिक समस्याओं के कारण भी आती है। इनमें रेस्टलेस लेग, किडनी की समस्या, थायरॉइड से जुड़ी दिक्कतें, किसी दवाई को लंबे समय से लेते रहने के बाद उसे बंद कर देना आदि शामिल हैं।
टाइमटेबल का अभाव
-जिन लोगों के सोने और जागने का कोई निश्चित समय नहीं होता है, उन्हें भी नींद से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए एक हेल्दी लाइफ के लिए यह जरूरी हो जाता है कि आप खाने-पीने और सोने-जागने का एक निश्चित समय निर्धारित करें।
सही डायट का ना होना
-कुछ लोग कैफीन युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करते हैं तो कुछ लोगों को बहुत अधिक ऑइली और स्पाइसी फूड खाना पसंद होता है। इस तरह का भोजन भी हमारे नींद के साइकल को बाधित करता है। क्योंकि यह पाचन को सही नहीं रहने देता और अगर पेट ठीक ना हो तो शरीर की थकान कभी उतर ही नहीं सकती।
समाधान क्या है?
-बहुत अधिक नींद आने और हर समय थकान रहने की समस्या का सबसे पहला समाधान तो यही है कि आप अपनी डायट को सही करें और टाइमटेबल में सुधार करें।
-इसके साथ ही शुरुआती स्तर पर डॉक्टर से परामर्श के बाद कुछ जरूरी दवाओं का सेवन करें। इनकी सहायता से आप अपने पेट और ब्रेन के कनेक्श को सही कर पाएंगे। इसके बाद अपनी सही लाइफस्टाइल को फॉलो करते हुए इन समस्याओं से निजात पा सकते हैं।
रविवार, 5 जुलाई 2020
गहरी नींद के बाद क्यों आती है जमाई
लंबे और मजबूत बालों के लिए टिप्स
मनोज सिंह ठाकुर
आपने किसी को यह कहते हुए सुना है कि चोटी बनाने से बाल लंबे और मजबूत होंगे? महिलाएं लंबे बालों के लिए ऑयल मसाज, ट्रिमिंग, हेयर स्पा सहित कई तरीके आजमाती हैं। लेकिन बहुत ही कम महिलाएं यह जानती हैं कि हेयर स्टाइल से भी बाल लंबे होते हैं।
दरअसल, हम सभी अपने बालों को स्वस्थ और सुरक्षित रखना चाहते हैं। इसके लिए हम महंगे शैंपू, हेयर स्पा और हर्बल शैंपू का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन महज एक हेयर स्टाइल से भी बालों को लंबा और मजबूत बनाया जा सकता है। दरअसल बालों की चोटी बनाने से हेयर फॉल सहित अन्य समस्याएं कम होती हैं।
चोटी बनाने से कैसे बढ़ते हैं बाल?
हम बचपन से ही दादी और नानी से अक्सर सुनते आ रहे हैं कि चोटी बनाने से बाल बढ़ते हैं। लेकिन कम ही लोगों को इस बात पर यकीन होता है। स्टडी में पाया गया है कि हेयर टैप या चोटी बनाने से बाल बढ़ते हैं। दरअसल, चोटी बनाने से बाल एक जगह इक_ा हो जाते हैं और कम टूटते हैं। इसके अलावा बालों में खिंचाव कम होता है और ये तेजी से विकास करते हैं। इसलिए बालों को खुले रखने के बजाय चोटी बनाना चाहिए।
बाल उलझने से बचाए
खुले बाल बहुत जल्दी उलझ जाते हैं और टूटने लगते हैं। इसके अलावा ये धूल, मिट्टी और गंदगी के संपर्क में आते हैं। इसके कारण बाल कमजोर और ड्राई हो जाते हैं। बालों की चोटी बनाने से ये कम उलझते हैं और तकिया लगाने पर इनमें तनाव भी कम होता है।
स्कैल्प पर प्रभाव
बालों की चोटी बनाने के फायदे के साथ नुकसान भी है। बालों को अधिक टाइट रखने से हेयर फॉल होता है। इसके अलावा गलत तरीके से चोटी बनाने से स्कैल्प और बालों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है जिसे ट्रैक्शन एलोपेसिया कहा जाता है।
लंबे और मजबूत बालों के लिए टिप्स
स्वस्थ और लंबे बालों के लिए अपनी लाइफस्टाइल और डाइट को बेहतर रखना बेहद जरूरी है। बालों का विकास जेनेटिक और पोषक तत्वों पर निर्भर करता है।
*हेल्दी जीवनशैली अपनाने और अधिक मात्रा में पोषक तत्वों का सेवन करने से बाल मजबूत होते हैं।
*हर हफ्ते में बालों में तेल लगाकर मसाज करें। इससे बालों को पोषण मिलता है और बाल हेल्दी और लंबे होते हैं।
