कानपुर। चकेरी थाना क्षेत्र के सजारी में फिर सजने लगी है भू माफियाओं की मंडी, इस क्षेत्र में सैकड़ो बीघों के हिसाब से पड़ी कानपुर विकास प्राधिकरण की जमीन पर भू माफियाओं ने कर डाली है प्लाटिंग,, भोलेभाले किसानों को कुछ रकम देकर और रंगीन सपने दिखाकर उनकी जमीनों का एग्रीमेंट कराकर इन माफियाओं ने कानपुर विकास प्राधिकरण की जमीनों को निशाना बनाया, किसान की जमीन की आड़ में आस पास पड़ी सरकारी जमीन को गलत तरीके से रजिस्ट्री भी करवाई जा रही है।इसी क्षेत्र के एक चर्चित भू माफिया ने सैकड़ो साल पुराने पीपल के पेड़ को कटवाकरउस स्थान पर मौजूद ग्राम समाज के कुएं तक को बंद करवा दिया और उस जमीन पर अपनी नजर गड़ा दी।क्षेत्र में सरकारी जमीनों पर बड़े बड़े कार्यालय,, मार्केट,, गेस्ट हाउस,, व अन्य प्रतिष्ठानों का निर्माण जोरो से चल रहा है।इस महान कार्य मे इन माफियाओं को सहयोग करने वाले कानपुर विकास प्राधिकरण के कुछ बड़े अधिकारियों की भूमिका भी है।जो इन माफियाओं से मिलने वाली मलाई को खाकर उन्हें सहयोग दे रहें हैं और यहाँ से लेकर मोतीझील ( कार्यालय कानपुर विकास प्राधिकरण) तक उनकी मदद की जाती है। अब देखना यह। है कि जिम्मेदार इन भू माफियाओं के सामने घुटने टेकती है या कार्यवाही करते हैं।
शनिवार, 27 जून 2020
डरे बिना सच बताएं पीएम मोदीः गांधी
चीन ने 3 जगह छीनी जमीन,सच बताएं PM…
कार्रवाई में हम आपके साथ: राहुल गांधी…
नई दिल्ली/ बिजिंग। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चीन विवाद को लेकर निशाना साधा है,लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए,तभी से हालात तनावपूर्ण हैं। शुक्रवार को राहुल ने एक वीडियो जारी किया,राहुल गांधी ने कहा कि पीएम बिना डरे,बिना घबराए सच बताएं कि चीन ने जमीन ली है और हम कार्रवाई करने जा रहे हैं,इस स्थिति में पूरा देश आपके साथ खड़ा है।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पूरा देश एक होकर सेना और सरकार के साथ खड़ा है,लेकिन एक जरूरी सवाल उठा है, कुछ दिन पहले हमारे प्रधानमंत्री ने कहा था कि कोई हिंदुस्तान में नहीं आया,किसी ने हमारी जमीन नहीं ली है।
राहुल गांधी ने कहा कि सैटेलाइट तस्वीर में दिख रहा है,सेना के पूर्व जनरल कह रहे हैं और लद्दाख के लोग कह रहे हैं कि चीन ने हमारी जमीन एक नहीं बल्कि तीन जगह छीनी है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री जी आपको सच बोलना पड़ेगा,घबराने की जरूरत नहीं है,अगर आप कहेंगे कि जमीन नहीं गई,लेकिन चीन ने जमीन ली है तो चीन का फायदा होगा,हमें मिलकर इनसे लड़ना है और उठाकर फेंकना है। इसी वीडियो में राहुल गांधी ने कहा कि हमारे शहीद जवानों को आखिर बिना हथियार के बॉर्डर पर किसने भेजा और क्यों भेजा?
