शुक्रवार, 26 जून 2020

दिल्ली होटलों में नहीं ठहराएंगे चीनी

होटल एवं रेस्टॉरेंट एसोसिएशन ने की आज घोषणा - कैट के अभियान का किया समर्थन 
    जफीर उद्दीन 
नई दिल्ली। कनफेडेरशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के चीनी सामान के बहिष्कार के आव्हान को अपना बड़ा समर्थन देते हुए आज दिल्ली के बजट होटलों एवं गेस्ट हाउस  के संगठन दिल्ली होटल रेस्टोरेंट एन्ड ओनर्स एसोसिएशन (डीएचआरआओए ) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की है की चीन की नापाक हरकतों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है की दिल्ली के होटल तथा गेस्ट हाउस में अब से किसी भी चीनी व्यक्ति को ठहराया नहीं जाएगा !दिल्ली में लगभग 3000 बजट होटल और गेस्ट हाउस हैं जिनमें लगभग 75 हजार कमरे हैं ! 


दिल्ली होटल एवं रेस्टॉरेंट ओनर्स एसोसियशन के महामंत्री महेंद्र  गुप्ता ने आज यह जानकारी देते हुए बताया की चीन जिस प्रकार से भारत के साथ व्यवहार कर रहा है और उसने जिस तरीके से भारतीय सैनिकों की नृशंस हत्या की है, उसको लेकर दिल्ली के सभी होटल व्यवसायिओं में बेहद गुस्सा है और ऐसे समय में जब कैट ने देश भर में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का अभियान चलाया है उसमें दिल्ली के होटल और गेस्ट हाउस व्यवसायी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे और उसी को देखते हुए हमने यह फैसला किया है की अब से दिल्ली के किसी भी बजट होटल अथवा गेस्ट हाउस में किसी भी चीनी व्यक्ति को ठहराया नहीं जाएगा ! कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष  बी सी भरतिया एवं  राष्ट्रीय महामंत्री  प्रवीन खंडेलवाल ने करनेजी वॉइस न्यूज़ एजेंसी को बताया की हम इसका स्वागत करते है तथा इससे यह स्पष्ट है की कैट द्वारा शुरू किया गया चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का आवाहन से देश के विभिन्न वर्गों के लोग जुड़ रहे हैं ! उन्होंने कहा की इसी सिलसिले में कैट अब ट्रांसपोर्ट, किसान, हॉकर्स, लघु उद्योग ,उपभोक्ता स्वयं उद्यमी , महिला उद्यमी के राष्ट्रीय संगठनों से संपर्क कर उन्हें भी इस अभियान से जोड़ेगा ! 


वहीँ दूसरी ओर कैट देश के मीडिया वर्ग , प्राइवेट संस्थानों के अधिकारी एवं कर्मचारी , शिक्षक वर्ग, आइएइस एवं आईपीएस अधिकारी, आईआरएस , इंडियन फारेस्ट सर्विस के अधिकारी, सरकारी कर्मचारी, धर्मगुरु, मोटिवेशनल स्पीकर्स, सेवानिवृत जज एवं न्यायिक अधिकारी, चार्टर्ड अकाउंटेंट, कम्पनी सेक्रेटरी, सेवानिवृत अधिकारी, सेनाओं के सेवानिवृत अधिकारी, देश भर में काम कर रहे पुलिसकर्मी, सेवानिवृत पुलिसकर्मी, सीआरपीएफ, आईटीबीपी जैसी पैरा मिलिट्री फाॅर्स के कार्यरत एवं सेवानिवृत अधिकारी, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसियशन एवं अन्य अनेक वर्गों के संगठनों से संपर्क कर उन्हें भी इस अभियान से जोड़ेगा  और " भारतीय सामान-हमारा अभिमान " के राष्ट्रीय अभियान के अंतर्गत चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अभियान को और तेजी के साथ देश भर में चलाएगा ! उन्होंने कहा की इस बार चीन को सबक सिखाने में भारत के लोग दृढ़ संकल्प से जुड़ेंगे और दिसंबर 2021 तक चीन से आयात होने वाले सामान में 1 लाख करोड़ रुपये की कमी करेंगे और जो पैसा चीन से खरीदी में जाता है वो 1 लाख करोड़ रूपये भारत की अर्थव्यवस्था में लगेगा !


