अकाशुं उपाध्याय
गाजियाबाद। जिलाधिकारी व संबंधित विभाग के अधिकारी कृपया संज्ञान में लेने का कष्ट करें। क्या लावारिस हुआ गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से अप्रूव्ड कॉलोनी डीएलएफ अंकुर विहार ? प्राधिकृत क्षेत्र के विकास से प्रशासन का मुंह मोड़ना भ्रष्टाचार की ओर संकेत करता है। भ्रष्टाचार में लिप्त प्रशासनिक अधिकारी इस प्रकार से ओतप्रोत है कि उन्हें अपने निजी स्वार्थ के अलावा और कोई कार्य ना दिखता है ना सुनता है। हालांकि इस सरकार में भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्रवाई होने की कोई भी गुंजाइश नहीं है। क्योंकि यह सरकार भ्रष्टाचार के पायदान पर खड़ी है। ऐसी सरकार से इस प्रकार की उम्मीद करना बहुत बड़ी मूर्खता ही होगी। वही प्रशासनिक अधिकारियों से भी किसी प्रकार की उम्मीद गलतफहमी और नासमझी है। क्योंकि सब के सब भ्रष्टाचार के दलदल में कंधे तक फंसे हुए हैं और उसका पूरा आनंद ले रहे हैं। ऐसी स्थिति में विकास और विकास से जुड़ी किसी भी क्रिया पर किसी कार्य की अपेक्षा करना नीति के विरुद्ध है।
2 पार्क की पैमाइश करने के लिए दिया था एक आवेदन पत्र उसका जवाब नगरपालिका ने दिया कि विकास प्राधिकरण पार्क की पैमाइश करेगा। विकास प्राधिकरण ने जवाब दिया हम नहीं कर सकते। ना नगर पालिका करेगी ना ही गाजियाबाद विकास प्राधिकरण करेगा।