रविवार, 14 जून 2020

मंडी सचिव ने उपलब्ध नहीं कराया टीनशेड

कोलारस खरीदी केंद्र पर रखा चना बारिश में भीगा
- खरीदी केंद्र की सोसाइटी को मंडी सचिव ने उपलब्ध नहीं कराया टीनशेड


शिवपुरी। शिवपुरी जिले में समर्थन मूल्य पर चना खरीदी का काम विवादों में है। रविवार को अचानक मौसम बदलने से बारिश के बाद कोलारस खरीदी केंद्र मंडी में समर्थन मूल्य पर किसानों से लिया गया हजारों क्विंटल चना भीग गया। यहां पर रविवार को तेज बारिश के बाद मंडी में बनाए गए केंद्र पर खुले में खरीदी जा रहा कई क्विंटल चना भीग गया। मंडी में स्थिति यह रही कि यहां पर एक से दो फिट बारिश का पानी जमीन पर था और खुले में रखा गया सैंकड़ों क्विंटल चना बारिश में भीग गया। खरीदी कार्य से जुड़े अधिकारियों की यहां पर लापरवाही साफ तौर पर देखी गई। अधिकारियों को जब पता है कि इस समय प्रदेश में मानसून की आमद हो चुकी है और कभी भी बारिश हो सकती है इस दौरान यहां पर बारिश से बचाव को लेकर आवश्यक इंतजाम होने चाहिए थे लेकिन लापरवाही की हदें पार करते हुए प्रबंधन ने इस पर कोई गौर नहीं किया। इससे कई क्विंटल चना भीग गया।


जर्मन पुलिस ने गैंग का भंडाफोड़ किया

बर्लिन। जर्मन पुलिस ने हाल ही में बच्चों का यौन शोषण करने और उनकी अश्लील फिल्म बनाने वाले एक गैंग का भंडाफोड़ किया है। जर्मनी के मुंस्टर शहर में पुलिस ने एक घर से चाइल्ड एब्यूज की इतनी फिल्में और फोटोज बरामद की हैं, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उन्हें देख पाने में 30 साल का समय लग जाएगा। इस भयानक घटना को एक घर में अंजाम दिया जा रहा था और वहां चाइल्ड एब्यूज की फिल्में बनाने के लिए एक एयरकंडीशन्ड रूम में कम्प्यूटर इक्विपमेंट लगाए गए थे। करीब 600 टेराबाइट का वीडियो बरामद किया गया है। बताया जा रहा है कि इस चाइल्ड सेक्स एब्यूज रैकेट में 11 लोग शामिल थे, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। घर में एक एयरकंडीशन्ड सर्वर रूम बनाया गया था। चाइल्ड पोर्न के सारे वीडियो कम्प्यूटर में स्टोर कर के रखे जाते थे। यह घर इस गिरोह के संचालक एड्रियन वीज का बताया जा रहा है।


जर्मन पुलिस का कहना है कि कम्प्यूटर में मौजूद चाइल्ड पोर्न फिल्में इतनी ज्यादा हैं कि सभी को देख पाना संभव नहीं है। इसमें 30 साल लग जाएंगे। जर्मन पुलिस अब इस डाटा को एनालाइज करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद लेने के बारे में सोच रही है। वहीं, प्रोफेसर क्रिश्चियन मैटडॉर्फ का कहना है कि इतना ज्यादा डाटा को एनालाइज कर पाना फोरेंसिक टेक्वनीशियन के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। इसलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद लेना जरूरी होगा। इससे जांच का काम तेजी से हो सकेगा। डिटेक्टिव्स को शक है कि बच्चों के यौन उत्पीड़न का काम इसी घर में हुआ है। इस घर में हर जगह सिक्युरिटी कैमरे लगे हुए पाए गए, जिनका इस्तेमाल चाइल्ड एब्यूज को रिकॉर्ड करने में किया जाता होगा। देखें इस खौफनाक वारदात से संबंधित तस्वीरें और जानें दूसरी डिटेल्स।


इस चाइल्ड सेक्स एब्यूज रैकेट का सरगना एड्रियन वी 27 साल का एक आईटी स्पेशलिस्ट है। चाइल्ड एब्यूज की ज्यादातर फिल्में उसके घर में बनाई गईं, वहीं कुछ फिल्में उसकी मां के घर में भी बनाई गई हैं। कैरिना वी एक 45 साल की किंडरगार्टन टीचर हैं। इस महिला को भी चाइल्ड एब्यूज के मामले में अरेस्ट किया गया है, वैसे अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि क्या वह अपने स्कूल के बच्चों को भी चाइल्ड एब्यूज का शिकार बनाती थी। चाइल्ड एब्यूज की फिल्में बनाने के लिए इस कमरें में तकनीकी इंतजाम किए गए थे।


