शनिवार, 27 जून 2020

अब आपके खाने में आई लाल भिंडी

नारायण सिंह रावत
सितारगंज। काले, नीले, पर्पल गेहू व काला, लाल चावल के बाद तिगड़ी फ्रॉम बिजट्टी के बराड़ फ्रॉम के किसान अनिलदीप सिँह महाल ने लाल रंग की भिंडी की सब्जी की पैदावार की लोगों में खासी चर्चा है। मालूम हो कि भारतीय लोग द्वारा भिंडी की सब्जी को बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है। इसकी तरी वाली सब्जी के अलावा


प्याज के साथ सूखी सब्जी ज्यादातर लोगों की मनपसंद सब्जी है और कलौंजी वाली भरवां भिंडी की तो अपनी अलग पहचान है। ऐसे में हरी भिंडी की जगह लोग अपने स्वाद को और बेहत्तर बनाने के लिए लाल भिंडी का उपयोग कर सकेंगे।
जैसा कि हम सब जानते हैं कि भारत में लगभग हर प्रदेश में भिंडी की सब्जी लोगों को बहुत प्रिय है। इसे तरी के साथ सुखी सब्जी के रूप में भी ​इस्तेमाल किया जाता है। कुल मिला कर शादी विवाह जैसे समारोहों तक की शान बनने वाली भिंडी की मांग साल भर बरकरार रहती है। आप लोगो ने भिंडी तो खाई ही होगी और उसका रंग हरा होता है यह भी जानते होगे, लेकिन क्या आपने कभी लाल भिंडी खाई है? अगर नहीं, तो जल्द ही आपको लाल भिंडी की बेहतरीन किस्म मिलने वाली है, क्योंकि वाराणसी के भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार भिंडी की नई प्रजाति ‘काशी लालिमा’ विकसित कर ली है जिसका रंग बैगनी-लाल है, इसकी लम्बाई सामान्य भिंडी जैसी ही है।
तिगड़ी फ्रॉम बिजट्टी के बराड़ फ्रॉम के किसान अनिलदीप सिँह महाल ने बताया कि भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के पूर्व निदेशक डॉक्टर बिजेंद्र जी के नेतृत्व में लाल भिंडी की प्रजाति पर वर्ष 1995-96 में शोध कार्य प्रारम्भ हो गया था। इसके बाद काशी लालिमा का विकास शुरू हुआ। इसमें डॉ. एस के सानवाल, डॉ. जी पी मिश्रा और तकनीकी सहायक सुभाष चंद्र ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस नई प्रजाति ‘काशी लालिमा’ विकसित लाल रंग की यह भिंडी एंटी ऑक्सीडेंट, आयरन और कैल्शियम सहित अन्य पोषक तत्वों से भरपूर है खास बात तो यह है कि ये भिंडी गर्भवती महिलाओं के लिए तथा शुगर और दिल की बीमारियों के लिए सबसे ज्यादा स्वास्थ वर्धक है। महिलाओं के गर्भ में जो शिशु पलता है, उसके मस्तिष्क के विकास के लिए ये बहुत उपयोगी है गर्भवती महिलाएं इस लाल भिंडी का सेवन करें तो उनके अंदर जो फोलिक एसिड की कमी है वो दूर हो जाती है।
किसान अनिलदीप सिँह महाल ने लाल भिंडी के बारे में बताया कि पहले छत्तीसगढ़ के कुछ जनजाति इलाकों में छात्र लाल भिंडी पैदा कर रहे हैं लेकिन सबसे पहले भारत में इसको परिष्कृत रूप में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी में उगाया गया है। इससे पहले अमेरिका के क्लीमसन विश्व विद्यालय में भी लाल भिंडी को उगाया जा चुका है अमेरिका में इस लाल भिड़ी की पैदावार हुई, पर भारत में यह पैदा नहीं हो पाया था लाल रंग की भिंडी अभी तक पश्चिमी देशों में ही उगाई जा रही है और यह भारत में आयात होती है। इसकी विभिन्न प्रजातियों की कीमत 150 से 600 रुपये किलो तक है। इसके बाद 1995 से भिंडी की नयी प्रजाति पर रिसर्च चल रहा था और पिछले कुछ वर्षों में हमने लाल भिंडी पर विशेष ध्यान दिया और इसे विकसित किया है।
अब इस देशी प्रजाति के विकसित होने के बाद भारत के किसान भी इसका उत्पादन कर सकेंगे। संस्थान में इसका बीज आम लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगा। पोषक तत्वों से भरपूर इस भिंडी के उत्पादन से भारतीय किसानों को फायदा मिलेगा। इसकी मांग अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में भी है भारत के साथ ही अमेरिका, मिस्र, मोरक्को, अफ्रीका, में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। महाल के अनुसार इस भिंडी का रंग बैगनी और लाल रंग का होता है इस भिंडी की लंबाई 11-14 सेमी और व्यास 1.5 और 1.6 सेमी होती है और यह 130 से 140 क्विंटल प्रति हेक्टेयर ये उपज देती है। भविष्य में शहरी क्षेत्र में इसकी भारी मांग होगी और इसका उत्पादन करने वाले किसानों को बहुत लाभ होगा। तिगड़ी फ्रॉम बिजट्टी के बराड़ फ्रॉम के किसान अनिलदीप सिँह महाल ने इस लाल रंग की भिंडी का अपने बराड़ फार्म में उत्पादन कर तहलका मचा दिया है। मालूम हो कि इसस पूर्व अनिलदीप सिंह महाल काले, नीले, पर्पल गेहू व काला, लाल चावल की भी बड़े पैमाने पर खेती कर रहे हैं। महाल एक इलाके के एक वैज्ञानिक सोच पर कृषि करने वाले किसान है। जो हर रोज कुछ नया करने का जज्बा रखते हैं। तमाम लोग भिंडी की लाल फसल को देखने उनके फार्म हाउस पर आ रहे हैं। 


