नई दिल्ली। आयुष मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा कोरोना वायरस के उपचार के लिए विकसित आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लिया है। कंपनी को इस मामले की विधिवत जांच होने तक इस तरह के दावों व विज्ञापन के जरिए प्रचार-प्रसार को रोकने के लिए कहा गया है।
कोरोना के इलाज के लिए पतंजलि की दवा को लेकर आयुष मंत्रालय का कहना है कि उसे इस बात की जानकारी नहीं है कि किस तरह के वैज्ञानिक अध्ययन के बाद दवा बनाने का दावा किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि इससे जुड़ी पूरी जानकारी मांगी गई है। आयुष मंत्रालय ने रामदेव की कंपनी को कोरोना का इलाज करने के लिए बनी दवा के विज्ञापन करने से मना किया है। कहा गया बिना मानक की जांच कराए हर तरह के विज्ञापन पर अगले आदेश तक रोक रहेगी। आपको बता दें कि योग गुरु स्वामी रामदेव ने कोरोनावायरस की दवा कोरोनिल को मंगलवार को बाजार में उतार और दावा किया कि आयुर्वेद पद्धति से जड़ी बूटियों के गहन अध्ययन और शोध के बाद बनी यह दवा शत प्रतिशत मरीजों को फायदा पहुंचा रही है। यहां पतंजलि योगपीठ में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि पूरे विश्व में पहला ऐसा आयुर्वेदिक संस्थान है जिसने जड़ी बूटियों के गहन अध्ययन और शोध के बाद कोरोना महामारी की दवाई प्रमाणिकता के साथ बाजार में उतारी है।