सोमवार, 29 जून 2020

'वंदे भारत मिशन’ लाखों स्वदेश लौटे

नई दिल्ली। ‘वंदे भारत मिशन’ में अब तक डेढ़ लाख से अधिक भारतीय स्वदेश वापस आ चुके हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। पुरी ने लिखा “वंदे भारत मिशन की उड़ानों में डेढ़ लाख से अधिक लोग वापस आये हैं और 55 हजार से अधिक लोग देश से बाहर गये हैं।”


उन्होंने बताया कि रविवार को इस मिशन के तहत 4,784 लोग भारत लौटे। मिशन की शुरुआत कोविड-19 के कारण विदेशों में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए की गई थी। इसमें विदेशों में स्थित भारतीय दूतावासों की मदद से विशेष उड़ानों से भारतीय नागरिकों को लाया जा रहा है। वंदे भारत मिशन का चौथा चरण भी इस सप्ताह शुरू होना है। पुरी ने बताया कि चौथे चरण के बाद विदेशों से आने वाले भारतीयों की संख्या तेजी से बढ़ेगी।


महामारी की वजह से हुआ नुकसान'

  
 
 



नई दिल्ली। कोरोना महामारी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है। प्राइवेट सेक्टर भी लॉकडाउन के प्रभाव से अछूत नहीं रहा, जिस वजह से देश में लाखों लोगों का रोजगार छिन गया। अब दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन इंडिया ने बेरोजगारों को एक राहत भरी खबर दी है। जिसके तहत कंपनी ने बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार देने का फैसला किया है। ये भर्तियां देश के अलग-अलग शहरों में जल्द की जाएंगी।


वर्क फ्रॉम होम की सुविधा अमेजन इंडिया के मुताबिक भारत समेत अन्य देशों में अगले कुछ महीनों में कई त्योहार और छुट्टियां पड़ेंगी। ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि साइट पर कस्टमर ट्रैफिक तेजी से बढ़ेगा।
ग्राहकों को बेहतर ऑनलाइन शॉपिंग की सुविधा मिले, इसके लिए 20 हजार अस्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। ये नियुक्तियां कस्टमर सर्विस डिपार्टमेंट में होंगी यानी की अमेजन इंडिया के कॉल सेंटर में। अमेजन के मुताबिक उन्होंने वर्चुअल कस्टमर सर्विस प्रोग्राम के तहत भर्ती करने की योजना बनाई है, जिस वजह से कोरोना महामारी के चलते कर्मचारी घर बैठे (Work From Home) काम कर सकते हैं।


इन शहरों में होंगी भर्तियां ये भर्तियां इंदौर, भोपाल, नोएडा, कोलकाता, जयपुर, हैदराबाद, पुणे, कोयम्बटूर, चंडीगढ़, मैंगलुरु और लखनऊ में होंगी। कंपनी के मुताबिक कर्मचारियों को ग्राहकों की शॉपिंग में मदद करनी होगी। जिसके तहत उन्हें मेल, सोशल मीडिया, चैट और फोन के जरिए संवाद करना होगा। जिस वजह से इन पोस्ट की योग्यता 12वीं पास ही रखी गई है। वहीं जो उम्मीदवार इन पोस्ट के लिए अप्लाई करेंगे, उन्हें इंग्लिश, हिंदी, तमिल, कन्नड़ या तेलुगू में से एक भाषा का अच्छा ज्ञान होना चाहिए।


क्या रहेगा भविष्य? अमेजन अधिकारियों के मुताबिक अगर अस्थायी पोस्ट पर नियुक्त कोई कर्मचारी अच्छा प्रदर्शन करता है, तो उसे स्थायी कर दिया जाएगा, लेकिन ये फैसला साल के अंत में होगा। उन्होंने कहा कि कंपनी का मकसद मौजूदा हालात को देखते हुए उम्मीदवारों को जॉब सिक्योरिटी देना है। इसके साथ ही लॉकडाउन में बेरोजगार हुए युवाओं को भी इन भर्तियों से लाभ मिलेगा। इसके अलावा कंपनी 2025 तक टेक्नोलॉजी, इन्फ्रास्ट्रक्चर समेत कई चीजों में निवेश करेगी। जिससे 10 लाख नई नौकरियां मिलेंगी।