विदेशी पूंजी भंडार 2 अरब डॉलर घटा

मुंबई। भारत का विदेशी पूंजी भंडार 19 जून को समाप्त सप्ताह में 2.078 अरब डॉलर घट गया। आरबीआई के साप्ताहिक पूरक आंकड़े के अनुसार, सकल विदेशी पूंजी भंडार 12 जून को समाप्त सप्ताह के 507.644 अरब डॉलर से घटकर 505.566 अरब डॉलर हो गया। भारत के विदेशी पूंजी भंडार में विदेशी मुद्रा भंडार (एफसीए), स्वर्ण भंडार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भारतीय भंडार शामिल होते हैं। विदेशी पूंजी भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा भंडार साप्ताहिक आधार पर 1.698 अरब डॉलर घटकर 467.039 अरब डॉलर पर आ गया। इसी तरह देश के स्वर्ण भंडार का मूल्य 35.80 करोड़ डॉलर घटकर 32.815 अरब डॉलर हो गया। इसके अलावा एसडीआर का मूल्य 60 लाख डॉलर नीचे फिसल कर 1.447 अरब डॉलर हो गया। आईएमएफ में देश का भंडार 1.60 करोड़ डॉलर घटकर 4.264 अरब डॉलर पर आ गया।


यूपी बोर्ड के परिणाम किए सार्वजनिक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद शनिवार दोपहर साढ़े बारह बजे दसवीं और बारहवीं कक्षा के नतीजे घोषित हो गए। 56 लाख विद्यार्थियों का इंतजार खत्म करते हुए सूबे के उप मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा लखनऊ स्थिति लोक भवन में प्रेस वार्ता के जरिए दसवीं और बारहवीं कक्षा के परिणाम जारी करेंगे। 10वीं और 12वीं कक्षा के नतीजे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी होंगे। इस साल दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं 18 फरवरी में शुरू हुई थीं और 6 मार्च तक चली थी। बोर्ड की परीक्षाएं कोरोना वायरस के कहर से पहले ही पूरी हो गई थीं। लेकिन कोरोना वायरस से रोकथाम के लिए लगे लॉकडाउन की वजह से उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन प्रक्रिया में देरी हुई थी। जिसकी वजह से इस साल रिजल्ट की घोषणा में भी देरी हुई है। दूसरी बात इस साल ऐसा पहली बार हो रहा है, जब यूपी बोर्ड के दसवीं और बारहवीं के नतीजे प्रयागराज की बजाय लखनऊ से जारी होंगे। परिणाम की घोषणा भी माध्यमिक शिक्षा निदेशक की जगह माध्यमिक शिक्षा मंत्री जारी करेंगे।


