बुधवार, 1 जुलाई 2020

महंगाई के विरुद्ध सरकार के खिलाफ हल्ला

अतुल त्यागी


हापुड़। नेतृत्व के आदेश एवं निर्देशन में जनपद हापुड़ की तहसील गढ़मुक्तेश्वर कोरोना महामारी हॉट स्पॉट के कारण बंद होने की स्थिति में स्याना चोपला गढ़मुक्तेश्वर पर मेरठ मंडल प्रवक्ता दिनेश खेड़ा जिला महासचिव दिनेश त्यागी मंडल उपाध्यक्ष हबीब चौधरी राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सरदार कुमार सिंह, प्रदेश सचिव डॉ कुंवर पाल निवेश वह जिला उपाध्यक्ष प्रधान अफजाल खां जीते चौहान आदि के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए देश में बेतहाशा बढ़ी हुई। डीजल पेट्रोल व बिजली के बिलों की  कीमतों तथा पुलिस निरंकुशता व किसानों की  विभिन्न समस्याओं  के समाधान नहीं होने के विरोध में जोरदार विरोध करते हुए हल्ला बोल आंदोलन के तहत।
 माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार।
माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार।
व श्रीमान जिलाधिकारी महोदया हापुड़।
 के नाम जिला स्तरीय समस्याओं के समाधान हेतु।
 श्रीमान उप जिलाधिकारी महोदय गढ़मुक्तेश्वर को ज्ञापन सौंपा गया।
तथा मेरठ मंडल प्रवक्ता दिनेश खेड़ा ने कहा कि हिंदुस्तान की आजादी के 73 वर्षों बाद केंद्र सरकार ने यह सिद्ध कर दिया है कि केंद्र में उद्योगपति पूंजी पतियों की सरकार है ना कि गरीब किसान मजदूर  क्योंकि पेट्रोल उद्योगपति और पूंजीपतियों की प्रयोग में आने वाला पदार्थ है और डीजल गरीब किसान व मजदूर के उपयोग में आने वाला पदार्थ है जिससे सीधा सीधा असर गरीब जनता पर पड़ेगा जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रदर्शन करने वालों में मंडल कार्यकारिणी सदस्य सब्बू चौधरी  जिला कार्यकारिणी सदस्य राजू ठाकुर जिला सचिव सुभाष चौहान  तहसील प्रवक्ता कैप्टन राजेश चौधरी जिला कार्यकारिणी सदस्य मुबारक खां अनवर खान बीडीसी  रामदत्त सिंह  दिनेश चौहान  इकरामुद्दीन  मामचंद सिंह   माशा अल्लाह का  मुबारक हो  इंतजार था  मंडल उपाध्यक्ष हबीब चौधरी   वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष प्रधान अफजाल खान  जिला संरक्षक पीके वर्मा  जिला उपाध्यक्ष  संदीप चौधरी  जिला उपाध्यक्ष जितेंद्र सिंह  जिला उपाध्यक्ष प्रधान अयूब अली  जिला कार्यकारिणी सदस्य  मास्टर लोकेंद्र सिंह  मुन्ना सिंह नंबरदार  मुकीम खान  कपिल त्यागी  जीते चौहान  ना नई  सतीश चौहान  सतीश चंद त्यागी  ललित त्यागी  ओमपाल मिस्त्री खेड़ा  मनी चौधरी  अमरपाल सिंह    सुशील त्यागी  सुनील त्यागी    गौरव त्यागी  कपिल त्यागी  मनोज त्यागी  उत्तम त्यागी  सरदार हरभजन सिंह  जिला कार्यकारिणी सदस्य राजू ठाकुर  देवेंद्र सिंह अनुज चौधरी  डॉक्टर मारूफ चौधरी doctor नौशाद अली   अनुज चौधरी  देवेंद्र कुमार संजय सिंह  गजेंद्र सिंह  जितेंद्र त्यागी  अनिल त्यागी  रवीश कुमार  इकराम भाई इमरान ताज मोहम्मद राहत अली  सुखपाल सिंह जाटव  प्रदेश सचिव डॉ कुंवर पाल सिंह निवेश  मुबारक kha  जिला संरक्षक पीके वर्मा  अनिल चौधरी नत्थी सिंह सैनी  तेजवीर सिंह  राजेंद्र सिंह  ठाकुर चंद्रपाल सिंह  व  महिला तहसील अध्यक्ष  नीलम त्यागी  सहित  सैकड़ों किसान  मौजूद रहे।
 परम पूज्य किसान देवता महात्मा टिकैत अमर रहे।
 ऐतिहासिक महान  आंदोलनकारी   मसीहा टिकैत परिवार जिंदाबाद।
 कुशल कर्मठ व जुझारू सेनानायक हमारे सेनापति ठाकुर राजवीर सिंह जादौन जिंदाबाद।
माननीय श्री राजेश सिंह चौहान जिंदाबाद।
माननीय श्री बलराम सिंह नंबरदार जिंदाबाद।
 पूजनीय श्री राजपाल शर्मा जी जिंदाबाद।
चौधरी युद्धवीर सिंह जिंदाबाद।
महान किसान विचारक व राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी चौधरी धर्मेंद्र सिंह मलिक जिंदाबाद।
चौधरी युद्धवीर सिंह जिंदाबाद।
चौधरी दिगंबर सिंह जिंदाबाद 
भारतीय किसान यूनियन के समस्त जांबाज योद्धा एवं महारथी जिंदाबाद।


