गुरुवार, 25 जून 2020
जिम्मेदारों में संभाला सफाई का जिम्मा
पुलिस को मिला खुली वसूली का अवसर
सरवन कुमार सिंह की रिपोर्ट
उन्नाव। कोविड-19 लॉकडाउन ने पुलिस वालों को भी वसूली का भी अवसर दे दिया है। इसी प्रकार का एक वसूली का वाकया साप्ताहिक बाजार से सामने आया। साप्ताहिक बाजार में मछली बेच रहे व्यापारियों के बीच कोतवाली प्रभारी की जीप से पहुंचे सिपाहियों ने मास्क ना लगाने व लॉक डाउन का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए मछली व्यापारियों को थाना ले आए।जहां पर उनसे हजारों रुपए की वसूली हुई। मामले का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने सभी व्यापारियों को पैसा वापस कर दिया। लेकिन घटना एसपी और एडीजी तक पहुंच चुका था। जिसके बाद बैठाई गई जांच में इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिसकर्मी दोषी पाए गए और उन्हें पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया।
अचलगंज थाना क्षेत्र की घटना
घटना अचलगंज थाना क्षेत्र की है। विगत 9 जून को थाना बिहार घटना में निलंबित किए गए अजय कुमार त्रिपाठी को अचलगंज थाना प्रभारी बनाया गया था लेकिन यहां पर वह ज्यादा दिन नहीं टिक पाए। पुलिस अधीक्षक ने वसूली के आरोप में अजय कुमार त्रिपाठी को निलंबित कर दिया। क्षेत्राधिकारी बीघापुर और एलआईयू की रिपोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद यह कार्रवाई हुई। गौरतलब है अचलगंज थाना क्षेत्र के कोरारी खुर्द में विगत शनिवार दोपहर की साप्ताहिक बाजार में मछली व्यापारी मछली बेचने के लिए आए थे। इसी बीच थाने की जीप से सिपाही मौके पर पहुंचे और मास्क ना लगाने व लॉक डाउन का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए मछली व्यापारियों को थाना उठा लाए। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला चर्चा में आया और प्रकरण पुलिस अधीक्षक व एडीजी तक पहुंच गया। जिसकी जांच सीओ बीघापुर व एलआईयू को दी गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधीक्षक रोहन पी कनय ने इंस्पेक्टर अजय कुमार त्रिपाठी, सिपाही हरिशंकर प्रजापति, सिपाही अविनाश ओझा को निलंबित कर दिया।
कोरोना के चलते यूपी पंचायत चुनाव स्थगित
कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ। कोरोना महामारी को देखते हुए इस साल नवंबर-दिसंबर में होने वाला उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव छह महीने के लिए टल सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार पंचायत चुनाव को 6 महीने के लिए टालने की योजना बना चुकी थी। इसके साथ ही तैयारी थी कि 25 दिसंबर को प्रधानों के पांच साल के कार्यकाल पूरा होने से पहले एक शासक की नियुक्ति कर दी जाए।
अभी पंचायत चुनाव कराने के मूड में नहीं सरकार
पंचायती राज विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पंचायत चुनाव के लिए कई चरण में होने वाली गतिविधियों की चर्चा छह महीने पहले ही शुरू हो जाती थी। लेकिन इस बार न तो सरकार के स्तर पर और न ही पंचायती राज विभाग में इस पर कोई बात हो रही है। इससे जाहिर होता है कि सरकार अभी पंचायत चुनाव कराने के मूड में नहीं है।
सरकार पूरी कोशिश करेगी कि पंचायत चुनाव समय पर हो: पंचायती राज मंत्री
पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र चौधरी ने इस मामले पर कहा कि सरकार पूरी कोशिश करेगी कि पंचायत चुनाव समय पर हो जाएं। उन्होंने कहा, ‘जहां तक बात है चुनाव को टालने का तो वह नीतिगत फैसला है। उस संबंध में मैं अभी कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। हां, मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि अभी हमारे पास पर्याप्त समय है और हम चुनाव तय समय पर कराएंगे।’