15685 लोगों की मौत, 508253 संक्रमित

नई दिल्ली। देश भर में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 5,08,953 पर पहुंच गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शनिवार को जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में 18,552 मामले बढ़े वहीं 384 लोगों की मौत हुई। बीते 24 घंटे में 10,244 लोग ठीक हुए हैं। ICMR के अनुसार देश भर में अब तक 79,96,707 लोगों की जांच हो चुकी है। बीते 24 घंटे में 2,20,479 सैंपल्स की जांच हुई।स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में फिलहाल 1,97,387 एक्टिव केस, 2,95,880 लोग डिस्चार्ज और 15,685 लोगों की मौत हो गई है। भारत में कुल जांच किये गये सैंपल्स में से अब तक 5,08,953 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। ऐसे में देश में पॉजिटिविटी रेट 8.41 फीसदी है. वहीं एक्टिव केस और डिस्चार्ज्ड लोगों की संख्या में 98,493 मामलों का अंतर है। मंत्रालय द्वारा जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार अंडमान निकाबोर द्वीप में 72, आंध्र प्रदेश में 11,489, अरुणाचल प्रदेश में 172, असम में 6607, बिहार में 8716, चंडीगढ़ में 425, छत्तीसगढ़ में 2545, दादरा नगर हवेली और दमन दीव में 163, दिल्ली में 77,240, गोवा में 1,039, गुजरात में 30,095, हरियाणा में 12,884, हिमाचल प्रदेश में 864, जम्मू-कश्मीर में 6,762, झारखंड में 2290. कर्नाटक में 11,005, केरल में 3876, लद्दाख में 946, मध्य प्रदेश में 12,798, महाराष्ट्र में 1,52,765, मणिपुर में 1075, मेघालय में 47, मिजोरम में 145, नागालैंड में 371, ओडिशा में 6,180, पुड्डुचेरी में 502, पंजाब में 4957, राजस्थान में 16660, तेलंगाना में 12,349, तमिलनाडु में 74,622, सिक्किम में 86, त्रिपुरा में 1325, उत्तराखंड में 2725, उत्तर प्रदेश में 20,943 और पश्चिम बंगाल में 16,190 मामले पुष्ट पाए गए हैं। वहीं शनिवार के आंकड़ों में 8023 मामले राज्यों को रिअसाइन किए गए हैं। आंकड़ों के अनुसार अंडमान निकाबोर द्वीप में 29, आंध्र प्रदेश में 6145, अरुणाचल प्रदेश में 129, असम में 2339, बिहार में1896, चंडीगढ़ में 84 , छत्तीसगढ़ में 618 , दादरा नगर हवेली और दमन दीव में 122, दिल्ली में 27,657, गोवा में 667, गुजरात में 6294, हरियाणा में 4657, हिमाचल प्रदेश में 353, जम्मू-कश्मीर में 2591, झारखंड में 635. कर्नाटक में 3909, केरल में 1846, लद्दाख में 587, मध्य प्रदेश में 2448, महाराष्ट्र में 65, 844, मणिपुर में 682, मेघालय में 4, मिजोरम में 115, नागालैंड में 209, ओडिशा में 1741, पुड्डुचेरी में 306, पंजाब में 1634, राजस्थान में 3218, तेलंगाना में 7346, तमिलनाडु में 32808, सिक्किम में 47, त्रिपुरा में 269, उत्तराखंड में 866, उत्तर प्रदेश में 6730 और पश्चिम बंगाल में 5039 मामले एक्टिव हैं। मंत्रालय के अनुसार अंडमान निकाबोर द्वीप में 0, आंध्र प्रदेश में 148, अरुणाचल प्रदेश में 1, असम में 9, बिहार में 58, चंडीगढ़ में 6 , छत्तीसगढ़ में 13 , दादरा नगर हवेली और दमन दीव में 0, दिल्ली में 2492, गोवा में 2, गुजरात में 1771, हरियाणा में 211, हिमाचल प्रदेश में 9, जम्मू-कश्मीर में 91, झारखंड में 12, कर्नाटक में 180, केरल में 22, लद्दाख में 1, मध्य प्रदेश में 546, महाराष्ट्र में 7106, मणिपुर में 0, मेघालय में 1, मिजोरम में 0, नागालैंड में 0, ओडिशा में 417, पुड्डुचेरी में 9, पंजाब में 122, राजस्थान में 1380, तेलंगाना में 237, तमिलनाडु में 957, सिक्किम में 0, त्रिपुरा में 1 , उत्तराखंड में 37, उत्तर प्रदेश में 630 और पश्चिम बंगाल में 616 लोगों की मौत हो चुकी है।