*बालों के विकास के लिए अच्छी नींद भी बेहद जरूरी है।
*तनाव कम लें और हमेशा खुश रहने की कोशिश करें। ये स्वस्थ बालों के लिए जरूरी है।
*हफ्ते में एक बार घर पर बने हेयर मास्क का उपयोग जरूर करें। इससे बालों को पोषण मिलता है।
इस तरह घने, मजबूत और स्वस्थ बालों के लिए चोटी बनाने की आदत डालना चाहिए। अगर जरूरत न हो तो बालों को हमेशा खुला नहीं रखना चाहिए।
सुशांत की फिल्म 'दिल बेचारा' जीतेगी दिल
मनोज सिंह ठाकुर
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडीस का कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत की अंतिम फिल्म ‘दिल बेचारा’ दर्शकों का दिल जीत लेगी। सुशांत सिंह राजपूत की अंतिम फिल्म दिल बेचारा देखने के लिए हर को बेसब्री से इंतजार कर रहा है। दिल बेचारा डिज्नी हॉटस्टार पर 24 जुलाई को रिलीज होगी। सुशांत सिंह राजपूत की को स्टार रहीं जैकलीन फर्नांडीस ने सोशल मीडिया पर सुशांत की याद में एक इमोशनल पोस्ट लिखा है। जैकलीन ने सुशांत की अंतिम फिल्म का पोस्टर भी शेयर किया है और भरोसा जताया है कि उनकी ये फिल्म सभी का दिल जीतने में कामयाब होगी।
जैकलीन ने लिखा ,सुशांत के जाने से एक शून्य पैदा हो गया है। उसने मुझे सिखाया था कि मुश्किल समय में सभी के साथ रहो। खुद मैं यदि कभी परेशान होती थी तो उसने मेरी काफी मदद की। अब उसकी आखिरी फिल्म देखना मेरे लिए आसान नहीं होगा। लेकिन मुझे विश्वास है कि सुशांत अपनी एक्टिंग से स्क्रीन को जगमगा देगा। ये बात मुझे शांति जरूर देगी
डेढ़ रुपया किलो खरीद सकेंगे गोबर
बिनेट की बैठक में होगा गोबर की दर का अंतिम निर्णय
गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन को लेकर मंत्रिमण्डलीय उपसमिति ने की विस्तार से चर्चा
दक्षिणापथ, रायपुर। गोधन न्याय योजना के तहत किसानों और पशुपालकों से डेढ़ रूपए की किलो की दर से गोबर की खरीदी किए जाने की अनुशंसा कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमण्डलीय उप समिति ने की है। मंत्रिमण्डलीय उप समिति की बैठक आज यहां बीज भवन में आयोजित हुई। बैठक में वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया शामिल हुए।
छत्तीसगढ़ राज्य में गोधन के संरक्षण एवं सवंर्धन, वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन को बढ़ावा देने तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से गोधन न्याय योजना की शुरूआत हरेली त्यौहार से होने जा रही है। इस योजना के तहत शासन द्वारा निर्धारित दर पर किसानों एवं पशुपालकों गोबर की खरीदी की जाएगी। जिसके जरिए वृहद पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया जाएगा। मंत्रिमण्डलीय उपसमिति की बैठक में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी और इससे प्रबंधन के संबंध में कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की। बैठक में मंत्री श्री रविन्द्र चौबे एवं श्री मोहम्मद अकबर ने गोबर क्रय करने की पारदर्शी व्यवस्था तय करने की बात कही। उन्होंने कहा कि गौठान समिति अथवा उसके द्वारा नामित समूह द्वारा घर-घर जाकर गोबर संग्रहण किया जाएगा। उन्होंने इसके लिए खरीदी कार्ड की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही, ताकि रोजाना संग्रहित किए जाने वाले गोबर की मात्रा और भुगतान की राशि का उल्लेख कार्ड में किया जा सके। समिति ने किसानों और पशुपालकों में क्रय किए गए गोबर के एवज में पाक्षिक भुगतान किए जाने कीे भी अनुशंसा की है।
