रविवार, 21 जून 2020

नहर कट जाने से किसानों को काफी नुकसान

अंबेडकरनगर। आलापुर में रामनगर ब्लाक मुख्यालय के ठीक पीछे जहांगीरगंज रजवाहा की दक्षिण तरफ की पटरी कई जगह कट जाने के कारण जेसीबी द्वारा नाहर को बांधा जा रहा है। नहर कटने से ग्राम नगदहा के किसानों के पिपरमेंट और धान की बैरन जलमग्न हो चुकी है।

इसके पूर्व भी आपको अवगत कराया गया था कि नहर के दक्षिण तरफ की पटरी की मरम्मत ग्राम प्रधान द्वारा मनरेगा से की जा रही है जिससे पटरी कमजोर हो गई है जिसका निरीक्षण करने के लिए आपसे अनुरोध भी किया गया था।

   आपसे विनम्र अनुरोध है की जहांगीरगंज रजवाहा में कम पानी छोड़ने का प्रयास करें क्योंकि नहर की पटरी पूरी तरह से रामनगर से लेकर हुसैनपुर तक कमजोर हो चुकी है और हुसैनपुर बाजार से आगे नरिया तक जगह-जगह नहर में पाइप पड़े होने के कारण पानी आगे नहीं बढ़ पा रहा है ना तो ही आज तक नहर की सफाई कराई जा सकी है। यदि इसी तरह से पानी पर्याप्त मात्रा में छोड़ा जाएगा तो किसानों का बहुत बड़ा नुकसान होगा। आपसे विनम्र अपील हैकी जहांगीरगंज रजवाहा को रामनगर ब्लॉक मुख्यालय के पीछे निरीक्षण करके मरम्मत करवाना सुनिश्चित करें और नहर में कम पानी छोड़ने का कष्ट करें।

ओंकार नाथ सिंह रिपोर्टर 

भारत को फाइटर जेट देगा मित्र 'रूस'


भारत को फाइटर जेट देगा ‘दोस्‍त’ रूस, 21 MiG-29 और 12 Sukhoi लड़ाकू विमान बढ़ाएंगे सेना की ताकत


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। भारत के लिए खतरा बना चीनी ड्रैगन, जल्‍द फाइटर जेट देगा ‘दोस्‍त’ रूसगलवान घाटी में 20 भारतीय सैनिकों की मौत के बाद भारत और चीन में तनाव बढ़ता जा रहा है। सीमा पर पाकिस्‍तान और चीन की दोहरी चुनौती से निपटने के लिए भारतीय वायु सेना को लड़ाकू विमानों (Russia Will Give Fighter Jet To India) की सख्‍त जरूरत है।




इसी चुनौती से निपटने के लिए भारतीय वायुसेना ने रूस से 21 नए मिग -29 और 12 Su-30MKI का प्रस्‍ताव सरकार के पास भेजा है। इस बीच रूस (Russia Will Give Fighter Jet To India) ने कहा है कि वह भारत की जरूरतों को देखते हुए जल्‍द से जल्‍द इन विमानों को और ज्‍यादा आधुनिक बनाकर भारत को सौंपने के लिए तैयार है।


मिग-29 विमान को आधुनिक बना रहा रूस

WION न्‍यूज की रिपोर्ट के मुताबिक रूस और भारत सरकार के बीच होने वाली इस डील के लिए मास्‍को पूरी तरह से तैयार है। बताया जा रहा है कि रूस इन दिनों मिग-29 लड़ाकू विमानों को आधुनिक बनाने में जुटा हुआ है। एक बार जब इन विमानों के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो ये विमान चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के बराबर हो जाएंगे।


40 साल तक सेवा देगा मिग-29 विमान

आधुनिकीकरण के बाद मिग-29 विमान रूस और विदेशों के आधुनिक हथियारों को अपने साथ लेकर बहुत तेजी से और ऊंचाई वाले स्‍थानों पर उड़ान भर सकेंगे। यही नहीं ये विमान दुश्‍मनों की पहचान करने में और ज्‍यादा कारगर हो जाएंगे। आधुनिक सामग्री और तकनीक की मदद से ये विमान अगले 40 साल तक भारतीय वायुसेना में अपनी सेवा दे सकेंगे।