भाकियू की महान वीरांगना जिंदाबाद के
जय जवान जय किसान जय हिंदुस्तान 
भारतीय किसान यूनियन जिंदा।


मजबूरीः अंतिम संस्कार के बदले रिवाज






सीधी। मौजूदा दौर में लोगों के सामने कोरोना संक्रमण से लड़ने के साथ -साथ आर्थिक जरूरतों को पूरी करना भी एक बड़ी चुनौती बन गया है | एक परिवार के पास इतनी भी नगद रकम नहीं थी की वो घर की महिला का सामाजिक रूप से अंतिम संस्कार करते | इस आदिवासी महिला की मौत के बाद उसके परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए अपने चिर परिचितों से नगद रकम उधार मांगी | लोगों ने हाथ खड़े कर दिए | हैरानी तो तब हुई जब इस पीड़ित परिवार ने अपने इलाके की नगर पालिका परिषद् से आर्थिक सहयोग की मांग की | ताकि वे इस महिला का अंतिम संस्कार कर सके | लेकिन ना तो किसी पार्षद ने अपने हाथ आगे बढ़ाये और ना ही सहयोग के लिए नगर पालिका ने कोई उपाए सोचा | आखिरकार पीड़ित आदिवासी परिवार ने इस महिला का शव नदी में बहा दिया |


मामला मध्यप्रदेश के सीधी जिले के कोटहा का है | यहाँ अंतिम संस्कार के लिए पैसे न होने की वजह से एक आदिवासी महिला के शव को नदी में बहा दिया गया | महिला के रिश्तेदारों ने बताया कि गरीबी के चलते उनको यह कदम उठाना पड़ा। उनके मुताबिक यह महिला लंबे समय से बीमार थी। उसकी अचानक मौत हो गई। इस दौरान गरीबी के चलते उनके पास कुछ भी नगद रकम नहीं थी | इतने भी पैसे नहीं थे की वे सामाजिक रूप से उसका दाह-संस्कार कर सके | उन्होंने नगरपालिका से मदद मांगी लेकिन कोई मदद नहीं मिली।


नतीजतन आर्थिक मजबूरी में परिजन ठेले में शव को लादकर जिला मुख्यालय से दूर सोन नदी में पहुंचे | यहाँ अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं होने की वजह से उन्हें लकडिया भी नहीं मिली | आखिरकार परिजनों ने महिला के शव को जलाने के बजाय उसे सोन नदी में प्रवाहित कर दिया। उधर घटना का एक वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है | पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल किया कि गरीबों के अंतिम संस्कार में मदद वाली सरकारी योजनाओं का क्या हुआ ? कमलनाथ ने कहा कि “शिवराज जी जब आप विपक्ष में थे तो गरीबों के अंतिम संस्कार को लेकर खूब दावे करते थे और कांग्रेस को खूब झूठा कोसते थे। आज आप सत्ता में हैं। आपकी सरकार की सच्चाई जान लें।


उन्होंने कहा, “सीधी जिले में एक आदिवासी परिवार की महिला की मृत्यु होने पर परिवार को मांगने पर ना शव वाहन मिला और ना अंतिम संस्कार के लिए आर्थिक मदद। पैसे नहीं होने पर, मजबूरी में परिवार ने शव को ठेले पर ले जाकर नदी में बहा दिया। कहां गयी आपकी अंतिम संस्कार की योजना”? कमलनाथ ने आगे कहा कि “मानवता को शर्मशार करने वाली इस हृदय विदारक घटना पर तत्काल दोषियों पर कड़ी कार्यवाही हो, परिवार की हर संभव मदद हो”। उधर बीजेपी ने भी कमलनाथ और कांग्रेस पर पलटवार किया है | उसने कहा है कि नगर पालिका परिषद् में कांग्रेस का बोलबाला है | उसे प्राथमिक रूप से मदद के लिए आगे आना चाहिए था |



