शनिवार, 4 जुलाई 2020

राष्ट्रपति के नाम डीएम को सौंपा ज्ञापन

उत्तर प्रदेश सरकार की बरखास्तगी को लेकर सपा ने राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन ज़िलाधिकारी को सौंपा


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। समाजवादी पार्टी यूवजन सभा के पूर्व ज़िलाध्यक्ष रविन्द्र यादव के नेत्रित्व में महामहिम राष्ट्रपति को सम्बोधित तीन सूत्रिय ज्ञापन सौंपा गया।ज्ञापन में कानपुर में पुलिस और अपराधियों की मुठभेड़ में शहीद पुलिस के जवानो सहित प्रयागराज के थाना होलागढ़ के ग्राम वरई हरख में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या सोरांव थाने के युसूफपुर गांव के एक ही परिवार के पाँच लोगों की हत्या,माण्डा थाने के अन्तर्गत दम्पती और उनकी बेटी की हत्या आदि प्रयागराज में आए दिन बलात्कार और हत्याओं सहित कानपुर में शहीद जवानों के उपर हुए हमले की निष्पक्ष सी०बी०आई० जाँच कराने के साथ अपराध न रोक पाने के कारण योगी सरकार को तत्काल बरखास्त करने की मांग ज्ञापन के माध्यम से की गई।ज्ञापन सौंपने वालों में पूर्व सांसद नागेन्द्र पटेल,निर्वतमान महानगर अध्यक्ष सै०इफ्तेखार हुसैन,रविन्द्र यादव,महबुब उसमानी,महावीर यादव,मो०शारिक़,रेहान अहमद,डा०सरताज आलम,कमला यादव,दान बहादुर मधुर,सै०मो०अस्करी,नसीर उद्दीन राईन,बलवन्त यादव,अनूराग सहगल,मोनू प्रजापति,सुशील यादव,धीरेन्द्र यादव,रामसुमेर पाल,विनोद यादव,अवधेश यादव,विक्रम सक्सेना,शैलेन्द्र कुमार,आदर्श यादव,सोनू,सुनील पटेल आदि मौजूद रहे।


 


बेटे के गम में मां-बाप ने तोड़ा दम

गंजम। ओडिशा के जनपद गंजम में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। मिल रही जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमित इकलौते बेटे की मौत के कुछ ही घंटों के बाद पति-पत्नी का शव बरामद किया गया। पुलिस ने कहा कि जिले के कबिसरीनगर पुलिस सीमा के अंतर्गत नारायणपुरससन गांव के राजकिशोर सत्पथी और उनकी पत्नी सुलोचना सतपथी अपने 27 वर्षीय शिक्षक बेटे के भुवनेश्वर के एक अस्पताल में निधन हो जाने के बाद मृत पाए गए।


दंपति के अविवाहित बेटे को गंजाम में क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था। वह कुछ हफ्तों से कोरोना वायरस से संक्रमित था। युवक को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इसके बाद बुधवार को भुवनेश्वर के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कोरोना के लक्षण दिखने के बाद युवक का कोरोना टेस्ट किया गया था, जिसमें वह मंगलवार को पॉजिटिव पाया गया था। इसके बाद शुक्रवार सुबह अस्पताल में उसकी मृत्यु हो गई। गंजम जिले में 283 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1850 हो गयी है। इसके बाद खोरदा में 894, कटक में 702, जाजपुर में 540, गजपति में 442, बालासोर में 370 तथा जगतसिंहपुर में 305 लोग संक्रमित हुए हैं। ओडिशा के इन 10 जिलों (गंजम, गजपति, खोरदा, कटक, जाजपुर, जगतसिंहपुर, बालासोर, मयूरभंज, क्योंझर और झारसुगुडा) में 50 से अधिक सक्रिय मामले हैं। इसके अलावा कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए चार अन्य जिलों में भी सप्ताहांत में पूर्णबंदी लागू करने का फैसला किया है।                  


जनप्रतिनिधि का सम्मान करें अधिकारी

श्रीराम मौर्य


देहरादून। विधानसभा सत्र के दौरान अक्सर जनप्रतिनिधियों की ओर से ये शिकायत दर्ज कराई जाती है कि विधायकों और सांसदों को नौकरशाहों से उचित सम्मान नहीं मिल रहा है। पीठ की ओर से कई दफा इस संबंध में सरकार को निर्देश दिए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री की ओर से इस बारे में सदन में भी आश्वासन दिया जा चुका है। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इस संबंध में सभी अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों, मंडलायुक्तों, पुलिस महानिदेशक, जिलाधिकारियों और सभी विभागाध्यक्षों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें सभी सरकारी सेवकों को संसद व विधानसभा सदस्यों के प्रति शिष्टाचार को निभाना अनिवार्य करार दिया गया है।


