बुधवार, 24 जून 2020

रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा तेल का मूल्य

नई दिल्ली। तेल विपणन कंपनियों ने डीजल की कीमत में बुधवार को लगातार 18वें दिन बढ़ोतरी की जबकि 17 दिन बाद पेट्रोल के दाम स्थिर रहे जिससे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डीजल, पेट्रोल से महँगा हो गया है। देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 79.76 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रही जो 28 अक्टूबर 2018 के बाद का उच्चतम स्तर है।


वहीं, डीजल का मूल्य 48 पैसे बढ़कर 79.88 रुपये प्रति लीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया। करीब 12 सप्ताह्र तक तेल विपणन कंपनियों की ओर से पेट्रोल-डीजल की मूल कीमतों में बदलाव नहीं किया गया था जबकि उस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में गिरावट जारी थी। दिल्ली और मुंबई में हालाँकि राज्य सरकारों द्वारा वैट बढ़ाने से दाम बढ़े थे। तेल विपणन कंपनियों ने 07 जून से कीमतों की समीक्षा दुबारा शुरू की। पिछले 17 दिन में दिल्ली में पेट्रोल 8.50 रुपये यानी 11.93 प्रतिशत महँगा हुआ। लगातार 18 दिन में डीजल की कीमत 10.49 रुपये यानी 15.12 प्रतिशत बढ़ाई गई है। कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में भी आज पेट्रोल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ। पेट्रोल की कीमत कोलकाता में 81.45 रुपये, मुंबई में 86.54 रुपये और चेन्नई में 83.04 रुपये प्रति लीटर रही। डीजल कोलकाता में 43 पैसे महँगा होकर 75.06 रुपये, मुंबई में 46 पैसे महँगा होकर 78.22 रुपये और चेन्नई में 39 पैसे की बढ़ोतरी के साथ 77.17 रुपये प्रति लीटर बिका।


बैंक कर्मी से मारपीट वित्त मंत्री सख्त

नई दिल्ली। गुजरात के सूरत में महिला बैंक कर्मी के मारपीट का सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक महिला बैंक कर्मचारी के ऊपर बैंक परिसर में हमला के मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुलिस प्रमुख से त्वरित कार्रवाई करने को कहा। निर्मला सीतारमण ने जिले के कलेक्टर को मामले में तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। महिला पर हाथ उठाने वाला आरोपी सूरत सिटी पुलिस का सिपाही है। जानकारी के अनुसार, यह घटना मंगलवार को हुई। मंगलवार देर रात आरोपी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है। बुधवार को वित्त मंत्री ने बताया कि उन्होंने कर्मचारियों की सुरक्षा और इस मामले में समय पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए पुलिस आयुक्त सहित संबंधित अधिकारियों से बात की है। पुलिस के अनुसार इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है और आगे की जांच चल रही है।


केनरा बैंक (तत्कालीन सिंडिकेट बैंक) में एक महिला बैंक कर्मचारी पर सोमवार शाम गुजरात के सूरत में उसकी सरोली शाखा में हमला किया गया। घटना के बाद, अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने मंगलवार को सीतारमण को एक पत्र लिखा, जिसमें बैंक कर्मचारियों को ऐसी स्थिति से बचाने की अपील की गई। बता दें महिला बैंककर्मी के साथ बैंक परिसर में मारपीट से जुड़ा सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि महिला पर हाथ उठाने वाला आरोपी सूरत सिटी पुलिस का सिपाही है। बुधवार को वित्त मंत्री ने ट्वीट कर बताया कि मेरे कार्यालय ने पुलिस आयुक्त श्री ब्रह्म भट्ट (आईपीएस)से बात की। उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि वह स्वयं बैंक की साखा में जाएंगे और कर्मचारियों को उनकी सुरक्षा का आश्वासन देंगे। साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि आरोपी कांस्टेबल को तत्काल निलंबित कर दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक सूरत के कैनरा बैंक के सरोली ब्रांच में पासबुक प्रिंटिंग को लेकर पुलिसकर्मी का कथित तौर पर महिला बैंककर्मी से विवाद हो गया। इसके बाद पुलिसकर्मी काउंटर का दरवाजा खोलकर अंदर चला गया और महिलाकर्मी को पहले तो थप्पड़ मारा और फिर उसे गिरा दिया। मंगलवार को घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो गया और #ShameSuratPolice ट्रेंड करने लगा।