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


  जून 27, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-319 (साल-01)
2. शनिवार, जूूून 27, 2020
3. शक-1943, अषाढ़, शुक्ल-पक्ष, तिथि- सप्तमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:31,सूर्यास्त 07:28।


5. न्‍यूनतम तापमान 26+ डी.सै.,अधिकतम-38+ डी.सै.। तेज हवाओं के साथ बरसात की संभावना।


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गुरुवार, 25 जून 2020

मंत्री का निरीक्षण, स्थिति का लिया जायजा

मा0 मंत्री ने एसआरएन हाॅस्पिटल का निरीक्षण करते हुए व्यवस्थाओं का लिया जायजा

अस्पताल में साफ-सफाई व कोविड 19 के दृष्टिगत बरती जाने वाली सावधानियों का विशेष ध्यान रखा जाय-मा0 मंत्री, वित्त, संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग

कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य कर्मिंयों व डाॅक्टरों के द्वारा किये गये कार्यों की मुक्तकंठ से की सराहना

प्रयागराज। मा0 मंत्री वित्त, संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग उ0प्र0 श्री सुरेश कुमार खन्ना जी ने अपने प्रयागराज भ्रमण कार्यक्रम के दौरान एसआरएन हाॅस्पिटल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी प्रयागराज श्री भानु चन्द्र गोस्वामी एवं मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य श्री एस0पी0 सिंह मौजूद थे।

मा0 मंत्री ने एसआरएन हाॅस्पिटल के प्रधानाचार्य से कोविड 19 से संक्रमित भर्ती मरीजों की संख्या के बारे में जानकारी ली साथ ही उन्हें जिस वार्ड में रखा गया है, वहां की व्यवस्थाओं के बारे में पूछा। मा0 मंत्री जी ने भर्ती मरीजों का उपचार किस प्रकार से किया जा रहा है, के बारे में जानकारी ली साथ ही शासन स्तर से जो सुविधा अनुमन्य है, उसका लाभ भर्ती मरीजों को दिया जा रहा है कि नहीं, इसके बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि भर्ती मरीजों के उपचार में किसी प्रकार की कमी नहीं रहनी चाहिए व उनकी देखभाल की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। मा0 मंत्री जी ने एसआरएन हाॅस्पिटल में बनाये गये कोविड 19 रोगी सहायता केन्द्र में स्वयं जाकर यह देखा कि ड्यूटी में तैनात कर्मी किस प्रकार से मरीजों की देखभाल करते है। उन्होंने मरीजों की देखभाल में लगे सभी स्वास्थ्य कर्मिंयों व डाॅक्टरों की इस महामारी के दौरान किये गये कार्यों की सराहना की और कहा कि मानव सेवा ही सर्वोपरी है। उन्होंने एसआरएन के प्रधानाचार्य को निर्देश देते हुए कहा कि अस्पताल में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाय।