ब्रह्मोस लैस रहेगा सुखोई-30 MKI जेट

भारत 12 सुखोई-30 MKI विमानों को खरीदने जा रहा है। भारत में मौजूद सुखोई विमानों को इस साल जनवरी महीने में ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल से लैस किया गया था। बताया जा रहा है कि सुखोई विमानों को हवा से हवा मार करने वाली नई मिसाइलों से लैस किया जाएगा। सुखोई-30 विमान बेहद कारगर माने जाते हैं। ये विमान भारत और रूस के बीच दोस्‍ती का शानदार प्रतीक माने जाते हैं। भारत ने 10 से 15 साल की अवधि में कई बार में 272 Su-30 फाइटर जेट्स के लिए आदेश दिए थे।


6 हजार करोड़ से मिलेंगे 33 फाइटर जेट

वायु सेना ने यह जांचने के लिए एक अध्ययन किया है कि मिग -29 की एयरफ्रेम लंबे समय तक काम करने के लिए पर्याप्त हैं और वे लगभग नई स्थिति में पाए गए हैं। मिग -29 को वायु सेना द्वारा उड़ाया जाता है और पायलट इससे परिचित होते हैं। वायु सेना के पास मिग -29 के तीन स्क्वाड्रन हैं। बताया जा रहा है कि इन विमानों की खरीद पर 6 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा।



योग दिवस एकजुटता का दिनः मोदी

नई दिल्ली। योग दिवस पूरे विश्व में मनाया जा रहा है, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया। अपने संबोधन की शुरुआत में, प्रधान मंत्री ने छठे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सभी को बधाई और शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर, प्रधान मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर यह दिन एकजुटता का दिन है। यह सार्वभौमिक भाईचारे के संदेश का दिन है। जब बच्चे, बुजुर्ग, युवा, परिवार के बुजुर्ग, सभी योग के माध्यम से एक साथ जुड़ते हैं, तो पूरे घर में ऊर्जा का प्रवाह होता है। इसलिए, इस बार योग दिवस भावनात्मक योग के लिए, हमारे परिवार के बंधन को बढ़ाने के लिए एक दिन है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस विशेष रूप से हमारे श्वसन तंत्र यानी श्वसन प्रणाली पर हमला करता है। हमारे श्वसन तंत्र को मजबूत बनाने में सबसे ज्यादा मददगार है प्राणायाम, यानी सांस लेने की कसरत। एक सतर्क नागरिक के रूप में, हम एक परिवार और समाज के रूप में एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे। हम घर पर योग करने और परिवार के साथ योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाने का प्रयास करेंगे। हम निश्चित रूप से सफल होंगे, हम निश्चित रूप से विजयी होंगे।
 
पीएम ने लोगों से अपने दैनिक अभ्यास में प्राणायाम को शामिल करने और अनुलोम-विलोम के साथ अन्य प्राणायाम तकनीकों को सीखने और उन्हें साबित करने की अपील की। स्वामी विवेकानंद कहते थे- "एक आदर्श व्यक्ति वह है जो सबसे निर्जन में भी सक्रिय है और अत्यधिक गतिशीलता में भी पूर्ण शांति का अनुभव करता है"। यह किसी भी व्यक्ति के लिए एक बड़ी क्षमता है। योग का अभ्यासी कभी भी संकट में धैर्य नहीं खोता। योग का अर्थ है - समत्वं योग उच्यते ’। अर्थात योग अनुकूलता-प्रतिकूलता, सफलता-असफलता, सुख-संकट, हर स्थिति में एक जैसा रहने, स्थिर रहने का नाम है।


आर्थिक मोर्चे पर लगेगा जोर का झटका


मोदी सरकार के ये फैसले तोड़ देंगे चीन की कमर, आर्थिक मोर्चे पर लगेगा जोर का झटका


नई दिल्ल। पूर्वी लद्दाख (India-China Border Clash) में चीन की नापाक हरकत का जवाब देने के लिए सैन्य और कूटनीतिक विकल्पों के साथ-साथ आर्थिक मोर्चे पर भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। चीन पर आर्थिक निर्भरता कम करने के लिए व्यापक योजना बनाई जा रही है। इसके तहत चीन से होने वाले व्यापार, निवेश और प्रोजेक्ट सर्विसेस पर लगाम लगाने की तैयारी की जा रही है।



