दुःखद!चिकित्सक ही करें नफरत व भेदभाव तो कहां जाएं इलाज करवाने !
क्या मेरठ की भांति भेदभाव करने वाले चिकित्सकों पर हो पाएगी कार्यवाही?
मुज़फ्फरनगर। जनपद मुज़फ्फरनगर में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। वैश्विक महामारी (कोविड 19) कोरोना
वायरस के बढ़ते प्रकोप के दौर में चिकित्सक ही धर्म के भेदभाव के आधार पर मरीजों का उपचार कर रहे हैं। हादसे में घायल एक युवक को जब उसके परिजन हॉस्पिटल ले गए तो वहां मौजूद कम्पाउंडर ने डॉक्टर साहब को फोन करके इमरजेंसी केस बताकर आने को कहा। डॉक्टर ने सबसे पहले मरीज़ का नाम व पता फोन पर ही पूछा, मरीज़ का नाम व पता बताने के बाद डॉक्टर ने मरीज़ का उपचार करने से इंकार करते हुए यह कहकर फोन काट दिया कि खालापार क्षेत्र से कोई मरीज़ नहीं देखा जाएगा। क्या मेरठ की भांति मुज़फ्फरनगर में भी डॉक्टरों द्वारा भेदभाव किया जाना उचित है? मेरठ के प्रशासन की सख्ती के बाद क्या मुज़फ्फरनगर प्रशासन भी उक्त हॉस्पिटल के विरुद्ध मुकदमा चलाने का कदम उठा पायेगा? आइये जानते हैं देर रात वायरल हुई वीडियो की संपूर्ण जानकारी।
यह था प्रकरण चोटिल मरीज़ को लेकर उसके परिजन आनन फानन में मेरठ रोड स्थित एक अस्पताल पहुंचे। वहां मौजूद कम्पाउंडर ने डॉक्टर साहब को फोन करके इमरजेंसी केस बताकर आने को कहा। डॉक्टर ने सबसे पहले मरीज़ का नाम व पता फोन पर ही पूछा, मरीज़ का नाम व पता बताने के बाद डॉक्टर ने मरीज़ का उपचार करने से इंकार करते हुए यह कहकर फोन काट दिया कि खालापार क्षेत्र से कोई मरीज़ नहीं देखा जाएगा। डॉक्टर के कंपाउंडर ने बाद में मरीज़ से कहा कि आप अपने मरीज को कहीं और ले जाएं डॉक्टर साहब ने खालापार क्षेत्र से मरीजों को देखने से इंकार कर दिया है। (ज्ञात हो कि खालापार मुस्लिम बहुल इलाका है) जिस पर मरीज के परिजन और कंपाउंडर में काफी बहस हुई मरीज के परिजन कंपाउंडर के सामने गिड़गिड़ाते रहे लेकिन कंपाउंडर ने सिर्फ यह कहा कि आप खालापार से हो खालापार का मरीज हम नहीं देखेंगे। मरीज के तीमारदार ने हॉस्पिटल से बाहर जाकर अपने फोन का कैमरा वीडियो मोड पर चालू करके फिर से अंदर गया जिसके बाद हुई रिकॉर्डिंग में स्पष्ट तौर से कंपाउंडर सख्त लहजे में खालापार के मरीज ना देखने की बात कह रहा है। यदि यह वीडियो रिकॉर्ड न होती तो कोई भी उक्त प्रकरण पर विश्वास ही ना करता।
*वीडियो वायरल के साथ क्या है दावा*
कल शाम से ही मुजफ्फरनगर के कई व्हाट्सएप ग्रुप में यह वीडियो वायरल किया जा रहा है। साथ ही दावा भी किया जा रहा है कि यह वीडियो जनपद मुजफ्फरनगर के मेरठ रोड स्थित बहुचर्चित मिनोचा नर्सिंग होम का है। वीडियो रिकॉर्ड करने वाले तीमारदार के बारे में अभी तक ज्यादा जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है। लेकिन वीडियो में यदि हम ध्यान से देखें तो यह वीडियो स्पष्ट तौर से मिनोचा नर्सिंग होम की है ऐसा प्रतीत होता है। यदि यह प्रकरण मिनोचा नर्सिंग होम का ही है तो मिनोचा नर्सिंग होम भी खालापार क्षेत्र में ही आता है।
क्या है लोगों की प्रतिक्रिया!
वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं दी हैं। कई लोगों ने खालापार क्षेत्र के मरीजों के साथ होने वाले भेदभाव व नफरत को आम बताया तो कई लोगों ने मिनोचा नर्सिंग होम के विरुद्ध मेरठ के एक अस्पताल की भांति सख्त कार्यवाही करने की मांग की है।
ठोस कदम उठाना कितना उचित
मेरठ में भी मुस्लिम मरीजों के साथ भेदभाव करने के आरोप में प्रशासन द्वारा एक चिकित्सक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। जिसके बाद चिकित्सक ने माफी मांग कर भविष्य में दोबारा भेदभाव ना करने की बात कही थी। यदि मुजफ्फरनगर प्रशासन भी इस मामले में सख्ती के साथ ठोक कदम उठाता है तो यह मामला जनपद मुजफ्फरनगर का आखरी मामला साबित हो सकता है। यदि इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाए तो यह मात्र एक मामला नहीं, सिर्फ एक शुरुआत कहा जाना उचित रहेगा।यदि इस पर रोक न लगी तो यह कदम बढ़ते बढ़ते आग में घी का काम करेंगे और भेदभाव के साथ नफरत भी आम हो जाएगी!