रिटायर्ड डीएसपी ने कर ली आत्महत्या

पटना। बिहार राज्य के एक रिटायर्ड उप पुलिस अधीक्षक और पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कृष्णा चंद्रा ने पटना स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। 67 वर्षीय कृष्णा चन्द्रा ने मौत से पहले दो पन्नो का सुसाइड नोट भी लिखा है। इसमें उन्होंने लंबे वक्त से जूझ रहे अवसाद और पड़ोसी की हरकतों को बड़ी वजह बताई है। पुलिस ने शव और नोट को कब्जे में ले लिया है।


बता दे कि बिहार पुलिस में पूर्व डीएसपी रहे कृष्णा चंद्रा एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे है। उन्होंने 40 से ज्यादा एनकाउंटर को अंजाम दिया था। वे लंबे समय से डिप्रेशन में थे। इसके अलावा पड़ोसी के साथ उनका विवाद भी चल रहा था। सुसाइड नोट में उन्होंने परिवार को बहुत से अन्य बातें भी कही है जिसका खुलासा पुलिस ने नही किया है।


बीएसएफ के 15 जवान कोरोना संक्रमित

भिलाई/कांकेर। छत्तीसगढ़ के नक्सल मोर्चे में पदस्थ बीएसएफ के 15 जवान कोरोना संक्रमित मिलने से हड़कंप मच गया। सभी जवान कांकेर जिले के अंतागढ़ और बांदे में पदस्थ हैं। मिली जानकारी के अनुसार इन सभी जवानों की रिपोर्ट मंगलवार देर शाम जारी हुई है। जिसके बाद बीएसएफ के भिलाई स्थित फ्रंटीयर ऑफिस में हड़कंप मच गया है। कांकेर के अलावा छुट्टी से लौटे नौ जवान भिलाई में भी कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। जिनका उपचार कोविड अस्पताल में चल रहा है।


कांकेर सीएमएचओ डॉ. उइके ने 15 बीएसएफ जवानों के कोरोना संक्रमित पाए जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि इन सभी जवानों को उपचार के लिए कोविड अस्पताल शिफ्ट किया जा रहा है। संक्रमित जवानों में पांच अंतागढ़ और दस जवान बांदे में पदस्थ हैं। वहीं जवानों के संपर्क में आए अन्य जवानों को भी क्वारंटाइन किया जा रहा है।


सेप्टिक टैंक की सफाई करते 4 की मौत

सैप्टिक टैंक की सफाई करते जहरीली गैस की चपेट में आने से चार की मौत 


बिलासपुर। मुंगेली जिले के ग्राम मर्राकोना में मंगलवार को सैप्टिक टैंक की सफाई के दौरान नगर पालिका के एक सफाई कर्मचारी समेत चार लोगों की जहरीली गैस की चपेट में आने से मौत हो गई। टैंक से सभी का शव निकाल लिया गया है। घटना की सूचना के बाद पुलिस समेत प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया है।


हादसा शाम पांच बजे के करीब हुआ है। ग्राम मर्राकोना निवासी अखिलेश्वर कौशिक पिता लखन कुमार के पुत्र की शादी 29 जून को होनी है। इससे पहले उन्होंने सैप्टिक टैंक की सफाई के लिए नगर पालिका से सफाई कर्मचारी सुभाष डागौर पिता मूलचंद डागौर बुलाया था। शाम को वह टंकी की सफाई के लिए उतरा। काफी देर तक उसके बाहर नहीं निकलने पर मकान मालिक अखिलेश्वर कौशिक टंकी में उतर गए। दोनों का कुछ पता नहीं चलने पर उनकी तलाश करने ग्रामीण गौरीशंकर कौशिक पिता मनसाराम(28 वर्ष) व रामखिलावन कौशिक पिता मनसाराम(45 वर्ष) भी टंकी में उतर गए। सभी के टंकी से बाहर नहीं आने पर हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने टंकी को तोड़वाकर चारों शव को बाहर निकलवाया। सभी शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवा दिया गया है। बताया जा रहा है जहरीली गैस की चपेट में आने से चारों की मौत हुई है। बहरहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