सरकारी ठेकों और इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की परियोनाओं में चीन की कंपनियों के भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। चीन से आने वाले तैयार माल पर भारी टैक्स लगाया जा सकता है। इसके साथ ही विभिन्न देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों की भी समीक्षा की जा सकती है जिनका इस्तेमाल करके चीन अप्रत्यक्ष रूप से अपना माल भारत में भेज रहा है।


सरकारी अधिकारियों ने ईटी के बताया कि इस बारे में विस्तार से चर्चा के लिए जल्दी ही एक हाई लेवल मीटिंग हो सकती है। इसमें सभी संबंधित विभागों के मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय के शीर्ष अधिकारी हिस्सा ले सकते हैं। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, कई उपायों पर विचार किया जा रहा है। इसके दोनों पहलुओं पर विचार किया जाएगा। यह भी देखा जाएगा कि ये उपाय कब और कैसे किए जाने हैं। साथ ही भारतीय कंपनियों पर इनके प्रभाव पर भी विचार करना होगा।


चीन से आयात कम करने के उपाय

चीन से आयात कम करने के लिए भारत के पास कई विकल्प हैं। इसके लिए चीन से आने वाले सामान पर हाई टैरिफ लगाया जा सकता है। साथ ही कई नॉन-टैरिफ उपाय भी हैं। वित्त वर्ष 2019 में भारत ने चीन से 70 अरब डॉलर का आयात किया था। इस दौरान भारत का व्यापार घाटा 53 अरब डॉलर का था। इस घाटे को अब करने के लिए किए जा रहे प्रयासों में अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है। भारत के मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में चीन की कंपनियों की बड़ी हिस्सेदारी है। चीनी सामान से आयात को हतोत्साहित करने के साथ ही सरकार ये सामान बनाने वाली घरेलू कंपनियों को भी प्रोत्साहन देगी। साथ ही भारत विभिन्न देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों की भी समीक्षा करेगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि भारतीय बाजार तक पहुंचने के लिए चीन इनका इस्तेमाल तो नहीं कर रहा है।


भारत ने पहले ही रीजनल कंप्रहैंसिव इकनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) वार्ता से किनारा कर लिया था। इसमें चीन और अन्य देश शामिल हैं। भारत का कहना था कि इस समझौते में चीन से आयात बढ़ने से रोकने के लिए कोई प्रावधान नहीं है। चीन से आयात को हतोत्साहित करने के लिए सख्त क्वालिटी स्टैंडर्ड और नियम लागू किए जा सकते हैं।


इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के ठेके

सरकारी अधिकारियों के मुताबिक चीन के कंपनियों को इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के ठेकों में हिस्सा लेने से रोका जा सकता है। इसके लिए परस्परता के सिद्धांत पर आधारित एक प्रावधान किया जा सकता है। इसके तहत सरकार ऐसे देशों की कंपनियों की हिस्सेदारी प्रतिबंधित कर सकती है जहां भारतीय कंपनियों को कड़े प्रावधानों का सामना करना पड़ता है।इसके लिए लॉ मिनिस्ट्री विभिन्न विकल्पों पर माथापच्ची कर रही है ताकि इसे किसी तरह की चुनौती न दी जा सके। अधिकारी ने कहा कि इसमें सभी देशों को शामिल किया जा सकता है लेकिन इसके मुख्य निशाना चीन की कंपनियां हैं। अधिकारियों के मुताबिक सबसे पहले रोड और हाइवे सेक्टर में यह प्रावधान किया जा सकता है और फिर इसे दूसरे क्षेत्रों में भी बढ़ाया जा सकता है। एक अधिकारी ने कहा कि इसे अंतिम रूप देने के लिए रोड एंड हाइवे मिनिस्ट्री और लॉ मिनिस्ट्री के बीच चर्चा चल रही है।