सरकार की ओर से जारी आदेश में सरकारी सेवकों को जनप्रतिनिधियों की बातों को धैर्यपूर्वक सुनकर गंभीरतापूर्वक विचार करने और फिर गुणदोष व विवेकपूर्ण निर्णय लेने को कहा गया है। सांसद या विधायक की ओर से अधिकारी से मिलने की इच्छा जताने पर आपसी सहमति से मिलने का समय प्राथमिकता के आधार पर नियत करने और बैठक के लिए समय से उपलब्ध रहने को कहा गया है। सांसद व विधायक से मिलने पर खड़ा होकर उनका स्वागत करने, चलते समय उन्हें खड़े होकर विदा करने, सार्वजनिक समारोहों के प्रत्येक अवसर पर उनके बैठने की व्यवस्था पर विशेष रूप से ध्यान देने, फोन को तत्परता से उठाने को कहा गया है। शासनादेश में विधायकों व सांसदों से मिलने वाले पत्रों पर सावधानी से विचार कर उचित स्तर व शीघ्रता से जवाब देने और उन्हें गोपनीय सूचनाओं को छोड़कर स्थानीय महत्व के मामलों से संबंधित सूचनाएं और आंकड़े सुगमता से उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।


मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को इस मामले में सरकार का रुख साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों का दर्जा अधिकारियों से ऊपर है। अधिकारी ऐसी भूल न दोहराएं, इस बारे में उन्हें निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों का हर हाल में सम्मान करना चाहिए। अधिकारी अक्सर ये भूल जाते हैं, लिहाजा उन्हें समय-समय पर याद दिलाना पड़ता है।               


आयुक्त की अधिकारियों के साथ बैठक

अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए सभी जनपद वासियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षित बनाए जाने, कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने तथा सभी कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुरूप इलाज संभव कराने के उद्देश्य से आज मेरठ की कमिश्नर अनीता सी मेश्राम के द्वारा कलेक्ट्रेट के सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आहूत करते हुए शासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को प्रोटोकॉल के अनुरूप सभी व्यवस्थाएं युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं।

मंडलायुक्त कोविड-19 महामारी को लेकर आयोजित बैठक में गहन समीक्षा कर रही थी। उन्होंने प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जनपद में करोना मृत्यु दर घटाने के उद्देश्य से व्यापक स्तर पर अभियान चलाकर कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए उन्हें प्रोटोकॉल के अनुरूप इलाज संभव समय पर कराने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए ताकि जनपद में कोरोना मृत्यु दर कम हो सकें। उन्होंने कहा कि प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के द्वारा संयुक्त कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए कोविड-19 को लेकर जनपद में कोविड-19 अस्पतालों में आगामी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बैडों की व्यवस्था पूर्व से ही सुनिश्चित करने की कार्रवाई तत्काल प्रभाव से की जाए, ताकि सभी कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को प्रत्येक स्तर पर यथा समय इलाज संभव हो सकें।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय मुख्यमंत्री कोविड-19 को लेकर सभी जन समस्या को इसके संक्रमण से बचाने के उद्देश्य से निरंतर रूप से कार्यवाही सुनिश्चित कर रहे हैं। माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा मेरठ मंडल के सभी जनपदों में करोड़ों संक्रमित व्यक्तियों की खोज करते हुए उनका तत्काल इलाज संभव कराया जा सकें। इस उद्देश्य से 2 जुलाई से 12 जुलाई तक घर-घर जाकर विशेष सर्विलेंस अभियान भी संचालित किया जा रहा हैं। उन्होंने इस अभियान को बहुत ही गुणवत्ता के सारा चलाने के निर्देश दिए हैं, ताकि करोना संक्रमित व्यक्तियों की पहचान हो सकें तथा अन्य बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों की मैपिंग का कार्य भी सुनिश्चित किया जा सकें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सैंपलिंग के कार्य को और अधिक गतिशीलता के साथ संचालित करने के निर्देश दिए हैं।              