 

 



 



27 लाख गाय-भैंसों का होगा टीकाकरण

अल्मोड़ा। पशुपालन विभाग देहरादून से जारी विज्ञप्ति के अनुसार पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अनुसार प्रदेश में किसानों की आय दुगनी करने के प्रमुख प्रयासों के दृष्टिगत खुरपका-मुॅहपका और बू्रसेला रोग के उन्मूलन के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 11 सितम्बर, 2019 को राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम की शुरूआत की थी। जिसके अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा पाॅच वर्षों तक शत-प्रतिशत वित्त पोषण के माध्यम से वर्ष 2025 तक पशुओं में टीकाकरण द्वारा खुरपका मुॅहपका और बू्रसेला रोगों के नियंत्रण किया जाना है तथा 2030 तक दोनों ही रोगों का उन्मूलन किया जाना है। उत्तराखण्ड राज्य में खुरपका मुॅहपका और बू्रसेला रोग नियत्रंण हेतु प्रथम चरण का टीकाकरण कार्यक्रम माह अगस्त-सितम्बर, 2020 में किया जाना है। इस योजनान्तर्गत टीकाकरण से पूर्व समस्त गौवंशीय-महिषवंशीय पशुओे की पहचान कर टेगिंग किया जाना अति आवश्यक है।इस टैगिंग एवं वैक्सीनेशन हेतु मैन पावर के लिये एक-एक वैक्सीनेटर व एक सहायक का चयन प्रति 1 हजार से 2 हजार पशुओं हेतु क्षेत्रीय स्तर पर किया जायगा और जहां विभागीय वैक्सीनेटर उपलब्ध न हो वहां पैरावेटो का प्राथमिकता के आधार पर चयन किया जाएगा। इसके साथ ही चयनित वैक्सीनेटर व टैगर्स को प्रति टीकाकरण की धनराशि व मास्क, सैनेटाईजर इत्यादि सामग्री दी जायेगी। जिसके फलस्वरूप 27 लाख गोवंशीयो-महिषवंशियों का टीकाकरण होगा और 20 लाख पशुपालको को सीधा इसका लाभ होगा।  इस कार्यक्रम में टैग किये गये पशुओं को अन्य योजनाओं से भी लाभान्वित किया जायेगा। टेगिंग व वैक्सीनेशन हेतु भारत सरकार द्वारा निःशुल्क टैग व वैक्सीन उपलब्ध करायी जा रही है।


 प्रदेश के समस्त पशुपालको से अपील है कि केन्द्र सरकार की जनहित व अति महत्वपूर्ण दूरदर्शी योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाते हुये अपने पशुओं में टेगिंग व टीकाकरण अवश्य करायें ताकि उन्हें भविष्य में खुरपका मुॅहपका और बू्रसेला रोगों से निजात मिल सके।


पेट्रोलियम पदार्थ के बढ़ते मूल्यों का असर

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil Price) और दूसरे पेट्रोलियम पदार्थों के दाम में हो रही वृद्धि का असर अब घरेलू बाजार में साफ दिखने लगा है। बुधवार को पेट्रोल-डीज़ल और रसोई गैस के अब एटीएफ यानी विमान ईंधन (ATF-Air Turbine Fuel Price Hiked) के दाम में भी 7.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है।


एविएशन टरबाइन फ्यूल यानी एटीएफ के दाम राष्ट्रीय राजधानी में 2,922.94 रुपये प्रति किलोलीटर यानी 7.55 फीसदी बढ़कर 41,992.81 रुपये प्रति किलोलीटर (प्रति हजार लीटर) हो गए है। माना जा रहा है कि लागत बढ़ने पर एविएशन कंपनियां टिकटों के दाम बढ़ा सकती है। एक महीने में एटीएफ की कीमतों में यह तीसरी सीधी वृद्धि है। 1 जून को 56.6 फीसदी (126 12,126.75 प्रतिकिलोलीटर) की दर से दरों में बढ़ोतरी की गई, इसके बाद 16 जून को 5,494.5 रुपये प्रति किलोलीटर (16.3 प्रतिशत) की वृद्धि हुई।
क्या होता है एटीएफ- जेट फ्यूल या एविएशन टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) की जरूरत विमानों के परिचालन के लिए पड़ती है।जिसका प्रयोग जेट व टर्बो-प्रॉप इंजन वाले विमान को पावर देने के लिए किया जाता है। यह एक विशेष प्रकार का पेट्रोलियम आधारित ईंधन है। एटीएफ दिखने में रंगहीन और स्ट्रा की तरह होता है। ज्‍यादातर कॉमर्शियल विमानन कंपनियां ईंधन के तौर पर जेट-ए एवं जेट ए-1 ईंधन का इस्‍तेमाल करती है।