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार पर चीन के मसले पर हमलावर हैं,इससे पहले भी राहुल ने सवाल खड़ा किया था कि जवान निहत्थे होकर बॉर्डर पर क्यों गए थे। जिसपर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उन्हें जवाब दिया था।
ऑल पार्टी मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा था कि चीन ने घुसपैठ नहीं की है,जिसके बाद विपक्ष ने सवाल खड़े किए थे। हालांकि,बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से सफाई जारी करते हुए कहा गया था कि पीएम ने सिर्फ झड़प वाली जगह की बात की थी।
सोनिया-प्रियंका ने भी जारी किया संदेश
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी इस मसले पर एक संदेश जारी किया,सोनिया गांधी ने कहा कि आज जब भारत और चीन सीमा पर संकट की स्थिति है,तो केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकती। प्रधानमंत्री कहते हैं कि हमारी सीमा में कोई घुसपैठ नहीं हुई,पर दूसरी और रक्षा मंत्री और विदेश मंत्रालय बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों की मौजूदगी और घुसपैठ की चर्चा करते हैं।
सोनिया गांधी के अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी वीडियो संदेश जारी किया,उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी लगातार चीन के नेताओं के साथ दोस्ती कर रहे थे,लेकिन चीन ने हमें धोखा दिया है।प्रियंका ने अपने ट्वीट में लिखा कि हमारी फौज के बहादुर सैनिक देश की अखंडता व देश की रक्षा के लिए शहीद हुए,उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देना है. प्रियंका बोलीं किदेश की एक इंच भी जमीन नहीं जाने देंगे,देश सच जानना चाहता है।
दरअसल, चीन के साथ बॉर्डर पर मई महीने से ही तनाव चल रहा है,लेकिन 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारत के बीस जवान शहीद हो गए, इसके बाद स्थिति बिगड़ गई।अब भी खबर है कि गलवान घाटी,पैंगोंग लेक के पास चीन ने अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाई है, साथ ही कुछ इंफ्रास्ट्रक्चर भी बना लिया है।
पेट्रोल-डीजल के दाम में 21वीं बढ़ोतरी
नई दिल्ली। देश में पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार 21वें दिन बढ़े हैं। आज पेट्रोल के दाम में 25 पैसे और डीजल के दाम में 21 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली में अब पेट्रोल 80.38 रुपए और डीजल 80.40 रुपए प्रति लीटर हो गई है। देश में पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। लगातार 21वें दिन यानी आज (शनिवार) एक बार फिर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। आज दिल्ली में पेट्रोल पर 25 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर 21 पैसे प्रति लीटर इजाफा हुआ है। जिसके बाद राष्ट्रीय राजधानी में एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 80.38 रुपए और डीजल के लिए 80.40 पैसे चुकाने होंगे. शुक्रवार को पेट्रोल पर 21 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर 17 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी।
भूटान ने भारत को राहत भरी खबर दी
नई दिल्ली/ थिंपू। पड़ोसी देशों से चल रहे तनाव के बीच भूटान ने भारत को राहत भरी खबर दी है। असम में भूटान की तरफ से नदियों का पानी रोके जाने की खबरों को खारिज करते हुए भूटान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर भारत को आश्वस्त किया है। भूटान के विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज से स्पष्टीकरण दिया है। इसमें कहा गया है, “ये परेशान करने वाला आरोप है और विदेश मंत्रालय स्पष्ट करना चाहेगा कि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। इस मुश्किल वक्त में पानी रोकने की कोई वजह ही नहीं है। भूटान और असम के दोस्तों के बीच गलतफहमी पैदा करने के लिए ऐसी सूचनाएं फैलाई जा रही हैं।
