सोमवार, 22 जून 2020

रक्षा मंत्री रूस के लिए रवाना हुए


  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिन के दौरे पर रूस गए, वे मॉस्को में 75वें विक्ट्री परेड डे में शामिल होंगे

  • रक्षा मंत्री की यह यात्रा भारत-चीन के बीच हुई हिंसा के 6 दिन बाद शुरू हो रही है


नई दिल्ली। भारत-चीन तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को तीन दिन के दौरे पर रूस रवाना हुए। इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा को लेकर और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा होने की उम्मीद है। साथ ही भारत एस-400 ट्रायम्फ एंटी मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी में तेजी लाने के लिए रूस पर दबाव डाल सकता है। राजनाथ का यह दौरा चीन और भारत के बीच हुई हिंसक झड़प के 6 दिन बाद हो रहा है। 15 जून को हुई झड़प में गलवान घाटी में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। रवाना होने से पहले रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया- रूस की यात्रा के दौरान भारत-रूस के बीच रक्षा और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने को लेकर बातचीत होगी। मैं मॉस्को में 75वें विक्ट्री परेड डे में भी शामिल होऊंगा। राजनाथ सिंह के साथ रक्षा सचिव अजय कुमार भी गए हैं।


भारत-चीन सीमा पर तनाव, हिंसक-झड़प

लद्दाख। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद से तनाव बना हुआ है। भारत-चीन सीमा पर तनाव और हिंसक झड़प को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि न वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है।


पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार सवाल उठा रहे हैं। रविवार को राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रधानमंत्री ने कहा- ना कोई देश में घुसा, ना ही हमारी जमीन पर किसी ने कब्जा किया।लेकिन सैटेलाइट फोटो साफ दिखाती हैं कि चीन ने पैंगोंग झील के पास भारत माता की पावन धरती पर कब्जा कर लिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने इस ट्वीट के साथ आजतक का वीडियो भी शेयर किया है।


भारत का 1962 से ज्यादा बुरा हाल होगा

लद्दाख। गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद भारत ने एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल (LAC) पर सख्ती बढ़ा दी, जिसके बाद चीन गीदड़भभकी पर उतर आया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने धमकी भरे लहजे में लिखा है कि भारत जानता है कि चीन के साथ जंग नहीं की जा सकती है, क्योंकि नई दिल्ली को पता है कि अब अगर युद्ध हुआ तो उसका हाल 1962 की लड़ाई से भी बुरा हाल होगा।


ग्लोबल टाइम्स ने एक चीनी विश्लेषक के हवाले से लिखा कि गलवान घाटी में सीमा संघर्ष के बाद भारत के भीतर चीन के खिलाफ राष्ट्रवाद और शत्रुता तेजी से बढ़ रही है। जबकि चीनी विश्लेषकों और भारत के अंदर भी कुछ लोगों ने चेतावनी दी थी कि नई दिल्ली को घर में राष्ट्रवाद को शांत करना चाहिए।


ग्लोबल टाइम्स में रविवार को प्रकाशित रिपोर्ट में एक चीनी विश्लेषक ने कहा कि अगर नए सिरे से फिर युद्ध होता है तो चीन के साथ 1962 के सीमा विवाद के बाद भारत और अधिक अपमानित होगा, यदि वह घर में चीन विरोधी भावना को नियंत्रित नहीं कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि उनकी सरकार ने सशस्त्र बलों को कोई भी आवश्यक एक्शन लेने की पूरी आज़ादी दी है। हालांकि पीएम मोदी तनाव को कम करने की कोशिश करते हुए भी दिखाई दिए। बता दें कि एक हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जबकि गलवान घाटी में वास्तविक सीमा रेखा पर चीनी पक्ष के 70 से अधिक सैनिक घायल हो गए थे। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि लद्दाख में गलवान घाटी में झड़प पर पीएम मोदी ने कहा है, “किसी ने भी हमारी सीमा में घुसपैठ नहीं की है, न ही अब वहां कोई है, और न ही हमारे पोस्ट पर कब्जा किया गया है।”


