मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की ग्राम पंचायतों तथा नगरीय निकायों के वित्तीय प्रबंधन को मजबूत बनाने चार्टर्ड एकाउंटेंट्स से किया सहयोग का आव्हान
आईसीएआई की रायपुर शाखा को नया रायपुर में सीए की कोचिंग और इंस्टीट्यूट के कार्यालय के लिए जमीन उपलब्ध कराने की घोषणा
छत्तीसगढ़ में नए उद्योगों की संभावनाओं और औद्योगिक नीति में रियायतों की दी जानकारी
बिलासपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंटस ऑफ इंडिया से जुड़े देशभर के सीए से ग्राम पंचायतों और नगरीय प्रशासन के काम काज में कसावट और वित्तीय प्रबंधन को मजबूत बनाने के लिए सहयोग का आव्हान किया है। उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ में बहुत सी वनोपज हैं जिनकी पैदावार देश के अन्य हिस्सों में नहीं होती है। वर्तमान में इन वनोपजों के संग्रहण के बाद इनका प्रसंस्करण छतीसगढ़ के बाहर होता है। यदि इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंटस ऑफ इंडिया इनके प्रसंकरण के लिए निवेश छत्तीसगढ़ में लाने की पहल करते हैं तो इससे प्रदेश के उत्पादकों और संग्राहकों को लाभ मिलेगा और इनका निर्यात अन्य हिस्सों में करने से वहां की आवश्यकता की पूर्ति भी होगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय से इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंटस ऑफ इंडिया द्वारा ‘रिसर्जेट छत्तीसगढ़‘ विषय पर आयोजित वेबिनार में देशभर के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को सम्बोधित किया। उन्होंने सभी को आगामी एक जुलाई को सीए दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर आईसीएआई की रायपुर शाखा को नया रायपुर में छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों के लिए सीए की कोचिंग इंस्टीट्यूट और कार्यालय भवन के लिए जमीन उपलब्ध कराने की घोषणा की। उन्होंने इस अवसर पर वेबीनार की ई-स्मारिका का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आईसीएआई द्वारा छत्तीसगढ़ के एक हजार उद्यमियों को निर्यात के लिए तैयार करने में सहयोग के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए इसके लिए सहमति प्रदान की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ के हर गांव में गौठान और चारागाह विकसित किए जा रहे हैं। इनमें एक एकड भूमि महिला स्व सहायता समूहों की आर्थिक और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए आरक्षित की गई है। आईसीएआई उद्योगपतियों और महिला समूहों से टाईअप कर वहां अपनी आवश्यकतानुसार निर्धारित गुणवत्ता की सामग्रियां तैयार कराकर उन्हें अपने ब्रांड में बेच सकते हैं। इस काम के लिए महिला समूहों को लाभांश का हिस्सा देकर उन्हें आमदनी का जरिया उपलब्ध कराने में मदद कर सकते हैं।
श्री बधेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए अनुकूल वातावरण है। यहां कुशल और अकुशल श्रमिक, भूमि, जल और विद्युत उपलब्ध है। राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि कोलकता, सूरत और मुम्बई के बाद रायपुर में बड़ा जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क बनाया जा रहा है। उन्होंने इस अवसर पर सुराजी गांव योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, लघुवनोपज संग्रहण, मनरेगा सहित कोविड नियंत्रण तथा लॉकडाउन में कृषि और उद्योगो तथा व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल हमारा यह अनुभव रहा है कि किसान, वनवासियों की जेब में पैसा डालने से छत्तीसगढ़ वैश्विक मंदी से अछूता रहा है। इस साल भी हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को 5750 करोड़ रूपए की राशि दे रहे है। इसी प्रकार सर्वाधिक कीमत में तेन्दूपत्ता की खरीदी कर रहे है। इसके साथ ही राज्य में 31 लघुवनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है। इसका असर बाजार में देखने को मिला। छत्तीसगढ़ में 3 हजार ट्रेक्टर बिके, कंपनियां मांग के अनुसार ट्रेक्टर की आपूर्ति नही कर पा रहीं है। आईसीएआई के राष्ट्रीय अघ्यक्ष श्री अतुल गुप्ता ने कहा कि उनका संगठन राज्य सरकार को हर सहयोग देने के लिए तैयार है। उन्होंने नगरीय निकार्यों में नए रेवेन्यू जनरेट करने में सहयोग करने, पंचायतों के मेनेजमेंट, स्नातक के बाद छात्रों को सीए के मार्गदर्शन में तीन साल गहन प्रशिक्षण जैसे कार्य संचालित करने में राज्य सरकार के साथ सहयोग का प्रस्ताव दिया। इस वेबीनार में देशभर के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स शामिल हुए। उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ और लघु वनोपज संघ के एमडी श्री संजय शुक्ला, आईसीएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अतुल गुप्ता और पब्लिक व गवर्नमेंट फाइनेंसियल मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष श्री धीरज खंडेलवाल सहित अनेक पदाधिकारी इस कार्यक्रम में जुड़े। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की रायपुर शाखा के अध्यक्ष सीए श्री किशोर बरड़िया और सचिव श्री रवि ग्वालानी मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे। वेबिनार में छत्तीसगढ़ चेम्बर्स ऑफ कामर्स, कैट और उरला इंडस्ट्रिज एसोसिएशन के पदाधिकारी भी जुड़े।