रविवार, 28 जून 2020

वायरस से 200 देश प्रभावित, कहर जारी


  • कोरोना का पहला मामला पिछले साल 31 दिसंबर को सामने आया, इसके तीन महीने में ही 200 से ज्यादा देशों की लगभग पूरी आबादी वायरस की चपेट में आई

  • दुनिया में संक्रमण के सबसे ज्यादा 25 लाख 52 हजार मामले अमेरिका में सामने आए, यहां मरने वालों की संख्या भी 1 लाख 27 हजार


वॉशिंगटन। दुनियाभर में कोरोनावायरस के एक करोड़ मामले हो गए़। 180 दिन से पूरी दुनिया इसकी गिरफ्त में हैं। इस वायरस के बारे में चीन ने पहली बार 31 दिसंबर को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन को जानकारी दी थी। तब चीन में 54 मामले थे। इसके तीन महीने बाद ही 200 से ज्यादा देशों की लगभग पूरी आबादी इसकी चपेट में आ गई।


महामारी की शुरुआत बेशक चीन से हुई थी, लेकिन आज अमेरिका, ब्राजील, रूस, भारत और ब्रिटेन दुनिया के पांच सबसे संक्रमित देश हैं। इन देशों में संक्रमण के 53% यानी 53 लाख 28 हजार 449 मामले हैं। चीन में रोजाना मिलने वाले कोरोना के मामले 6 मार्च के बाद 100 से कम हो गए। तीन महीने में ही चीन ने करीब-करीब महामारी पर काबू पा लिया। यहां अब तक 83 हजार से ज्यादा मामले मिल चुके हैं, जबकि केवल 4634 लोगों की ही जान गई है।


67 दिनों में कोरोना के 75 लाख मामले सामने आए, शुरुआती 25 लाख मामले 111 दिन में 
संक्रमण की रफ्तार देखें तो पहले 25 लाख मामले आने में 111 दिन लगे। फिर मात्र 67 दिन में 75 लाख मामले सामने आए। यानी एक दिन में एक लाख से ज्यादा मामले। दुनियाभर में संक्रमण के मामले इतने हैं कि कई देशों की आबादी भी इससे कम है। पूरी दुनिया में 144 देश ऐसे हैं, जिनकी आबादी एक करोड़ से कम है। इसमें इजराइल, यूएई, ऑस्ट्रिया, बेलारूस जैसे देश शामिल हैं।


10 जिलों में टिड्डी दल का आतंक, अलर्ट

 कनौजिया की खास रिपोर्ट


लखनऊ।  उत्तर प्रदेश में टिड्डी दलों का आतंक फैला है। किसान परेशान हैं तो प्रशासन के भी हाथ पांव फूले हुए हैं। यूपी के 10 जिलों के अलग-अलग ब्लॉक में टिड्डियों के छोटे-छोटे दलों ने किसानों की फसलों पर हमला किया है। सभी जिलों में कृषि विभाग की टीम टिड्डी दलों को भगाने में जुट गई हैं।


इन जिलों में टिड्डी दल का हमला


जिन जिलों में टिड्डियों ने हमला किया है, उनमें झांसी, चित्रकूट, प्रयागराज, प्रतापगढ़, भदोही, जौनपुर, आजमगढ़ और अम्बेडकरनगर, सुलतानपुर और गोरखपुर हैं। कृषि विभाग ने तय किया है कि जिन-जिन जिलों में टिड्डी दल बैठेंगे वहां कीटनाशक छिड़का जाएगा।


इन जिलों में अलर्ट जारी


टिड्डियों के हमलों के मद्देनजर इन जिलों के साथ ही उनकी सीमा से सटे हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशाम्बी, मीरजापुर, सुलतानपुर, मऊ और बलिया जिलों के कृषि विभाग के अधिकारियों को अलर्ट किया गया है।


'वंदे भारत मिशन' यूएई ने किया विरोध

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। भारत सरकार विदेशों से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन चला रही है, जिस पर अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया था, अब यूएई ने भी आपत्ति जताई है। यूएई ने मिशन को भेदभावपूर्ण बताया है।अमेरिका ने पहले कहा था कि एयर इंडिया वंदे भारत मिशन के तहत उड़ान भर रहा था, लेकिन अमेरिकी एयरलाइंस के चार्टर्ड विमानों को भारत-अमेरिका मार्ग पर काम करने की अनुमति नहीं दे रहा था। संयुक्त राज्य अमेरिका ने 22 जुलाई से वांडा इंडिया मिशन के तहत उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब संयुक्त अरब अमीरात ने एआई उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है, इसी तरह के आरोप लगाए हैं।