चीनी पर्यवेक्षकों ने कहा कि मोदी राष्ट्रवादियों और कट्टरपंथियों से बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह समझते हैं कि उनका देश चीन के साथ और संघर्ष नहीं कर सकता है। इसलिए वह तनाव को शांत करने का प्रयास कर रहे हैं। शंघाई स्थित फुडन विश्वविद्यालय के दक्षिण एशियाई अध्ययन केंद्र के प्रोफेसर लिन मिनवांग ने रविवार को ग्लोबल टाइम्स से कहा कि पीएम मोदी के बयान से सीमा पर तनाव को कम करने में बड़ी मदद मिलेगी। क्योंकि पीएम के तौर पर उन्होंने चीन पर निशाना साधने वाले कट्टरपंथियों को दरकिनार कर दिया है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जून 23, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-315 (साल-01)
2. मंगलवार, जूूून 23, 2020
3. शक-1943, अषाढ़, शुक्ल-पक्ष, तिथि- तीज, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:31,सूर्यास्त 07:28।


5. न्‍यूनतम तापमान 29+ डी.सै.,अधिकतम-41+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


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(सर्वाधिकार सुरक्षित)


रविवार, 21 जून 2020

अभियानः 150 दिन, 102 आतंकी मारेंं


घाटी में सुरक्षाबलों का ‘स्वच्छता अभियान’, इस साल के 150 दिनों में मारे 102 आतंकी


नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की हर साजिश को नेस्तनाबूद करने की कोशिश में सेना (Indian Army) ने इस साल ऐंटी टे’रर ऑपरेशंस को अंजाम देते हुए 100 से अधिक आतंकियों को ढेर किया है।



बीते कई दिनों से कश्मीर घाटी में आतंकियों के खिलाफ पुलिस के साथ जॉइंट ऑपरेशंस में जुटी सेना (Indian Army) ने इस साल के पहले 150 दिनों में कुल 102 आतं’कियों को मा’र गिराया है। अकेले इस महीने सेना ने 20 से अधिक आतं’कियों को अलग-अलग मुठभे’ड़ों में ढेर किया है। जम्मू-कश्मीर के शोपियां और पुलवामा जिलों में शुक्रवार को दो बड़े आ’तंक विरोधी ऑपरेशंस के खत्म होने के बाद अपनी मीडिया ब्रीफिंग में भारतीय सेना की 15 कोर को जीओसी बीएस राजू और जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इन अभियानों की जानकारी दी है। कोर कमांडर बीएस राजू ने बताया कि इस साल सेना ने 150 दिनों में कुल 102 आतं’कियों का अंत किया है। इसके अलावा इस साल आतं’क का रास्ता चुनने वाले कुल 49 युवाओं में से 28 को मा’र गिराया गया है।


युवाओं को मुख्यधारा में लाने पर खास ध्यान

सेना ने कहा कि हम युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर उन्हें जरूरी मदद भी दी जाती है। लेकिन अगर कोई युवा आतं’क का रास्ता चुनकर बंदूक उठाता है और शांति व्यवस्था को भंग करने का प्रयास करता है तो हमें उसे उसी तरीके से जवाब देना चाहिए, जैसे कि हम काम करते हैं। सेना ने कहा कि हम लोगों से अपील करते हैं कि वो युवाओं को आतं’क की धारा में जाने से रोकें और हम इसमें आवाम के साथ हैं।


कश्मीर में हालात सामान्य करने पर जोर

जीओसी ने कहा कि घाटी में आतं’कियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशंस के क्रम में तमाम आतं’कियों का अंत किया गया है। बीते कुछ महीनों में घाटी में शांति बहाली हुई है और हमारा प्रयास है कि आने वाले वक्त में हालात और सामान्य हो सकें।