चीन संग तनाव के बीच भारत को रूस का साथ

सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर चीन की कंपनियों को दूर रखने के लिए सरकार ने पहले ही बीएसएनएल और एमटीएनएल के ठेकों को रद्द कर दिया है और इन पर नए सिरे से काम किया जा रहा है। सरकार और पीएसयू के ठेकों को भारतीय कंपनियों को देने के लिए अतिरिक्त प्रावधान किए जा सकते हैं। लॉ मिनिस्ट्री दूसरे देशों के नियमों के मुताबिक इस प्रावधान की व्यावहारिकता पर विचार कर रही है। अधिकारी ने कहा कि इन सख्त शर्तों का मकसद घरेलू कंपनियों को बढ़ावा देना है।


आत्मनिर्भर मिशन

इस पर पहले ही काम शुरू हो चुका है और चीन के साथ सीमा पर जारी हालात के मद्देनजर इसकी अहमियत और बढ़ गई है। कैबिनेट सेक्रटरी ने इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में घरेलू कंपनियों को तरजीह देने के लिए विभिन्न मंत्रालयों से चर्चा की है। कैबिनेट सेक्रटरी घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने वाली समिति के भी चैयरमैन हैं। अधिकारी ने कहा कि आमतौर पर सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी को सिक्योरिटी क्लीयरेंस दी जाती है लेकिन अब इसके लिए सख्त प्रावधान किए जा सकते हैं। कुछ ऐसी परियोजनाओं की निविदा को हाल में रद्द कर दिया गया है जहां भारतीय कंपनियों ने चीनी कंपनियों के साथ हाथ मिलाया था। सरकार पहले ही 200 करोड़ रुपये तक के सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट घरेलू कंपनियों के लिए रिजर्व कर चुकी है।एक अन्य अधिकारी ने कहा कि घरेलू कंपनियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार प्रावधानों की समीक्षा कर सकती है। उन्होंने कहा, दवा या कुछ अहम क्षेत्रों में बड़े उपकरणों तथा मशीनरी की आपूर्ति के लिए एक देश पर निर्भरता से सरकार चिंतित है। इस निर्भरता को कम करने की जरूरत है।



140 देशों में फैला ब्रह्मकुमारीज राजयोग


140 देशों में फैला है ब्रह्माकुमारीज का राजयोग


 बृज बिहारी दुबे

नई दिल्ली। 6वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पुन: पूरे विश्व में योग लोग करेंगे। योग तन और मन की बीमारी ठीक करने की अचूक औषधि है। लेकिन मन में बढ़ते तनाव, डिप्रेसन और सकारात्मक चिंतन के लिए खास राजयोग है जो राजस्थान के सिरोही जिले के आबू रोड स्थित ब्रह्माकुमारीज संस्थान से दिया जा रहा है। इसकी स्थापना 1937 में सिंध प्रांत में हुई थी। परन्तु 1950 में इस राजयोग का प्रशिक्षण और अध्ययन राजस्थान के माउण्ट आबू से प्रारम्भ हुआ।



विश्व का पहला राजयोग केन्द्र: यह पूरे विश्व का पहला स्थान है जहॉं राजयोग सिखाया जाता है। शास्त्रों तथा भारतीय दर्शन में राजयोग को कुंडली से जोडक़र देखा जाता है। लेकिन यहॉं का राजयोग मन को साधने और परमात्मा में लगाने के आंतरिक क्रिया पर निर्भर करता है। इस राजयोग के अभ्यास से आंतरिक रुप में चमत्कारिक परिवर्तन आता है। खान पान रहन-सहन से लेकर व्यवहार में तेजी से बदलाव होता है।


