रविवार, 28 जून 2020

केवल प्रचार से ही मिल जाएगा रोजगार

शशांक तिवारी की रिपोर्ट


लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’ की शुरुआत को लेकर शनिवार को सवाल किया कि क्या सिर्फ प्रचार करने से युवाओं को रोजगार मिल जाएगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’ की शुरूआत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जिस तरह ‘आपदा’ को ‘अवसर’ में बदला गया, देश के अन्य राज्यों को भी इस योजना से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। प्रियंका ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘कल उत्तर प्रदेश में रोजगार के एक ईवेंट की खूब ढोल पीट कर शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम में रोजगार की जिन भी श्रेणियों की बात की गई, उनमें से ज्यादातर की हालत पतली है।’ उन्होंने दावा किया, ‘स्वरोजगार वाले लोग सरकार से सीधे आर्थिक मदद के अभाव में जबरदस्त संकट में हैं। छोटे और मझोले क्षेत्र के उद्योगों की हालत तो इतनी पतली है कि एक अनुमान के अनुसार 62 प्रतिशत एमएसएमई नौकरियों में कटौती और 78 प्रतिशत तनख्वाहों में कटौती करेंगे।’


विद्युत वितरण करने वाली दो कंपनी रद्द

रायपुर। छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल का विखंडन कर जिन पांच कंपनियों में बांटा गया था, उनमें से अब जनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ही रह जाएगी। ट्रेडिंग और होल्डिंग कंपनियों को भंग किया जाएगा। सीएम भूपेश बघेल ने बिजली कंपनी के अधिकारियों की बैठक के बाद इस पर हरी झंडी दे दी है। कैबिनेट की अगली बैठक में तीन कंपनियां बनाने का फैसला लिया जाएगा।


प्रदेश सरकार कोरोना काल में खर्चों में कटौती को लेकर हरसंभव उपाय करने में लगी है। इसी सिलसिले में सीएम बघेल सरकारी उपक्रमों के पुनर्गठन पर भी जोर दे रहे हैं। शनिवार को सीएम और ऊर्जा मंत्री बघेल ने बिजली कंपनियों के कामकाज का बारीकी से रिव्यू किया। सीएम ने 10 दिनों के भीतर दूसरी बार बिजली अफसरों की बैठक की। उन्होंने बिजली कंपनियों के चेयरमैन सुब्रत साहू समेत सभी एमडी के साथ बैठक कर 5 कंपनियों के पुनर्गठन को लेकर अब तक हुई कार्यवाही की जानकारी ली। बिजली कंपनियों का पुनर्गठन कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र का भी हिस्सा रहा है। इसे देखते हुए सीएम बघेल ने इसमें हो रही देरी पर नाराजगी भी जताई। अफसरों ने बताया कि कंपनी एक्ट के तहत पुनर्गठन के लिए राज्य सरकार से अनुमति जरूरी है। इस पर सीएम ने कैबिनेट की अगली बैठक में प्रस्ताव लाने कहा है। उसके बाद नई कंपनियों के री-स्ट्रक्चर पर कंपनी मामलों के केंद्रीय विभाग से मंजूरी लेनी होगी।


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कम्पनियों और क्रेडा के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने क्रेडा के अधिकारियों से कहा कि पहुंच विहीन और दुर्गम इलाकों में सोलर के जरिए विद्युत की व्यवस्था के साथ ही नदी किनारे जहां विद्युत लाइन नहीं हैं, उन स्थानों पर सोलर पम्प किसानों को दिए जायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन स्थानों पर पानी में हैवी मेटल या खारे पानी होने की शिकायत है वहां सतही जल (सरफेस वाटर) के माध्यम से जल आपूर्ति की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने गरियाबंद के सुपेबेड़ा में नदी के जल से और बेमेतरा, बालोद, धमधा, साजा और नवागढ़ में खारे पानी की शिकायत के कारण सरफेस वाटर का उपयोग कर जल आर्पूिर्त के लिए योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने विद्युत कम्पनियों की विभिन्न योजनाओं और सीएसआर मद के कार्यों की समीक्षा की । मुख्यमंत्री ने निजी विद्युत संयंत्रों से वेरिएबल कास्ट पर मिलने वाली बिजली की समीक्षा करते हुए कहा कि निर्धारित मात्रा में विद्युत प्रदाय नहीं करने वाले संयंत्र को नोटिस जारी किया जाये। बैठक में सोलर पेयजल योजना, सौभाग्य योजना, सौर सुजला योजना, सोलर कोल्ड स्टोरेज, शासकीय भवनों का सौर उर्जीकरण, सोलर विद्युत संयंत्र आदि योजनाओं की समीक्षा की गयी।