कलेक्ट्रेट में बैठक के बाद किया निरीक्षण

अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जिला अधिकारी अजय शंकर पांडेय के निर्देशन में जनपद में निरंतर कार्रवाई सुनिश्चित कराई जा रही हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को कलेक्टर सभागार में जनपद के नोडल अधिकारी सेंथिल पांडियन सी की अध्यक्षता में बैठक आहूत हुई हैं। बैठक में नोडल अधिकारियों द्वारा जनपद में चल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए कोविड-19 संक्रमण से ग्रस्त मरीजों के उपचार मैनेजमेंट पर विस्तार से चर्चा भी हुई हैं।


इस अवसर पर उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए हम सबको मिलकर एक सार्थक प्रयास करना होगा। कोविड-19 कार्य में तेजी लाने के उद्देश्य से नोडल अधिकारी द्वारा जनपद के जिला स्तरीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं।



उन्होंने कोविड-19 वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए समस्त स्वास्थ्य सुविधाएं एवं अस्पतालों में व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के निर्देश भी दिए हैं। बैठक में नोडल अधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया है कि कोरोना संक्रमण के ग्रस्त मरीजों के उपचार में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए जैसे ही यह संज्ञान में आता है कि कोई कोरोना संक्रमण से ग्रस्त है तो उसका तत्काल प्रभाव से संख्या- 1, 2 और 3 अस्पताल में रेफर कर इलाज शुरू कराना सुनिश्चित कराया जाए, जिसमें किसी भी प्रकार के उपचार में देरी ना हो सकें। बैठक में नोडल अधिकारी द्वारा पाया गया कि जनपद में स्वास्थ्य सेवा मानकों के अनुरूप चल रही हैं।

उन्होंने समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए जागरूकता एवं इसके बचाव संबंधी व्यापक प्रचार-प्रसार करा जाए। इसी क्रम में नोडल अधिकारी द्वारा एसआरएम कॉलेज मोदीनगर का निरीक्षण किया गया, जो संख्या-1 अस्पताल हेतु परिसरों को सुरक्षित रखा गया हैं। नोडल अधिकारी एवं जिला अधिकारी द्वारा कोरोना वायरस अभी व्यक्तियों कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुरूप इलाज समय पर संभव हो सकें। इस श्रंखला में एसआरएम कॉलेज मोदीनगर जो कोविड-19 के रूप में विकसित किया गया है उसका निरीक्षण किया गया हैं। 

एसआरएम कॉलेज में 400 बेड की व्यवस्था तथा कोविड-19 को लेकर प्रोटोकॉल के अनुरूप सभी व्यवस्थाएं भी उपलब्ध है, जो 4 जुलाई 2020 से प्रभावी एवं सचिव रूप से क्रियाशील हो जाएगा। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त, राजस्व अपर जिलाधिकारी भू०आ० स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी भी उपस्थित रहें हैं।              


किसान की धान 'संपादकीय'

किसान की धान      'संपादकीय'


धान से पैदा भोजन में महत्वपूर्ण जगह रखने वाले चावल और धान की फसल तैयार करने वाली समस्याओं लागत एवं फायदे पर विशष


