बुधवार, 24 जून 2020

बीएसएफ के 15 जवान कोरोना संक्रमित

भिलाई/कांकेर। छत्तीसगढ़ के नक्सल मोर्चे में पदस्थ बीएसएफ के 15 जवान कोरोना संक्रमित मिलने से हड़कंप मच गया। सभी जवान कांकेर जिले के अंतागढ़ और बांदे में पदस्थ हैं। मिली जानकारी के अनुसार इन सभी जवानों की रिपोर्ट मंगलवार देर शाम जारी हुई है। जिसके बाद बीएसएफ के भिलाई स्थित फ्रंटीयर ऑफिस में हड़कंप मच गया है। कांकेर के अलावा छुट्टी से लौटे नौ जवान भिलाई में भी कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। जिनका उपचार कोविड अस्पताल में चल रहा है।


कांकेर सीएमएचओ डॉ. उइके ने 15 बीएसएफ जवानों के कोरोना संक्रमित पाए जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि इन सभी जवानों को उपचार के लिए कोविड अस्पताल शिफ्ट किया जा रहा है। संक्रमित जवानों में पांच अंतागढ़ और दस जवान बांदे में पदस्थ हैं। वहीं जवानों के संपर्क में आए अन्य जवानों को भी क्वारंटाइन किया जा रहा है।


सेप्टिक टैंक की सफाई करते 4 की मौत

सैप्टिक टैंक की सफाई करते जहरीली गैस की चपेट में आने से चार की मौत 


बिलासपुर। मुंगेली जिले के ग्राम मर्राकोना में मंगलवार को सैप्टिक टैंक की सफाई के दौरान नगर पालिका के एक सफाई कर्मचारी समेत चार लोगों की जहरीली गैस की चपेट में आने से मौत हो गई। टैंक से सभी का शव निकाल लिया गया है। घटना की सूचना के बाद पुलिस समेत प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया है।


हादसा शाम पांच बजे के करीब हुआ है। ग्राम मर्राकोना निवासी अखिलेश्वर कौशिक पिता लखन कुमार के पुत्र की शादी 29 जून को होनी है। इससे पहले उन्होंने सैप्टिक टैंक की सफाई के लिए नगर पालिका से सफाई कर्मचारी सुभाष डागौर पिता मूलचंद डागौर बुलाया था। शाम को वह टंकी की सफाई के लिए उतरा। काफी देर तक उसके बाहर नहीं निकलने पर मकान मालिक अखिलेश्वर कौशिक टंकी में उतर गए। दोनों का कुछ पता नहीं चलने पर उनकी तलाश करने ग्रामीण गौरीशंकर कौशिक पिता मनसाराम(28 वर्ष) व रामखिलावन कौशिक पिता मनसाराम(45 वर्ष) भी टंकी में उतर गए। सभी के टंकी से बाहर नहीं आने पर हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने टंकी को तोड़वाकर चारों शव को बाहर निकलवाया। सभी शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवा दिया गया है। बताया जा रहा है जहरीली गैस की चपेट में आने से चारों की मौत हुई है। बहरहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


  जून 25, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-317 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार, जूूून 25, 2020
3. शक-1943, अषाढ़, शुक्ल-पक्ष, तिथि- पंचमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:31,सूर्यास्त 07:28।


5. न्‍यूनतम तापमान 26+ डी.सै.,अधिकतम-41+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


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मंगलवार, 23 जून 2020

चीन से कम नहीं है भारत की ताकत


 भारत से ताकतवर नहीं है चीनी ड्रैगन, 1962 से 2020 तक पलट गई कहानी


नई दिल्ली। लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प के बाद दोनों देशों में तनाव  चरम पर है। सीमा पर गतिरोध को लेकर जारी सैन्य और कूटनीतिक बैठक का कोई समाधान निकलता दिखाई नहीं दे रहा है।



वहीं, बढ़ते तनाव को देखते हुए दोनों देशों की सेनाओं ने एलएसी के इलाके में अपनी उपस्थिति को और मजबूत कर दिया है। चीन की सरकार समर्थित मीडिया अक्सर भारत को गीदड़ भभकी देती रहती है कि वे सैन्य ताकत के मामले में भारत से श्रेष्ठ हैं, लेकिन वास्तविक कहानी इसके ठीक उलट है।