दो ऑपरेशंस में 8 आतंकी ढेर

वहीं शुक्रवार को हुए ऑपरेशंस की जानकारी देते हुए सैन्य अधिकारी ने कहा कि पंपोर के जिस इलाके में आतं’कियों ने मस्जिद में शरण ली थी, वहां सेना ने बड़े प्रोफेशनल तरीके से ऑपरेशन को अंजाम दिया। आ’तंक विरोधी कार्रवाई में इस बात का भी ध्यान रखा गया कि किसी भी तरह मस्जिद को कोई नुकसान ना पहुंचने दिया जाए। जीओसी ने कहा कि दो अलग-अलग ऑपरेशंस में सेना ने कुल 8 आतं’कियों को मा’र गिराया है और सभी के पास से हथि’यार और अन्य सामान बरामद किए हैं।



वायरस के चलते कावड़ यात्रा स्थगित की

हरिओम उपाध्याय


लखनऊ/नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के खतरे को देखते हुए इस साल कांवड़ यात्रा का आयोजन नहीं होगा। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को इस बारे में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से चर्चा की। वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिये हुई इस चर्चा में तीनों मुख्यमंत्री व्यापक जनहित को देखते हुए इस वर्ष कांवड़ यात्रा स्थगित रखने पर सहमत हुए हैं। तीनों प्रदेशों के धर्मगुरुओं और कांवड़ संघों ने भी अपनी सरकारों को यात्रा स्थगित करने का प्रस्ताव दिया था दरअसल, हर साल श्रावण में होने वाली कांवड़ यात्रा में लाखों शिवभक्त शामिल होते हैं। सभी हरिद्वार से जल लेकर पैदल यात्रा करते हुए अपने यहां शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। यात्रा के दौरान बड़े पैमाने पर सरकारी अमले को कानून-व्यवस्था, यातायात व अन्य इंतजामों में लगाना पड़ता है। कांवड़ियों की सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आती है। इसके चलते तीनों राज्यों ने इस बारे में चर्चा करने का फैसला किया था। बैठक के दौरान तीनों राज्यों के अधिकारियों ने कांवड़ियों की भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग को असंभव बताते हुए संक्रमण फैलने की आशंका जताई थी।


तीन और राज्यों से भी होगी वार्ता
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यात्रा में पंजाब, राजस्थान और दिल्ली आने वाले श्रद्धालुओं के चलते वहां के मुख्यमंत्रियों से भी जल्द ही वार्ता करने का निर्णय लिया है। इन राज्यों को भी कोविड-19 के चलते यात्रा संचालन में आने वाली दिक्कतें बताई जाएंगी। साथ ही इस बार यात्रा संचालित नहीं करने की स्थितियों की जानकारी भी दी जाएगी।


धर्मगुरुओं, कांवड़ संघों, शांति समितियों से संवाद करेेंगे अधिकारी


मुख्यमंत्रियों से वार्ता के बाद सीएम योगी ने अपर पुलिस महानिदेशक जोन और मंडलायुक्तों से संवाद किया। उन्होंनें अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में धर्मगुरुओं, कांवड़ संघों और शांति समितियों से संवाद करने का निर्देश दिया। उनसे वार्ता के बाद उनकी अपील जनता तक पहुंचाया जाए और प्रचारित-प्रसारित कराया जाए। उन्होंने कहा, स्थानीय शिवालयों में जलाभिषेक के लिए पांच या उससे कम संख्या में जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सावधानी के लिए व्यवस्था हो। कहीं भी पांच से अधिक लोग एकत्रित न होने पाएं। ‘2 गज की दूरी, मास्क जरूरी’ का पालन हर हो।


बकरीद पर पांच से अधिक लोग न हों जमा : योगी


सीएम योगी ने निर्देश दिया कि एक अगस्त को मनाए जाने वाले ईद-उल-अजहा (बकरीद) के दौरान भी भीड़भाड़ न हो। सभी जिलों में धर्मगुरुओं से संवाद कर यह सुनिश्चित किया जाए कि बकरीद पर्व पर किसी भी धार्मिक स्थल पर पांच से अधिक लोग एकत्र न हों। संक्रमण को देखते हुए समस्त पर्वों के दौरान सभी समुदायों के लोगों को जागरूक किया जाए। इस अवसर पर मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी उपस्थित थे।


