शुक्रवार, 3 जुलाई 2020

7 हजार पुलिसकर्मी तलाश में लगाए

कानपुर। कानपुर में शातिर अपराधी विकास दुबे को पकड़ने गयी पुलिस टीम पर हुये हमले में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गये हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश के बाद मौके पर पहुंचे एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इस घटना को पुलिस की चूक माना है। लखनऊ से कानपुर देहात पहुंचे प्रशांत कुमार ने कहा कि इस मामले में पुलिस की तरफ से बड़ी चूक हुई। प्रशांत कुमार सीएम योगी को अपनी रिपोर्ट देंगे। एडीजी ने कहा कि कानपुर पुलिस से मुखबिरी हुई या किसने की पुलिस की मुखबिरी इस मामले की गहन जाँच शुरू कर दी गई है। कानपुर जिले को सील कर दिया गया है। 7 हजार की संख्या में पुलिसकर्मियों की टीम विकास दुबे की तलाश में लगी है। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथियों की तलाश में एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार समेत छह अफसरों की टीम बनाई गई है। इसमें ठोकिया और ददुआ गैंग का एनकाउंटर करने वाली एसटीएफ के अफसर भी शामिल हैं।


ADG प्रशांत कुमार ने कहा कि किसी भी हालत में अपराधी बख्शे नहीं जाएंगे। पुलिसकर्मियों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी.मुख्यमंत्री के निर्देश पर हरकत में आ चुकीं पुलिस की एक दर्जन टीमें विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए ताबड़तोड़ दबिश दे रही हैं। कानपुर मंडल कानपुर, कानपुर देहात, कन्नौज, फर्रुखाबाद, इटावा, औरैया की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं।


रात तीन बजे से पुलिस की टीमें हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की तलाश में जुटी हैं। इसी बीच सुबह सूचना मिली कि विकरू गांव से दो किमी की दूरी पर कुछ बदमाश छिपे हैं। पुलिस टीम ने घेराबंदी की। लेकिन पुलिस को देखते ही बदमाशों ने फायरिंग कर दी। आईजी ने बताया कि इस मुठभेड़ में विकास दुबे का मामा प्रेम प्रकाश पाण्डेय और उसका साथी अतुल दुबे ढेर हुआ है। हालांकि, इस दौरान दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. पुलिस के लूटे असलहे भी बरामद हुए हैं। बदमाशों के तीन और साथी थे, वे फरार हो गए। उनकी तलाश में शिवली एरिया में पुलिस टीम लगाई गई है।           


फोर्थ में ट्रांसजेंडर की नियुक्ति पर विचार

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को पैरामिलिट्री फोर्स में ऑफिसर के तौर पर नियुक्त करने पर विचार कर रहा है। जल्दी ही ट्रांसजेंडरों की तैनाती केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय सिक्योरिटी फोर्स (CISF), इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) में हो सकती है।


सूत्रों के मुताबिक पिछले साल दिसंबर में ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों की सुरक्षा) कानून नोटिफाई करने के बाद सरकार अब इस समुदाय को सभी सर्विस और क्षेत्रों में बराबरी का मौका देना चाहती है। गृह मंत्रालय ने इस मामले में CAPF से अपनी राय देने को कहा है। एक वरिष्ठ CAPF कमांडर ने बताया कि ट्रांसजेंडर ऑफिसरों की तैनाती से आने वाली चुनौतियों और साथ ही उसके फायदों पर सुरक्षाबलों में चर्चा हुई है। उनके मुताबिक ये CAPF के लिए उसी तरह का नया अध्याय होगा जैसे कुछ साल पहले सुरक्षाबल में महिलाओं को ऑफिसर की तौर पर नियुक्त किया गया था। उनकी राय है कि समाज के सभी हिस्सों को साथ लेकर चलने में सुरक्षाबल एक नई मिसाल कायम कर सकता है। वरिष्ठ कमांडर ने माना कि शुरुआत में ट्रांसजेंडर समुदाय को स्वीकार करने में मुश्किल आ सकती है जैसा कि महिलाओं के मामले में हुआ। लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि बाद में थर्ड जेंडर के लोग भी खुद को सहयोगियों और कमांडर्स से भली-भांति जुड़ जाएंगे। CAPF की कमांडर ने ये भी साफ किया कि ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए सुरक्षाबल में अलग से इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि रहने के इंतजाम और टॉयलेट  सभी जेंडर के हिसाब से तैयार किए गए हैं।         