​1962 से उल्टी है आज की स्थिति

1962 में हिमालयी क्षेत्र में जब धोखे से चीन ने भारत पर आक्रमण कर दिया था तब भारतीय सेना इस ऊंचाई वाले इलाके में युद्ध लड़ने के लिए तैयार नहीं थी। एक महीने तक चले मुकाबले में चीनी सेना ने अक्साई चिन पर कब्जा कर युद्धविराम की घोषणा कर दी थी। चीन ने दावा किया कि इस युद्ध में उसके 700 सैनिक मारे गए, जबकि भारतीय सेना के हजार से ज्यादा सैनिक शहीद हुए।


भारतीय सेना के आगे नहीं टिकेगा चीन

पारंपरिक रूप से माना जाता है कि चीन सैन्य ताकत के मामले में भारत के काफी आगे है। लेकिन, बोस्टन में हार्वर्ड केनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट में बेलफर सेंटर और वाशिंगटन में एक नई अमेरिकी सुरक्षा केंद्र के हालिया अध्ययन में कहा है कि भारतीय सेना उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में लड़ाई के मामले में माहिर है। चीनी सेना इसके आसपास भी नहीं फटकती है।


परमाणु हथियार संपन्न दोनों देश, नो फर्स्ट यूज की पॉलिसी

भारत चीन के बीच युद्ध की संभावनाएं वैसे बहुत कम है, लेकिन चीन की शरारत को देखते हुए इसे पूरी तरह से नकारा भी नहीं जा सकता। विशेषज्ञों ने कहा कि युद्ध की स्थिति में भी दोनों देश अपने परमाणु हथियारों के जखीरे के इस्तेमाल से बचना चाहेंगे। क्योंकि इस मामले में दोनों देश लगभग बराबर की स्थिति में हैं।


दोनों देश आज के समय में जल, थल और नभ से परमाणु हमला करने की ताकत रखते हैं। बता दें कि चीन 1964 में परमाणु शक्ति संपन्न देश बना था, जबकि भारत 1974 में। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के 2020 में जारी रिपोर्ट के अनुसार, चीन के पास लगभग 320 परमाणु बम हैं और भारत के पास 150 से अधिक हैं। दोनों देश दोनों एक “नो फर्स्ट यूज” पॉलिसी की बात करते हैं।


वायु सेना की ताकत में भी भारत मजबूत

बेलफर सेंटर के मार्च में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, भारत के पास लगभग 270 लड़ाकू विमान और 68 ग्राउंड अटैक फाइटर जेट हैं। वहीं, भारत ने पिछले कुछ दशकों में चीन से लगी सीमा पर कई हवाई पट्टियों का निर्माण किया है जहां से ये फाइटर जेट आसानी से उड़ान भर सकते हैं।


वहीं, इस स्टडी के अनुसार, चीन के पास 157 फाइटर जेट्स और एक छोटा ड्रोन का बेड़ा भी है। इस स्टडी में बताया गया है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स भारत से लगी सीमा क्षेत्र में आठ ठिकानों का उपयोग करती है, लेकिन इनमें से अधिकांश नागरिक हवाई क्षेत्र हैं।


भारतीय लड़ाकू विमान चीन के मुकाबले ज्यादा प्रभावी

बेलफर सेंटर की इस स्टडी के अनुसार, भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 और सुखोई एसयू 30 लड़ाकू विमान को चीन के जे-10, जे-11 और एसयू-27 लड़ाकू विमानों पर बढ़त हासिल है। चीन ने भारत से लगी सीमा पर इन्हीं विमानों को तैनात किया है।


भारतीय मिराज 2000 और एसयू -30 जेट्स ऑल-वेदर, मल्टी-रोल विमान हैं जबकि चीन का जे-10 ही ऐसी योग्यता रखता है। बेलफर की स्टडी बताती है कि चीन ने अपने पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों को अमेरिका के कथित खतरे से बचाने के लिए मजबूत किया है। इस कारण पश्चिमी क्षेत्र में उसके चार एयरफील्ड कमजोर हुए हैं।


तिब्बत में चीनी लड़ाकू विमानों को यह घाटा

अध्ययन में दावा किया गया है कि तिब्बत और शिनजियांग में चीनी हवाई ठिकानों की अधिक ऊंचाई, क्षेत्र में आम तौर पर कठिन भौगोलिक और मौसम की स्थिति के कारण चीनी लड़ाकू विमान अपने आधे पेलोड और ईंधन के साथ ही उड़ान भर सकते हैं। जबकि, भारतीय लड़ाकू विमान पूरी क्षमता के साथ हमला कर सकते हैं। चीन के एरियल रिफ्यूलिंग कैपसिटी मतलब हवा में ईंधन भरने की क्षमता भी कम है। उसके पास पर्याप्त संख्या में एरियल टैंकर नहीं हैं।