'मन की बात' चीन को जवाब मिला

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। मन की बात' रेडियो कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री मोदी देश को संबोधित कर रहे हैं। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने चीन संकट पर बात की। कहा कि लद्दाख में उसे करारा जवाब मिला है। इसके साथ पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट, मॉनसून और साल 2020 पर भी बात की।


 बोले-हम कहां जानते थे कि कोरोना जैसा संकट आएगा। देश में नित नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। देश के पूर्वी छोर पर तूफान आया। किसान भाई बहन टिड्डी दल के हमले से परेशान हैं। देश में छोटे-छोटे भूकंप आ रहे हैं। इन सब के बीच पड़ोसी जो कर रहे हैं देश उससे भी निपट रहा है। चुनौतियां आती हैं। एक साल में एक चुनौती आए या 50 चुनौती आए। इससे साल खराब नहीं होता। भारत का इतिहास चुनौतियों सो भरा रहा है। सैकड़ों आक्रांताओं ने देश पर हमला किया लेकिन इससे भारत और भी भव्य होकर सामने आया।


लद्दाख में भारत की तरफ आंख उठाने वालों को करारा जवाब मिला है। भारत मित्रता निभाना जानता है तो आंख में आंख डालकर चुनौती देना भी जानता है।

 हमारे यहां कहा जाता है, सृजन शास्वत है, सृजन निरंतर है यह कल-कल छल-छल बहती क्या कहती गंगा की धारा? युग-युग से बहता आता यह पुण्य प्रवाह हमारा। क्या उसको रोक सकेंगे, मिटनेवाले मिट जाएँगे। कंकड़-पत्थर की हस्ती, क्या बाधा बनकर आए।

 अब लॉकडाउन से देश बाहर आ चुका है और अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन इस दौरान लॉकडाउन से ज्यादा सतर्कता बरतनी है। मास्क पहनना और दो गज की दूरी बनाना बहुत जरूरी है। आप लापरवाही न बरतें। अपना भी ख्याल रखें और दूसरों का भी। लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हए हैं, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है, श्रद्धांजलि दे रहा है। पूरा देश उनका कृतज्ञ है, उनके सामने नत-मस्तक  है। इन साथियों के परिवार की तरह ही, हर भारतीय, इन्हें खोना का दर्द अनुभव कर रहा है।

 कोई भी मिशन जन भागेदारी के बिना पूरा नहीं हो सकता। इसलिए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक नागरिक के तौर पर हम सबका संकल्प, समर्पण और सहोयोग बहुत जरूरी है। आप लोकल खरीदेंगे, लोकल के लिए वोकल होंगे तो समझिए देश को मजबूत करने की दिशा में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। देश के बड़े हिस्से में मॉनसून पहुंच चुका है। बारिश को लेकर वैज्ञानिक भी उत्साहित हैं। बारिश अच्छी होगी तो किसान समृद्ध होगा। बारिश दोहन की भरपायी करती है। इसमें हमें अपना दायित्व निभाना हैं। इस अनलॉक के दौरान ऐसी चीजें अनलॉक हो रही हैं जिनमें देश दशकों से बंधा था। वर्षों से हमारा माइनिंग सेक्टर लॉकडाउन में था। कमर्शल ऑक्शन को मंजूरी देने के लिए निर्णयने स्थिति को  पूरी तरह से बदल दिया है। कुछ ही दिनों में स्पेस सेक्टर में ऐतिहासिक सुधार हुए।

 आज 28 जून को भारत अपने भूतपूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव जी को श्रद्धांजलि दे रहा है। आज से उनकी जन्म शताब्दी शुरू हो रही है। वह स्वाभाविक राजनेता थे। कई भाषाओं को जानते थे। वह अपनी आवाज बुलंद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते थे। यू.पी. के बाराबंकी में गांव लौटकर आए मजदूरों ने कल्याणी नदी का प्राकृतिक स्वरूप लौटाने के लिए काम शुरू कर दिया। नदी का उद्धार होता देख, आस-पास के किसान, आस-पास के लोग भी उत्साहित हैं।