4 लोगों की हत्या से क्षेत्र में सनसनी

बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। होलागढ़ में चार लोगों की हत्या की घटना से इलाके में सनसनी मच गई है। यह घटना होलागढ़ थाना क्षेत्र के देवापुर इलाके का है। जहां एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर दी गई. चारों का शव खून से लथपथ मिला था। जिसके बाद इलाके में हंगामा मच गया। हालांकि अभी हत्या की असली वजह का खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस को घटना की सूचना दी गई। जिसके बाद उन्होंने मौके पर पहुंचकर लाश को अपने कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। फिलहाल पुलिस सभी एंगल से जांच कर रही है। पुलिस को शक है कि ये हत्या किसी आपसी रंजिश की वजह से की गई है।                 


जनता से गलतियों की माफी मांगी

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में लालू-राबड़ी के 15 साल बनाम नीतीश कुमार के 15 साल के बीच राजनीतिक बिसात बिछाई जाने लगी है। जेडीयू-बीजेपी गठबंधन लालू-राबड़ी के 15 सालों के कार्यकाल को जंगलराज के तौर पर पेश कर आरजेडी पर निशाना साधते हुए जनता के बीच मुद्दा बनाता रहा है। ऐसे में लालू यादव के सियासी विरासत संभाल रहे तेजस्वी यादव ने अपने माता-पिता लालू-राबड़ी के शासनकाल में हुई गलतियों के लिए माफी मांग कर विपक्ष के राजनीतिक चक्रव्यूह को तोड़ने की कोशिश की है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या तेजस्वी यादव माफी मांगकर अपनी और पार्टी की छवि को बदल पाएंगे। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पार्टी के एक कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 15 साल के आरजेडी शासनकाल के दौरान अगर किसी प्रकार की गलतियां हुई हैं तो वह उसके लिए माफी मांगते हैं। उन्होंने कहा कि लालू शासनकाल के दौरान जो भी हुआ, उस वक्त हुआ जब हम छोटे थे और सरकार में क्या हो रहा था कुछ नहीं जानते थे?


तेजस्वी यादव ने कहा, ‘ठीक है, 15 साल हम सत्ता में रहे, लेकिन हम तो सरकार में नहीं थे। हम तो छोटे थे लेकिन फिर भी हमारी सरकार रही। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि लालू प्रसाद ने सामाजिक न्याय किया। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद ने बिहार में सामाजिक न्याय किया। वह दौर अलग था। हालांकि, अगर इसी प्रकार की बहुमूल्य कमी हुई हो तो उसके लिए वह माफी मांगते हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि जनता अगर उन्हें एक मौका देगी तो वह बिहार में विकास की गंगा बहा देंगे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आप एक कदम चलेंगे तो मैं चार कदम चलकर आपकी आशा और विश्वास को पूरा करूंगा. सभी नौजवानों को रोजगार दूंगा। राज्य में विकास की गंगा बहा कर हर घर मे खुशहाली लाने की कोशिश करूंगा। हमारी पार्टी सभी की पार्टी है और हम सबको सम्मान देंगे। जात-पात से ऊपर उठकर सब को साथ लेकर चलेंगे। सभी जाति और धर्म को विधानसभा मे प्रतिनिधित्व देंगे।


बता दें कि 1989 के आखिर से लेकर 2005 तक बिहार में लालू यादव के राष्ट्रीय जनता दल का शासन रहा। इस दौरान बिहार की सियासत में राजनीति और अपराध में तालमेल देखा गया। भ्रष्टाचार, अपराधियों के राजनीतिक संरक्षण, उनके राजनीति में प्रवेश, रंगदारी और किडनैपिंग के मामलों का पूरे बिहार में वर्चस्व कायम था। बीजेपी-जेडीयू ने बिहार में इस अपराध के फलने-फूलने के लिए लालूराज को जिम्मेदार ठहराते आ रहे हैं। इतना ही नहीं आरजेडी के 15 साल के शासन को बिहार में जंगलराज का नाम नीतीश कुमार ने ही दिया था।               