  जून 25, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-317 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार, जूूून 25, 2020
3. शक-1943, अषाढ़, शुक्ल-पक्ष, तिथि- पंचमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:31,सूर्यास्त 07:28।


5. न्‍यूनतम तापमान 26+ डी.सै.,अधिकतम-41+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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मंगलवार, 23 जून 2020

चीन से कम नहीं है भारत की ताकत


 भारत से ताकतवर नहीं है चीनी ड्रैगन, 1962 से 2020 तक पलट गई कहानी


नई दिल्ली। लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प के बाद दोनों देशों में तनाव  चरम पर है। सीमा पर गतिरोध को लेकर जारी सैन्य और कूटनीतिक बैठक का कोई समाधान निकलता दिखाई नहीं दे रहा है।



वहीं, बढ़ते तनाव को देखते हुए दोनों देशों की सेनाओं ने एलएसी के इलाके में अपनी उपस्थिति को और मजबूत कर दिया है। चीन की सरकार समर्थित मीडिया अक्सर भारत को गीदड़ भभकी देती रहती है कि वे सैन्य ताकत के मामले में भारत से श्रेष्ठ हैं, लेकिन वास्तविक कहानी इसके ठीक उलट है।


​1962 से उल्टी है आज की स्थिति

1962 में हिमालयी क्षेत्र में जब धोखे से चीन ने भारत पर आक्रमण कर दिया था तब भारतीय सेना इस ऊंचाई वाले इलाके में युद्ध लड़ने के लिए तैयार नहीं थी। एक महीने तक चले मुकाबले में चीनी सेना ने अक्साई चिन पर कब्जा कर युद्धविराम की घोषणा कर दी थी। चीन ने दावा किया कि इस युद्ध में उसके 700 सैनिक मारे गए, जबकि भारतीय सेना के हजार से ज्यादा सैनिक शहीद हुए।


भारतीय सेना के आगे नहीं टिकेगा चीन

पारंपरिक रूप से माना जाता है कि चीन सैन्य ताकत के मामले में भारत के काफी आगे है। लेकिन, बोस्टन में हार्वर्ड केनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट में बेलफर सेंटर और वाशिंगटन में एक नई अमेरिकी सुरक्षा केंद्र के हालिया अध्ययन में कहा है कि भारतीय सेना उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में लड़ाई के मामले में माहिर है। चीनी सेना इसके आसपास भी नहीं फटकती है।


परमाणु हथियार संपन्न दोनों देश, नो फर्स्ट यूज की पॉलिसी

भारत चीन के बीच युद्ध की संभावनाएं वैसे बहुत कम है, लेकिन चीन की शरारत को देखते हुए इसे पूरी तरह से नकारा भी नहीं जा सकता। विशेषज्ञों ने कहा कि युद्ध की स्थिति में भी दोनों देश अपने परमाणु हथियारों के जखीरे के इस्तेमाल से बचना चाहेंगे। क्योंकि इस मामले में दोनों देश लगभग बराबर की स्थिति में हैं।


दोनों देश आज के समय में जल, थल और नभ से परमाणु हमला करने की ताकत रखते हैं। बता दें कि चीन 1964 में परमाणु शक्ति संपन्न देश बना था, जबकि भारत 1974 में। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के 2020 में जारी रिपोर्ट के अनुसार, चीन के पास लगभग 320 परमाणु बम हैं और भारत के पास 150 से अधिक हैं। दोनों देश दोनों एक “नो फर्स्ट यूज” पॉलिसी की बात करते हैं।


वायु सेना की ताकत में भी भारत मजबूत

बेलफर सेंटर के मार्च में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, भारत के पास लगभग 270 लड़ाकू विमान और 68 ग्राउंड अटैक फाइटर जेट हैं। वहीं, भारत ने पिछले कुछ दशकों में चीन से लगी सीमा पर कई हवाई पट्टियों का निर्माण किया है जहां से ये फाइटर जेट आसानी से उड़ान भर सकते हैं।