भारत की सेना चीन से बहुत मजबूत और अनुभवी

सीएनएएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की थल सेना हर परिस्थिति में चीनी सेना से बेहतर और अनुभवी है। भारतीय सेना के पास युद्ध का बड़ा अनुभव है जो विश्व में शायद ही किसी और देश के पास हो।


वर्तमान समय में भी भारतीय सेना कश्मीर में आतंकवाद और पाकिस्तान से लड़ाई लड़ रही है। भारतीय सेना को सीमित और कम तीव्रता वाले संघर्षों में महारत हासिल है, जबकि चीन की पीएलए ने 1979 में वियतनाम के साथ अपने संघर्ष के बाद से युद्ध की क्रूरता का अनुभव नहीं किया है।


वियतनाम से हार चुका है चीन

कंबोडिया में वियतनाम के सैन्य हस्तक्षेप के जवाब में चीन ने 1979 में महीने भर तक युद्ध किया था। माना जाता है कि अपनी हार को नजदीक देख चीनी सेना भाग खड़ी हुई थी।


अमेरिकी सेना से युद्ध लड़ने के कारण अधिक अनुभवी वियतनामी सैनिक चीन पर भारी पड़े और उन्हें जमकर नुकसान पहुंचाया था। चीन के सेना की संख्या भ्रामक भी हो सकती है। चीन अपनी सेना की जो संख्या बताता है उसमें भी बड़ी गड़बड़ी है।


चीन की सेना भी मोर्चे पर कम संख्या में

चीन के पीएलए में शामिल सैन्य इकाइयां शिनजियांग या तिब्बत में विद्रोह को दबाने या रूस के साथ चीन की सीमा पर किसी भी संभावित संघर्ष से निपटने के लिए सौंपी गई हैं। यहां से भारतीय सीमा पर फौज को लेकर जाना चीन के लिए संभव नहीं है क्योंकि भारतीय वायुसेना चीन की रेललाइनों को निशाना बना सकती है। वहीं, भारतीय सेना पहले से ही इन इलाकों में बड़ी संख्या में मौजूद है।



अब चीन पर होगी सर्जिकल स्ट्राइक ?


तो अब चीन पर होगी सर्जिकल स्ट्राइक? सेना अलर्ट, मोदी की सभी दलों संग बैठक.. कुछ बड़ी है तैयारी


अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। लद्दाख के गलवान घाटी में सोमवार रात चीन और भारतीय सैनिकों के बीच हुए संघर्ष के बाद भारत पेइचिंग को घेरने के लिए कई मोर्चे पर तैयारी कर रहा है। इस बीच, पीएम नरेंद्र मोदी ने चीन के मुद्दे पर आज एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस वर्चुअल बैठक में पीएम मोदी देश के राजनीतिक दलों के अध्यक्षों से चीन के मसले पर बात करेंगे और उन्हें मौजूदा स्थिति की जानकारी दे सकते हैं। हालांकि पीएम की इस बैठक पर कई तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं। इस बीच, सूत्रों के अनुसार सेना, वायुसेना और नेवी को अलर्ट कर दिया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि पीएम मोदी कुछ बड़ा सोच रहे हैं।



सर्वदलीय बैठक बुलाने का मतलब

माना जा रहा है कि पीएम मोदी इस बैठक में चीन (india and china clash) सीमा पर मौजूदा हालात की जानकारी दे सकते हैं। कई विपक्षी दल केंद्र सरकार से चीन सीमा पर चल रही गतिविधियों की जानकारी मांग रहे थे।


कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प के बारे में जानकारी मांगी थी। इस घटना में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। इस बैठक में पीएम विपक्षी दलों के साथ आगे की रणनीति पर मंथन कर सकते हैं। यह भी हो सकता है कि मोदी कोई बड़ा कदम उठाने वाले हों और इसपर विपक्षी दलों को भरोसे में लेना चाहते हों।


चीनी सीमा पर मोदी की बड़ी योजना?