चीन बॉर्डर पर नया पुल तैयार किया

पिथौरागढ़। उत्तराखंड में मुनस्यारी-मिलम सड़क पर बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) की टीम ने महज पांच दिन में भारत को चीन सीमा से जोड़ने वाला नया पुल तैयार कर दिया है। शनिवार को पुल पर पोकलैंड, ड्रोजर और बीआरओ के ट्रक को चलाकर ट्रायल लिया गया। बीआरओ के अधिकारियों के अनुसार, पुल सही तरीके से बनकर तैयार हो गया है। जल्द ही इस पर वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी। सैनरगाड़ नदी पर बना पुल 22 जून को पोकलैंड ले जा रहे ट्राला के गुजरते समय टूट गया था।

पुल के महत्व को देखते हुए बीआरओ ने 23 जून से नया पुल बनाने का काम शुरू किया था। पुल बनने से चीन सीमा के लिए आवागमन आसान हो जाएगा। इसके अलावा मुनस्यारी के मल्ला जोहार क्षेत्र के ग्रामीणों को भी राहत मिलेगी। सेनरगाड़ में बना यह पुल इसलिए भी खास है क्योंकि, सेना और आईटीबीपी को इसी रास्ते से चीन सीमा पर बनी पोस्टों पर रसद और खाद्य सामग्री पहुंचाई जाती है। पुल टूटने से सेना को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा था। वहीं, पुल के टूटने से सीमांत के लोग भी खासे परेशान थे। पुल के टूटने से सीमांत के 10 माइग्रेशन गांव मिलम, बिल्जू, बुर्फू, तूला, पांछू, गनघर, रालम, खिलांच, लास्पा, रिलकोट, लास्पा, बौगडियार और रालम सहित कई अन्य गांवों के लोगों का संपर्क भी जिला मुख्यालय से टूट गया था। मानसून काल से पूर्व सीमांत के ग्रामीण जरूरतमंद चीजों को गांवों तक पहुंचा देते थे लेकिन इस बार सड़क और पुल के बनने के बाद लोग आराम से चीजों को गांवों तक पहुंचा रहे थे।

तीन बच्चों की हत्या कर, की आत्महत्या

नालासोपारा। मुंबई से सटे नालासोपारा इलाके से शनिवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। नालासोपारा के डॉननेल क्षेत्र में एक पिता ने अपने तीन बच्चों की धारदार हथियार से बेरहमी से हत्या करने के बाद खुद के खुदकुशी कर ली। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पिता कैलाश परमार (40 वर्ष), ने पहले मासूम बच्चों, नयन परमार (10 वर्ष), नंदनी परमार (8 वर्ष), नयना परमार(5 वर्ष) की हत्या कर अपने जीवन को भी खत्म कर लिया। पुलिस पूरी मामलों को लेकर छानबीन कर रही हैं। आर्थिक तंगी और पत्नी के अवैध संबंध होने के शक में  कैलाश परमार ने अपने तीनों बच्चों की हत्या कर आत्महत्या का मामला सामने आ रहा हैं।फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।


मृतक के परिजन नहीं करेंगे मकान खाली

मृतक किराएदार के परिजनों से घर खाली नहीं करा सकते मकान मालिक : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। किराएदारों को राहत देने वाले फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मृतक किराएदार के परिजनों से मकान खाली नहीं करवाया जा सकता। किराएदार के मरने के बाद उसके परिजन मकान में रह सकते हैं। उनका किराए की संपत्ति में रहना सब्लेटिंग (किराएदार द्वारा संपत्ति को किसी अन्य को किराए पर चढ़ा देना) नहीं माना जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने यह व्यवस्था देते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया, जिसमें किराएदार के परिजनों को उप किराएदार मानकर यूपी शहरी भवन (किराएदारी, किराया और खाली करने के विनियमन) एक्ट, 1972 की धारा 16(1)(बी) के तहत मकान को खाली घोषित कर दिया था। जस्टिस नवीन सिन्हा और बीआर गवई की पीठ ने मामले में हाईकोर्ट को भी आड़े हाथ लिया और कहा कि किराया नियंत्रक के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट को अनुच्छेद 227 के तहत अपील नहीं सुननी चाहिए थी।

 

इस अनुच्छेद के तहत हाईकोर्ट अपीलीय कोर्ट का क्षेत्राधिकार ग्रहण नहीं कर सकता। पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने देहरादून जिला जज के बेहद तार्किक और संतुलित आदेश के खिलाफ अनुच्छेद 227 के तहत रिट स्वीकार कर गलती की है। जिला जज के आदेश के खिलाफ रिट क्षेत्राधिकार का प्रयोग करना हाईकोर्ट की अवांछित कारवाई थी।