 हम भारतीय खाने की थाली में विशेष महत्व एवं स्थान रखने वाले भोजन के महत्वपूर्ण अनाज धान से निकलकर चावल का स्वरूप धारण करने वाली फसल और  फसल पैदा करने वाले किसान भगवान की ज्वलंत समस्याओं लागत और फायदे नुकसान पर चर्चा करने की कोशिश कर रहे हैं।धान की फसल के लिए पानी उतना ही जरूरी होता है जितना मछली के जिंदा रहने के लिए पानी का होता है।धान की फसल की शुरुआत का तरीका बदल गया है और अब हल बैल का जमाना जाने के बाद टैक्ट्रर उसका विकल्प बन गया है।धान की फसल की शुरुआत बेड़न बिठाने से होती है और बेड़न बिठाने के लिये बीज की जरूरत होती है जो अब पहले की तरह घर से नहीं बल्कि बीज की दूकान से मुंहमांगी रकम अदा करके लाना पड़ता है।वैसे सरकार की तरफ से किसानों को अनुदान वाला बीज उपलब्ध कराया जाता है इसके बावजूद आधुनिक विभिन्न किस्म के दस आने धान का बीज दूकानों से खरीदा जाता है।बीज में मनमानी मूल्य झेलने के बाद किसान को बेड़न डालने के बाद खाद दवा के साथ ही जंगली पशुओं नीलगाय एवं छुट्टा गाय बछड़ा साड़ आदि की मनमानी की मार झेलनी पड़ती है और बेड़न खेत में डालने के एक हफ्ते के बाद से ही रात दिन चारपाई डालकर उसकी रखवाली करना पड़ता है।बरसात के मौसम की शुरुआत होते ही धान की फसल की तैयारी भी शुरू हो जाती है।इस फसल में नकदी की जरूरत बीज से बीज डालने रखवाली करने तक ही सीमित नहीं है बल्कि बेड़न की रोपाई के लिये खेत में पानी भरने बाद टैक्ट्रर से जुतवाकर पाटा चलाने तथा मजदूरों से रोपाई खाद दवाई तक की खरीद करनी पड़ती है।इस समय सौ रूपया सैकड़ा बेरन खोदकर उसकी मुठ्ठी बंधवाने पर खर्च करना पड़ता हैं।बिजली नलकूप वाले डेढ़ सौ दो डीजल वाले दो सौ रूपया प्रति घंटा लेते हैं और कच्चा डेढ़ बीघा खेत में रोपाई लायक पानी भरने में तीन से साढ़े तीन घंटे का समय लग जाता है।पानी भरकर जुताई मैवाई कराने के बाद रोपाई करने के लिए साढ़े तीन से चार सौ रूपया कच्चा बीघा खर्च करना पड़ता है।इतना ही नहीं धान की फसल में उवर्रक डालने की भी शुरुआत बेड़न से होती है और जबतक फसल में बालें नहीं निकलती हैं तबतक इसकी जरूरत पड़ती है।जिस तरह शुरू से अंत तक डीएपी से यूरिया खाद पर किसानों की एक अच्छी रकम खरीदने के नाम पर खर्च करने पड़ते हैं। उसी तरह इस फसल को तैयार करने के लिए खरपतवार नाशक दीमक नाशक फफूंदी नाशक आदि दवाओं पर भी नकद खरीदना पड़ता है।


इतना खर्च करने के बाद भी किसान को फसल तैयार करने के कम से कम दो बार निकाई भी कराना पड़ता है और निकाई करने वाले मजदूरों को चाय समोसा पान मसाला या दोहरे के साथ सौ रूपया नकद खेत पर ही भुगतान करना पड़ता है।इस फसल को तैयार करने के लिए किसान को पांच हजार से अधिक प्रति बीघा खर्च करने के साथ ही कम से कम चार महीने तक उसकी रातदिन रखवाली करके पशुओं से बचाना पड़ता है।इतना सब खर्च करने के बाद उसे काटकर तैयार करने के लिए उत्पादन का दसवां हिस्सा लौनी यानी कटाई के रूप में देना पड़ता है।इस फसल के सकुशल तैयार होकर घर आते आते किसान द्वारा खर्च की गई धनराशि की वापसी मुश्किल हो जाती है।इतनी मेहनत से किसान धान को पैदा करके उसे चावल बनने लायक बनाता है यही वजह भी है कि चावल मजहबी बंधनों को तोड़कर हिन्दू मुसलमान सिख इसाई सबका सर्वप्रिय भोजन का अंग बना हुआ है।जिन किसानों को सारा कार्य किराये पर कराकर धान की फसल पैदा करनी पड़ती है उसे घाटा उठाना पड़ता है क्योंकि एक बीघा खेत में औसतन तीन चार कुंटल से अधिक पैदावार नहीं होती है।धान की फसल तैयार करने में किसान के हिस्से में सिर्फ पुआल आता है और "बोया ऊँख बहुत मन फरका, कीन हिसाब बचा कां सिरका" वाली कहावत चरितार्थ होती है।



भोलानाथ मिश्र


3 दिवसीय डिजिटल प्रशिक्षण शिविर

एसिड पीड़िता और छात्राओं ने तीन दिवसीय डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण शिविर में आनलाइन नई तकनीक के साथ साइबर सुरक्षा का पाठ पढ़ी
   
-विशेषज्ञों ने बताया कि शोसल मीडिया, ऑनलाइन बैंकिंग या अन्य प्लेटफॉर्म पर किन बातों का रखें ध्यान


-आशा ट्रस्ट और रेड ब्रिगेड ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शनिवार को समापन हुआ


वाराणसी। सोशल मीडिया में सक्रिय रहते हुए किन बातों का ध्यान रखें, साइबर क्राइम से बचने के क्या तरीके हैं, डिजिटल वर्ल्ड में किस तरह गोपनीयता और सुरक्षा बनाएं रखें, आशा ट्रस्ट और रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के ओर से शहर के दुर्गाकुंड स्थित आरेंज कैफे में तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन कोरोना काल के समय से बढ़ते साइबर अपराधों के प्रति लोगों को जागरूक किया।


