शनिवार, 27 जून 2020
30 साल की महिला जांच में पुरुष निकली
जेल में छापे से प्रशासन में मचा हड़कंप
राम कुमार मौर्या
रुड़की। जेल में वीडियो वायरल का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अभी जेल अधीक्षक द्वारा जांच पूरी हुई ही थी कि आईजी जेल के देर शाम जेल में छापा मारने से जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। जहां उन्हें बड़े पैमाने पर खामियां मिली। इस दौरान उन्होंने रूडकी जेलर को भी जमकर फटकार लगाई।
गौरतलब है कि 21 जून को जेल के अंदर का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमे बंदी जेल प्रशासन पर मारपीट और नशे के इंजेक्शन देने के गंभीर आरोप लगाते दिखाई दे रहे थे। इतना ही नहीं जेल प्रशासन के खिलाफ भी बंदियों ने मुर्दाबाद के नारे लगाए थे, जिसमें कुख्यात चीनू पंडित के साथ-साथ अन्य बंदी भी वीडियो में नज़र आ रहे हैं।
आई जी जेल के मीडिया में सुर्खियों में आने के बाद ज़िलाधिकारी ने आनन फानन में पूरे मामले की जांच ज्वाइंट मजिस्ट्रेट नमामि बंसल को सौंप दी थी, जिसके चलते जेल अधीक्षक की जांच में बंदियों के बीच मारपीट का होना नहीं पाया गया था। वीडियो वायरल के बाद देर शाम आईजी जेल डॉ. पीवीके प्रसाद अचानक रूडकी जेल में पहुंच गए। जहां उन्होंने खामियां मिलने पर जेलर को भी जमकर फटकार लगाई। वहीं जेल की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों और कुछ बंदियों के भी उन्होंने बयान दर्ज किए। इतना ही नहीं आईजी जेल ने जेल परिसर का बारीकी से मुआयना किया। इस दौरान आईजी जेल पीवीके प्रसाद ने बताया कि जेल में दो बंदियों के गुटों का विवाद था जिसकी जांच की जा रही है। जेल में बंद चीनू पंडित को जल्द ही दूसरी जेल में शिफ़्ट किया जाएगा।
हालांकि रूडकी जेल के बाद जेल आई जी हरिद्वार जेल का निरीक्षण करने भी पहुंचे। दरअसल रूडकी जेल के बंदियों का वीडियो वायरल होने के बाद जेल प्रशासन में लगातार हड़कंप मचा हुआ था जिसमें आई जी जेल के आने की संभावनाएं बढ़ गईं थीं।
मरीजों का आरोपः बार-बार लिया सैंपल
नई दिल्ली। दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में कोविड के इलाज के लिए एडमिट कुछ मरीजों का आरोप है कि उनका बार-बार सैंपल लिया जा रहा है। मगर, हर बार रिपोर्ट में कुछ नहीं आता। इस वजह से उन्हें अस्पताल से छुट्टी भी नहीं मिल रही है। गुरुवार को योगेश शर्मा और इंस्पेक्टर जय नारायण ने यह आरोप लगाया था, अब एक और मरीज के. विजय ने ऐसा ही आरोप लगाया है।
विजय का आरोप है कि वह 35 दिनों से अस्पताल में एडमिट हैं। अब तक उनका सात बार सैंपल लिया गया है। शुरू में दो सैंपल पॉजिटिव आया और उसके बाद पांच बार और सैंपल लिया गया, लेकिन हर बार उन्हें बताया जाता है कि उनकी रिपोर्ट न तो पॉजिटिव है और न ही निगेटिव। शुक्रवार को आरएमएल अस्पताल में एडमिट के. विजय ने फोन पर बताया कि वह कोविड की वजह से 21 मई को एडमिट हुए। 35 दिन हो गए और अभी तक एडमिट हैं। शुरू में फीवर और खांसी थी। अब सब ठीक है। अब तक 7 बार सैंपल लिया जा चुका
उन्होंने कहा कि अब तक 7 बार सैंपल लिया जा चुका है। पहले दो बार सैंपल पॉजिटिव आया और उसके बाद 5 बार सैंपल में कुछ नहीं आ रहा है। तीन दिन पहले भी सैंपल लिया गया था, उसमें भी कुछ नहीं आया। आज फिर सैंपल लिया गया है। उन्होंने कहा कि वह पूरी तरह से ठीक हैं। अभी सिर्फ विटामिन-सी की सुबह शाम एक-एक गोली दी जाती है। मरीजों का यह भी आरोप है कि सैंपल तुरंत लैब में नहीं पहुंचाए जाते। वह बाहर ही पड़ा रहता है। एक मरीज ने कुछ फोटो और विडियो भी शेयर किया है, जिसमें कुछ सैंपल दिख रहे हैं। हालांकि, यह पता नहीं चल रहा है कि इसमें कोविड का सैंपल है या नहीं। अस्पताल की प्रवक्ता स्मृति तिवारी ने कहा कि बाहर कोविड सैंपल नहीं है। मरीज की रिपोर्ट इनडिटरमिनेट है। इसमें जब इन्फेक्शन बॉर्डर लाइन पर होता है तो ऐसी रिपोर्ट आती है। उन्होंने कहा कि मरीज योगेश सीवियर स्थिति में एडमिट हुए थे, अभी स्टेबल हैं। रिपोर्ट निगेटिव आए बिना उन्हें कैसे छुट्टी दी जा सकती है। के. विजय के बार में भी ऐसा ही जवाब था। इंस्पेक्टर जय नारायण के बारे में प्रवक्ता ने कहा कि वह 19 जून को एडमिट हुए हैं, अभी उन्हें ठीक होने में समय लगेगा।