'चारधाम-यात्रा' प्रारंभ करने की तैयारी

नई दिल्ली। देश भर में कोरोना वायरस थमनें का नाम नहीं ले रहा है। इस महामारी से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं केंद्र सरकार ने एक जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने को तैयार हो गई है। राज्य के भीतर एक जिले से दूसरे जिले में लोगों को चारधाम के दर्शन की सीमित संख्या में अनुमति ही दी जाएगी। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने बताया कि अभी राज्य के भीतर के लोगों को ही मंजूरी दी जा रही है। इसके लिए लोगों को सम्बन्धित धाम के जिला प्रशासन से मंजूरी लेनी होगी। सोमवार तक तीनों जिला प्रशासन वेबसाइट जारी कर देगा। स्थानीय प्रशासन से यात्रा पास जारी होने के बाद ही लोग यात्रा कर सकेंगे। अभी तक धामों से जुड़े जिलों उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली के भीतर के ही स्थानीय लोगों को ही मंजूरी दी गई थी। बदरीनाथ धाम में तो पूरे जिले को भी मंजूरी नहीं थी। 


कंटेनमेंट जोन के लोगों को नहीं होगी मंजूरी :
अभी राज्य के कंटेनमेंट जोन वाले क्षेत्र के लोगों को धामों में दर्शन की अनुमति नहीं होगी। राज्य के लोगों को अपने स्थानीय निवासी का प्रमाण के रूप में आईडी दिखानी होगी। क्वारंटाइन किए गए लोगों को भी धाम में जाने की मंजूरी नहीं होगी। राज्य से बाहर के लोगों को किसी भी तरह की मंजूरी नहीं मिलेगी।


सीमित संख्या में प्रवेश :
चारधाम में लोगों को बेहद सीमित संख्या में प्रवेश दिया जाएगा। बदरीनाथ धाम में 1200, केदारनाथ 800, गंगोत्री 600, यमुनोत्री में 400 लोगों को ही प्रवेश दिया जाएगा। अभी भी जिलों के भीतर स्थानीय लोगों के दर्शन करने की संख्या बहुत कम रही है। नौ जून से अभी केदारनाथ धाम पहुंचने वालों की संख्या 57, बदरीनाथ धाम में 213 लोग ही दर्शन को पहुंचे जबकि गंगोत्री व यमनोत्री तो कोई पहुंचा ही नहीं। अभी यात्रा को सिर्फ राज्य के भीतर के लोगों के लिए ही शुरू किया जा रहा है। तीर्थ पुरोहितों में भी एक वर्ग यात्रा संचालन को तैयार है। अभी बेहद सीमित संख्या में लोगों को अनुमति दी जा रही है। उस संख्या के अनुरूप तैयारियां पूरी हैं। सोमवार को इसकी गाइडलाइन जारी कर दी जाएगी।


महंगाई के विरुद्ध अभियान में जन आह्वान

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना संकट के बीच पेट्रोल डीजल की कीमतें बढ़ाने के सरकार के फैसले को जनता के साथ अन्याय बताते हुए लोगो से इसके विरुद्ध शुरू किये गये अभियान में शामिल होने का आह्वान किया है।


राहुल गांधी ने सोमवार को ट्वीट कर कहा “आइए ईंधन दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ आयोजित अभियान से जुड़ें।” इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस का इस बढ़ोतरी के खिलाफ जारी अभियान का एक घंटे चार मिनट का वीडियो पोस्ट किया है जिसमें पार्टी ने कहा है कि निष्ठुर केंद्र सरकार ने लोगो को उनके हालात पर छोड़ दिया है और लोगो के घावों पर मरहम लगाने की बजाय नमक छिड़क रही है। गौरतलब है कि पार्टी ने आज दिल्ली तथा प्रदेशो की राजधानी में ”स्पीक अप अगेंस्ट फ्यूल हाइक कैंपेन” का आयोजन कर सरकार से पेट्रोल और डीजल की बढ़ी दरे वापस लेने का आग्रह किया है।