हम समय पर चुनाव करा सकते हैं: राज्य निर्वाचन आयोग
राज्य निर्वाचन आयोग के एडिशनल कमिश्नर वीपी वर्मा ने कहा कि भले ही हमारे पास टाइम कम हो लेकिन हम समय पर चुनाव करा सकते हैं। हमारा काम परिसीमन अधिसूचना जारी होने के बाद शुरू होता है, हम उसी का इंतजार कर रहे हैं। पंचायत चुनाव से जुड़े सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार परिसीमन के काम को शुरू कर चुकी थी। लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए, इसे बीच में ही रोक दिया गया था। उस समय सरकार की सारी कोशिश संक्रमण को रोकने की थी। सूत्रों ने बताया कि सरकार पंचायत चुनाव के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट आवंटित कर चुकी है। लेकिन अब सरकार कोरोना से लडऩे के लिए फंड और जनशक्ति जुटा रही है। ऐसे में छह महीने के लिए चुनाव को स्थगित किया जा सकता है।
27 जून में आएगा यूपी बोर्ड रिजल्ट
शशांक तिवारी की रिपोर्ट
लखनऊ। यूपी बोर्ड 2020 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम 27 जून काे घाेषित किया जाएगा। परीक्षा में शामिल 50 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को पहली बार उत्तर प्रदेश बोर्ड डिजिटल हस्ताक्षर वाली मार्कशीट देने जा रहा है। बता दें कि 27 जून को 12.30 बजे परिणाम घोषित होने के तुरंत बाद बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर रिजल्ट अपलोड कर दिया जाएगा।
मार्कशीट अपलोड होने में लगेगा समय
सचिव नीना श्रीवास्तव के डिजिटल हस्ताक्षर वाली मार्कशीट अपलोड होने में दो-तीन दिन का समय लगेगा। सूत्रों के अनुसार हर साल रिजल्ट के समय इंटरनेट से जो अंकपत्र बच्चों को मिलता है उसकी कोई कानूनी मान्यता नहीं होती। लेकिन डिजिटल हस्ताक्षर वाली मार्कशीट प्रवेश से लेकर नौकरी तक में मान्य होती है। यही कारण है कि पहले इंटरमीडिएट के बच्चों को ये विशेष रूप से तैयार अंकपत्र देने की तैयारी है ताकि उन्हें आगे स्नातक या अन्य प्रवेश में किसी तरह की परेशानी न हो। बाद में हाईस्कूल के बच्चों को उपलब्ध कराई जाएगी। इसे स्कूलों के माध्यम से बच्चों को देने पर विचार चल रहा है। ताकि प्रधानाचार्यों की जिम्मेदारी तय की जा सके।
कोरोना संक्रमण से हो रही परेशानी
प्रधानाचार्य बोर्ड की वेबसाइट से डिजिटल हस्ताक्षर वाली मार्कशीट डाउनलोड कर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए उसे बच्चों को बांटेंगे। दरअसल कोरोना के कारण अंकपत्र सह प्रमाणपत्र छपवाने में परेशानी हो रही है। हालात सामान्य होने पर अंकपत्र सह प्रमाणपत्र छपवाकर पहले की तरह स्कूलों से बंटवाया जाएगा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी सरकार सख्त
शशांक तिवारी की रिपोर्ट
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में घूसखोर कर्मचारियों व अधिकारियों के खिलाफ योगी सरकार ने सख्त कार्रवाई करने का फैसला लिया है। सरकार ने इसके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। जिसपर पीड़ित व्यक्ति अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।
विजिलेंस विभाग ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
विजिलेंस विभाग ने कर्मचारी व अधिकारी के खिलाफ घूसखोरी की शिकायत दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 9454401866 जारी किया है। जिस पर फोन करके घूस मांगने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
कब दर्ज हो सकेगी शिकायत?