लद्दाख में पिछले एक महीने से जारी भारत-चीन तनाव अब खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में हो सकता है कि पीएम मोदी चीन सीमा पर कोई बड़ी योजना बना रहे हों। कहा जा रहा है कि भारत चीन की गलवान घाटी में की गई हिमाकत का बदला जरूर लेगा। इसमें चीन के खिलाफ कड़े आर्थिक फैसले से लेकर कूटनीतिक और सैन्य फैसला तक संभव हो सकता है। पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी। माना जा रहा है कि भारत अपने सैनिकों के गंवाने के बाद हर स्तर पर जाने को विचार कर सकता है।


ITBP जवानों की तैनाती बढ़ी

चीन सीमा से लगते लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम तक भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की तैनाती बढ़ा दी गई है। इन इलाकों में ITBP की गश्ती को बढ़ा दिया गया है। सुरक्षाबलों को चीन की किसी भी हिमाकत का भरपूर जवाब देने को कहा गया है।


सेना, वायुसेना और नेवी अलर्ट

उधर, सूत्रों के मुताबिक सेना, वायुसेना और नौसेना को उच्चतम स्तर पर अलर्ट रहने को कहा गया है। सभी सेनाओं को बुरी से बुरी स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है। सेना, वायुसेना और नेवी उच्चतम स्तर के अलर्ट पर हैं और बताया जा रहा है कि हथियारों का मूवमेंट भी शुरू हो चुका है। सूत्रों ने बताया कि लोकल कमांडरों को चीन से निपटने के लिए खुली छूट दे दी गई है। सूत्रों ने यह भी बताया कि ITBP को सेना के नियंत्रण में भी लाया जा सकता है।



दोनों सेनाओं के बीच बातचीत का दौर

नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है। इस बीच दोनों देशों के टाप कमांडर और नेता हालात को सामान्य बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच बातचीत हुई।



एलएसी पर पैदा हुए तनावपूर्ण हालात से भारत के साथ चीन भी चिंतित है। इस तनाव को कम करने के लिए भारत और चीन के बीच बातचीत का दौर चल रहा है। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। इसी कड़ी में सोमवार को भी दोनों देशों के कोर कमांडर की मैराथन बैठक हुई, जो 11 घंटे तक चली। इस बातचीत में भारत अपने सख्त रूख पर कायम रहा। आज भी बातचीत का ये सिलसिला जारी रहेगा।



भारत ने चीनी अधिकारियों से साफ साफ कह दिया है कि वह सीमा पर पांच मई से पहले की स्थिति बहाल करें। इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है। इस बीच सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे आज लेह का दौरा करेंगे। सेना प्रमुख 14वीं कोर के सैन्य अफसरों के साथ हालात का जायजा लेंगे। गौरतलब है कि भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों की ये बैठक गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद बढ़े तनाव को कम करने को लेकर हो रही है।


सेंसेक्स 180 और निफ्टी 67 अंक चढ़ा

शेयर बाजार में तेजी जारी. सेंसेक्स 180 अंक और निफ्टी 67 अंक चढ़ा



मुंबई । वैश्विक स्तर से मिले नकारात्मक संकेतों के बीच घरेलू स्तर पर पावर, धातु और हेल्थकेयर जैसे समूहों में हुयी लिवाली के बल पर शेयर बाजार में आज लागतार तीसरे दिन तेजी बनी रही। इस दौरान बीएसई का सेंसेक्स 180 अंक और निफ्टी 67 अंक चढ़ गया।


बीएसई का सेंसेक्स 179.59 अंक बढ़कर 34911.32अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 66.80 अंक चढ़कर 10311.20 अंक पर रहा। बीएसई में दिग्गज कंपनियों की तुलना में छोटी और मझौली कंपनियों में अधिक लिवाली देखी गयी जिससे बीएसई का मिडकैप 2.02 प्रतिशत बढ़कर 13062.67 अंक पर और स्मॉलकैप 1.36 प्रतिशत उठकर 12443.95 अंक पर रहा। बीएसई में आईटी 0.35 प्रतिशत की गिरावट को छोड़कर शेष सभी समूह बढ़त में रहे जिसमें पावर 2.77 प्रतिशत, धातु 2.69 प्रतिशत और हेल्थकेयर 2.26 प्रतिशत शामिल है। बीएसई में कुल 2917 कंपनियों में कारोबार हुअा जिसमें से 1871 बढ़त में और 875 गिरावट में रहे जबकि 171 में कोई बदलाव नहीं हुआ।


वैश्विक स्तर पर अधिकांश प्रमुख सूचकांक गिरावट में रहे जिसमें ब्रिटेन का एफटीएसई 0.02 प्रतिशत, जर्मनी का डैक्स 0.13 प्रतिशत, जापान का निक्केई 0.18 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 0.54 प्रतिशत और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.08 प्रतिशत शामिल है।



यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...