स्वयं परमात्मा शिव से जोडऩे का मार्ग राजयोग: आज तक शारीरिक योग अधिकतर स्थानों और योग संस्थानों में दी जाती है। लेकिन यह राजयोग फिजिकल के बजाए आंतरिक, वैचारिक, मानसिक और धरातल पर शुद्धिकरण तथा सकारात्मकता पैदा करने के लिए कार्य करता है। इससे मन के विकार दूर होते है। यह आत्मा और परमात्मा की असली अनुभूति पर आधारित होता है। ऐसा मानना है कि जब हम अपने भौतिक शरीर में सूक्ष्म आत्मा को देखकर परमात्मा से जुडऩे का प्रयास करते है तो इससे आत्मा की शक्तियां विकसित हो जाती है। इस योग को स्वयं परमात्मा शिव ने ही सिखाया है। तभी इससे परमात्म अनुभूति होती है और ईश्वरीय शक्ति से चमत्कारिक परिवर्तन आता है। वैसे तो इस राजयोग और ब्रह्माकुमारीज संस्थान की स्थापना स्वयं परमात्मा शिव का है लेकिन साकारा माध्यम प्रजापिता ब्रह्मा बाबा है। राजयोग को सिखाने के लिए दुनिया भर में 9 हजार सेवाकेन्द्र: पिछले 84 वर्षों से राजयोग के प्रशिक्षण और उसकी साधना का कार्य विश्व के 140 देशों में 9 हजार केन्द्रों के माध्यम से किया जा रहा है। इसमें आने वाले लोगों को सात दिन का साप्ताहिक कोर्स तथा फिर उसके बाद दैनिक राजयोगाभ्यास के बारे में गहनता से अभ्यास कराया जाता है। इसको सीखने के बाद व्यक्ति दूसरों को भी सीखा देता है। इसलिए हर कोई सिखने वाला एक तरह से मार्गदर्शक की भूमिका में होता है।


अध्यात्म और मन के साधना का अदभुत समन्वय: यह राजयोग अपने आप में अनोखा और चमत्कारिक है। इसको सीखने वाले व्यक्ति को सात दिन के कोर्स में आत्मा के वजूद से लेकर परमात्मा के रंग, रुप, गुण, धर्म और उसे सम्बन्ध के बारे में विस्तृत रुप से बताया जाता है। फिर राजयेाग की प्रक्रिया सिखायी जाती है। मन पर नियंत्रण इसका सबसे सफल और उपलब्धि के रुप में जाना जाता है। इससे ही व्यक्ति अपने विकारों पर नियंत्रण पाता है।


दुनिया का पहला राजयोग केन्द्र जहॉं सिर्फ महिलाये सिखाती है: यह विश्व का पहला राजयोग प्रशिक्षण केन्द्र पूरे विश्व में जहॉं इस संस्थान में आजीवन समर्पित युवा बहनों का विशाल समूह है जो पूरी दुनिया में फैले केन्द्रों का संचालन भी करती और राजयोग का प्रशिक्षण भी देती है। इनकी संख्या 46 हजार है जो ब्रह्माकुमारीज संस्थान में समर्पित होकर पूर्ण रुप से राजयोग सिखाकर लोगों के अध्यात्म और राजयोग द्वारा जीवन बदलने का कार्य करती है।


सभी वर्गों के लोगों के लिए लाभप्रद है राजयेाग: यह राजयोग केवल विशेष उम्र के लोगों के लिए नहीं बल्कि सभी वर्ग, उम्र के लोगों के लिए है। क्योंकि मन के विकार की कोई उम्र नहीं होती है। इसलिए इसके अभ्यास से चाहे बच्चा हो या बूढ़ा, अमीर हो या गरीब, स्त्री हो या पुरुष सबके लिए लाभप्रद है। इसका सबसे ज्यादा फायदा व्यक्तिगत, सामाजिक, पारिवारिक, पढऩे, लिखने वाले बच्चों के लिए ज्यादा फायदेमंद है। इससे महिलाओं में शक्ति स्वरुप की भावना का भी विकास होता है।


कभी भी कर सकते है राजयोग: राजयोग ध्यान केवल एक निर्धारित समय के लिए नहीं बल्कि हर वक्त कर सकते है। क्योंकि यह चिंतन और मानसिक होने के नाते हर वक्त करने से मन में बाहरी दूषित वातावरण का असर नहीं होता है। इससे मन में किसी भी प्रकार का विकार उत्पन्न नहंी होता है।


20 लाख लोग करते है प्रतिदिन अभ्यास: इस राजयोग के अभ्यासी प्रतिदिन बीस लाख लोग करते है। इन 20 लाख लोगों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव सहज ही देखने को मिल जायेंगे। 87 वर्षीय राजयोगिनी दादी ह्दयमोहिनी इस ब्रह्माकुमारीज संस्थान की मुख्य प्रशासिका है। संस्थान का अंतराष्ट्रीय मुख्यालय माउण्ट आबू में है।



