शिमला। कहते हैं ना कि अगर आपके मन में किसी लक्ष्य को हासिल करने का जज्बा हो तो आप किसी भी मुश्किल को पार पाकर अपने लक्ष्य को बड़ी आसानी से हासिल कर सकते हैं। इसी बात को साकार कियाहिमाचल प्रदेश की दो दृष्टिबाधित बेटियों ने, जिन्होंने अपनी शारीरिक अक्षमता को अपने लक्षय के आड़े नहीं आने दिया और वे दोनों आज सफल हैं। जैसा की हम सब को पता है हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से 12वीं कक्षा का रिजल्ट घोषितकर दिया गया है। इस बार रिजल्ट 76.07 फीसदी रहा। 12 वीं की परीक्षा पास करने वाले इन 76.07 फीसदी छात्रों में दो छात्राएं ऐसी हैं दृष्टिबाधित होने के बावजूद अच्छे नम्बरों से जमा दो की परीक्षा पास की है।
एक एचएएस ऑफिसर तो दूसरी म्यूजिक टीचर बनना चाहती है
मिली जानकारी के अनुसार राजधानी शिमला के प्रतिष्ठित पोर्टमोर स्कूल की दो दृष्टिबाधित छात्राओं- शालिनी और रजनी नेगी ने बहुत अच्छे नम्बरों से जमा दो की परीक्षा पास करते हुए अपने स्कूल और परिवार वालों का नाम रौशन किया है। शालिनी ने 84.80 प्रतिशत और रजनी ने 82.60 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। दोनों कम्प्यूटर से पढ़ाई करने में सक्षम हैं। एक एचएएस ऑफिसर तो दूसरी म्यूजिक टीचर बनना चाहती है। अब उमंग फाउंडेशन उनके सपनों को साकार करने के लिए उन्हें छात्रवृत्ति देगा। उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने बताया कि चम्बा की पंचायत चैला के गांव बेहीलोला की रहने वाली शालिनी को फाउंडेशन द्वारा दिए गए लैपटॉप से पढ़ाई में मदद मिली।
दसवीं की परीक्षा भी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थी
उसने सुन्दर नगर स्थित सीआरसी से एक महीने का कम्प्यूटर कोर्स भी किया है। उसका सपना हिमाचल प्रशासनिक सेवा में जाना है। उधर कुमारसैन की रहने वाली रजनी नेगी म्यूजिक टीचर बनना चाहती है। वह कंप्यूटर में दक्ष है और उसने भी सीआरसी सुंदर नगर से कंप्यूटर का कोर्स किया है। उन्होंने सुंदरनगर स्थित दृष्टिबाधित छात्राओं के विशेष विद्यालय से दसवीं की परीक्षा भी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की थी। उमंग फाउंडेशन से जुड़ी दोनों दृष्टिबाधित बेटियां अब आरकेएमवी कॉलेज से बीए करना चाहती हैं। श्रीवास्तव ने बताया कि कि फाउंडेशन उन्हें उच्च शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति देगा ताकि वे अपने सपने पूरे कर सकें।