यूएई ने उन सभी एयर इंडिया उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनमें यूएई के नागरिक भारत से अपने देश जा रहे थे। यूएई की ओर से कहा गया है कि वंदे भारत मिशन के तहत यहां आने के लिए हर व्यक्ति को नई दिल्ली में हमारे दूतावास से मंजूरी लेनी होगी। अनुमति मांग रहा है।अमेरिका के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एयर इंडिया के किसी भी चार्टर्ड विमान को 22 जुलाई से भारत-अमेरिका मार्ग पर उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि विभाग विशेष रूप से इसे मंजूरी नहीं देता है।


आपको बता दें कि वंदे भारत मिशन की शुरुआत 6 मई से हुई थी। कोरोना वायरस के कारण सभी निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 25 मार्च से रद्द कर दी गई हैं। यह देखा जाना बाकी है कि ये देश कब तक इस मिशन को मंजूरी देते हैं।


10 मेधावियों को योगी करेंगे सम्मानित


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, यूपी बोर्ड के टॉप-10 मेधावियों को सम्मानित करेगी सरकार


 विक्रम सिंह यादव






लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं में सफल सभी विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बधाई दी है। उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए सीएम योगी ने कहा कि इन छात्र-छात्राओं की मेधा का लाभ प्रदेश व देश को मिलेगा। सीएम योगी ने टॉप-10 मेधावियों को सम्मानित करने की भी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं को मास्क या फेस कवर लगाकर घर से निकलने और शारीरिक दूरी का पालन करने की हिदायत भी दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौरान समय पर परीक्षा कराने और लॉकडाउन के बावजूद समय से परीक्षा परिणाम घोषित किए जाने पर उप मुख्यमंत्री व माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ.दिनेश शर्मा के साथ ही विभाग के अधिकारियों और कर्मियों की सराहना की। कुशल मार्गदर्शन देकर मेधावी छात्र-छात्राओं को इस योग्य बनाने के लिए उन्होंने सभी विद्यालयों, आचार्यों, माता-पिता, अभिभावक और परिवार के सभी सदस्यों को भी बधाई दी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मेधावी विद्यार्थियों की प्रतिभा का लाभ प्रदेश और देश को मिलेगा।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बालिकाओं का उत्तीर्ण फीसद अधिक रहा, जो सराहनीय है। प्रसन्नता का विषय है कि कोविड-19 के बावजूद हाईस्कूल का परिणाम 83.31 फीसद और इंटरमीडिएट का 74.63 फीसद रहा है, जो पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर है। उन्होंने कहा कि एक जुलाई से मार्कशीट वितरित होंगी। मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं को मास्क या फेस कवर लगाकर घर से निकलने और शारीरिक दूरी का पालन करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 को देखते हुए राज्य सरकार शिक्षा के संबंध में आगे की कार्ययोजना पर काम कर रही है। भारत सरकार द्वारा जो भी दिशा-निर्देश दिए जाएंगे, उनके आधार पर सभी संबंधित संस्थाओं के साथ विचार-विमर्श कर आगे की व्यवस्था तय की जाएगी।मेरिट में स्थान पाकर बढ़ाया माता-पिता व गुरु का सम्मान : सफल छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी बधाई दी है। उन्होंने विषम परिस्थितियों में उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पूरा कराकर समय से परीक्षाफल घोषित करने पर प्रशंसा की है। शुभकामनाएं देते हुए राज्यपाल ने कहा कि विद्याॢथयों ने कड़ी मेहनत से मेरिट में स्थान प्राप्त कर अपने माता-पिता और गुरुओं के सम्मान को बढ़ाया है। हाईस्कूल परीक्षा में छात्रा के टॉप करने पर राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बेटियों के अच्छे प्रदर्शन से गर्व की अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी सफल नहीं हो सके हैं, वे निराश न हों। अपनी कमियों का आत्मविश्लेषण करें और मेहनत कर प्रयास करें, सफलता अवश्य मिलेगी। उपमुख्यमंत्री व लोक निर्माण विभाग के मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि यूपी बोर्ड के 10वीं और 12वीं परीक्षा में सफल सभी टॉप-20 छात्र-छात्राओं के घरों व स्कूलों तक डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम गौरव पथ के नाम से पक्की सड़कें बनाई जाएंगी। वहां पर एक बड़ा बोर्ड लगाकर विद्यार्थी के बारे में पूरा विवरण लिखा जाएगा। इससे छात्रों का मनोबल बढ़ेगा और उनके गांव व स्कूलों का भी नाम रोशन होगा। वह आगे की शिक्षा के लिए और अधिक प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि आइसीएससी और सीबीएसई बोर्ड में सफल होने वाले सभी टॉप-20 छात्र-छात्राओं के घरों तक भी पक्की सड़कें बनवाई जाएंगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 के 24 मेधावी छात्रों के घरों तक 7.40 करोड़ रुपये से सड़कों का निर्माण व मरम्मत कराई गई। वर्ष 2018 के 89 मेधावियों के घर तक 23.17 करोड़ की लागत से सड़कें बनवाईं या मरम्मत कराई गई। इसी तरह 2019 के मेधावी छात्रों के घर तक 9.89 करोड़ रुपये की लागत से सड़कों का काम चल रहा है।