भूटान सरकार ने कहा, असम के बक्शा और उदलगिरी जिले कई सालों से भूटान के पानी का इस्तेमाल करते आ रहे हैं और जब हम कोरोना महामारी का सामना कर रहे हैं और एक मुश्किल वक्त से गुजर रहे हैं तो भी ये सहयोग जारी रहेगा।भूटान के विदेश मंत्रालय ने कहा, “कोरोना वायरस महामारी में लागू प्रतिबंधों की वजह से असम के किसान भूटान में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं जिससे उन्हें सिंचाई के लिए पानी लाने में दिक्कतें हो रही हैं. हालांकि, असम के किसानों की मुश्किलों को समझते हुए समद्रूप जोंगखार जिले के अधिकारियों और लोगों ने सिंचाई चैनलों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है ताकि असम की तरफ पानी के बहाव में कोई समस्या ना हो।असम के चीफ सेक्रटरी कुमार संजय कृष्ण ने एएनआई से बताया, सिंचाई का पानी भूटान की पहाड़ियों से बहते हुए असम में आता है लेकिन रास्ते में कुछ पत्थरों की वजह से बहाव रुक गया था। हमने भूटान से बातचीत की और तुरंत रास्ता क्लियर कराया। इसे लेकर कोई विवाद नहीं है और ये कहना गलत है कि भूटान ने असम की तरफ आने वाला पानी रोक दिया। इसी सप्ताह, असम के कई ग्रामीणों ने सिंचाई के लिए जल-आपूर्ति बाधित होने को लेकर भूटान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारी किसानों ने केंद्र सरकार से मांग की थी कि जल्द से जल्द भूटान सरकार के साथ बातचीत कर इस मुद्दे को सुलझाया जाए।
सेना प्रमुख ने की रक्षा मंत्री से मीटिंग
लद्दाख। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीनी सैनिकों की हलचल बढ़ने के बाद सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने रात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। बैठक में कहा गया कि ड्रैगन बातचीत की आड़ में घुसपैठ बढ़ाने की साजिश रच रहा है लेकिन भारत भी उनके मंसूबों से निपटने के लिए तैयार है। चीन को किसी भी हाल में सबक सिखाने को लेकर रक्षा मंत्रालय में सहमति बनी है। बैठक में वायुसेना प्रमुख आर. के. सिंह भदौरिया भी उपस्थित थे। दोनों दलों के प्रमुखों ने चीन की तुलना में भारतीय सेना और वायुसेना दल की ताकत की जानकारी सिंह को दी।
उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प को लेकर अब तक खुलासा नहीं हो पाया है।चीनी सैनिकों की वास्तविक नियंत्रण रेखा को चार किलोमीटर बदलने की साजिश को भारतीय जवानों ने नाकाम कर ड्रैगन को उसकी औकात दिखा दी है। इसके पहले भी नरवणे ने गलवान घाटी में तैनात अधिकारियों से चर्चा की थी। उस चर्चा से सामने आई जानकारी के आधार पर रक्षा मंत्री के साथ हुई इस बैठक में रणनीति तय की गई। रणनीति के तहत रूस से जल्द ही लड़ाकू विमानों की खरीदी की जाएगी। आगामी 15 दिनों में हवाई गश्त भी बढ़ाई जाएगी।
हालांकि, चीन अब भी बातचीत की रट लगाए हुए है। चीन ने उसके सैन्य अधिकारियों की ओर से बेसिर-पैर के दावों के साथ विदेश मंत्रालय की ओर सकारात्मक चर्चा का प्रस्ताव पेश करने की कुटिल नीति अपनाई है। भारत अब चीन के बातचीत के झांसे से गुमराह नहीं होगा। गलवान घाटी और पैंगोंग नदी परिसर में बड़ी संख्या में सेना तैनात है अक्तूबर तक इसमें और बढ़ोत्तरी की जाएगी। फिलहाल उस इलाके में सैनिकों के लिए जरूरी सुविधाओं वाले कैंप बनाए जाएंगे।कड़ाके की ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़ों की खरीदी की जाएगी। लड़ाकू नौकाएं खरीदने का प्रस्वात तैयार किया जाएगाः सैन्य क्षमता बढ़ाने के लिए जल्द ही फिलीपींस, इंडोनेशिया, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से लड़ाकू नौकाएं खरीदने का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। आर्थिक झटका चीन को सबसे पहली आर्थिक चुनौती मिली है ऊर्जा मंत्रालय से. सौर ऊर्जा उपकरणों के कलपुर्जों के निर्यात पर ऊर्जा मंत्रालय ने निर्यात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है। इस वर्ष 15 फीसदी जबकि अगले वर्ष इसे बढ़ाकर 40 फीसदी तक कर दिया जाएगा. इसके पीछे का मकसद भारतीय उद्यमियों को बढ़ावा देकर चीन पर निर्भरता कम करना है। केंद्रीय मंत्री आर. के. सिंह ने इस फैसले की घोषणा की। ‘लोकमत’ ने 22 जून को इस संदर्भ में खबर प्रकाशित की थी। उन्होंने यह भी बताया कि चीन पर निर्भरता कम करने के लिए नई सौर ऊर्जा नीति तैयार की जाएगी।
किन्नर में मुख्यमंत्री योगी से लगाई गुहार
अब आपके खाने में आई लाल भिंडी
नारायण सिंह रावत
सितारगंज। काले, नीले, पर्पल गेहू व काला, लाल चावल के बाद तिगड़ी फ्रॉम बिजट्टी के बराड़ फ्रॉम के किसान अनिलदीप सिँह महाल ने लाल रंग की भिंडी की सब्जी की पैदावार की लोगों में खासी चर्चा है। मालूम हो कि भारतीय लोग द्वारा भिंडी की सब्जी को बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है। इसकी तरी वाली सब्जी के अलावा