इसकी शुरुआत करते हुए प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख अजय पटेल ने बताया कि लॉकडाउन से ही अनलाक 2 में भी लोग घरों में कम्प्यूटर, मोबाइल फोन और टैबलेट पर ज्यादा समय व्यतीत कर रहे हैं। ऐसे में साइबर अपराधियों को उनके सिस्टम को हैक करने का ज्यादा मौका मिलता है। बतौर प्रशिक्षक सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि साइबर अपराधी लॉकडाउन में बैंक की ओर से तीन महीने के लिए छूट देने का बहाना बनाकर लोगों से खाते संबंधी जानकारी लेकर फ्रॉड कर रहे हैं। ऐसे में लोगों को पता होना चाहिए कि बैंक कभी इस तरह के फोन नहीं करता। यूपीआई व इंटरनेट बैंकिंग संबंधी फ्रॉड पर चर्चा करते हुए बताया कि अक्सर लोग गूगल पर नंबर सर्च कर फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं। लोगों को सिर्फ असली वेबसाइट पर जा कर ही कस्टमर केयर का नंबर लेना चाहिए।


प्रशिक्षण के दौरान साइबर क्राइम से बचने से लेकर नये नये तकनीक के उपयोग की भी जानकारी दी गई।


राजकुमार गुप्ता ने बताया कि इस वर्तमान समय में आईजीआरएस, पीजी सहित विभिन्न पोर्टलों, निगरानी, ई-कोर्ट, भूलेख, आरटीआई, आरटीई आदि पोर्टलों, ऐप्स, वेबसाइट आदि के माध्यमों से आमजन, विद्यार्थियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाया जा रहा है। जिसमें पेपरलेस, आनलाइन, आवेदन, शिकायत एवं सुझाव बिना भागदौड़ घर बैठे पाठयक्रमों में पंजीकरण, ई-अधिगम, ऑनलाइन-परीक्षा, डिजिटल प्रमाण-पत्र शामिल है तथा जिसे स्वतः एसएमएस एवं आधार समर्थित प्रत्यक्ष लाभ अन्तरण (डीबीटी) योजनाओं का समर्थन प्राप्त है। 


अजय पटेल ने कहा कि महिला सशक्तीकरण और सुरक्षा को लेकर डिजिटल ऑनलाइन पेपरलेस प्रशिक्षण शिविर अभियान चलाया जा रहा है। हमारे विशेषज्ञों की टीम पूर्वांचल के कई जिलों की प्रतिभागियों को डिजिटल आनलाइन विषय के बारे में जानकारी दिया। इस दौरान उन्हें इंटरनेट के सुरक्षित इस्तेमाल के बारे में जागरूक भी किया गया।


साइबर क्राइम से निपटने के तरीके सुझाएं गये


डिजिटल ऑनलाइन पेपरलेस प्रशिक्षण शिविर का मुख्य उद्देश्य एसिड पीड़िताओं और छात्राओं को साइबर जगत के नकारात्मक पहलुओं से अवगत कराते हुए इंटरनेट पर उनके लिए सुरक्षित माहौल तैयार करना है। इसके तहत तीन मुख्य उद्देश्यों पर काम किया गया। इनमें डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना, साइबर क्राइम के बारे में जागरूकता लाना और साइबर क्राइम से निपटने के लिए सुरक्षा के मौजूदा टिप्स के बारे में जानकारी देना शामिल है जिससे पीड़िताओं, छात्राओं को जागरूक बनाकर उन्हें सुरक्षा कवच दिया जा सकता है।


अआनलाइन फ्रॉड राेकने के लिए बरतें ये सावधानियां


कभी किसी अजनबी का बैंक अधिकारी के नाम से आई काॅल पर भी काेई डिटेल नहीं दें ओटीपी नंबर और एटीएम पिन भी कतई नहीं दें किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें, न ही लालच में काेई अनजान एप इंस्टॉल करें सोशल मीडिया का यूजर आईड और पासवर्ड भी शेअर नहीं करें।
इस दौरान अजय पटेल, राजकुमार गुप्ता, वाराणसी से बदामा देवी, सुमन कुमारी, आस्था कुमारी, मऊ से नग्मे इरम खान, इलाहाबाद से संगीता पटेल, गाजीपुर से प्रियंका भारती, प्रीति सरोज, जौनपुर से सन्नो सोनकर आदि लोग शामिल रहे।


रिपोर्ट- राजकुमार गुप्ता 


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...