सभी तनावो से मुक्ति दिलाता है योग


डिप्रेशन से मुक्ति दिलाता है योग




बृज बिहारी दुबे


समस्त सृष्टि और संस्कार में योग समाहित है। योग विकारों से मुक्ति का मार्ग है। योग हमारा आध्यात्मिक और वैज्ञानिक ज्ञान है। योग की सार्थकता को दुनिया के कई धर्मों ने स्वीकार किया है। योग सिर्फ व्यायाम का नाम नहीं है बल्कि मन, मस्तिष्क, शारीरिक और विकारों को नियंत्रित करने का माध्यम भी है। जब समाज अच्छा होगा तो देश की प्रगति में हमारा अहम योगदान होगा। 21 जून यानी की आज विश्व योग दिवस है। पहली बार यह 2015 को मनाया गया। यह भारत के प्रयास से ही सफल हो सका है। पूरी दुनिया आज योग और प्राणायाम की तरफ बढ़ रही है। योग भारत के लिए आने वाले दिनों में बड़ा बाजार साबित हो सकता है। विश्व के लगभग 200 से अधिक देश भारत की इस गौरवशाली वैदिक परंपरा का अनुसरण कर रहे हैं। योग को अब वैश्विक मान्यता मिल गई है। कोरोना संक्रमण काल में भी योग हमारे लिए संजीवनी साबित हो रहा है। हम योग को अपना कर इस महामारी में भी अपने स्वस्थ रख सकते हैं।
भगवान कृष्ण ने गीता में स्वयं कहा है कि ‘योगः कर्मसु कौशलम‘ यानी हमारे कर्मों में सर्वश्रेष्ठ योग है। योग यज्ञ है और यज्ञ कर्म है। योग जीवात्मा और परमेश्वर के मिलन का साधन मात्र ही नहीं बल्कि ईश साधना का भी साध्य भी है। योगेश्वर भगवान कृष्ण ने योग को सर्वोपरि बताया है। उन्होंने कहा है कि ‘योगस्थः कुरु कर्माणि‘ इसका तात्पर्य है कि योग में स्थिर होकर ही सद्चित कर्म संभव है। गीता का छठवां अध्याय योग को समर्पित है।
भारत में योग की परंपरा 5000 हजार साल पुरानी है। 11 दिसम्बर 2014 को इसका प्रस्ताव दिया था। अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के 177 देशों ने भारत के पक्ष में वोट किया था, जिसके बाद भारत दुनिया का विश्वगुरु बन गया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 90 दिनों के भीतर पीएम मोदी के प्रस्ताव को मंजूर किया। हम योग के 21 आसनों को अपनाकर अपनी जिंदगी को सुखी, शांत और निरोगी बनाकर खुशहाल जीवन जी सकते हैं। जब हम तन और मन से स्वस्थ रहेंगे तो राष्ट्र निर्माण और उसके विकास में अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं।
योगगुरु बाबा रामदेव योग को वैश्विक मान्यता मिलने पर इसे भारत की जीत बताया था। दुनिया योग को अपने जीवन की दिनचर्या बना लिया है। योग संपूर्ण जीवन और चिकित्सा पद्धिति बन गया है। दुनिया में शांति युद्ध से नहीं योग से आएगी। भारत के साथ दुनिया में 20 करोड़ से अधिक लोग योग साधना का लाभ उठा रहे हैं। आधुनिक युग की व्यस्त दिनचर्या में योग हमारे लिए अमृत है। अपनी जिंदगी को खुशहाल और डिप्रेशन मुक्त बनाने के लिए योग हमें खुला आकाश देता है। हम धर्म, जाति, भाषा, संप्रदाय के साथ बंधकर स्वयं के साथ देश का अहित करेंगे।
योगशास्त्र का इतिहास गौरवशाली उपलब्धि से अटा पड़ा है। हमारे यहां लययोग, राजयोग का भी वर्णन है। योगशास्त्र का इतिहास गौरवशाली उपलब्धि से अटा पड़ा है। हमारे यहां लययोग, राजयोग का भी वर्णन है। चित्त की निरुद्ध अवस्था लययोग में आती है। राजयोग सभी योगों से श्रेष्ठ बताया गया है। महर्षि पतंजलि की योग परंपरा भारत में अधिक संमृद्धशाली है। योगगुरु बाबा रामदेव आज पतंजलि योग व्यवस्था के संवाहक बने है। दुनिया भर में योग की महत्व स्थापित करने में पतंजलि योग संस्थान ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
योग और आयुर्वेद को उन्होंने वैश्विक स्वीकारोक्ति बना दिया है। पतंजलि योग साधना के आठ आयाम हैं। जिसमें यम, नियम, आसन, प्रणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि है। योग का संबंध सिंधु घाटी सभ्यता से भी है। प्राचीन काल की कई मूर्तियां योग मुद्रा में स्थापित हैं।
भगवान शिव को योग मुद्रा में देखा जा सकता है। बुद्ध की मूर्तियां भी योग साधना में स्थापित हैं। बौद्ध और जैनधर्म में भी योग की महत्ता पर काफी कुछ है। बौद्ध और धर्म के अलावा ईसाई और इस्लाम में सूफी संगीत परंपरा में भी योग की बात आई हैं। भारत की योग व्यस्था को पटल पर लाने में योग गुरु बाबा रामदेव और बीकेएस अंयगर के योगदान को नहीं भूलाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से संयुक्तराष्ट्र संघ ने भी योग के महत्व को स्वीकार किया है। प्रधानमंत्री मोदी योग को लेकर स्वयं बेहद जागरूक है। वह योग करते हुए अपने कई वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते रहते हैं। फिट इंडिया, हिट इंडिया उनका मूलमंत्र है। इसके साथ वह लोगों से अपील करते हैं कि आप योग के जरिए अपने मन, मस्तिष्क और शरीर को स्वस्थ रखें, जिससे आपका सहयोग देश के विकास में अच्छे तरीके से हो।
विज्ञान और विकास के बढ़ते कदम तनाव की जिंदगी दे रहा है। जिंदगी की गति अधिक तेज हो चली है। लोगों के जीने का नजरिया बदल रहा है। काम का अधिक दबाव बढ़ रहा है इससे हाईपर टेंशन, और दूसरी बीमारियां फैल रही हैं। तनाव का सबसे बेहतर इलाज योग विज्ञान में हैं, वहीं लोगों में सुंदर दिखने की बढ़ती ललक भी योग और आयुर्वेद विज्ञान को नया आयाम देगी। यह पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है। आम आदमी के जिंदगी में तनाव तेजी से बढ़ रहा है।
पूरी जिंदगी असंमित हो गई है, जिसकी वजह से परिवार में तनाव और झगड़े होते हैं। लोगों के पास आज पैसा है लेकिन शांति नहीं है, जिसकी वजह से परिवार में संतुलन गायब है। लोग खुद से संतुष्ट नहीं है। इस स्थिति से निकालने के लिए योग सबसे बेहतर उपाय हो सकता है। इसलिए भाग दौड़ की जिदंगी को अगर संयमित और संतुलित करना है तो मन को स्थिर रखना होगा। जब तक हमें मानसिक शांति नहीं मिलेगी तब तक हम जीवन के विकारों से मुक्त नहीं हो सकते हैं। उस स्थिति में योग ही सबसे सरल और सुविधा युक्त माध्यम हमारे पास उपलब्ध है।
हमारी हजारों साल की वैदिक परंपरा को वैश्विक मंच मिला है। योग का प्रयोग अब दुनिया भर में चिकित्सा विज्ञान के रूप में भी होने लगा है, उसे स्थिति हमें अपने जीवन के साथ जीने का नजरिया भी बदलना होगा। योग से संबंधित यूनिवर्सिटी, शोध संस्थान, आयुर्वेद मेडिसिन उद्योग नई उम्मीदें और आशाएं लेकर आएगा। भारत और दुनिया भर में योग के लिए संस्थान स्थापित हुए हैं। योग को पर्यटन उद्योग के रूप में विकसित किया जा सकता है। योग स्वस्थ दुनिया की तरफ बढ़ता कदम है। इसका सहभागी बन अपनी जिंदगी को आइए हम शांत और खुशहाल बनाएं। परिवार जब स्वस्थ होगा तो सेहतमंद समाज का निर्माण होगा



सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...