लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रवासी श्रमिक और कामगारों को रोजगार मुहैया कराने के लिए हर स्तर की तैयारी हो रही है। इसके लिए योगी सरकार ने तय किया है कि श्रमिकों को योग्यता के अनुसार रोजगार देने के लिए उनकी करियर काउंसिलिंग हो।
इस कार्य के लिए हर जिले में हेल्प डेस्क और मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित होगी। इस सबंध में मुख्य सचिव आरके तिवारी ने शासन-प्रशासन के अधिकारियों को एक पत्र जारी किया है। जिसमें प्रवासी श्रमिकों की करियर काउंसिलिंग और हेल्प डेस्क के संचालन की नियमित निगरानी के लिए जिला स्तर पर मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित कराई जाएगी। इस समिति में जिला रोजगार सहायता अधिकारी सदस्य सचिव, जबकि राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य, जिला अग्रणी बैंक के प्रबंधक, उपायुक्त उद्योग, संबंधित खंड विकास अधिकारी और रोजगार योजनाओं से संबंधित विभागों के अन्य जिलास्तरीय अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल होंगे।
तिवारी ने बताया है कि जिला स्तर पर विकास भवन और विकास खंड स्तर पर खंड विकास अधिकारी कार्यालय में हेल्प डेस्क स्थापित की जाएगी। हेल्प डेस्कों पर विभिन्न विभागों के कार्यक्रम व योजनाओं की जानकारी देने के लिए सीडीओ द्वारा विभागीय अधिकारियों को नामित किया जाएगा।
मुख्य सचिव आरके तिवारी के आदेश में कहा गया है कि खंड विकास अधिकारी प्रवासी श्रमिकों को अपने कार्यालय पर आमंत्रित कर शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए करियर काउंसिलिंग कराएंगे। जो श्रमिक अपने कार्यस्थल पर वापस लौटना चाहते हैं, उनकी भी मदद जिलास्तरीय हेल्प डेस्क करेगी। राजेन्द्र कुमार तिवारी ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों के लिए सेवायोजन विभाग के पोर्टल पर एक नई एप्लीकेशन सेवामित्र विकसित कराया गया है, अकुशल-कुशल श्रमिकों का डाटा अपलोड कर दिया गया है। यह डाटा अभी असत्यापित है। काउंसलिंग के समय जिला रोजगार सहायता अधिकारी-सहायक निदेशक खंड विकास कार्यालय में कम्प्यूटर स्थापित कराकर इन श्रमिकों की सूचनाओं का सत्यापन भी करेंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा विभाग द्वारा विकसित ‘आभा’ एप को भी एंड्राइड फोन धारक श्रमिकों को डाउनलोड कराया जाए