वहीं, इस स्टडी के अनुसार, चीन के पास 157 फाइटर जेट्स और एक छोटा ड्रोन का बेड़ा भी है। इस स्टडी में बताया गया है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स भारत से लगी सीमा क्षेत्र में आठ ठिकानों का उपयोग करती है, लेकिन इनमें से अधिकांश नागरिक हवाई क्षेत्र हैं।


भारतीय लड़ाकू विमान चीन के मुकाबले ज्यादा प्रभावी

बेलफर सेंटर की इस स्टडी के अनुसार, भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 और सुखोई एसयू 30 लड़ाकू विमान को चीन के जे-10, जे-11 और एसयू-27 लड़ाकू विमानों पर बढ़त हासिल है। चीन ने भारत से लगी सीमा पर इन्हीं विमानों को तैनात किया है।


भारतीय मिराज 2000 और एसयू -30 जेट्स ऑल-वेदर, मल्टी-रोल विमान हैं जबकि चीन का जे-10 ही ऐसी योग्यता रखता है। बेलफर की स्टडी बताती है कि चीन ने अपने पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों को अमेरिका के कथित खतरे से बचाने के लिए मजबूत किया है। इस कारण पश्चिमी क्षेत्र में उसके चार एयरफील्ड कमजोर हुए हैं।


तिब्बत में चीनी लड़ाकू विमानों को यह घाटा

अध्ययन में दावा किया गया है कि तिब्बत और शिनजियांग में चीनी हवाई ठिकानों की अधिक ऊंचाई, क्षेत्र में आम तौर पर कठिन भौगोलिक और मौसम की स्थिति के कारण चीनी लड़ाकू विमान अपने आधे पेलोड और ईंधन के साथ ही उड़ान भर सकते हैं। जबकि, भारतीय लड़ाकू विमान पूरी क्षमता के साथ हमला कर सकते हैं। चीन के एरियल रिफ्यूलिंग कैपसिटी मतलब हवा में ईंधन भरने की क्षमता भी कम है। उसके पास पर्याप्त संख्या में एरियल टैंकर नहीं हैं।


भारत की सेना चीन से बहुत मजबूत और अनुभवी

सीएनएएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की थल सेना हर परिस्थिति में चीनी सेना से बेहतर और अनुभवी है। भारतीय सेना के पास युद्ध का बड़ा अनुभव है जो विश्व में शायद ही किसी और देश के पास हो।


वर्तमान समय में भी भारतीय सेना कश्मीर में आतंकवाद और पाकिस्तान से लड़ाई लड़ रही है। भारतीय सेना को सीमित और कम तीव्रता वाले संघर्षों में महारत हासिल है, जबकि चीन की पीएलए ने 1979 में वियतनाम के साथ अपने संघर्ष के बाद से युद्ध की क्रूरता का अनुभव नहीं किया है।


वियतनाम से हार चुका है चीन

कंबोडिया में वियतनाम के सैन्य हस्तक्षेप के जवाब में चीन ने 1979 में महीने भर तक युद्ध किया था। माना जाता है कि अपनी हार को नजदीक देख चीनी सेना भाग खड़ी हुई थी।


अमेरिकी सेना से युद्ध लड़ने के कारण अधिक अनुभवी वियतनामी सैनिक चीन पर भारी पड़े और उन्हें जमकर नुकसान पहुंचाया था। चीन के सेना की संख्या भ्रामक भी हो सकती है। चीन अपनी सेना की जो संख्या बताता है उसमें भी बड़ी गड़बड़ी है।


चीन की सेना भी मोर्चे पर कम संख्या में

चीन के पीएलए में शामिल सैन्य इकाइयां शिनजियांग या तिब्बत में विद्रोह को दबाने या रूस के साथ चीन की सीमा पर किसी भी संभावित संघर्ष से निपटने के लिए सौंपी गई हैं। यहां से भारतीय सीमा पर फौज को लेकर जाना चीन के लिए संभव नहीं है क्योंकि भारतीय वायुसेना चीन की रेललाइनों को निशाना बना सकती है। वहीं, भारतीय सेना पहले से ही इन इलाकों में बड़ी संख्या में मौजूद है।



'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात...