सोमवार, 22 जून 2020

योग बनेगा पाठ्यक्रम का हिस्साः निशंक

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने योग को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्‍सा बनाने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए आनलाइन योग क्विज प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। इसका आयोजन राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद-एनसीईआरटी द्वारा किया जा रहा है और यह देशभर के छठी से 12वीं तक की कक्षाओं के सभी विद्यार्थियों के लिए खुली है।


इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक ने कहा कि प्रतियोगिता का उद्देश्य बच्चों में योग के बारे में जागरूकता पैदा करना और उन्‍हें योगाभ्यास के बारे में प्रामाणिक स्रोतों से विस्तृत जानकारी हासिल करने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता से बच्चों में अच्छी आदतों और स्वस्थ जीवनशैली के विकास में मदद मिलेगी। मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि प्रतियोगिता में दिव्यांग विद्यार्थियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए उनकी विशेष आवश्यकताओं का ध्यान रखा गया है। प्रतियोगिता में प्रश्न बहु-विकल्प वाले प्रश्‍न पूछे जाएंगे जो हिंदी तथा अंग्रेजी में होंगे। प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त करने वाले एक सौ बच्चों को प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। आनलाइन प्रतियोगिता आज से एक महीने के लिए खुली रहेगी और बीस जुलाई को सम्पन्न होगी।


चीन के खिलाफ राष्ट्र हो एकजुटः सिंह

नई दिल्‍ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार से चीन को जवाब देने की अपील की है। लद्दाख सीमा विवाद में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होना है और संगठित होकर इस दुस्साहस का जवाब देना चाहिए।


पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा, ’15-16 जून को गलवान वैली में भारत के 20 साहसी जवानों ने सर्वोच्च कुर्बानी दी। देश के इन सपूतों ने अंतिम सांस तक देश की रक्षा की। इस सर्वोच्च त्याग के लिए हम इन साहसी सैनिकों व उनके परिवारों के कृतज्ञ हैं, लेकिन उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।’


सेना को छूट-इमरजेंसी फंड और सख्त विदेश नीति, गलवान के बाद भारत ने उठाए ये कदम


पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि आज हम इतिहास के नाजुक मोड़ पर खड़े हैं। हमारी सरकार के निर्णय और सरकार के कदम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आकलन कैसे करें। जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दातित्व है। हमारे प्रजातंत्र में यह दायित्व प्रधानमंत्री का है।’ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि, ‘प्रधानमंत्री को अपने शब्दों और ऐलानों द्वारा देश की सुरक्षा एवं समारिक व भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए। चीन ने अप्रैल से लेकर आजतक गलवान घाटी और पैंगॉन्ग त्सो लेक में अनेकों बार जबरन घुसपैठ की है।’


गलवान विवाद: चीन से निपटने को सेना को खुली छूट, लेकिन शांति के लिए जारी रहेगी बातचीत


घुसपैठ पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि हम न तो उनकी धमकियों व दबाव के सामने झुकेंगे और न ही अपनी भूभागीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार करेंगे। प्रधानमंत्री को अपने बयान से उनके षड्यंत्रकारी रूख को बल नहीं देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार के सभी अंग इस खतरे का सामना करने व स्थित को और ज्यादा गंभीर होने से रोकने के लिए परस्पर सहमति से काम करें। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होना है और संगठित होकर इस दुस्साहस का जवाब देना है। हम सरकार को आगाह करेंगे कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति और मजबूत नेतृ्त्व का विकल्प नहीं हो सकता। पिछलग्गू सहयोगियों द्वारा प्रचारित झूठ के आडंबर से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता।


सीमा पर नेपाली सैनिक तैनात, लगाए कैंप


भारत से सटी सीमा पर नेपाल ने तैनात की सेना, चीनी टेंटों की मदद से बनाए होल्डिंग कैंप


नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के बीच नेपाल ने भारत से सटी सीमा पर सेना तैनात करते हुए होल्डिंग कैंप बना दिए हैं। हालांकि नेपाल का कहना है कि यह होल्डिंग कैंप नेपालियों की स्वास्थ्य जांच के लिए बनाए गए हैं। इन कैंपों में प्रवासी मजदूरों को रखा जाएगा। नेपाली ने कपिलवस्तु जिले के कृष्णानगर (बढ़नी) व मर्यादपुर (खुनुवा) सीमा पर प्रवासी मजदूरों के लिए होल्डिंग कैंप बनाए है। यह कैंप कृष्णानगर नगर पालिका के सेमरा स्थित उद्योग वाणिज्य संघ, यशोधरा गांव पालिका, मर्यादपुर (खुनुवा) के सुठौली स्थित पशुपति शिक्षा मन्दिर में बनाया गया है।



कैंपों में सैनिक तैनात


कृष्णानगर (बढ़नी) सीमा पर नेपाली सेना के मेजर के नेतृत्व में 50 तथा मर्यादपुर (खुनुवा) सीमा पर 20 सैनिकों की तैनाती की गई है। नो मेंस लैंड व नेपाल प्रवेश के मुख्य गेट पर सेना हेल्थ डेस्क बनाकर भारत से नेपाल जाने वाले नेपालियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर होल्डिंग कैंप में ठहरा रही है। इसके साथ ही भारत से जाने वाले लोगों का यात्रा विवरण सहित उनका नाम-पता लिखवाया जाएगा।


चीनी टेंट से बनाया होल्डिंग कैंप


नेपाली सेना ने कृष्णानगर व मर्यादपुर सीमा पर प्रवासी मजदूरों को रोकने के नाम पर जो होल्डिंग कैम्प बनाया है, वह चीनी टेंट से बना है। उस पर चीनी भाषा लिखी हुई है। इसे लेकर सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों में संशय का माहौल बना हुआ है। सीमा पर सेना परिचालन व होल्डिंग कैम्प बनाने की पहल को लोग भारत-नेपाल के बीच उठे सीमा विवाद के रूप में देख रहे हैं। कृष्णानगर नगरपालिका के मेयर रजत प्रताप शाह कहते हैं कि सरकार ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए यह निर्णय देर में लिया है। एक माह से रोजाना हजारों की संख्या में नेपाली वापस आ रहे थे। इसकी जरूरत तब थी। फिलहाल दर्जनों नेपालियों को होल्डिंग कैंप में रखा गया है। इनके खाने-पीने की व्यवस्था नगरपालिका की ओर से की जा रही हैं। दीर्घ नारायण पौडेल, सीडीओ, कपिलवस्तु का कहना है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बॉर्डर पर आर्मी परिचालित की गई है, जो स्थिति को संभालने, कम्युनिटी संक्रमण से बचने, होल्डिंग सेंटर में कार्य करेगी।



राजकीय संरक्षण गृह में 7 बालिका गर्भवती

कानपुर। उत्तरप्रदेश में कानपुर जिले के स्वरूप नगर क्षेत्र में स्थित राजकीय बाल संरक्षण गृह (बालिका) की 56 संवासिनी और एक सुरक्षाकर्मी में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। यहां मिली संवासिनियों में 7 गर्भवती हैं जिनमें 5 कोरोना पॉजिटिव हैं।


 इस घटना को लेकर देर रात बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में मंडलायुक्त डॉ. सुधीर एम. बोबड़े की मौजूदगी में जिलाधिकारी ब्रह्मदेवराम तिवारी ने बताया कि राजकीय बाल संरक्षण गृह (बालिका) में कुल 57 कोविड संक्रमित पाए गए। इनमें गर्भवती 7 संवासिनियों में 2 की रिपोर्ट निगेटिव आई है जबकि 5 कोरोना से ग्रसित हैं। पांचों संक्रमित आगरा, एटा, कन्नौज फिरोजाबाद एवं कानपुर के बाल कल्याण समिति से संदर्भित करने के पश्चात यहां रह रही थीं। ये पांचों प्रवेश के समय से ही गर्भवती थीं।


नाबालिग बेटी से दुष्कर्म, आरोपी अरेस्ट

नाबालिग बेटी से दुष्कर्म की खबर से सदमे में गई पिता की जान, आरोपी गिरफ्तार

 

कोरबा। कटघोरा पुलिस ने नाबालिग के साथ सिलसिलेवार तरीके से दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने के आरोप में एक विवाहित युवक को गिरफ्तार किया है। पीड़ित नाबालिग के मुताबिक आरोपी उसे बहला फुसलाकर अक्सर सुनसान खेतों की ओर ले जाया करता था और उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देता था। आरोपी ने कई बार घर पर भी सूनेपन का फायदा उठाकर उसे अपनी हवस का शिकार बनाया था. नाबालिग के साथ हुए इस अनाचार का खुलासा उस समय हुआ जब वह गर्भवती हो गई। फिलहाल पीड़िता कोरबा के बाल कल्याण समिति की अभिरक्षा में है। चिकित्सकों की देखरेख में उसका इलाज जारी है। बयान व शिनाख्त के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

सदमे में पिता की भी मौतपीड़िता एक मजदूर परिवार से है।तीन भाई बहन व अपने पिता के साथ वह कटघोरा थाना क्षेत्र में निवास करती है। दो साल पहले उसकी मां का निधन हो चुका है। पिता व भाई रोजी मजदूरी करते है जबकि नाबालिग खुद घरों में झाड़ू-पोछा कर जीवन यापन कर रही थी. इस पूरे मामले का खुलासा करीब एक माह पहले उस समय हुआ, जब उसकी तबियत एकाएक बिगड़ने लगी. उसके पिता ने जब बेटी से कड़ाई से पूछताछ की तब मालूम हुआ कि वह पांच माह की गर्भवती है। महज 16 वर्षीय बेटी के गर्भवती होने की बात सुनकर पिता सदमें में आ गए और उनकी मौत हो गई।