प्याज के साथ सूखी सब्जी ज्यादातर लोगों की मनपसंद सब्जी है और कलौंजी वाली भरवां भिंडी की तो अपनी अलग पहचान है। ऐसे में हरी भिंडी की जगह लोग अपने स्वाद को और बेहत्तर बनाने के लिए लाल भिंडी का उपयोग कर सकेंगे।
जैसा कि हम सब जानते हैं कि भारत में लगभग हर प्रदेश में भिंडी की सब्जी लोगों को बहुत प्रिय है। इसे तरी के साथ सुखी सब्जी के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। कुल मिला कर शादी विवाह जैसे समारोहों तक की शान बनने वाली भिंडी की मांग साल भर बरकरार रहती है। आप लोगो ने भिंडी तो खाई ही होगी और उसका रंग हरा होता है यह भी जानते होगे, लेकिन क्या आपने कभी लाल भिंडी खाई है? अगर नहीं, तो जल्द ही आपको लाल भिंडी की बेहतरीन किस्म मिलने वाली है, क्योंकि वाराणसी के भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार भिंडी की नई प्रजाति ‘काशी लालिमा’ विकसित कर ली है जिसका रंग बैगनी-लाल है, इसकी लम्बाई सामान्य भिंडी जैसी ही है।
तिगड़ी फ्रॉम बिजट्टी के बराड़ फ्रॉम के किसान अनिलदीप सिँह महाल ने बताया कि भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के पूर्व निदेशक डॉक्टर बिजेंद्र जी के नेतृत्व में लाल भिंडी की प्रजाति पर वर्ष 1995-96 में शोध कार्य प्रारम्भ हो गया था। इसके बाद काशी लालिमा का विकास शुरू हुआ। इसमें डॉ. एस के सानवाल, डॉ. जी पी मिश्रा और तकनीकी सहायक सुभाष चंद्र ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस नई प्रजाति ‘काशी लालिमा’ विकसित लाल रंग की यह भिंडी एंटी ऑक्सीडेंट, आयरन और कैल्शियम सहित अन्य पोषक तत्वों से भरपूर है खास बात तो यह है कि ये भिंडी गर्भवती महिलाओं के लिए तथा शुगर और दिल की बीमारियों के लिए सबसे ज्यादा स्वास्थ वर्धक है। महिलाओं के गर्भ में जो शिशु पलता है, उसके मस्तिष्क के विकास के लिए ये बहुत उपयोगी है गर्भवती महिलाएं इस लाल भिंडी का सेवन करें तो उनके अंदर जो फोलिक एसिड की कमी है वो दूर हो जाती है।
किसान अनिलदीप सिँह महाल ने लाल भिंडी के बारे में बताया कि पहले छत्तीसगढ़ के कुछ जनजाति इलाकों में छात्र लाल भिंडी पैदा कर रहे हैं लेकिन सबसे पहले भारत में इसको परिष्कृत रूप में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी में उगाया गया है। इससे पहले अमेरिका के क्लीमसन विश्व विद्यालय में भी लाल भिंडी को उगाया जा चुका है अमेरिका में इस लाल भिड़ी की पैदावार हुई, पर भारत में यह पैदा नहीं हो पाया था लाल रंग की भिंडी अभी तक पश्चिमी देशों में ही उगाई जा रही है और यह भारत में आयात होती है। इसकी विभिन्न प्रजातियों की कीमत 150 से 600 रुपये किलो तक है। इसके बाद 1995 से भिंडी की नयी प्रजाति पर रिसर्च चल रहा था और पिछले कुछ वर्षों में हमने लाल भिंडी पर विशेष ध्यान दिया और इसे विकसित किया है।
अब इस देशी प्रजाति के विकसित होने के बाद भारत के किसान भी इसका उत्पादन कर सकेंगे। संस्थान में इसका बीज आम लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगा। पोषक तत्वों से भरपूर इस भिंडी के उत्पादन से भारतीय किसानों को फायदा मिलेगा। इसकी मांग अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में भी है भारत के साथ ही अमेरिका, मिस्र, मोरक्को, अफ्रीका, में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। महाल के अनुसार इस भिंडी का रंग बैगनी और लाल रंग का होता है इस भिंडी की लंबाई 11-14 सेमी और व्यास 1.5 और 1.6 सेमी होती है और यह 130 से 140 क्विंटल प्रति हेक्टेयर ये उपज देती है। भविष्य में शहरी क्षेत्र में इसकी भारी मांग होगी और इसका उत्पादन करने वाले किसानों को बहुत लाभ होगा। तिगड़ी फ्रॉम बिजट्टी के बराड़ फ्रॉम के किसान अनिलदीप सिँह महाल ने इस लाल रंग की भिंडी का अपने बराड़ फार्म में उत्पादन कर तहलका मचा दिया है। मालूम हो कि इसस पूर्व अनिलदीप सिंह महाल काले, नीले, पर्पल गेहू व काला, लाल चावल की भी बड़े पैमाने पर खेती कर रहे हैं। महाल एक इलाके के एक वैज्ञानिक सोच पर कृषि करने वाले किसान है। जो हर रोज कुछ नया करने का जज्बा रखते हैं। तमाम लोग भिंडी की लाल फसल को देखने उनके फार्म हाउस पर आ रहे हैं।
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