टेस्टिंग के दौरान दिखी किया सोनेट कार


टेस्टिंग के दौरान दिखी Kia Sonet, क्या होगा खास, जानें इस छोटी SUV की 5 बड़ी बातें


नई दिल्ली। किआ मोटर्स (Kia Motors) की बहुप्रतीक्षित सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी सॉनेट (Kia Sonet) को हाल में टेस्टिंग के दौरान देखा गया है। टेस्ट किया जा रहा मॉडल Sonet SUV का फाइनल प्रॉडक्शन मॉडल (बाजार में उतारा जाने वाला) है।



किआ की यह छोटी एसयूवी (Kia Sonet) मार्केट में मारुति ब्रेजा, ह्यूंदै वेन्यू, टाटा नेक्सॉन और महिंद्रा एक्सयूवी300 जैसी एसयूवी को टक्कर देगी। सॉनेट कई शानदार फीचर्स से लैस होगी। यहां हम आपको इस नई एसयूवी के बारे में 5 खास बातें बता रहे हैं।


सबसे बड़ा इन्फोटेनमेंट सिस्टम


किआ सॉनेट (Kia Sonet) में 10.25-इंच का टचस्क्रीन इन्फोटेनमेंट सिस्टम मिलेगा। यह इस सेगमेंट (4-मीटर से छोटी SUV) की किसी भी एसयूवी में सबसे बड़ा इन्फोटनमेंट सिस्टम होगा। किआ सेल्टॉस से लिया गया यह इन्फोटेनमेंट सिस्टम ऐपल कारप्ले और ऐंड्रॉयड ऑटो सपॉर्ट के साथ आता है।


प्रीमियम फीचर्सः प्रीमियम फील देने के लिए किआ मोटर्स अपनी इस एसयूवी में Bose साउंड सिस्टम देगी। इसके अलावा सॉनेट में किआ की UVO कनेक्टेड कार टेक्नॉलजी, इलेक्ट्रिक सनरूफ, ऑटो क्लाइमेट कंट्रोल, वायरलेस चार्जर, मल्टी-इन्फर्मेशन डिस्प्ले और पुश बटन स्टार्ट-स्टॉप समेत कई और शानदार फीचर मिलेंगे।


डीजल-ऑटोमैटिऑटोमैटिकःकएसयूवी तीन इंजन ऑप्शन में आएगी, जिनमें 1.2-लीटर पेट्रोल, 1.5-लीटर डीजल और 1.0-लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन शामिल हैं। ये तीनों इंजन ह्यूंदै की सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी वेन्यू से लिए गए हैं। हालांकि, इसमें डीजल इंजन के साथ 6-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ऑटोमैटिक गियरबॉक्स का ऑप्शन भी मिलेगा। वहीं, टर्बो-पेट्रोल इंजन ड्यूल-क्लच ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन से लैस होगा।


​IMT (इंटेलिजेंट मैन्युअल ट्रांसमिशन)


किआ सॉनेट के 1.2-लीटर पेट्रोल इंजन के साथ IMT (इंटेलिजेंट मैन्युअल ट्रांसमिशन) मिलेगा, जो ऑटो रेव-मैचिंग फंक्शन के साथ आता है। इस फंक्शन के होने से क्लच पेडल की अनुपस्थिति में गियर बदला जा सकता है।


किआ की सबसे सस्ती एसयूवीःसॉनेट, किआ मोटर्स की सबसे सस्ती एसयूवी होगी। इसकी कीमत 7-11 लाख रुपये के बीच रहने की उम्मीद है। किआ सॉनेट अगस्त-अक्टूबर के बीच भारतीय बाजार में लॉन्च की जाएगी।



कनिका की राह पर चलें पंकज, एक्शन


कनिका कपूर की राह चल पड़े थे IPS सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज, CM योगी ने लिया बड़ा ऐक्शन


