रविवार, 21 जून 2020

सभी तनावो से मुक्ति दिलाता है योग


डिप्रेशन से मुक्ति दिलाता है योग




बृज बिहारी दुबे


समस्त सृष्टि और संस्कार में योग समाहित है। योग विकारों से मुक्ति का मार्ग है। योग हमारा आध्यात्मिक और वैज्ञानिक ज्ञान है। योग की सार्थकता को दुनिया के कई धर्मों ने स्वीकार किया है। योग सिर्फ व्यायाम का नाम नहीं है बल्कि मन, मस्तिष्क, शारीरिक और विकारों को नियंत्रित करने का माध्यम भी है। जब समाज अच्छा होगा तो देश की प्रगति में हमारा अहम योगदान होगा। 21 जून यानी की आज विश्व योग दिवस है। पहली बार यह 2015 को मनाया गया। यह भारत के प्रयास से ही सफल हो सका है। पूरी दुनिया आज योग और प्राणायाम की तरफ बढ़ रही है। योग भारत के लिए आने वाले दिनों में बड़ा बाजार साबित हो सकता है। विश्व के लगभग 200 से अधिक देश भारत की इस गौरवशाली वैदिक परंपरा का अनुसरण कर रहे हैं। योग को अब वैश्विक मान्यता मिल गई है। कोरोना संक्रमण काल में भी योग हमारे लिए संजीवनी साबित हो रहा है। हम योग को अपना कर इस महामारी में भी अपने स्वस्थ रख सकते हैं।
भगवान कृष्ण ने गीता में स्वयं कहा है कि ‘योगः कर्मसु कौशलम‘ यानी हमारे कर्मों में सर्वश्रेष्ठ योग है। योग यज्ञ है और यज्ञ कर्म है। योग जीवात्मा और परमेश्वर के मिलन का साधन मात्र ही नहीं बल्कि ईश साधना का भी साध्य भी है। योगेश्वर भगवान कृष्ण ने योग को सर्वोपरि बताया है। उन्होंने कहा है कि ‘योगस्थः कुरु कर्माणि‘ इसका तात्पर्य है कि योग में स्थिर होकर ही सद्चित कर्म संभव है। गीता का छठवां अध्याय योग को समर्पित है।
भारत में योग की परंपरा 5000 हजार साल पुरानी है। 11 दिसम्बर 2014 को इसका प्रस्ताव दिया था। अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के 177 देशों ने भारत के पक्ष में वोट किया था, जिसके बाद भारत दुनिया का विश्वगुरु बन गया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 90 दिनों के भीतर पीएम मोदी के प्रस्ताव को मंजूर किया। हम योग के 21 आसनों को अपनाकर अपनी जिंदगी को सुखी, शांत और निरोगी बनाकर खुशहाल जीवन जी सकते हैं। जब हम तन और मन से स्वस्थ रहेंगे तो राष्ट्र निर्माण और उसके विकास में अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं।
योगगुरु बाबा रामदेव योग को वैश्विक मान्यता मिलने पर इसे भारत की जीत बताया था। दुनिया योग को अपने जीवन की दिनचर्या बना लिया है। योग संपूर्ण जीवन और चिकित्सा पद्धिति बन गया है। दुनिया में शांति युद्ध से नहीं योग से आएगी। भारत के साथ दुनिया में 20 करोड़ से अधिक लोग योग साधना का लाभ उठा रहे हैं। आधुनिक युग की व्यस्त दिनचर्या में योग हमारे लिए अमृत है। अपनी जिंदगी को खुशहाल और डिप्रेशन मुक्त बनाने के लिए योग हमें खुला आकाश देता है। हम धर्म, जाति, भाषा, संप्रदाय के साथ बंधकर स्वयं के साथ देश का अहित करेंगे।
योगशास्त्र का इतिहास गौरवशाली उपलब्धि से अटा पड़ा है। हमारे यहां लययोग, राजयोग का भी वर्णन है। योगशास्त्र का इतिहास गौरवशाली उपलब्धि से अटा पड़ा है। हमारे यहां लययोग, राजयोग का भी वर्णन है। चित्त की निरुद्ध अवस्था लययोग में आती है। राजयोग सभी योगों से श्रेष्ठ बताया गया है। महर्षि पतंजलि की योग परंपरा भारत में अधिक संमृद्धशाली है। योगगुरु बाबा रामदेव आज पतंजलि योग व्यवस्था के संवाहक बने है। दुनिया भर में योग की महत्व स्थापित करने में पतंजलि योग संस्थान ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