बृजेश केसरवानी 

आपातकालः शाह का कांग्रेस पर निशाना

नई दिल्ली। कांग्रेस वर्किंग कमिटी की मंगलवार (23 जून) को हुई बैठक में पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नहीं डरते है। राहुल गांधी ने कहा कि वह पीएम मोदी की लगातार आलोचना करते रहेंगे। राहुल गांधी ने यह जवाब कांग्रेस वर्किंग कमिटी में उठे उन सवालों पर दिया था, जब कांग्रेस के कुछ नेताओं ने कहा था कि भारत-चीन के मुद्दे पर हमें निजी व्यक्तिगत आलोचना नहीं करनी चाहिए. गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी के इस बयान पर आज (25 जून) अपनी प्रतिक्रिया दी है। अमित शाह ने 25 जून की सुबह ट्वीट करते हुए लिखा, ”हाल ही के कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में कुछ नेताओं ने अलग मुद्दे उठाए तो लोग चिल्ला पड़े। एक पार्टी प्रवक्ता को बिना सोचे-समझे बर्खास्त कर दिया गया. यह एख दुखद सच है कि कांग्रेस पार्टी में नेता निराश हैं।” इस ट्वीट के साथ अमित शाह ने अंग्रेजी वेबसाइट इकोनॉमिक्स टाइम्स की वह रिपोर्ट भी साझा की है, जिसमें कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लेकर प्रतिक्रिया दी थी।



  • अंग्रेजी वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा है, राहुल गांधी ने CWC की बैठक में कहा था, ‘मैं पीएम नरेंद्र मोदी ने नहीं डरता हूं। वह मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं. मैं उनकी आलोचना जारी रखूंगा। अगर किसी को इसमें दिक्कत है तो CWC मुझे चुप रहने के लिए कह सकती है.’ राहुल गांधी के इस बयान के बाद पार्टी के कुछ नेता नाराज हुए थे।आपातकाल को लेकर भी अमित शाह ने कांग्रेस पर साधा निशानाः अमित शाह ने आपातकाल के 45 साल पूरे होने पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया. अमित शाह ने लिखा, ‘कांग्रेस को एक विपक्षी पार्टी होने के नाते अपने आप से सवाल पूछना चाहिए। आखिर क्यों आपातकाल वाली मानसिकता आज भी उनके अंदर है? जो नेता एक वंश से नहीं आते वे कुछ भी बोलने में असमर्थ क्यों हैं? कांग्रेस में रहकर नेता क्यों निराश हो रहे हैं।


महेश का 'राष्ट्रपति' को पत्र, खतरा बताया

पालूराम


अहमदाबाद। गुजरात में राज्‍यसभा चुनाव का बहिष्कार करने वाले भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो विधायक छोटूभाई वसावा व महेश वसावा ने राष्‍ट्रपति को पत्र लिखकर अपनी जान को खतरा बताया है। वसावा पिता-पुत्र का दावा है कि सामंतवादी व विघटनवादी ताकतें उनके सामाजिक समानता व आदिवासी अधिकार के आंदोलन को कुचलना चाहते हैं।


राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में भरुच झगडिया से विधायक छोटूभाई वसावा तथा नर्मदा के डेडियापाडा विधानसभा से विधायक उनके पुत्र महेश वसावा ने बताया कि भारतीय ट्राइबल पार्टी ने राज्‍यसभा चुनाव में संविधान की 5वीं सूची का अमल तथा आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की मांग को लेकर चुनाव का बहिष्कार कर दिया था। उनका कहना है कि वे लंबे समय से सामाजिक न्‍याय की आवाज उठा रहे हैं, समाज में विघटन जैसा माहौल बन रहा है।


असमानता व सामंतवादी सोच के लोग उनके सामाजिक न्‍याय के अभियान को पसंद नहीं करते हैं तथा उसे खत्‍म कर देने की इच्छा रखते हैं। इससे समाज में विघटन के हालात हैं तथा उनकी जान को भी जोखिम है। राज्‍य पुलिस ने पहले भी ऐसे असामाजिक तत्‍वों के साथ मिलकर फर्जी मुठभेड़ की घटनाओं को अंजाम दिया था, भविष्‍य में इनके फिर होने की आशंका है। मीडिया भी तनाव व राजनीतिक खबरें चलाकर उनकी छवि को बिगाड़ने का प्रयास कर रहा है। दोनों विधायकों ने खुद पर जानलेवा हमले की आशंका जताते हुए सुरक्षा की मांग की है, ऐसा नहीं होने पर किसी भी तरह की घटना होने पर प्रशासन की जिम्‍मेदारी रहेगी।