सतर्कता अधिष्ठान के प्रभारी निदेशक पीवी रामा शास्त्री ने बताया कि सोमवार से लेकर शुक्रवार तक सुबह 10:00 से शाम 6:00 तक इस हेल्पलाइन नंबर पर घूसखोरी की शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। शिकायत का तुरंत संज्ञान लिया जाएगा और जांच के बाद कार्रवाई भी की जाएगी।
CBI ने दी है ट्रेनिंग
पीवी रामा शास्त्री ने बताया कि विजिलेंस विभाग के अधिकारियों की विवेचना और तमाम अन्य जरूरतों के लिए अभी हाल ही में 4 दिन की ट्रेनिंग गाजियाबाद सीबीआई अकैडमी के अधिकारियों से करवाई गई है। कोविड-19 को देखते हुए यह ट्रेनिंग वर्चुअल क्लास के माध्यम से कराई गई थी। विजिलेंस के सभी 10 सेक्टर और मुख्यालय के 4 सेक्टर में तैनात अधिकारियों को गुणवत्ता परक विवेचना करने और समय के साथ बदल रहे अपराधों के विवेचना की ट्रेनिंग दिलवाई गई है। विजिलेंस विभाग जल्द ही वेबसाइट भी शुरू करने की तैयारी में है और सेक्टर के 10 जिलों में विजिलेंस विभाग के थाने खोलने की भी तैयारी की जा रही है।
इन जिलों के सभी सेक्टरों में सुविधाएं उपलब्ध होंगी
मौजूदा समय में वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ, कानपुर, झांसी, आगरा, बरेली और मेरठ विजिलेंस सेक्टर के जिले हैं, जहां पर ये सुविधाएं उपलब्ध होगी।
40 हजार से ज्यादा चीनी साइबर अटैक
5 दिन में 40 हजार से अधिक बार हुए साइबर अटैक
अखिलेश जायसवाल
नई दिल्ली। चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन ने अब भारत पर साइबर वार शुरू कर दिया है। साइबर अटैक के जरिए हिंदुस्तान को अपना शिकार बनाना चाहता है। बीते 5 दिनों में चीन की तरफ से भारत के साइबर स्पेस में एक दो नहीं बल्कि 40 हजार से अधिक बार साइबर अटैक हुआ है। ऐसा कर वो खुफिया जानकारी हासिल करना चाहता है। इसकी पुष्टि महाराष्ट्र साइबर विभाग के आईजी यशस्वी यादव ने की है। राज्य पुलिस की साइबर शाखा ‘महाराष्ट्र साइबर’ के अधिकारियों ने बताया कि इंटरनेट का उपयोग करने वाले लोगों को इस तरह के हमले से सतर्क रहना चाहिए और अपने आईटी सिस्टम का साइबर सुरक्षा ऑडिट कराना चाहिए। चीन के हैकरों ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संरचना और बैकिंग सेक्टर पर पिछले पांच दिनों में 40 हजार से अधिक साइबर हमले किए। महाराष्ट्र के साइबर अधिकारियों के मुताबिक इन हैकर्स के पास करीब 20 लाख भारतीय ई-मेल आईडी होने का संदेह है।
इस दौरान भारत के सूचना, बैंकिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में हमले हुए हैं। अभी तब 40 हजार 300 बार चीन साइबर हमले कर चुका है। बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक सामान और गैजेट्स के लिए चीन पर भारत काफी हद तक निर्भर है। ऐसे में चीन के लिए साइबर सेंधमारी मुश्किल नहीं है।
नेपाल के बड़े भूभाग पर चीन का कब्जा
आदेश शर्मा
नई दिल्ली। चीन ने नेपाल के बड़े भूभाग पर लंबे समय से कब्जा जमाया हुआ है। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, नेपाल के पांच जिलों की करीब 74 हेक्टेयर भूमि और गोरखा और दारचूला के एक-एक गांव पर चीन ने अतिक्रमण किया है। इतने समय बाद भी नेपाल सरकार इस विवाद को सुलझा नहीं सकी है। नेपाली मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने नेपाल के दोलखा जिले के उत्तरी क्षेत्र में पांच हेक्टेयर से अधिक, हुम्ला, सिंधुपाल्चोक, संखुवासभा और रसुवाका में 64 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा किया हुआ है। हालांकि, गोरखा और दारचूला के जिन गांवों पर चीन का कब्जा है, वहां की पैमाइश अभी तक नहीं पाई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2005 के बाद से चीन के साथ नेपाल की सीमा वार्ता नहीं हुई है। दोनों देशों के बीच 2012 में सीमा विवाद को लेकर वार्ता होनी थी, लेकिन इसे अचानक स्थगित कर दिया गया।
अधिकारियों की मानें तो दौलत जिले के बिगु गांव पालिका के कुर्ला क्षेत्र में 57 नंबर पिलर को पूर्व निर्धारित स्थान से 1500 मीटर नेपाल की ओर रखे जाने के कारण पांच हेक्टेयर जमीन चीन के पास चली गई। 57 पिलर चीन के पास जाने के बाद दोनों देशों के बीच सीमा विवाद सुलझाने को लेकर चौथे प्रोटोकॉल को लेकर अब तक हस्ताक्षर नहीं हो पाए हैं।
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