एटीएफ का उत्पादन अंतरराष्‍ट्रीय मानकों के अनुरूप और तय दिशानिर्देशों के तहत किया जाता है। आमतौर पर टरबाइन इंजन संचालित विमानों में जेट-बी फ्यूल का ही प्रयोग किया जाता है। सर्दियों में इसका प्रयोग विमानों के बेहतर परिचालन के लिए होता है। कैसे तय होती है एटीएफ की कीमत – अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एटीएफ की कीमतें और क्रूड ऑयल की कीमतों के आधार पर इसके दाम तय होते है। इसके अलावा डिमांड-सप्लाई, प्राकृतिक आपदाओं, मौद्रिक उतार-चढ़ाव, भू-राजनैतिक तनावों के साथ-साथ ब्याज दर और अन्य चीजें भी रेट तय करने के लिए जिम्मेदार होती है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जुलाई 02, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-324 (साल-01)
2. बुधवार, जुलाई-02, 2020
3. शक-1943, अषाढ़, शुक्ल-पक्ष, तिथि- द्वादशी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:31,सूर्यास्त 07:28।


5. न्‍यूनतम तापमान 27+ डी.सै.,अधिकतम-39+ डी.सै.। तेज हवाओं के साथ बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


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मंगलवार, 30 जून 2020

बार-बार भूकंप का कारण पता लगाया

अरुण शर्मा


नई दिल्ली। भू-विज्ञानियों ने रोहतक में लगातार भूकंप आने का कारण पता लगा लिया है। उनका कहना है कि इंडो-ऑस्ट्रेलियन टेक्टोनिक प्लेट यूरेशियन प्लेट के टकराने और फॉल्ट लाइन के सक्रिय होने से  लगातार भूकंप आ रहे हैं। इससे दिल्‍ली-एनसीआर क्षेत्र में खतरा है। अभी इस संबंध में शोध में भू विज्ञानी अभी जुटे हुए हैं। शोध किए जा रहे हैं।  वरिष्ठ विज्ञानियों ने दावा किया है कि दिल्ली और हरियाणा के आसपास पांच फॉल्ट-रिज लाइन हैं। फिलहाल महेंद्रगढ़-देहरादून सक्रिय है। पिछले दो-तीन महीने से मथुरा फॉल्ट लाइन में भी सक्रियता के कारण ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद तक भूकंप के झटके आ चुके हैं!


छोटे धार्मिक स्थल खुलेंगे, बड़े बंद रहेंगे

जयपुर। राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में श्रद्धालुओं की सीमित संख्या वाले धार्मिक स्थल 1 जुलाई से फिर से खुलेंगे जबकि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े धार्मिक स्थल कोविड-19 महामारी के कारण बंद रहेंगे।






राज्य सरकार ने अन्य राज्यों से राजस्थान आने वालों के लिए 14 दिवसीय होम क्वांरटीन की अनिवार्यता को भी हटा दिया है, हालांकि उन्हें सभी नियमों का अनुपालन करना होगा और कोरोना के लक्षण नजर आने पर जांच करानी होगी। ये फैसले रविवार रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में लिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में केवल उन्हीं धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति होगी जहां सामान्य दिनों में प्रतिदिन 50 या इससे कम लोग आते हैं।


इन स्थलों पर एक समय में सीमित संख्या में लोग उपासना, दर्शन अथवा अन्य धार्मिक कार्यों के लिए मौजूद रह सकेंगे। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन और मास्क पहनने आदि स्वास्थ्य प्रोटोकॉल सहित भारत सरकार की ओर से धार्मिक स्थलों के लिए जारी एसओपी के अनुपालन को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।


गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन के कारण बंद हुए धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए जिला कलेक्टरों की अध्यक्षता में गठित की गई कमेटियों के सुझावों के आधार पर शहरों में सभी और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े धार्मिक स्थलों को फिलहाल नहीं खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि जीवन की सुरक्षा राज्य सरकार के लिए सर्वोपरि है। 20 जून को राज्य में शुरू हुआ कोरोना जागरूकता अभियान अब 7 जुलाई को समाप्त होगा। यह अभियान जागरूकता फैलाने के लिए शुरू किया गया था। गहलोत ने इस अभियान को सफल बताया।






यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...