योग और आयुर्वेद को उन्होंने वैश्विक स्वीकारोक्ति बना दिया है। पतंजलि योग साधना के आठ आयाम हैं। जिसमें यम, नियम, आसन, प्रणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि है। योग का संबंध सिंधु घाटी सभ्यता से भी है। प्राचीन काल की कई मूर्तियां योग मुद्रा में स्थापित हैं।
भगवान शिव को योग मुद्रा में देखा जा सकता है। बुद्ध की मूर्तियां भी योग साधना में स्थापित हैं। बौद्ध और जैनधर्म में भी योग की महत्ता पर काफी कुछ है। बौद्ध और धर्म के अलावा ईसाई और इस्लाम में सूफी संगीत परंपरा में भी योग की बात आई हैं। भारत की योग व्यस्था को पटल पर लाने में योग गुरु बाबा रामदेव और बीकेएस अंयगर के योगदान को नहीं भूलाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से संयुक्तराष्ट्र संघ ने भी योग के महत्व को स्वीकार किया है। प्रधानमंत्री मोदी योग को लेकर स्वयं बेहद जागरूक है। वह योग करते हुए अपने कई वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते रहते हैं। फिट इंडिया, हिट इंडिया उनका मूलमंत्र है। इसके साथ वह लोगों से अपील करते हैं कि आप योग के जरिए अपने मन, मस्तिष्क और शरीर को स्वस्थ रखें, जिससे आपका सहयोग देश के विकास में अच्छे तरीके से हो।
विज्ञान और विकास के बढ़ते कदम तनाव की जिंदगी दे रहा है। जिंदगी की गति अधिक तेज हो चली है। लोगों के जीने का नजरिया बदल रहा है। काम का अधिक दबाव बढ़ रहा है इससे हाईपर टेंशन, और दूसरी बीमारियां फैल रही हैं। तनाव का सबसे बेहतर इलाज योग विज्ञान में हैं, वहीं लोगों में सुंदर दिखने की बढ़ती ललक भी योग और आयुर्वेद विज्ञान को नया आयाम देगी। यह पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है। आम आदमी के जिंदगी में तनाव तेजी से बढ़ रहा है।
पूरी जिंदगी असंमित हो गई है, जिसकी वजह से परिवार में तनाव और झगड़े होते हैं। लोगों के पास आज पैसा है लेकिन शांति नहीं है, जिसकी वजह से परिवार में संतुलन गायब है। लोग खुद से संतुष्ट नहीं है। इस स्थिति से निकालने के लिए योग सबसे बेहतर उपाय हो सकता है। इसलिए भाग दौड़ की जिदंगी को अगर संयमित और संतुलित करना है तो मन को स्थिर रखना होगा। जब तक हमें मानसिक शांति नहीं मिलेगी तब तक हम जीवन के विकारों से मुक्त नहीं हो सकते हैं। उस स्थिति में योग ही सबसे सरल और सुविधा युक्त माध्यम हमारे पास उपलब्ध है।
हमारी हजारों साल की वैदिक परंपरा को वैश्विक मंच मिला है। योग का प्रयोग अब दुनिया भर में चिकित्सा विज्ञान के रूप में भी होने लगा है, उसे स्थिति हमें अपने जीवन के साथ जीने का नजरिया भी बदलना होगा। योग से संबंधित यूनिवर्सिटी, शोध संस्थान, आयुर्वेद मेडिसिन उद्योग नई उम्मीदें और आशाएं लेकर आएगा। भारत और दुनिया भर में योग के लिए संस्थान स्थापित हुए हैं। योग को पर्यटन उद्योग के रूप में विकसित किया जा सकता है। योग स्वस्थ दुनिया की तरफ बढ़ता कदम है। इसका सहभागी बन अपनी जिंदगी को आइए हम शांत और खुशहाल बनाएं। परिवार जब स्वस्थ होगा तो सेहतमंद समाज का निर्माण होगा



दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री को आईसीयू में भेजा

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से जूझ रहे दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को मैक्स अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी दी गई है। शनिवार को यहां के डॉक्टरों ने बताया है कि अब उन्हें बुखार नहीं है। अगले 24 घंटे तक उनको आईसीयू में रखा जाएगा, जहां उनके स्वास्थ्य पर डॉक्टरों की एक टीम कड़ी नजर रख रही है।


राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में शुक्रवार शाम को तबीयत बिगड़ने के बाद सत्येन्द्र जैन को मैक्स हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया था। उनके फेफड़ों में इन्फेक्शन बढऩे के बाद उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। फिलहाल अगले 24 घंटे तक आईसीयू में उनकी मॉनिटरिंग होगी।
मैक्स अस्पताल के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर डॉ संदीप बुद्धिराजा की निगरानी में इलाज चल रहा है। सत्येंद्र जैन को सोमवार की रात तेज बुखार और सांस लेने में दिक्कत होने पर राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार की सुबह उनका कोरोना टेस्ट किया गया था और तब उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इसके बाद दूसरी बार उनका कोरोना टेस्ट हुआ और वह पॉजिटिव पाए गए।


कोरोना से पूर्व उप-महापौर की एक निजी अस्पताल में मृत्यु


दिल्ली में तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस के कारण मौत का सिलसिला भी तेज हो गया है। सूचना मिली है कि कोरोना वायरस के कारण उत्तरी दिल्ली नगर निगम की पूर्व उप महापौर पूर्णिमा विद्यार्थी की मौत हो गई। उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद एक निजी अस्पताल में पिछले कई दिनों से इलाज चल रहा था।


लैब टेक्नीशियन के परिजन को मिलेगी नौकरी, महापौर ने दिए आदेश


हिंदूराव अस्पताल के लैब टेक्नीशियन के परिवार के एक सदस्य को उत्तरी दिल्ली नगर निगम नौकरी देगा। इस बाबत उत्तरी दिल्ली के महापौर अवतार सिंह ने वर्तमान निगमायुक्त ज्ञानेश भारती को निर्देश दिया है। महापौर सिंह ने आयुक्त भारती को पत्र लिखकर कहा है कि लैब टेक्नीशियन के परिवार में से एक योग्य व्यक्ति को अनुकंपा के आधार पर नौकरी प्रदान करने के लिए तुरन्त कार्रवाई करें। महापौर ने लैब टेक्नीशियन की कोरोना के कारण मृत्यु पर संवेदना प्रकट करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।


राजस्थान में संक्रमितो की संख्या- 14537

राजस्थान में कोरोना के मामले बढ़कर 14537 हुए
जयपुर। राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण से शनिवार को चार और लोगों की मौत हुई जिससे राज्य में संक्रमण से मरने वालों की कुल संख्या 337 हो गई है। इसके साथ ही 381 नये मामले सामने आने से राज्य में इस घातक वायरस से संक्रमितों की अब तक की कुल संख्या 14537 हो गयी जिनमें से 2926 उपचाराधीन हैं।


केवल जयपुर में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या 145 हो गयी है जबकि जोधपुर में 30, भरतपुर में 28, कोटा में 19,,अजमेर में 13 एवं नागौर में दस संक्रमितों की मौत हो चुकी है। अन्य राज्यों के 22 रोगियों की भी यहां मौत हुई है। राज्यभर में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण कई थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है।