मंत्री रविन्द्र चौबे ने कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता एवं कृषि संचालक निलेश क्षीरसागर को गौठानों में पशुधन की संख्या और गौठान के रकबे को ध्यान में रखते हुए वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए कम से कम दस पक्के टांके का निर्माण शीघ्रता से कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशुधन की संख्या और गौठानों में स्थान की उपलब्धता को देखते हुए टांके का निर्माण कराया जाना चाहिए। समिति ने गोबर संग्रहण का दायित्व गौठान समिति अथवा महिला स्व-सहायता समूह को देने की बात कही। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता ने गोधन न्याय योजना के तहत गोबर के संग्रहण से लेकर वर्मी कम्पोस्ट तैयार किए जाने के संबंध मंे गौठान समितियों एवं स्व-सहायता समूहों को प्रशिक्षण दिए जाने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। नगरीय इलाकों में भी गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा तथा वन क्षेत्रों में वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से किया जाएगा।
मंत्रिमण्डलीय उपसमिति ने गौठानों के प्रबंधन, पशुधन के लिए चारे की व्यवस्था, शहरी इलाकों में गौठानों के निर्माण के संबंध मंे भी अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए। मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट की आवश्यकता किसानों के साथ-साथ उद्यानिकी, वन विभाग एवं नगरीय प्रशासन विभाग को बड़े पैमाने पर होती है। गोधन न्याय योजना के तहत तैयार वर्मी कम्पोस्ट के मार्केटिंग की दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि गौठानों में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट प्राथमिकता से उस गांव के कृषकों को निर्धारित मूल्य पर प्रदाय की जाएगी।
कर्ज से दुखी परिवार ने की आत्महत्या
जोधपुर। लॉकडाउन ने लोगों को प्रभावित किया। कई ऐसे भी लोग है जो इससे उबर ही नहीं पाए और मौत को चुन लिया। ऐसे ही एक मामला जोधपुर का आया है। यहां रहने वाले एक परिवार ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली।
परिवार के तीनों सदस्यों के शव पुलिस ने बरामद कर लिए हैं। सुसाइड नोट में परिवार के मुखिया ने कर्ज से परेशान होने की बात कही है। इस परिवार में पिता और पुत्र फर्नीचर का काम करते थे, जबकि पत्नी घर का कामकाज देखती थी। एसीपी नीरज शर्मा ने बताया कि बेटे नितिन ने पहले फंदा लगाया फिर पति राजेंद्र सुथार ने पत्नी इंद्रा का गला घोंट मौत के घाट उतारा।
- सुथार परिवार में राजेन्द्र पत्नी इंद्रा और बेटे नितिन के साथ किराए से रहते थे। पिता और पुत्र फर्नीचर बनाने का काम करते थे और खुद का घर लेना चाहते थे। पर लॉकडाउन के कारण उनका काम पूरी तरह बंद हो गया और नया घर लेना तो दूर उनके लिए कर्ज का ब्याज चुकाना भी मुश्किल हो गया और अंत में पूरे परिवार ने सुसाइड करने का फैसला लिया।
- गुरुवार की रात तक सब कुछ सामान्य था। राजेन्द्र फैक्ट्री से लौटने के बाद लोगों के साथ बैठे थे, पत्नी इंद्रा खाना खाकर रोज की तरह अन्य महिलाओं के साथ पार्क में इवनिंग वॉक कर रहीं थीं।
- बेटा नितिन भी फैक्ट्री से आने के बाद दोस्तों के साथ घूमने निकला था। रात साढ़े दस बजे नितिन के दोस्त उसे घर के बाहर छोड़कर गए थे। यहां तक सबकुछ ठीक था। रात 11 बजे तीनों घर गए। सबने साथ खाना खाया। रात 12 बजे के बाद नितिन ने पीछे कमरे में फंदा लगाया। फिर राजेन्द्र ने पत्नी का गला घोंटा व खुद भी फंदे से झूल गया।
- पुलिस मौके पर पहुंची तब तक टीवी ऑन था। घर में पुलिस को 4 मोबाइल मिले हैं। 2 मोबाइल नितिन के थे। 1 मोबाइल पिता व 1 मां का था। 2 मोबाइल की स्क्रीन टूटी थी।
- संदेह है कि सुसाइड से पहले पति-पत्नी के बीच झगड़ा हुआ था। पुलिस ने तीनों के शव एमडीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखवाए हैं। शनिवार को तीनों शव का पोस्टमार्टम किया गया।
अमरनाथ यात्राः पूजा का लाइव टेलीकास्ट
श्रीनगर। अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू से सड़क मार्ग से हर दिन 500 यात्रियों को जाने की इजाजत मिल सकती है। वहीं रोजाना होने वाली पूजा का लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा। चीफ सेक्रेटरी ने ये जानकारी दी।
श्री अमरनाथजी यात्रा 2020 की तैयारियों की समीक्षा करते हुए चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि कोविड 19 महामारी कश्मीर में तेजी से फैल रही है और यह चिंता का विषय है। इसे देखते हुए रोज होने वाली पूजा का लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा। वहीं जम्मू कश्मीर आने वाले यात्रियों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया के तहत टेस्टिंग अनिवार्य होगी।
अमरनाथ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एक सब कमेटी की मीटिंग हुई जिसकी अध्यक्षता चीफ सेक्रेटरी बीवीआर सुब्रमण्यम ने की। बैठक में अमरनाथ यात्रा की तैयारियों का जायजा लिया गया। साथ ही कहा गया कि कोविड 19 महामारी को देखते हुए प्रतिदिन सिर्फ 500 यात्रियों को जम्मू से सड़क मार्ग से जाने की इजाजत होगी। इसलिए उसी हिसाब से तैयारियां की जाएं।
पीएम ने जवानों का मनोबल बढ़ाया
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी का अचानक लद्दाख पहुंचना सबको चकित कर गया। भारत-चीन तनाव के हालात के बीच पीएम मोदी का का अचानक सीमा पर पहुंच जाना जवानों के जोश को हाई करने का काम कर रहा है। सीमा पर खड़े जवानों ने कहा है कि वह देश के लिए जान देने को तैयार हैं, जैसा वह पहले भी कर चुके हैं। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस(आईटीबीपी) के जवानों का जोश भी पीएम मोदी के लद्दाख दौरे के बाद बहुंत ऊंचा हो गया है।
आईटीबीपी के प्रमुख एस एस देसवाल ने कहा कि सीमा पर खड़े जवानों का मनोबल बहुत ऊँचा है और सेना देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने के लिए तैयार है। इस बीच लद्दाख में चीन के साथ सैन्य गतिरोध जारी है। आईटीबीपी के महानिदेशक (डीजी) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे और निमू में सैनिकों को दिए उनके संबोधन ने सीमा पर तैनात सभी जवानों का मनोबल बढा दिया है।
उन्होंने कहा कि देश राष्ट्रीय नेतृत्व, राजनीतिक नेतृत्व, सेना और जवान सभी राष्ट्र के लिए समर्पित हैं। देसवाल ने संवाददाताओं से कहा कि सीमा सुरक्षा और सभी सेनाओं का मनोबल चाहे वह भारतीय सेना हो, वायु सेना या आईटीबीपी हो, बहुत हाई है। देसवाल ने कहा कि सीमा पर जवानों ने अतीत में अपनी जान का कर्तव्य की राह में बलिदान दिया है और वे भविष्य में भी अपना जीवन राष्ट्र को समर्पित करने के लिए तैयार हैं।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) को मुख्य रूप से देश के पूर्वी हिस्से में चीन के साथ लगी 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है। यहां दोनों सेनाओं के जवान तैनात हैं।पूर्वी लद्दाख के गलवन घाटी क्षेत्र और अन्य स्थानों पर चल रहे गतिरोध के दौरान चीनी सेना का मुकाबला करने के लिए सेना के साथ यहां आईटीबापी के जवान भी तैनात रहते हैं। आईटीबीपी ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ गतिरोध के मद्देनजर एलएसी के साथ विभिन्न स्थानों पर अपनी संख्या को बढ़ाने के लिए लगभग 30 नई कंपनियों (लगभग 3,000 कर्मियों) को शामिल किया है।
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