बेटे की चाहत में 9 बेटियां पैदा की

सुखविंदर सिंह की रिपोर्ट






भोपाल। बेटे की चाहत में इस किसान के घर में 9 बेटियां पैदा हो गईं। लेकिन उसकी इच्छा फिर भी अधूरी रह गई। ग्रामीण अंचलों में अभी भी बेटा और बेटी को लेकर भेदभाव पूरी तरह से मिटा नहीं है। यह मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के एक गांव का है। अपनी अधूरी ख्वाहिश को लेकर जी रहे इस किसान के सामने एक समस्या और आकर खड़ी हो गई। किसान का कहना है कि उसके भाई जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। यह किसान इसकी शिकायत लेकर एसपी कार्यालय पहुंचा था। उसके साथ 5 बेटियां भी थीं। किसान का आरोप है कि पुलिस ने उसकी बात तो सुनी नहीं, उल्टा उसे ही मारपीट करके भगा दिया।

पुलिस ने कहा किसान ज्यादा जमीन चाहता है


यह हैं छतरपुर जिले के मातगवां थाना क्षेत्र के रहने वाले मोतीलाल राजपूत। इनके पास कोई बड़ी जागीर नहीं है। थोड़ी-बहुत खेती है, जिसके जरिये इनके परिवार का गुजारा चल रहा है। इनका कहना है कि बेटे की चाहत तो पूरी हुई नहीं, उनके भाई जमीन के पीछे पड़ गए हैं। अपने भाइयों की शिकायत लेकर ये एसपी आफिस आए थे। साथ में अपनी 5 बेटियां और पत्नी को भी लेकर आए थे। अब ये पुलिस पर मारपीट का आरोप लगा रहे हैं। इनका कहना है कि इनके पास जो खेत है, उस पर वे और दो अन्य भाई फसल उगाते हैं। भाई पूरी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं।उधर, माततगंवा थाना प्रभारी कमलजीत सिंह का कहना है कि भाइयों में मामूली विवाद है। सबको बैठाकर समझा दिया गया था। लेकिन मोतीलाल चाहता है कि वो पूरे खेत पर खेती करे। इसी बात को लेकर झगड़ा हो रहा है।







फ्लैट में देह व्यापार का धंधा, आठ अरेस्ट

सतविंदर सिंह की रिपोर्ट


जोधपुर। शहर के पावटा स्थित एक टावर के फ्लेटों में चल रहे देह व्यापार का पुलिस ने भंडाफोड़ करते हुए इसमें छह युवतियों और दो युवकों को गिरफ्तार किया है। इनके खिलाफ पीटा की कार्रवाई की गई है। पकड़ी गई युवतियां मुंबई, गुजरात, अहमदाबाद एवं नई दिल्ली की रहने वाली बताई जाती है। दोपहर तक पुलिस की कार्रवाई जारी थी।


एसीपी (केंद्रीय) देरावर सिंह ने बताया कि पावटा स्थित धर्मनारायण का हत्था के निकट जोधपुर टावर में कुछ फ्लेट्स में अनैतिक कारोबार की जानकारी मिली थी। तब महामंदिर थानाधिकारी सुमेरदान के साथ स्वयं एसीपी देरावर सिंह ने मयजाब्ते उक्त टावर पर रेड दी। अलग अलग फ्लेटों से छह युवतियों को पकडऩे के साथ दो अन्य युवक भी मिले। युवक ग्राहक बन कर आए हुए थे।