सोशल डिस्टेंसिंग के खिलाफ की शिकायत

अतुल त्यागी(मेरठ मंडल प्रभारी)

स्लग- समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एफआईआर के लिए बाबूगढ़ थाना हापुड़ मे दिया ज्ञापन

हापुड़। उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ में पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री सुधाकर कश्यप के नेतृत्व में दर्जनों समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बाबूगढ़ थाना पहुंच कर एक तहरीर देते हुए अमरोहा में तैनात चकबंदी बंदोबस्त अधिकारी नितिन चौहान के खिलाफ कठोर वैधानिक कार्यवाही की मांग की।

 अपने प्रार्थना पत्र में समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कहा कि अमरोहा में तैनात चकबंदी बंदोबस्त अधिकारी नितिन चौहान ने जहां एक सभा के दौरान समाजवादी पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के आदर्श एवं संरक्षक मुलायम सिंह यादव तथा समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव के लिए जो अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए गंदी-गंदी गालियों का प्रयोग किया है तथा किसानों के साथ भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया है उसके लिए वह उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही की मांग करते हैं ।

 हमारे मेरठ मंडल प्रभारी अतुल त्यागी से बात करते हुए पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री सुधाकर कश्यप ने कहा कि सरकारे आती जाती रहती हैं एक पढ़े-लिखे अधिकारी को ऐसी अभद्र भाषा का प्रयोग करना उसकी मानसिकता को दर्शाता है समाजवादी पार्टी जहां सरकार से उसे तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करने की मांग करती है तो वही वैधानिक कार्यवाही किए जाने की भी मांग करती है और अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो समाजवादी पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता थानों से लेकर सड़कों तक आंदोलन के लिए बाध्य होगा। वही कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के संबंध में बात करने पर उन्होंने कहा कि देश के  प्रधानमंत्री 4 नवंबर में देश में पहला कोरोना संक्रमण मरीज पाए जाने के बाद ही कोरोना की रोकथाम के लिए सभी है सभी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को सील कर देना चाहिए था साथ ही विदेशों से आने वाले प्रत्येक नागरिक को उसी देश में करंट टाइम कर देना चाहिए था परंतु देश के प्रधानमंत्री को तो दिसंबर माह में नमस्ते ट्रंप करना दिखाई दे रहा था इसलिए उन्होंने देश को इस कोरोनावायरस महामारी जैसी आग में झोंक दिया आंजना किसान सुरक्षित है ना गरीब सुरक्षित है और तो और इस प्रदेश और देश में पत्रकार भी सुरक्षित नहीं है पत्रकारों पर जहां निरंतर हमले हो रहे हैं उन्हें मौत के घाट उतारा जा रहा है यह बड़ा ही निंदनीय किसान को जनता को गरीब को भूखा मरने की कगार पर भाजपा की सरकार ने खड़ा कर दिया जिसका आने वाले समय में जनता करारा जवाब देने का काम करें।

बाईट-संजय यादव पूर्व जिलाध्यक्ष

योग-व्यायाम जीवन को बनाता है निरोगी

व्यायाम और योगा सम्पूर्ण जीवन को बनाता है निरोगी

बृजेश केसरवानी

प्रयागराज। अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर मदर टेरेसा फाउण्डेशन की ओर से नैनी मे योग गुरु मुन्तज़िर रिज़वी के संरक्षण में योगाभ्यास कराकर तन मन को प्रफुल्लित बनाया गया।मदर टेरेसा फाउण्डेशन के राष्ट्रीय महासचिव मो०शारिक़ के आवास पर हरी घाँस पर मदर टेरेसा फाउण्डेशन डाक्टर विंग के चेयरमैन मुन्तज़िर रिज़वी ने अन्ताराष्ट्रीय योगा दिवस पर विभिन्न मुद्राओं में योगा की टिप्स दी।इस मौक़े पर मदर टेरेसा फाउण्डेशन के महानगर चेयरमैन सै०मो०अस्करी ने योगा दिवस की बधाई देते हुए जीवन में योग के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा की आज कुछ वर्षों से योगा का प्रचलन आम हुआ है इस से पहले लोग अखाड़े में व्यायाम किया करते थे।इसी तरहा मुस्लिम समाज के लोग दिन भर में पाँच वक़्त नमाज़ अदा करते वक़्त योगा की मुद्रा के रुप में इबादत करते हैं।योग को धर्म और मज़हब से न जोड़ कर इसे जीवन को सुन्दर बनाने का माध्यम समझना होगा।महासचिव मो०शारिक़ ने कहा योग के साथ कर्मयोग इन्सान के शरीर को सुन्दर बनाने के साथ मन को भी सुन्दर बनाता।योग करें निरोग रहें यही मंत्र अपना कर जीवन को खुशहाल बनाए।इस मौक़े पर 8 वर्षी मो०युसूफ ने भी साथ साथ योगाभ्यास कर लोगों प्रोतसाहित किया।

किसानों ने डंपिंग ग्राउंड का विरोध किया

किसानों ने सौंपा डंपिंग ग्राउंड को वापस लेने का ज्ञापन

अश्वनी उपाध्याय

गाजियाबाद। लोनी विधानसभा क्षेत्र के हिंदू मीरपुर गांव में बन रहे डंपिंग ग्राउंड को लेकर एक बड़ा आंदोलन शुरू हो गया है जिसमें गांव में विकास की जगह डंपिंग ग्राउंड देकर गांव वालों का बेवकूफ बनाए जाने की बात कही जा रही है जिसको लेकर प्रशासनिक अधिकारी लगातार गांव वालों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं यहां आपको बता दें कि लोनी नगर पालिका के पूर्व चैयरमेन के समय में यह डंपिंग ग्राउंड का प्रोजेक्ट शुरू किया गया है जिसके लिए हिंदू मीरपुर गांव में जगह भी नगर पालिका चेयरमैन व प्रशासन के द्वारा ही चिन्हित की गई थी लेकिन अब इस मामले पर राजनीति करते हुए लोनी नगर पालिका पूर्व चेयरमैन गांव वालों के बीच धरने को समर्थन देने पहुंचे जिस पर गांव वालों ने उन्हें यह डंपिंग ग्राउंड वापस लेने की बात कही जिसको लेकर  भाजपा जनप्रतिनिधियो का काफी विरोध भी हुआ आपको बता दें कि गांव वालों ने कहा कि जिस प्रकार से पुर्व चैयरमेन ने अपने कार्यकाल में इस डंपिंग ग्राउंड के कार्य शुरू करने के लिए भूमि को मंजूरी दिलाई  ठीक उसी प्रकार से अगर वह किसानों के हितेषी है तो लोनी उपजिलाधिकारी लोनी नगर पालिका चेयरमैन संयुक्त रूप से इस डंपिंग ग्राउंड को वापस बात को लेकर एक ज्ञापन भी जिलाधिकारी का नाम सौंपा गया ग्रामीणों ने यह भी कहा कि राजनीति के चक्कर में उनको ना बरगलाया जाए यह कार्य नगर पालिका का है इसको नगरपालिका क्षेत्र में ही ले जाया जाए यहां आपको बता दें कि मौजूद किसानों ने भारतीय जनता पार्टी के विधायक व सांसद का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि आने वाले चुनाव में अब देहात क्षेत्र से भाजपा को भारी विरोध देखना पड़ेगा वही किसानों ने यह भी मांग की कि लोनी नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन मनोज धामा अगर किसानों के हितेषी है तो वह अपनी पत्नी जो मौजूदा चेयरमैन रंजीता धामा है उनके द्वारा वह लोन उप जिला अधिकारी के द्वारा एक प्रस्ताव पास कर शासन को भेजे थे इस डंपिंग ग्राउंड को मीरपुर गांव से हटाया जाए वरना किसानों के साथ राजनीति करने की कोशिश ना की जाए किसान लगातार अपनी लड़ाई लड़ते आए हैं।

बवाल हुआ कोई 'संपादकीय'

सूर्यग्रहण न हुआ ... बँवाल हुआ कोई !!!

 अंधविश्वास से भरा देश उस पर देश का क्रांतिकारी मीडिया

नरेश राघानी

सूर्य ग्रहण न हुआ कोई बवाल हो गया !!!  कल शाम से सारा मीडिया चीन और कोरोना को ताक पर रख के सूर्य भगवान की शरण में जा खड़ा हुआ है। जिसे देखो सूर्य की अलग-अलग कोनों से तस्वीरें खींच खींच कर अपने चैनल पर दिखा रहा है। भाई !!! यह मात्र एक खगोलीय घटना है। लेकिन इस खगोलीय घटना को हिंदुस्तान के मीडिया ने पता नहीं कहां-कहां जोड़ दिया है।

कोई चैनल सूर्य ग्रहण की वजह से आपके निजी जीवन में होने वाली उत्तल पुथल को जोड़ देता है , तो कोई चैनल यह बता देता है कि आपकी नाम राशि पर सूर्य ग्रहण का क्या प्रभाव पड़ेगा ?? हद तो तब हो गई जब आज सूर्य ग्रहण के दौरान ये मीडिया चैनल लोगों की नाना प्रकार की अजीबो गरीब हरकतें ग्रहण काल के दौरान दिखाने लगे। जिसमें कोई पूरे शरीर पर कीचड़ मिलकर ग्रहण काल के दौरान योग करता दिख रहा था। तो कोई पानी में उल्टा लेट कर तैर रहा था। कोई आग के बीच में बैठा है , तो कोई खिड़की की मुंडेर पर बैठकर कौओं को खाना खिला रहा है। और हमारे देश का बेलगाम मीडिया टीआरपी की रेस में दौड़ता हुआ सबको दिखाए जा रहा है। अपने समझ में नहीं आता कि मीडिया को यह बात समझ में क्यों नहीं आती की - यह खबरें केवल इस देश में बैठे लोग नहीं देखते बल्कि पूरे विश्व कही न कही इन खबरों को देखता है और हँसता है हमारी सोच पर। मान लीजिए अगर आप अमेरिका के निवासी हैं और आप भारतवर्ष में अपना पैसा लगाना चाहते हैं। जाहिर तौर पर आप चाहेंगे कि मेरा पैसा सही जगह लगे समझदार लोगों के हाथों में जाए ताकि मुझे उसका लाभ मिल सके। अब यदि आप पैसा लगाने से पहले , देश में सूर्य ग्रहण के दौरान लोगों की ये अजीब अजीब हरकतें देख लें, तो क्या सोच में नहीं पड़ जाएंगे की - किन अजीब लोगों का देश है ??? जो मात्र एक खगोलीय घटना को इन हदों तक ले जाते हैं। सूर्य भगवान भी सोचते होंगे कि इतनी परेशानी तो मुझे भी नहीं हो रही ग्रहण काल में जितनी इन बॉवले लोगो को हो रही है। सोचने की बात यह है कि यहां से कई सेटेलाइट वर्ष दूर सूर्य पर किसी अन्य ग्रह की छाया आ जाने की वजह से , पूरा विश्व छोड़कर केवल हिंदुस्तान के किसी गांव में बैठा कोई अनपढ़ आदमी कैसे प्रभावित हो रहा है ? लेकिन नहीं साहब !!! हमने तो अजीब अजीब हरकतें करने में प्रतिस्पर्धा खोल रखी है। वह अनपढ़ इंसान गांव के तालाब में शरीर पर कीचड़ मलकर पानी में उल्टा खड़ा होकर योग करेगा। ताकि सूर्य भगवान की नाराजगी दूर कर सके। जबकि सूर्य भगवान खुद इन लोगों की ये अजीब हरकतें देख कर परेशान होंगें। एक तो वैसे ही लोगों का दिमाग आधा काम करना बंद कर चुका है हिंदुस्तान में , बाकी बचा कुचा दिमाग मीडिया और चैनल रिपोर्टर खराब कर देते हैं। जो सुबह-सुबह ग्रहण काल से 3 घंटे पहले गांव में पहुंच जाते हैं। और लोगों को ऐसी वाहियात हरकतें करने हेतु प्रेरित करते हैं। ताकि उनके चैनल की टीआरपी बढ़ाई जा सके। एक चैनल ने तो यह तक दिखा दिया कि एक बूढ़ा चारों तरफ आग जलाकर बीच में बैठा है। अब बताओ यह भी कोई बात हुई भला !!! सूर्य भगवान खुद ही किसी अन्य ग्रह के सामने आ जाने से ज़रा गर्मी से राहत प्रदान करते हुए शीतलता का संदेश दे रहे हैं ,और ये जनाब भरी दोपहरी में आग के बीच में बैठकर यह नाटक कर रहे है । और तो और आज सुबह से पूरा *व्हाट्सएप और सोशल मीडिया सूर्य ग्रहण पर अलग-अलग अनुष्ठान करने के नुस्खों से भरा पड़ा है। जैसे कि ग्रहण काल के दौरान खाना नहीं खाना है। भाई !! सूतक तो रात को ही लग गया ... रात को लगभग 9:00 बजे। अब यदि 9 बजे से लेकर दूसरे दिन दोपहर 1 बजे तक लगभग 16 घंटे खाना नहीं खाना है। अब यदि कोई ऐसा नही करेगा तो जो सूर्य ग्रहण करेगा वह तो कर ही देगा। लेकिन  कोई 16 घंटे भूखे मरेगा तो वैसे ही ठीक नही रहेगा। आधुनिक युग में इस तरह की अंधविश्वासी सोच को देखकर बहुत बुरा लगता है। और भी बुरा लगता है। और भी ज्यादा बुरा लगता है समझदार ,पढ़े-लिखे मीडिया वर्ग की ऐसी हरकतें देखकर। जो कि अंधविश्वास को मिटाने की जगह अपने निजी स्वार्थ के लिए ऐसे अंधविश्वासों को बढ़ावा देते हैं। एक प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल ने तो आज सुबह नरेगा के मजदूरों को सड़क के बीचों बीच , लंबी-लंबी कतारों में बिठाकर ग्रहण काल के दौरान योगाभ्यास का नाटक करने हेतु कहा । और बड़ी खुशी से इसको अपने चैनल पर प्रसारित भी किया। कोई भी उस फुटेज को देखकर समझ सकता है कि यह मजदूर लोग सड़क के बीचो बीच बैठकर ग्रहण काल में सूर्य भगवान को प्रसन्न करने के लिए योगा तो नहीं कर रहे होंगे। वही कैमरा पकड़े वह रिपोर्ट एक गलती कर बैठा । जिसके चलते साइड में रखे हुए खुदाई के औजार भी साफ दिखाई दे रहे थे।* अब आम आदमी को भले यह नजर नहीं आता हो, परंतु मीडिया से जुड़े होने की वजह से पैनी नज़र से जब मैंने यह देखा तो मुझे उस मीडिया चैनल की ऐसी धाँसू रिपोर्ट देखकर उसकी अक्ल पर बड़ा तरस आया। एक तरफ तो अंधविश्वासों से भरा या देश उस पर ऐसा क्रांतिकारी मीडिया , सचमुच सोने पर सुहागा सा दिखाई देता है। आज के लिए बस इतना ही ...  नहीं तो मीडिया बंधुओं में से ही किसी ने किसी का अभी फोन आ जायेगा और वह कह देगा की -भैया बस करो !!!

 

 सो बाकी किस्सा फिर कभी ...।

फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी

फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भविष्यवाणी क...