सीए इंस्टीट्यूट के लिए जमीन की घोषणा

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की ग्राम पंचायतों तथा नगरीय निकायों के वित्तीय प्रबंधन को मजबूत बनाने चार्टर्ड एकाउंटेंट्स से किया सहयोग का आव्हान


आईसीएआई की रायपुर शाखा को नया रायपुर में सीए की कोचिंग और इंस्टीट्यूट के कार्यालय के लिए जमीन उपलब्ध कराने की घोषणा


छत्तीसगढ़ में नए उद्योगों की संभावनाओं और औद्योगिक नीति में रियायतों की दी जानकारी


बिलासपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंटस ऑफ इंडिया से जुड़े देशभर के सीए से ग्राम पंचायतों और नगरीय प्रशासन के काम काज में कसावट और वित्तीय प्रबंधन को मजबूत बनाने के लिए सहयोग का आव्हान किया है। उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ में बहुत सी वनोपज हैं जिनकी पैदावार देश के अन्य हिस्सों में नहीं होती है। वर्तमान में इन वनोपजों के संग्रहण के बाद इनका प्रसंस्करण छतीसगढ़ के बाहर होता है। यदि इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंटस ऑफ इंडिया इनके प्रसंकरण के लिए निवेश छत्तीसगढ़ में लाने की पहल करते हैं तो इससे प्रदेश के उत्पादकों और संग्राहकों को लाभ मिलेगा और इनका निर्यात अन्य हिस्सों में करने से वहां की आवश्यकता की पूर्ति भी होगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय से इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंटस ऑफ इंडिया द्वारा ‘रिसर्जेट छत्तीसगढ़‘ विषय पर आयोजित वेबिनार में देशभर के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को सम्बोधित किया। उन्होंने सभी को आगामी एक जुलाई को सीए दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर आईसीएआई की रायपुर शाखा को नया रायपुर में छत्तीसगढ़ के विद्यार्थियों के लिए सीए की कोचिंग इंस्टीट्यूट और कार्यालय भवन के लिए जमीन उपलब्ध कराने की घोषणा की। उन्होंने इस अवसर पर वेबीनार की ई-स्मारिका का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आईसीएआई द्वारा छत्तीसगढ़ के एक हजार उद्यमियों को निर्यात के लिए तैयार करने में सहयोग के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए इसके लिए सहमति प्रदान की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ के हर गांव में गौठान और चारागाह विकसित किए जा रहे हैं। इनमें एक एकड भूमि महिला स्व सहायता समूहों की आर्थिक और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए आरक्षित की गई है। आईसीएआई उद्योगपतियों और महिला समूहों से टाईअप कर वहां अपनी आवश्यकतानुसार निर्धारित गुणवत्ता की सामग्रियां तैयार कराकर उन्हें अपने ब्रांड में बेच सकते हैं। इस काम के लिए महिला समूहों को लाभांश का हिस्सा देकर उन्हें आमदनी का जरिया उपलब्ध कराने में मदद कर सकते हैं।
श्री बधेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए अनुकूल वातावरण है। यहां कुशल और अकुशल श्रमिक, भूमि, जल और विद्युत उपलब्ध है। राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि कोलकता, सूरत और मुम्बई के बाद रायपुर में बड़ा जेम्स एण्ड ज्वेलरी पार्क बनाया जा रहा है। उन्होंने इस अवसर पर सुराजी गांव योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, लघुवनोपज संग्रहण, मनरेगा सहित कोविड नियंत्रण तथा लॉकडाउन में कृषि और उद्योगो तथा व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल हमारा यह अनुभव रहा है कि किसान, वनवासियों की जेब में पैसा डालने से छत्तीसगढ़ वैश्विक मंदी से अछूता रहा है। इस साल भी हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को 5750 करोड़ रूपए की राशि दे रहे है। इसी प्रकार सर्वाधिक कीमत में तेन्दूपत्ता की खरीदी कर रहे है। इसके साथ ही राज्य में 31 लघुवनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है। इसका असर बाजार में देखने को मिला। छत्तीसगढ़ में 3 हजार ट्रेक्टर बिके, कंपनियां मांग के अनुसार ट्रेक्टर की आपूर्ति नही कर पा रहीं है। आईसीएआई के राष्ट्रीय अघ्यक्ष श्री अतुल गुप्ता ने कहा कि उनका संगठन राज्य सरकार को हर सहयोग देने के लिए तैयार है। उन्होंने नगरीय निकार्यों में नए रेवेन्यू जनरेट करने में सहयोग करने, पंचायतों के मेनेजमेंट, स्नातक के बाद छात्रों को सीए के मार्गदर्शन में तीन साल गहन प्रशिक्षण जैसे कार्य संचालित करने में राज्य सरकार के साथ सहयोग का प्रस्ताव दिया।  इस वेबीनार में देशभर के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स शामिल हुए। उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ और लघु वनोपज संघ के एमडी श्री संजय शुक्ला, आईसीएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अतुल गुप्ता और पब्लिक व गवर्नमेंट फाइनेंसियल मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष श्री धीरज खंडेलवाल सहित अनेक पदाधिकारी इस कार्यक्रम में जुड़े। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की रायपुर शाखा के अध्यक्ष सीए श्री किशोर बरड़िया और सचिव श्री रवि ग्वालानी मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे। वेबिनार में छत्तीसगढ़ चेम्बर्स ऑफ कामर्स, कैट और उरला इंडस्ट्रिज एसोसिएशन के पदाधिकारी भी जुड़े।