रोगियों की सेवा करना 'डॉक्टर का कर्तव्य'

छतरपुर। जिला चिकित्सालय में आइसोलेशन वार्ड में रोगियों की देखभाल कर रही डॉ नीलम अहिरवार मूल रूप से छतरपुर की रहने वाली हैं। वह शिवपुरी जिले में जिला अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रही हैं। नीलम का मानना है की रोगियों की सेवा करना ही एक डॉक्टर का कर्तव्य है। और अभी कोरोना वायरस महामारी से पूरा विश्व जूझ रहा है। ऐसे में एक चिकित्सक होने के नाते पूरी जिम्मेदारी से अपना काम करना बहुत जरूरी है। उनका कहना है कि इसी के लिए शिक्षा ग्रहण की है कि रोगियों का इलाज करें।


डॉ नीलम आइसोलेशन वार्ड में रोगियों की देखभाल के साथ-साथ उनकी मेंटल हेल्थ का भी ध्यान रखती हैं। आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी से पहले उन्हें टेलीमेडिसिन सेंटर में जिम्मेदारी दी गई थी। जहाँ उनकी कार्यशैली को देखते हुए उन्हें आइसोलेशन वार्ड में लगाया गया। उसे भी उन्होंने पूरी लगन से पूरा किया। जिले में अभी तक 23 कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज़ मिले हैं। इनमें से 12 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर पहुंच गए हैं। इसमें जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में मरीजों की देखभाल कर रहे चिकित्सकों का भी योगदान है। उनमें से डॉ नीलम भी हैं। इस प्रकार वह कोविड-19 की इस जंग को जीतने में कोरोना योद्धा की भूमिका निभा रही हैं।


कालका-पिंजौर भी कोरोना से अछूता नहीं

पुनीत भास्कर


कालका-पिंजौर। कोरोना वाइरस अपने पैर पसारने लगा है जिसका असर अब दिखने लगा है व कालका-पिंजौर भी अब इस वायरस से अछूता नही रहा। कोरोना काल मे आज कालका में कोरोना के 2 केस पॉजिटिव आने की पुष्टि हुई है जिसमे एक केस टिपरा से है जिसकी ट्रेवल हिस्ट्री दिल्ली की है व दूसरा केस वसंत विहार हाउसिंग बोर्ड कालका का है जिसकी ट्रेवल हिस्ट्री फ़रीदाबाद की है। स्वास्थ्य विभाग कर रहा आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट करने की तैयारी। यह जानकारी एस डी एच कालका के एसएमओ इंचार्ज डॉ. धर्मेन्द्र ने दी।


ठेकेदार कर रहा 'घटिया सामग्री का उपयोग'

गाजियाबाद। लोनी क्षेत्र के शकलपुरा गाँव में गाजियाबाद जिला पंचायत द्वारा कराये जा रहे सडक निर्माण में ठेकेदार कर रहा है। घटिया सामग्री का उपयोग। शकलपुरा गाँव से नहर की तरफ बनाया जा रहा है। नाला व सीसी मार्ग। नाले में भी घटिया सामग्री का हो रहा है प्रयोग। पत्थर की जगह डाली जा रही है मिट्टी। ग्रामीणों के विरोध के बाद भी कराया जा रहा है निर्माण कार्य।