 



 


गौरतलब है कि बीटीपी के इन दोनों विधायकों ने गत 19 जून को हुए राज्‍यसभा चुनाव के दौरान मतदान से खुद को अलग कर लिया था। इन दोनों विधायक ने आदिवासियों के अधिकार तथा पांचवीं अनुसूची का अमले कराए जाने की मांग को लेकर प्रतीक धरना भी दिया। कांग्रेस व भाजपा नेता राज्‍यसभा चुनाव के दौरान इनके संपर्क में थे, लेकिन खुद को धर्मसंकट में फंसता देख दोनों विधायाकों ने मदातन से ही खुद को अलग कर लिया था। 


स्‍टेच्‍यू ऑफ यूनिटी का विरोध


भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के विधायक व आदिवासी नेता छोटू वसावा ने चाइनीज वस्‍तुओं के बहिष्‍कार के साथ स्‍टेच्‍यू ऑफ यूनिटी का विरोध फिर शुरू कर दिया है। वसावा का कहना है कि प्रतिमा के निर्माण में चाइना में बनी ब्रोंज प्‍लेट का उपयोग हुआ है। बीटीपी ने चाइना के राष्‍ट्रपति का पुतला दहन भी किया। भरुच के झगडिया गांव में भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक छोटू वसावा व उनके कार्यकर्ताओं ने चाइना के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग का पुतला दहन कर चाइनीज वस्‍तुओं के बहिष्कार का एलान किया। यहां वसावा ने कहा कि चाइना की हर वस्‍तु का बहिष्कार होना चाहिए। साथ ही, उन्‍होंने कहा कि लौहपुरुष सरदार पटेल की प्रतिमा के निर्माण में चाइना में बनी ब्रोंज प्‍लेट का उपयो‍ग किया गया है। इनकी देखरेख के नाम पर बार बार चाइनीज लोग उनके आदिवासी इलाके में आते हैं। गौरतलब है कि स्‍टेच्‍यू ऑफ यूनिटी का निर्माण आदिवासी बहुल इलाके में हुआ है, जो बीटीपी का राजनीतिक गढ़ है।


दक्षिण कोरिया को पीएम की शुभकामनाएं

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरिया युद्ध के 70 साल पूरे होने पर संदेश जारी कर दक्षिण कोरिया के लोगों को शुभकामनाएं दीं हैं। पीएम मोदी ने कहा कि इस विशेष अवसर पर मैं कोरियाई प्रायद्वीप में शांति के बलिदान करने वाले सभी बहादुरों को सलाम करता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरिया के लोगों ने युद्ध के बाद एक महान राष्ट्र का निर्माण किया है। मैं कोरियाई प्रायद्वीप में शांति को बनाए रखने और बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रपति मून जे इन द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना करता हूं। बता दें कि कोरियाई युद्ध 1950 से 53 तक चला था। इसकी शुरुआत 25 जून, 1950 को उत्तरी कोरिया से दक्षिणी कोरिया पर आक्रमण के साथ हुआ। यह शीत युद्ध काल में लड़ा गया सबसे पहला और सबसे बड़ा संघर्ष था।



पहली बार मज़दूरों का सुख-दुख जानेंगे

नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी लॉकडाउन के बाद पहली बार मज़दूरों से बात करेंगे और उनका सुख-दुख जानेंगे। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी वीडियो कांफ्रेंस से जुड़े रहेंगे। 26 जून को मोदी यूपी के कुछ ख़ास लोगों से उनके मन की बात जानेंगे। ये वैसे लोग हैं जो लॉकडाउन में बेरोज़गार हो गए थे। इनमें से कुछ ऐसे भी हैं जो महाराष्ट्र और गुजरात में काम करते थे। जब वहां फैक्ट्ररियां बंद हुईं तो अपने घर लौट आए।