बिना निगेटिव रिपोर्ट के भी मिल सकती है छुट्टी
एलएनजेपी की माइक्रोबायोलॉजी की एचओडी डॉक्टर सोनल सक्सेना ने बताया कि जब कोविड की शुरुआत हुई थी, तब मरीज को छुट्टी देने से पहले दो बार निगेटिव रिपोर्ट जरूरी थी। अब ऐसा नहीं है। अब आईसीमएआर ने रूल चेंज कर दिया है। मरीज ठीक महसूस कर रहा है, क्लिनिकली फिट है तो बिना निगेटिव रिपोर्ट आए भी छुट्टी दी जा सकती है। खासकर मॉडरेट मरीजों को बिना रिपोर्ट के छुट्टी दी जा सकती है। इनडिटरमिनेट रिपोर्ट पर उनका कहना था कि इसका मतलब यह है कि मरीज में वायरस का लोड बहुत कम है। उसके अंदर डेड आरएनए हैं। जांच में ऐसा आता रहेगा। उन्होंने कहा कि जब संक्रमण बहुत पुराना होता है तो ऐसी स्थिति बनती है।
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संबंधों को किस दिशा में ले जाएगा 'चीन'
नई दिल्ली/बीजिंग। भारत ने चीन को दो टूक कहा है कि ये पूरी तरह से चीन पर निर्भर है कि वो द्विपक्षीय संबंधों को किस दिशा में ले जाना चाहता है। चीन को इस पर सावधानी से विचार करना चाहिए। चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव न हो इसका एक मात्र उपाय ये है कि चीन LAC पर नए निर्माण करना तुरंत बंद करे।
समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू में विक्रम मिस्री ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि चीन इस बाबत अपने दायित्वों को समझेगा और एलएसी पर तनाव को दूर करेगा और वहां से पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि चीन को बॉर्डर पार कर भारत की सीमा में आने और भारतीय जमीन पर निर्माण करने की अवैध हरकत को तुरंत बंद करना चाहिए।
गलवान पर दावा कर कोई फायदा नहीं
भारत के राजदूत ने गलवान घाटी पर चीन के किसी भी तरह के दावे को खारिज करते हुए कहा कि गलवान घाटी पर चीन की ओर से संप्रभुता का दावा बिल्कुल ही असमर्थनीय है और इस तरह बढ़ा चढ़ाकर दावा करने से चीन को किसी तरह का फायदा नहीं होने वाला है।
LAC पर यथास्थिति बदलने का असर द्विपक्षीय रिश्तों पर
विक्रम मिस्री ने ये साफ कर दिया कि एलएसी पर यथास्थिति बदलने की चीन की कोशिश का असर दोनों देशों के बीच के वृहद द्विपक्षीय संबंधों पर हो सकता है।
अपनी हरकतों से रिश्तों में दरार पैदा कर चुका है चीन
भारतीय राजदूत ने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती आए, इसके लिए ये जरूरी है कि सीमा पर शांति और सौहार्द्र कायम रहे। उन्होंने कहा कि चीनी सेना की हरकतों ने द्विपक्षीय संबंधों में अच्छी खासी दरार पैदा कर दी है, अब चीनी सेना को भारत की सेना की सामान्य पेट्रोलिंग गतिविधियों के लिए बाधा बननी नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा अपनी सीमा में ही किसी प्रकार की गतिविधि की है।
4,96,796 की मौतें, 53.57 लाख ठीक
- दुनिया में अब तक 4 लाख 96 हजार 796 लोगों की मौत, जबकि 53.57 लाख ठीक हुए
- अमेरिका में अब तक 1 लाख 27 हजार 640 लोगों की मौत, यहां 10.68 लाख ठीक हुए
वॉशिंगटन। दुनिया में कोरोनावायरस से अब तक 99 लाख 03 हजार 774 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 53 लाख 57 हजार 153 लोग ठीक हुए हैं। वहीं, 4 लाख 96 हजार 796 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन में एक बार फिर मामले बढ़ने लगे हैं। शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 24 घंटे में यहां 21 नए मामले सामने आए। ये सभी राजधानी बीजिंग के बताए जाते हैं। दूसरी तरफ, ब्राजील में एक ही दिन में 46 हजार से ज्यादा केस सामने आए।
चीन : स्थानीय मामले बढ़े