नई दिल्ली/लखनऊ। प्रयागराज के एसएसपी रहे आईपीएस सत्यार्थ अनिरुद्ध ने वही गलती कर दी, जो सिंगर कनिका कपूर ने की थी। आईपीएस सत्यार्थ ने पहले कोरोना पॉजिटिव अपने दोस्त को घर में रखा और उसके संक्रमण की बात छुपाई, फिर खुद भी संक्रमित होते हुए ड्यूटी करते रहे और अपने ड्राइवर एवं गनर को भी संक्रमित कर दिया।



आईपीएस सत्यार्थ ने अपने 90 वर्षीय बुजुर्ग पिता की सेहत का भी ख्याल नहीं रखा, उनकी गलती की वजह से उनके पिता भी संक्रमण के शिकार हो गए। जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा कोरोना के मामले में की गई इतनी बड़ी गलती और लापरवाही पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने सत्यार्थ का तबादला करते हुए उन्हें प्रतीक्षा सूची में डाल दिया। सूत्रों के मुताबिक, प्रयागराज के पूर्व एसएसपी रहे अनिरुद्ध सत्यार्थ (Satyarth Anirudh Pankaj) का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का सहपाठी रहा विश्व दीपक त्रिपाठी उनसे मिलने 8 जून को प्रयागराज आया था। 10 जून को कोरोना के लक्षण दिखने पर उसकी जांच कराई गई, 12 जून को आई रिपोर्ट में वह पॉजिटिव निकला। शुल्क पर डॉक्टर ने आईपीएस सत्यार्थ को सलाह देते हुए विश्व दीपक त्रिपाठी को अस्पताल में भर्ती कराने को कहा, जिस पर सत्यार्थ ने अपने मित्र को अस्पताल में भर्ती कराने से मना करते हुए अपने घर में रखा और डॉक्टर को अपने पद की धमकी देते हुए किसी से भी इस बारे में जिक्र न करने को कहा।


12 को ही कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे सत्यार्थ

12 जून को प्रयागराज एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध में कोरोना लक्षण दिखे, जिसके बाद ट्रूनेट मशीन से उनकी जांच कराई गई। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती होने के कहा गया, लेकिन उन्होंने भर्ती होने से मना कर दिया। इसके बाद फिर उनका सैम्पल लेकर जांच के लिए मोतीलाल नेहरू (एमएलएन) मेडिकल कॉलेज प्रयागराज भेजा गया। जिसमें वह पॉजिटिव निकले, इस पर डॉक्टर ने उन्हें अस्पताल में भर्ती होने को कहा पर वह नहीं माने और ड्यूटी करते रहे।


वरिष्ठ अधिकारियों ने जब उन पर दबाव डाला तो उसी तारीख की शाम में फिर से उनका सैम्पल लिया गया। पहले सैम्पल की रिपोर्ट 15 जून को आई जिसमें वह पॉजिटिव निकले। वहीं दूसरे सैम्पल की रिपोर्ट 16 जून को आई, जो पॉजिटिव थी। इसके बाद वह अस्पताल में भर्ती हुए।


योगी सरकार ने लिया ऐक्शन

आईपीएस सत्यार्थ की गलती और लापरवाही की वजह से पुलिस फोर्स में कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। इस बात की जानकारी जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हुई तो उन्होंने सख्त रुख अख्तियार करते हुए आईपीएस सत्यार्थ का 15 जून को तबादला करते हुए उन्हें प्रतीक्षा सूची में डाल दिया।


योगी सरकार पर हमलावर हो रहा था विपक्ष


बता दें कि 69000 हजार शिक्षकों की भर्ती के मामले में प्रयागराज में आईपीएस सत्यार्थ अनिरुद्ध ने भंडाफोड़ किया। तबादले की सूची में पंकज का नाम आने के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस लगातार सीएम योगी से सवाल पूछ रही थी। यहां तक कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने भी ट्वीट कर लिखा था, ‘प्रयागराज के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध का ट्वीट देख कर आश्चर्य हुआ। जिस समय उन्होंने इतने बड़े घोटाले का खुलासा किया है, उनके जाने से जांच का नुकसान न हो।’ अब इस नए खुलासे के बाद एक बात तो साफ हो गई है कि सीएम योगी के ऐक्शन के पीछे असल वजह सत्यार्थ की घोर लापरवाही ही थी।  



यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...