लेकिन यूपी सरकार की मदद से इन्हें काम मिल गया है। योगी सरकार का दावा है कि 1 करोड़ 25 लाख लोगों को लॉकडाउन के समय से ही रोज़गार मिल गया है। शुक्रवार को सुबह 11 बजे छह ज़िलों के कुछ लोगों से मोदी बातचीत करेंगे। ये पहला मौक़ा होगा जब प्रधान मंत्री लॉकडाउन के बाद सीधा संवाद करेंगे। लॉकडाउन के दौरान बाहर से लोगों को अपने यहां लाने की शुरुआत सबसे पहले योगी आदित्यनाथ ने की थी। हरियाणा बस भेज कर उन्होंने मज़दूरों को घर बुलवाया था। इसके बाद तो कुछ और राज्यों में भी बसें भेजी गई थीं। जब श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलने लगे तो लाखों लोग यूपी आए. क़रीब 36 लाख प्रवासी लोग यूपी में अपने घर लौटे. तब सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था ये लोग हमारी ताक़त हैं। हमारी पूंजी हैं।


सीएम योगी ने वादा किया था ऐसे लोगों के उनके घर के पास ही रोज़गार देने की कोशिश की जाएगी। इसके लिए देश में पहली बार यूपी में स्किल मैपिंग का काम शुरू हुआ। डाटा तैयार किया गया कि कौन लोग किस तरह का काम करते हैं।जैसे बढ़ई, लुहार, सोनार, दर्ज़ी, कंप्यूटर रिपेयर करने वाले, गाड़ी की मरम्मत का काम करने वाले, राज मिस्त्री जिनके पास कोई हुनर नहीं है उनमें से कुछ को मनरेगा का काम दिया गया. कुछ लोगों को रियल एस्टेट में काम मिला। इसके लिए रियल एस्टेट डेवलपरों के संगठन नरडेका से समझौता किया गया. इसे रोज़गार अभियान नाम दिया गया है। राज्य के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी बताते हैं कि शुरूआत में 31 ज़िलों में ये योजना शुरू की गई है।


 


अहमदाबाद से राजकुमार साहनी मई के शुरूआत में ही अपने घर गोरखपुर आ गए थे। वे जिस फ़ैक्ट्री में काम करते थे, बंद हो गया था। अब आगे क्या करते, परिवार कैसे चलाते? यूपी सरकार की मदद से उन्हें घर के पास ही काम मिल गया। वे बोरे बनाने की फ़ैक्ट्री में काम कर रहे हैं. अहमदाबाद में भी वे यही काम किया करते थे। कुछ ऐसा ही कहानी गुजरात से लौटे विजेंद्र पाल की भी है। उन्हें भी काम मिल गया है। यूपी में क़रीब 90 लाख छोटे और लघु उद्योग हैं। योगी सरकार का दावा है कि अगर इनसे एक भी आदमी को जोड़ दिया गया तो 90 लाख को रोज़गार मिल जाएगा। नोएडा में गार्मेंट्स की क़रीब 3500 फ़ैक्टरियाँ हैं। जिनमें दो लाख लोगों की ज़रूरत थी। स्किल मैपिंग में प्रवासी लोगों में से 64000 दर्ज़ी पाए गए। यूपी में एमएसएमई के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल बताते हैं कि हमने गार्मेंट्स कंपनियों को उनकी ज़रूरत के हिसाब से लोग दे दिए हैं। वे कहते हैं कि जिसको जिस काम का अनुभव है, उसे हम उसी सेक्टर में काम दिलाने में लगे हैं. जो लोग अपना काम धंधा खुद करना चाहते हैं, उन्हें बैंकों से कम ब्याज पर लोन दिया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ कह चुके हैं कि बाहर कमाने वाले जो लौटे हैं उन्हें अब फिर बाहर नहीं जाने देंगे। सीएम योगी ने कहा था कि वे पीएम नरेन्द्र मोदी के संकट को अवसर में बदलने के मंत्र को सच साबित कर दिखाएंगे।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...