यहां शुक्रवार को कुल 21 नए मामलों की जानकारी दी गई है। खास बात ये है कि ये सभी मामले स्थानीय हैं। एक रिपोर्ट के मुातबिक, चीन में स्थानीय मामलों का बढ़ना इस बात की तरफ इशारा है कि यहां संक्रमण पर काबू पाने के दावे पूरी तरह सही नहीं हैं। 21 में 17 मामले राजधानी बीजिंग के हैं। हालांकि, इस दौरान किसी मौत की जानकारी सामने नहीं आई। बीजिंग के लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने शुक्रवार को कहा कि राजधानी के होलसेल मार्केट खोलने पर अब तक कोई विचार नहीं किया गया है।
बीजिंग की एक लेक के किनारे मौजूद लोग। चीन में शुक्रवार को 21 नए मामले सामने आए। इनमें से 17 बीजिंग के हैं। लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा है कि होलसेल मार्केट दोबारा खोलने पर विचार नहीं किया गया है।
ब्राजील : एक दिन में फिर सबसे ज्यादा केस
ब्राजील में शुक्रवार को 46 हजार 860 मामले सामने आए। इसी दौरान 990 लोगों की मौत हो गई। जेयर बोल्सोनोरो की सरकार पर डब्ल्यूएचओ का दबाव बढ़ रहा है। सरकार ने मास्क तो जरूरी किया लेकिन कम्युनिटी ट्रांसमिशन रोकने के उपाय नहीं किए। इस बीच, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर ब्राजील ने जल्द ही संक्रमण रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाए तो इसका देश की अर्थ व्यवस्था पर गंभीर असर हो सकता है।
फिलिस्तीन : 207 नए मामले
फिलिस्तिन में शनिवार को 207 नए मामले सामने आए। यहां अब कुल मामले 1795 हो गए। हेल्थ मिनिस्टर माई अल कैला ने एक बयान में कहा- पांच मार्च के बाद एक दिन में सामने आया संक्रमितों का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। उन्होंने कहा कि हेब्रोन जिले में सबसे ज्यादा मामले हैं। अब तक कुल 620 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, पांच की मौत हो चुकी है।
अमेरिका : 16 राज्य ज्यादा प्रभावित
अमेरिका में शुक्रवार को 40 हजार 870 नए मामले सामने आए। देश के 50 में 16 राज्यों में हालात ज्यादा खराब हैं। अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद हुए प्रदर्शनों को इसके लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। फ्लोरिडा और टेनेसी में संक्रमण की रफ्तार बाकी राज्यों की तुलना में ज्यादा है। कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर एंथोनी फौसी ने माना है कि कुछ राज्यों में संक्रमण पर काबू पाने में ज्यादा कामयाबी नहीं मिल सकी। उन्होंने कहा कि वैक्सीन पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
टेनेसी के स्प्रिंगफील्ड में शुक्रवार को एक मरीज का टेस्ट करने के पहले डॉक्टर। अमेरिका के 16 राज्यों में संक्रमण की रफ्तार ज्यादा है। इनमें भी फ्लोरिडा और टेनेसी आगे हैं।
सऊदी अरब : तेजी से बढ़ा संक्रमण
तमाम उपायों के बावजूद सऊदी अरब में संक्रमण फिर तेजी से फैल रहा है। सीएनएन के मुताबिक, पिछले महीने दी गई ढील के बाद राजधानी रियाद और उसके पास के इलाकों में संक्रमण तेजी से फैला है। यहां बाद में फिर पाबंदियां लगाई गईं लेकिन, तब तक नुकसान हो चुका था। पिछले 24 घंटों में 3,938 नए मामले सामने आए। कुल संख्या 1 लाख 74 हजार 577 हो गई। इसी दौरान 46 लोगों की मौत हुई। मरने वालों का कुल आंकड़ा 1474 हो गया।
ईयू : तीन देशों के यात्रियों पर रोक लगाने की तैयारी
यूरोपीय यूनियन यानी ईयू महामारी को देखते हुए अमेरिका, ब्राजील और रूस से आने वाले पैसेंजर्स पर रोक लगा सकता है। इस बारे में आखिरी फैसला 1 जुलाई को लिया जा सकता है। एक डिप्लोमैट के मुताबिक, यूरोपीय देशों में संक्रमण काबू में आ रहा है लेकिन, अमेरिका, ब्राजील और रूस में यह तेजी से फैल रहा है। शुक्रवार को एक मीटिंग में फैसला किया गया है कि 18 देशों से आने वाले पैसेंजर्स पर कोई रोक नहीं होगी। चीन से लोग आ सकेंगे लेकिन, उनकी पूरी जांच की जाएगी।
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