गर्भावस्था में सिर दर्द से पाएं छुटकारा

गर्भावस्था में महिलाओं को कई तरह की परेशानियों और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिनमें से एक सिरदर्द भी है। प्रेग्नेंसी में किसी भी समय सिरदर्द हो सकता है लेकिन गर्भावस्था की पहली तिमाही और दूसरी तिमाही में सिरदर्द की शिकायत ज्यादा रहती है।
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में शरीर में हार्मोन का स्तर और ब्लड वॉल्यूम काफी बढ़ जाता है। इन दो बदलावों के कारण गर्भावस्था में सिरदर्द हो सकता है। वहीं स्ट्रेस, गलत पोस्चर या नजर कमजोर होने पर भी सिरदर्द बढ़ सकता है।
प्रेगनेंट महिलाएं सिरदर्द के घरेलू उपायों से इस समस्या से राहत पा सकती हैं। तो चलिए जानते हैं गर्भावस्था में सिरदर्द से छुटकारा पाने के घरेलू नुस्खे।
ठंडी सिकाई
सिर की रक्त वाहिकाओं के चौड़ा होने की वजह से प्रेग्नेंसी में माइग्रेन का दर्द उठ सकता है। ठंडी सिकाई से रक्त वाहिकाएं और कोशिकाएं सिकुड़ती हैं जिससे दर्द में कमी आती है। इसके लिए ठंडे पानी की पट्टी को कुछ मिनट के लिए सिर और आंखों पर रखें। आप चाहें तो एक साफ कपड़े में बर्फ के कुछ टुकड़े डालकर भी सिर की सिकाई कर सकते हैं।
झपकी लें या योग करें
कई बार नींद की कमी के कारण भी सिरदर्द हो जाता है। गर्भावस्था में रात में अच्छी नींद न आने की शिकायत बहुत रहती है। अगर आपको लग रहा है कि नींद की कमी की वजह से आपको सिरदर्द हो रहा है तो एक बार झपकी लें।
प्रेग्नेंसी में होने वाले बदलावों और परेशानियों के कारण तनाव होना सामान्य बात है। तनाव को कम करने और बेहतर नींद पाने के लिए आप योग की मदद ले सकती हैं।
अदरक
गर्भावस्था के दौरान सिरदर्द का इलाज करने का सबसे आसान तरीका अदरक है। अदरक मांसपेशियों में संकुचन पैदा करने वाले प्रोस्टाग्लैंडिन को ब्लॉक कर देती है।अगर आप कच्ची अदरक नहीं खा सकती हैं तो अदरक की चाय बनाकर पी लें। अदरक की चाय सिरदर्द से तुरंत राहत दिलाती है।
पुदीने का तेल
मांसपेशियों को आराम देने के लिए पुदीने का तेल बहुत असरकारी होता है। इसकी खुशबू से नसों को आराम मिलता है। हथेली पर पुदीने के तेल की कुछ बूंदें डालें और उससे कुछ सेकंड के लिए माथे की मालिश करें। रात को सोने से पहले ये नुस्खा आजमाना ज्यादा कारगर साबित होगा।
नींबू का रस
नींबू का रस पेट में ऐंठन के साथ-साथ सिरदर्द से राहत दिलाने और इम्युन सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है। गर्भावस्था में शरीर में विटामिन सी का स्तर घट जाता है जिससे सिरदर्द हो सकता है। नींबू शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर रक्त प्रवाह में सुधार करता है। नींबू एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है।
टिप्स
अगर आपको प्रेग्नेंसी में सिरदर्द परेशान कर रहा है तो इन टिप्स को अपनी जीवनशैली में जरूर शामिल करें :
*दिनभर में थोड़ा-थोड़ा कर के खाना खाएं और अपने आहार में प्रोटीन को शामिल जरूर करें।
*शरीर को आराम देने के लिए नहाने के पानी में सेंधा नमक डालकर नहाएं।
*प्रेग्नेंसी में कैफीन का ज्यादा सेवन न करें क्योंकि इसकी वजह से भी सिरदर्द शुरू हो सकता है।             