हिमाचलः पिछले 18 घंटे में 7 नए मामले

शिमला। हिमाचल में पिछले 18 घंटे के अंदर कोरोना पॉजिटिव के सात नए मामले आए हैं। इसमें ऊना जिला से तीन, शिमला से दो, सोलन और चंबा से एक-एक मामला सामने आया है। शिमला में कोरोना पॉजिटिव आए दिल्ली के चालक की मृत्यु हुई है। चालक गुमटी गिरने से घायल हो गया था। आईजीएमसी में उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी। उसका कोरोना सैंपल पॉजिटिव पाया गया था। हालांकि, यह पॉजिटिव मामला शिमला के खाते में जुड़ा है, लेकिन मौत की वजह कोरोना ना होकर गुमटी गिरने से इंजरी है। वहीं, दिल्ली के इस ट्रक चालक का साथी भी शिमला में पॉजिटिव पाया गया है। चंबा जिला के भटियात क्षेत्र में एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। संक्रमित व्यक्ति की सैंपलिंग रिपोर्ट आने के बाद रविवार को स्वास्थ्य विभाग प्रशासन तथा पुलिस की टीम ने संक्रमित व्यक्ति के गांव में दस्तक दी। संक्रमित पाए गए व्यक्ति को आज कोविड सेंटरबालू में शिफ्ट किया। ऊना में गगरेट के बड़ोह की निवासी एक महिला, अंब के भैरा का निवासी एक युवक एवं ऊना उपमंडल के बसदेहड़ा निवासी एक व्यक्ति पॉजिटिव पाया गया है।


 

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हिमाचल में रिकवरी रेट 60 फीसदी से अधिक


हिमाचल में कांगड़ा (Kangra) जिला कोरोना के मामलों में नंबर वन है। दूसरे नंबर पर हमीरपुर जिला है। कांगड़ा जिला में कुल आंकड़ा 138 है और हमीरपुर में 131 है। हमीरपुर (Hamirpur) में एक्टिव केस 34 रह गए हैं, कांगड़ा में 60 हैं। हमीरपुर के 96 मरीज अब तक कोरोना से जंग जीत चुके हैं। कांगड़ा में 74 लोग ठीक हुए हैं। कांगड़ा और हमीरपुर में दो की मृत्यु हुई है। हिमाचल में कोरोना से मृत्यु की बात करें तो मंडी में दो और शिमला में भी दो की मौत हुई है। अब तक 6 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। हिमाचल में अब तक कोरोना का कुल आंकड़ा 509 है। अभी 182 एक्टिव केस हैं। अब तक 313 लोग ठीक हुए हैं। हिमाचल के 11 जिलों में अभी एक्टिस मामले हैं। वहीं, लाहुल स्पीति में अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है। हिमाचल में राहत बात यह है कि रिकवरी रेट 60 फीसदी से अधिक पहुंच गया है। हर रोज काफी संख्या में मरीज ठीक हो रहे हैं।


भारत में तेजी से बढ़ रहा है 'संक्रमण'

नई दिल्ली। कोरोना एक वैश्विक महामारी है। भारत में इसका संक्रमण अब तेजी से बढ़ रहा है। मौतों की दर में भी वृद्धि हुई है। इस सबके के लिए जिम्मेदार कौन है। ऐसे समय जब विश्व के कई देशों में कोरोना का प्रभाव कम हो रहा है, हम एक अनचाही प्रतिस्पर्धा में सबसे आगे जाते क्यों दिख रहे हैं? मातृभूमि समाचार ने निर्णय लिया की इसका उत्तर उसी जनता से जानने का प्रयास किया जाए, जो इससे प्रभावित है।


कोरोना से जुड़े विभिन्न प्रश्नों का ऑनलाइन सर्वे मातृभूमि समाचार ने हेलो एप पर किया। इस सर्वे में हमें पूरे भारत से कुल 94,959 वोट प्राप्त हुए। इसका निष्कर्ष यही था कि भारत में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने अच्छा काम किया है, किन्तु राज्य सरकारों और विशेष रूप से जनता ने आवश्यक सहयोग नहीं दिया है। मातृभूमि समाचार के सर्वे में हमारा पहला प्रश्न था कि क्या नरेन्द्र मोदी सरकार कोरोना से लड़ने के लिए हर संभव कदम उठा रही है? 68 प्रतिशत लोगों का उत्तर हां था, 25 प्रतिशत ने न कहा और जबकि 7 प्रतिशत लोग अपनी राय तय नहीं कर सके। 38 प्रतिशत लोग मानते हैं कि भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए राज्य सरकारें जिम्मेदार हैं, जबकि 33 प्रतिशत लोग केंद्र व राज्य सरकार दोनों को इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं. 21 प्रतिशत लोग राज्य सरकारों को जिम्मेदार नहीं मानते, जबकि 8 प्रतिशत अपनी राय तय नहीं कर सके। 90 प्रतिशत लोगों को लगता है कि कोरोना के कारण खराब हुई आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए राज्यों को स्वयं प्रयास करना चाहिए। 6 प्रतिशत इससे सहमत नहीं थे, जबकि 4 प्रतिशत अपनी राय तय नहीं कर सके।