आयुर्वेद से बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता

इस समय इम्यूनिटी बढ़ाने की बातें की जा रही हैं जिससे वायरस, फ्लू और आम सर्दी-खांसी से बचा जा सके। इम्यूनिटी के लिए आयुर्वेदिक पर लोग ज्यादा विश्वास करते हैं क्योंकि इम्यूनिटी बढ़ाने हर्ब्स कारगर हो सकती हैं। हमारे आसपास ऐसी कई औषधियां हैं जिनका आयुर्वेद में काफी इस्तेमाल किया जाता है।


ये न सिर्फ हमारी इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकती हैं बल्कि हमें एंटॉ ऑक्सीडेंट्स और एंटी इंफ्लेमेट्री गुए भी प्रदान कर सकती हैं। इन्हीं में से एक ही तुलसी। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए तुलसी को काफी फायदेमंद माना जाता है। तुलसी में कई तरह के गुण होते हैं। जो हमारे स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाती है।इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए तुलसी का सेवन करने के तरीके कई हैं। साथ ही दूध (Milk) को भी इम्यूनिटी के एक प्रमुख पेय माना जाता है। दूध में कुछ चीजें मिलाकर इसका सेवन करने की भी सलाह दी जा रही है। तुलसी के फायदे कई हैं। साथ दूध भी आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। लेकिन क्या दूध और तुलसी का सेवन एक साथ किया जा सकता है। क्या इन दोनों का संयोजन हानिकारक हो सकता है? यहां जानें हर सवाल का जवाब…


रात को सोने से पहले एक गिलास दूध पीन के फायदे
दूध को किसी भी समय पीना सेहत के लिए काफी लाभदायक है. लेकिन अगर आप दूध को रात के समय पीते हैं तो यह न सिर्फ आपको एक अच्छी नींद दिला सकता है बल्कि कई स्वास्थ्य लाभ भी दे सकता है। अगर आप दूध में कुछ चीजें मिलाकर इसका सेवन करते हैं जैसे हल्दी, केसर आदि तो दूध की शक्ति और भी बढ़ सकती है। ऐसे में दूध का रोजाना रात को सेवन करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। दूध आपकी हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है। दूध में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है।