एसीपी देरावर सिंह के अनुसार युवतियां मुंबई, नई दिल्ली, गुजरात के अहदाबाद शहर की है। इनसे पूछताछ की जा रही है। सभी को पीटा की कार्रवाई में गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपित कौन है इसका पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। पकड़े गए युवक डांगियावास के राजू और पप्पूसिंह है और दोनों ग्राहक बनकर आए थे। दलाल पुलिस के हाथ नहीं लगा है। उसने अपना फोन बंद कर रखा है।


चरमराई व्यवस्थाएं, हालात हुए बेकाबू

अनिल अनूप की खास रिपोर्ट


नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने सही ही कहा कि आज हमें चीन के खिलाफ दो युद्ध लड़ने पड़ रहे हैं। गलवान घाटी में खूनी संघर्ष और दिल्ली में चीनी कोरोना वायरस से। एक तरफ चीन के द्वारा भेजे गए कोरोना वायरस के खिलाफ और दूसरी तरफ चीन के खिलाफ बॉर्डर पर युद्ध चल रहा है। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण तेजी से विकराल रूप धारण करता जा रहा है। आर्थिक राजधानी मुंबईं को पीछे छोड़ दिल्ली अब देश में सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों वाला महानगर बन गया है। बृहस्पतिवार को दिल्ली में 3390 नए मामले सामने आए। वुल मामले 73,780 हो गए जिनमें 44,765 ठीक हो गए और 2429 मौतें हुईं। जबकि मुंबईं में यह आंकड़ा 4480 नए मामले, वुल मामले 1,43,740 हैं। इनमें से 77,453 ठीक हो गए और वुल मौतें 6931 हैं। हालांकि सक्र‍िय मरीजों के लिहाज से मुंबईं अब भी दिल्ली से आगे है। मौतों के मामले में भी दिल्ली की मुंबईं से बेहतर स्थिति है। दिल्ली में मृत्युदर 3.3 प्रातिशत है, जबकि मुंबईं में यह दर 5.7 प्रातिशत है।


देश में कोविड-19 से संक्रमण का पहला मामला केरल में 30 जनवरी को आया था और उसके पांच महीने बाद संव््रामण के मामले पांच लाख के करीब पहुंच चुके हैं, जो यह समझने के लिए पर्यांप्त है कि महामारी से लड़ाईं अभी जारी है। भारत अभी अमेरिका, ब्राजील और रूस के बाद दुनिया का चौथा सर्वाधिक प्राभावित देश है, जबकि मौत के मामले में वह रूस से आगे हो गया है। यों तो देश में 30 प्रातिशत मामले महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, गुजरात और उत्तर प्रादेश में हैं। लेकिन पािमी बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रादेश, हरियाणा, कर्नाटक, आंध्र प्रादेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में संव््रामण के मामले या तो 10 हजार के आंकड़े को पार कर चुके हैं या उसके करीब हैं। दरअसल संक्रमण के मामलों में यह वृद्धि जांच में बढ़ोतरी की वजह से भी है। 24 मईं को खत्म हुए हफ्ते में जहां पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों की दर 5.37 प्रातिशत थी, वहीं 21 जून को खत्म हुए हफ्ते में 7.74 प्रातिशत हो गईं है। चूंकि जांच में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, लिहाजा संक्रमित लोगों की संख्या और बढ़ सकती है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ना तय है।


कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या के कारण अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों के इलाज में जो मुश्किलें आ रही हैं, वह तो एक अलग चुनौती है। दिल्ली में आए दिन किसी न किसी की मौत की खबर आती है और इनमें अधिकतर कोरोना की वजह से मौत नहीं हुईं, यह पुराने बीमार थे जिन्हें या तो डॉक्टर की सुविधा कोविड की पाबंदियों की वजह से नहीं मिल रही, पुराने क्रोनिक पेशंट को अस्पताल में दाखिले में मुश्किल आ रही है। दिल्ली सरकार वेंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस मनहूस महामारी का सामना तो कर रही है, प्रबंध भी कर रही है पर समस्या इतनी विकराल रूप धारण करती जा रही है कि कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा होना लाजिमी है।


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न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...