क्या जनता की सजगता से कोरोना को नियंत्रित किया जा सकता था, लेकिन हमारी लापरवाही ने कोरोना संक्रमण को बहुत अधिक बढ़ा दिया। इस बात से 77 प्रतिशत लोग सहमत थे. 15 प्रतिशत कोरोना संक्रमण फैलने के लिए जनता को जिम्मेदार नहीं मानते थे, जबकि 8 प्रतिशत अपनी राय तय नहीं कर सके। 65 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि भारत में कोरोना की रफ़्तार को कम करने के लिए दुबारा लॉकडाउन लगाया जाना चाहिए। 17 प्रतिशत लोग सिर्फ कुछ राज्यों में दुबारा लॉकडाउन के पक्ष में हैं. जबकि 15 प्रतिशत लोग दुबारा लॉकडाउन नहीं चाहते और 3 प्रतिशत अपनी राय तय नहीं कर सके. मुंबई देश का सबसे अधिक कोरोना संक्रमित महानगर है, यहां इस महामारी के प्रकोप के लिए 60 प्रतिशत लोग बीएमसी को जिम्मेदार मानते हैं। 21 प्रतिशत ऐसा नहीं मानते, जबकि 19 प्रतिशत अपनी राय तय नहीं कर सके.


59 प्रतिशत लोगों का यह मानना है कि भारत में कम्युनिटी स्प्रेड शुरू हो चुका है। 18 प्रतिशत इस बात से सहमत नहीं थे, जबकि 23 प्रतिशत अपनी राय तय नहीं कर सके. 73 प्रतिशत लोगों का मानना है कि दिल्ली में कम्युनिटी स्प्रेड शुरू हो चुका है। 11 प्रतिशत इससे सहमत नहीं थे, जबकि 16 प्रतिशत अपनी राय तय नहीं कर सके. 51 प्रतिशत लोगों का मानना है कि भारत विश्व का सबसे अधिक संक्रमित देश बन सकता है. 37 प्रतिशत लोगों को ऐसा नहीं लगता है, जबकि 12 प्रतिशत अपनी राय तय नहीं कर सके। 50 प्रतिशत लोगों का कहना है कि दवा या वैक्सीन बनने के बाद ही भारत में कोरोना संक्रमण कम होगा. 21 प्रतिशत लोगों को सितम्बर के बाद, 19 प्रतिशत लोगों को जुलाई व 10 प्रतिशत अगस्त में कोरोना संक्रमण के कम होने की संभावना व्यक्त कर रहे हैं।


हमारा अगला प्रश्न था कि क्या आपको लगता है कि प्राइवेट अस्पतालों में सिर्फ लूट होती है, उपचार नहीं? इस 39 प्रतिशत ने प्राइवेट अस्पतालों, 36 प्रतिशत ने लगभग सभी व 22 प्रतिशत ने कुछ प्राइवेट अस्पतालों को लूट का अड्डा माना, जबकि 3 प्रतिशत अपनी राय तय नहीं कर सके. 41 प्रतिशत लोगों का मानना है कि सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों की ठीक से देखभाल नहीं होती. 33 प्रतिशत लोग सरकारी अस्पतालों के उपचार से संतुष्ट थे, जबकि 26 प्रतिशत लोग अपनी राय तय नहीं कर सके. 62 प्रतिशत लोगों का मानना था कि कोरोना के लिए बनाये गए अधिकांश पृथकवास केन्द्रों पर अव्यवस्था है, 23 प्रतिशत लोग इस व्यवस्था से संतुष्ट थे, जबकि 16 प्रतिशत अपनी राय तय नहीं कर सके। विपक्ष मोदी सरकार पर कोरोना संक्रमण को लेकर हमलावर है, किन्तु क्या जनता भी इन आरोपों से सहमत है? 55 प्रतिशत लोग राहुल गांधी के आरोपों से सहमत नहीं हैं. जबकि 36 प्रतिशत लोग राहुल के आरोपों को सही मानते हैं, जबकि 9 प्रतिशत अपनी राय तय नहीं कर सके. इन सब समस्याओं के बाद भी 66 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि 2024 में नरेंद्र मोदी फिर प्रधानमंत्री बनें. जबकि 33 प्रतिशत लोग दूसरा प्रधानमंत्री चाहते हैं, सिर्फ 1 प्रतिशत इस मामले में अपनी राय तय नहीं कर सके।


सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...