नेपोटिज्म को जिम्मेदार ठहराना गलत

सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की खबर से हर कोई आहत है। किसी को भी विश्वास नहीं आता कि अब उनका प्यारा हीरो इस दुनिया में नहीं हैं। सुशांत सिंह राजपूत की मौत से टीवी ऐक्ट्रेस दलजीत कौर को भी झटका लगा है। दलजीत सुशांत की दोस्त थीं और उन्होंने काफी वक्त साथ में बिताया। सुशांत की मौत को लेकर सोशल मीडिया पर लोग दावा कर रहे हैं कि सुशांत नेपोटिज्म की भेंट चढ़ गए। गुस्से में आकर लोगों ने आलिया भट्ट से लेकर सलमान खान और करण जौहर तक को बुरी तरह ट्रोल करना शुरू कर दिया।


कंगना रनौत ने भी सुशांत के सूइसाइड के मामले में नेपोटिज्म को जिम्मेदार ठहराया और यह तक दावा किया कि स्टार किड्स को फिल्में उनके पैरंट्स की वजह से मिलती हैं।
दलजीत बोलीं, जो कुछ भी कंगना ने कहा मैं उसे पूरी तरह से तो नहीं नकारती क्योंकि हो सकता है वह भी इन सब चीजों से गुजरी हों। मैं पर्सनल नहीं जाना चाहती। नेपोटिज्म को लेकर मेरी समझ क्या है, मैं आपको अपना उदाहरण देकर समझाती हूं। मेरे पापा इंडियन आर्मी में थे और अब वह रिटायर हो चुके हैं। वह बहुत अच्छे पेंटर हैं और वह कला मुझे पापा से मिली है। मैं पूछना चाहती हूं कि क्या वह क्रिएटिविटी मुझे पापा से मिली है तो गलत है क्या?


मैंने भी बहुत संघर्ष किया है। मैंने जीरो से शुरुआत की और जो भी कुछ भी, जितना भी कमा पाई मेहनत से कमाया। मैं कोई ज्यादा अमीप नहीं हूं, लेकिन मैंने कड़ी मेहनत के बल पर मैंने जो कुछ भी पाया है, अगर उसका फल मेरे बेटे जेडन को मिलता है तो गलत क्या है? उसी तरह स्टार किड्स की बात है। उन्हें अगर पहली फिल्म स्टार पैरंट्स की वजह से मिल रही है तो गलत क्या है? मुझे इसमें कुछ गलत नहीं लगता क्योंकि उनके पैरंट्स ने वह पहचान पाने के लिए बहुत मेहनत की है। इसलिए नेपोटिज्म में यह कहना कि स्टार किड्स को बॉयकॉट करो, मेरे हिसाब से गलत है।
दलजीत कौर ने कहा कि वह सुशांत को पर्सनली जानती थीं और काफी वक्त साथ में बिताया था। साथ ही उन्होंने फैन्स से गुजारिश की कि सुशांत की मौत को लेकर जो थिअरी चल रही हैं, उन पर ध्यान देना बंद करें और ऐक्टर के परिवार को इस दुख की घड़ी में परेशान न करें। दलजीत ने आगे कहा कि इसमें को शक नहीं कि इंडस्ट्री में बाहर से आने वाले लोगों को भी स्टार किड्स के बराबर चांस दिया जाना चाहिए लेकिन स्टार किड्स की फिल्मों को बॉयकॉट करना भी सही नहीं है। दलजीत के मुताबिक, आलिया भट्ट को भी ट्रोल करना सही नहीं है।               


7 वर्षीय बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म

पेंड्रा। छत्तीसगढ़ में नाबालिग के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पेंड्रा में कोरोना वायरस का डर दिखाकर 7 साल की नाबालिग बच्ची से दो आरोपियों ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है।दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्ता कर लिया है। मामला पेंड्रा के मगुरदा इलाके का है।


दोनों आरोपियों ने बच्ची को कोरोना होने का डर दिखाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। पुलिस दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद आगे की कार्रवाई में जुट गई है।                   


'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...