क्या है मामलाः मामले के अनुसार, संजय कुमार सिंघल ने मो. इनाम (किराएदार का पुत्र) से लंढौर बाजार मसूरी में अपनी संपत्ति यह कहकर खाली करने के लिए 1999 में अर्जी दी कि रशीद अहमद ने संपत्ति को उपकिराएदरी पर उठा दिया है। यूपी शहरी भवन (किराएदारी, किराया और खाली करने के विनियमन ) एक्ट, 1972 के तहत किराया निरीक्षक ने संपत्ति का औचक निरीक्षण किया और संपत्ति में किराएदार को नहीं पाया। किराएदार रशीद अहमद की जगह मकान में कुछ लोग मिले। रशीद अपने गांव गए थे। किराया निरीक्षक ने धारा 16(1)(बी) के तहत रिपोर्ट दी और संपत्ति को रिक्त घोषित कर दिया। रशीद ने आपत्ति अर्जी दायर की और कहा कि संपत्ति में उसके भाई और उनके परिवार रह रहे हैं। परिवार के बाहर का कोई भी उसमें नहीं रहता।

किराया अधिकारी ने आदेश में कहा कि मकान में रहने वाले यह सिद्ध नहीं कर सके कि वे उसमें रशीद के साथ 1965 से रह रहे हैं। किराया नियंत्रक ने 2003 में संपत्ति को खाली घोषित कर दिया। इस बीच रशीद की मृत्यु हो गई। रशीद के परिजनों ने जिला जज के समक्ष 2007 में इस आदेश को चुनौती दी, जिसमें जिला जज ने कहा कि मामले में धारा 16(1)(बी) लागू नहीं हो सकती, क्योंकि यहां सब्लेटिंग नहीं है। मूल किराएदार के परिजन ही संपत्ति में निवास कर रहे हैं। जिला जज ने किराया नियंत्रक के मकान खाली करने के आदेश को निरस्त कर दिया। इस आदेश के खिलाफ मकान स्वामी अनुच्छेद 227 के तहत हाईकोर्ट गए और हाई कोर्ट ने जिला जज के आदेश को निरस्त कर दिया तथा मकान को खाली करने के आदेश कर दिए। उच्च अदालत के इस आदेश को रशीद के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

एडवोकेट प्रताप सिंह सुवाणा

चार शादियां की, 3 बीवियों को तलाक

पटना। कॉलेज के प्राचार्य ने बेटे की चाह में चार-चार शादियां कर ली है। ताज्जुब की बात यह है कि सभी चारों पत्नियां एक ही कॉलेज की शिक्षिका हैं। इससे भी हैरत की बात यह है कि प्राचार्य ने निकाह करने से पहले पत्नियों का निकाह दूसरे व्यक्ति से कराकर, तलाक दिलवाया फिर निकाह किया। 


दो महीने बाद पता चला कि उसका पति पहले से शादीशुदा है और अब चौथा निकाह करने जा रहा है। जब तक वह पति के पास पहुंचती, निकाह हो चुका था। जब विरोध करने लगी तो पति ने तीन बार तलाक, तलाक तलाक बोलकर कहा कि मैंने तुझे तलाक दिया जाओ। पिछले दस दिनों से आलमगंज थाना से लेकर महिला थाना का चक्कर लगा रही थी। शनिवार को महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। महिला थाना में प्राचार्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो गई। थाने की पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। उसने सैयद इकबाल के कहे अनुसार दूसरे व्यक्ति से निकाह किया, फिर तलाक लेकर उससे निकाह किया। निकाह के बाद अपना मकान रहते हुए किराये के मकान में रखता था। इसी दौरान वह गर्भवती हो गई। पति ने गर्भपात कराने की कोशिश की। फिर भी बच्ची पैदा हो गई। बेटी के पैदा होते ही पति ने मारपीट करना शुरू कर दिया।


बेटी पैदा होते ही छोड़कर दूसरी शिक्षिका से निकाह किया। प्राचार्य ने पढ़ाई के दौरान ही सभी के साथ रिश्ता बनाया फिर निकाह भी किया। तीसरी पत्नी ने पति सैय्यद इकबाल के खिलाफ शनिवार को महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है। महिला का कहना है कि साल 2011 में उसका ओरिएंटल कॉलेज के प्राचार्य सैयद इकबाल अफजल से से निकाह हुई थी।  निकाह से पहले पति ने ही एक व्यक्ति से निकाह कराया और बोला कि निकाह करने के बाद तलाक ले लो तभी निकाह करेंगे। 


सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...