तुलसी भी है कई गुणों से भरपूर
तुलसी ज्यादातर भारतीयों के घर में आसानी से मिल जाती है। तुलसी के बीज, पत्ते दोनों का औषधियों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए भी तुलसी का इस्तेमाल करने की बातें सामने आई हैं। तुलसी में काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। इससे आपका दिल स्वस्थ रहता है। यह सांस से जुडी बीमारियों से लड़ने में भी मदद कर सकती है। तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए इस समय दूध और तुलसी के सेवन के कई तरीके बताए जा रहे हैं। दोनों जरूर स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं। साथ ही इम्यूनिटी बढ़ाने में भी काफी योगदान दे सकते हैं। लेकिन क्या दोनों का सेवन एक साथ किया जा सकता है। तुलसी में मौजूद तीखेपन के कारण, इसे दूध के साथ लेने से बचना चाहिए। दूध के साथ तुलसी का सेवन स्वास्थ्य के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है। दोनों प्रकृति में अलग है। तुलसी को दूध के साथ लेने पर शरीर में गड़बड़ हो सकती है। दूध के साथ तुलसी लेने से दूध एसिडिक हो सकता है। हालाकि ऐसा कोई अध्ययन अभी तक नहीं है।


दावाः चीनी तंबू में रहस्यमय आग थी ?

नई दिल्ली। क्या भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प की वजह चीनी तंबू में लगी रहस्यमय आग थी? केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने ऐसा दावा किया है। वीके सिंह का कहना है कि अचानक लगी आग से भारतीय सैनिक भड़क उठे थे। उनके मुताबिक, यह कह पाना मुश्किल है कि चीनी सैनिकों ने तंबू में क्या रखा हुआ था जिससे वह आग लगी। हालांकि, वीके सिंह का यह दावा अबतक सामने आ रही बात से थोड़ा अलग है। अबतक कहा जा रहा था कि चीनी सैनिकों के पीछे न हटने की बात पर भारतीय सैनिकों ने तंबू उखाड़कर फेंका था।


अब वीके सिंह ने कहा कि 15 जून की रात जब कमांडिंग ऑफिसर संतोष बाबू पेट्रोल पॉइंट 14 पहुंचे तो पाया कि चीन ने वहां से तंबू नहीं हटाया था। वह तंबू यह देखने के लिए लगाया गया था कि भारतीय सेना पीछे गई या नहीं। फिर जब बातचीत में दोनों के पीछे जाने की बात हुई तो संतोष बाबू ने चीनी सैनिकों से उसे हटाने को कहा। वीके सिंह से मुताबिक, PLA जवान तंबू हटा रहे थे कि अचानक की उसमें आग लग गई। अबतक साफ नहीं है कि चीनियों ने तंबू में क्या रखा हुआ था। वीके सिंह कहते हैं कि इसके बाद ही सैनिकों के बीच पहले बहस हुई जो फिर हिंसक झड़प तक पहुंच गई।


पीपी 14 क्यों कब्जाना चाहता है चीन, वीके सिंह ने बताया
वीके सिंह ने एबीपी न्यूज से हुई बातचीत में कहा कि 1962 के बाद से ही पेट्रोल पॉइंट 14 (पीपी 14) हमारे पास है। अब भारत ने श्योक नदी के साथ-साथ रोड बनाई है जो दौलत बेग ओल्डी तक जाती है। पहले जो सामान 15 दिन में पहुंचता था वह इस सड़क की मदद से सिर्फ 2 दिन में पहुंच जाता है। वीके सिंह के मुताबिक, चीन की तरफ से उसे यह सड़क नहीं दिखती। इससे ही चीनी सेना में खलबली है। इस सड़क पर नजर बनी रहे इसके लिए उसने पीपी 14 पर दावा करना शुरू कर दिया, उसके सैनिकों ने आगे आने की कोशिश की जिन्हें भारतीय जवानों ने रोक दिया। वीके सिंह के मुताबिक, दोनों देशों के बीच जब बातचीत हुई तो यह हुआ कि स्थिति वैसी रहेगी जैसी 15 जून से पहले तक थी। यानी चीनी सेना को पीछे जाना था। यह भी तय हुआ था कि पीपी 14 पर, उसके पीछे 2 किलोमीटर तक और 5 किलोमीटर के दायरे में कितने-कितने सैनिक रह सकते हैं। लेकिन चीन ने इसका पालन नहीं किया।


कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। नगर पंचायत पूरब पश्चिम शरीरा में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में भक्तो...