बाल कल्याण समिति ने दिखाई  गंभीरता

इस पूरे मामले में कोरबा बाल कल्याण समिति की प्रमुख मधु पांडेय ने संवेदनशीलता दिखाते हुए थाना प्रभारी से चर्चा की और पीड़ित नाबालिग की तुरंत काउंसलिंग कराई गई. जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ और आरोपी का नाम भी उजागर हुआ। जिसके बाद आरोपी को उसके घर से दबोच लिया गया. कड़ाई से हुई पूछताछ के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया गया।

डॉक्टर्स की सलाह पर बच्ची पर फैसला

बाल कल्याण समिति की प्रमुख मधु पांडेय ने बताया है कि बच्ची का इलाज जारी है। चिकित्सकों की सलाह के बाद आगे फैसला लिया जाएगा। उनका मानना है कि उनकी पहली प्राथमिकता बच्ची को सुरक्षित रखना ही है। इसके लिए वह डॉक्टर्स से सतत सम्पर्क में है। चूंकि बच्ची के पेरेंट्स का निधन हो चुका है, लिहाजा वह आगे उनके देखरेख की समुचित व्यवस्था करेंगी।

सीबीएसई कर रहा भारी दबाव का सामाना

नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई मौजूदा समय में दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं रद्द करने को लेकर भारी दबाव का सामना कर रहा है। दरअसल, कुछ पेरेंट्स ने कोरोना वायरस के बढ़ते मालों को देखते हुए परीक्षाएं रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। जिसके बाद कोर्ट ने भी सीबीएसई से इस बारे में जवाब मांगा है। माना जा रहा है कि बोर्ड इन परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला ले सकता है।लेकिन बात सिर्फ इतनी ही नहीं है, बल्कि परीक्षाएं रद्द करने का असर इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षाओं पर भी पड़ना तय है।


सीबीएसई बोर्ड एग्जाम रद्द हुए तो प्रवेश परीक्षाओं का टलना भी तय


दरअसल, सीबीएसई (CBSE) और आईसीएसई बोर्ड (ICSE Board) की स्थगित परीक्षाओं को लेकर बनी असमंजस की स्थिति के बाद अब केंद्रीय शिक्षक पात्रता यानी सीटीईटी एग्जाम (CTET Exam), जेईई मेंस (JEE Mains) और नीट (NEET) पर भी गतिरोध बनता नजर आ रहा है। ये सभी परीक्षाएं जुलाई में ही कराई जानी है। ऐसे में अगर 1 से 15 जुलाई तक प्रस्तावित सीबीएसई बोर्ड की दसवीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द की जाती हैं तो इन प्रवेश परीक्षाओं का टलना भी लगभग तय हो जाएगा।


कोरोना वायरस का संक्रमण रोकना आसान नहीं होगाः देश के लाखों स्टूडेंट्स सीटीईटी, जेईई मेंस और नीट जैसी प्रवेश परीक्षाओं में हिस्सा लेते हैं.।देश के अलग-अलग हिस्सों में इन परीक्षाओं के केंद्र बनाए जाते हैं। ऐसे में परीक्षार्थियों को कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आने से रोकना कम बड़ी चुनौती नहीं है।ऐसे में जबकि जुलाई में जेईई मेंस के बाद 23 अगस्त को जेईई एडवांस एग्जाम भी प्रस्तावित हैं तो इसके आयोजन को लेकर भी संकट के बादल मंडराते दिख रहे हैं।


पेट्रोल-डीजल के मूल्य में 16वीं वृद्धि

ई दिल्ली।  पेट्रोल  और डीजल की कीमतों में सोमवार को एक बार बढ़ोतरी की गई है। ईंधन के दाम में यह लगातार 16वीं वृद्धि है। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में आज 33 पैसे और डीजल के भाव में 58 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। जिसके बाद एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 79.56 रुपये और डीज़ल के लिए 78.85 रुपये चुकाने होंगे।


दिल्ली में पेट्रोल की कीमत रविवार को 79.23 रुपये प्रति लीटर थी। 33 पैसे की बढ़ोतरी के बाद आज की कीमत 79.56 रुपये प्रति लीटर हो गई है। वहीं, डीजल की कीमत रविवार को 78.27 रुपये थी। 58 पैसे की बढ़ोतरी के बाद आज की कीमत 78.85 रुपये प्रति लीटर हो गई है।


तेल की बढ़ती कीमतों पर विरोध जताते हुए कुछ दिनों पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को चिट्ठी लिखी थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने तेल की बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेने की मांग की थी। उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि कोरोनावायरस (Coronavirus) संकट से जूझ रहे देश के लिए यह फैसला असंवेदनशील है। सोनिया गांधी ने लिखा कि सरकार लोगों को फायदा पहुंचाने का कोई काम नहीं कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा, ‘मैं मार्च से शुरू हुए इस कठिन के समय के बीच सरकार ने पूरी तरह से एक असंवेदनशील निर्णय लेते हुए पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार को 2.6 लाख करोड़ रुपये कमाने के लिए पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने की किसी ने गलत सलाह दी है।’


सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...