विदेश मंत्री ने फौज बढ़ाने का ब्यान दिया

नई दिल्ली/ बीजिंग। भारत-चीन में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव के बीच जैसे ही अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने चीन से निपटने के लिए फौज बढ़ाने का बयान दिया, वैसे ही चीन के सुर बदल गए। चीन को ये डर सताने लगा कि अगर हिंद-प्रशांत में भारत और अमेरिका मिल गए तो उसकी मुश्किल बढ़ जाएगी. लिहाजा, चीन का मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स अब भारत की तारीफ कर रहा है। उसका कहना है कि भारत अमेरिका के साथ नहीं जाएगा क्योंकि वो कूटनीतिक स्वतंत्रता पसंद करता है। अमेरिका के ताजा बयान के बाद भारत के साथ लद्दाख में भिड़े चीन को इस बात की चिंता सताने लगी है कि कहीं भारत और अमेरिका उसके खिलाफ लामबंद ना हो जाएंं। चीन के इस डर को फाइनेंशियल टाइम्स के एक स्तंभकार गिडोन रैचमैन ने बढ़ा दिया है। उन्होंने लिखा कि भारत ने नए शीत युद्ध में एक पक्ष को चुन लिया है। ये चीन की मूर्खता है कि वो अपने प्रतिद्वंद्वी को अमेरिका के पाले में डाल रहा है। इस बयान से चीन तिलमिला गया. उसे एहसास हो गया कि अमेरिका की एक चाल से पूरा समीकरण उसके खिलाफ बनने लगा है।उसका सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स इस दलील को खारिज करने में जुट गया।


ग्लोबल टाइम्स में लिखा गया है कि एक वक्त था जब भारत-चीन के बीच तनाव एक बड़ा खतरा था। भारत उस वक्त भी किसी देश पर निर्भर नहीं हुआ इसलिए ये तर्क बिल्कुल गलत है कि मौजूदा सीमा तनाव में भारत किसी एक गुट के साथ जाने के लिए मजबूर हो जाएगा। चीन की पूरी कोशिश है कि भारत किसी भी सूरत में अमेरिका से हाथ ना मिलाए। चीन को अच्छी तरह मालूम है कि भारत और अमेरिका साथ आए तो दक्षिण एशिया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में वो बुरी तरह घिर जाएगा। चीन को भारत और अमेरिका की दोस्ती का डर इस कदर सता रहा है कि वो उसमें दरार डालने के लिए रूस का जिक्र कर रहा है। चीन के सरकारी मुखपत्र का कहना है कि रूस से हथियारों का सौदा कर भारत ने अमेरिका को बता दिया है कि वो उसे कितनी अहमियत देता है। यही नहीं उसने यहां तक कह दिया कि भारत और अमेरिका एक दूसरे का महज इस्तेमाल करते हैं। भारत पाकिस्तान पर काबू पाने के लिए अमेरिका से करीबी बढ़ाता है दूसरी तरफ अमेरिका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की नकेल कसने के लिए भारत का इस्तेमाल करता है।भारत-अमेरिका की दोस्ती में दरार डालने की बेचैनी में चीन के सरकारी मुखपत्र ने यहां तक लिख दिया कि भारत को अच्छी तरह मालूम है कि अमेरिका उसके लक्ष्य को पूरा करने में उसकी मदद नहीं करेगा। साफ है कि चीन अब अपने आप को बेहद असुरक्षित महसूस करने लगा है। एक तरफ भारत ने रूस के साथ हथियारों की डील कर चीन की चिंता बढ़ा दी है तो दूसरी तरफ भारत समेत अपने मित्र देशों के समर्थन में अमेरिका के ऐलान ने उसकी नींद उड़ा दी है।


1 बार फिर डब्लूएचओ ने आगाह किया

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण को लेकर एक बार फिर WHO ने लोगों को आगाह किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अगर कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई तो लाखों लोगों की मौत हो सकती है। WHO के असिस्टेंट डायरेक्टर जनरल रनीरी गुएरा ने अंदेशा जाहिर किया है कि वायरस अभी भी काफी देशों में कहर बरपाएगा। उन्होंने स्पेनिश फ्लू का जिक्र करते हुए कहा कि महामारी सितंबर-अक्टूबर के ठंडे मौसम में बढ़ गई थी। ऐसे में कोरोना वायरस का प्रभाव भी इस मौसम में दिखाई दे सकता है। रनीरी गुएरा ने कहा कि करीब 100 साल पहले आए स्पेनिश फ्लू की दूसरी लहर में करोड़ों लोगों की मौत हो गई थी। उनके मुताबिक स्पेनिश फ्लू भी कोविड की तरह ही बर्ताव कर रहा था। इस दौरान गर्मियों में उसका संक्रमण घट गया था। लेकिन बाद में ठंड आने पर बढ़ गया।यूरोपियन सेंट्रल बैंक के प्रमुख क्रिस्टीन लगार्डे ने भी कहा था कि अगर हमने 1918-19 के स्पेनिश फ्लू से कुछ भी सीखा है तो निश्चित तौर से कोरोना की दूसरी लहर आ सकती है।


इससे पहले कुछ स्टडी में ये बात सामने आई थी कि अधिक गर्मी में कोरोना वायरस का प्रसार धीमा हो जाता है, लेकिन ये इतना कम नहीं दिखाई दिया कि संक्रमण रुक गया हो.खासकर भारत जैसे देश में जहाँ गर्मी में तापमान 45 से लेकर 49 डिग्री तक कई इलाकों में दर्ज किया गया था। इसके बावजूद भी बढे तापमान में कोरोना का संक्रमण तथावत रहा। उधर महामारी रोग विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर को लेकर कोई तय परिभाषा नहीं है। फ़िलहाल दुनियाभर में कोरोना के 97.7 लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है। जबकि इससे दुनियाभर में 4.9 लाख लोगों की मौत दर्ज की गई है। जानकारों को अंदेशा है कि कई देशों में इसकी दूसरी लहर भी खतरनाक साबित हो सकती है।


घरों में प्रदान करने की सुविधा 'मुहैया' करायी

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के छात्र-छात्राओं और आमजनों को एक बड़ी राहत देते हुए अब जाति और निवास प्रमाण पत्र उनके घरों में ही प्रदान करने की सुविधा मुहैया करायी है। मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश पर राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जाति और निवास प्रमाण पत्र के वितरण को सरलीकरण करते हुए प्रमाण पत्रों को आवेदकों के घर पहुंच सुविधा उपलब्ध कराने का आदेश सभी जिला कलेक्टरों को जारी किया गया है। जारी आदेश के तहत जाति एवं निवास प्रमाण पत्र जारी होने के पश्चात संबंधित आवेदकों से डाक रजिस्ट्री शुल्क लेकर प्रमाण पत्र उनके घर के पते पर भेजा जाएगा। इसके लिए लोक सेवा केन्द्रों तथा तहसील कार्यालयों द्वारा आवेदकों से डाक रजिस्ट्री व्यय शुल्क लेकर और व्यय शुल्क की पावती देते हुए आवेदकों के निवास के पते पर प्रमाण पत्र भेजने की सुविधा दी जाएगी।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...