रविवार, 14 जून 2020

मजदूर के लिए देवदूत बन हुए उपस्थित

मनोज सिंह ठाकुर

मुंबई। घनसोली निवासी अब्दुल अंसारी का सात दिन का बच्चा दिल की बीमारी से पीड़ित था। अपने सात दिन के बच्चे की बीमारी को लेकर अब्दुल जहां बेहद परेशान थे, वहीं युवासेनाप्रमुख व पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे इस मजबूर पिता की मदद के लिए देवदूत बनकर आगे आए।अपने जन्मदिन के मौके पर आदित्य ठाकरे ने अपने सहयोगी राहुल कनाल और हुसैन शाह के जरिए पिता अब्दुल अंसारी को तत्काल १ लाख रुपए की मदद पहुंचाई और इलाज में होनेवाले खर्च में पूरी मदद देने का भी वादा किया।

आज आदित्य ठाकरे का ३०वां जन्मदिन था, उन्होंने अपने जन्मदिन पर किसी तरह के समारोह और पार्टी करने की बजाय एक मजबूर पिता की मदद करने का फैसला किया। बता देंकि बच्चे के दिल के तीन वॉल्व ब्लॉक्ड थे और दिल में एक छेद भी था।

सामना में छपी ख़बर के अनुसार ऐरोली के म्युनिसिपल हॉस्पिटल में जन्में बच्चे की जिंदगी पैदा होते ही खतरे में पड़ गई थी। सरकारी अस्तपताल के डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था और नेरुल के मंगल प्रभु हॉस्पिटल में रिफर कर दिया। लेकिन वहां भी बच्चे की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। अतः ऐसी हालत में अब्दुल अपने बच्चे को लेकर मुलुंड के फोर्टिस अस्तपताल में आए और यहां बच्चे का इलाज चल रहा है। सोशल नेटवर्क पर चली मुहिम और आदित्य ठाकरे से मिली मदद के चलते लग रहा है कि अब ये मासूम जरूर अपनी जिंदगी जीयेगा। आदित्य ठाकरे का शुक्रिया अदा करते हुए पिता अब्दुल अंसारी की जुबान नहीं थक रही।

मुजफ्फरनगर में वायरस, योगी की चिंता

लखनऊ में 32 नए पाॅजिटिव, इनमें सीएम हेल्पलाइन के 24 कर्मचारी: देश में अब तक 8,884 लोगों की मृत्यु…


लखनऊ। कोरोना वायरस COVID-19 के लगातार बढ़ते खतरे को देखते हुए योगी सरकार में मुजफ्फरनगर के शहर विधायक/राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने मुजफ्फरनगर की जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे को पत्र लिखकर कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताई है। राज्य मंत्री ने चिंता जताने के साथ-साथ मुजफ्फरनगर जिले में लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराए जाने, केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक रात्रि कर्फ्यू का कड़ाई से पालन कराए जाने के अलावा सप्ताह में एक दिन 24 घंटे का कर्फ्यू लगाए जाने की भी मांग की है। मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने जिलाधिकारी को कल लिखे अपने पत्र में कहा है कि जिस तरह से जिले में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है वह अत्यंत चिंता का विषय है। कोरोना पॉजिटिव रोगियों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। शुक्रवार को भी 19 नए मामले सामने आए हैं, यह आने वाले खतरे का अलार्म है।
उन्होने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से घोषित रात्रि कर्फ्यू का जिले में पालन नहीं हो रहा है, दिन के समय में तो बाजारों में लगातार भीड़ बढ़ती जा रही है, इससे कोरोना वायरस तेजी से फैल सकता है। मंत्री ने पत्र में आगे लिखा है कि बेहद आवश्यक वस्तुओं जैसे दूध, समाचार पत्र, रिटेल और दवाइयों की सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी मामलों में सप्ताह में 24 घंटे का “जनता कर्फ्यू” लगाना आवश्यक है। पत्र की प्रतिलिपि एसएसपी मुजफ्फरनगर के अलावा प्रमुख सचिव गृह को भेजी गई है।
इस बीच प्रदेश में कोरोना पाॅजिटिव मरीज मिलने का सिलसिला लगातार जारी है और इसमें रोज बढ़ोत्तरी हो रही है, जो काफी चिंता का विषय है। राजधानी लखनऊ में कल हुई सैंपल की जांच में 32 पाॅजिटिव मिले हैं, इनमें सीएम हेल्पलाइन के 24 और कर्मचारी भी शामिल है। निरालानगर में 3 एवं आजाद नगर का एक पाॅजिटिव शामिल है। केजीएमयू माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कल हुई 2,220 सैंपल की जांच में 71 पाॅजिटिव मिले हैं, इनमें 32 लखनऊ के हैं। पिछले 24 घंटे में देश में 10,956 कोरोना के नए केस सामने आएं हैं, देश में कोरोना के कुल मामले बढ़कर 2,97,535 हो गए हैं। वहीं 1,54,329 मरीज ठीक भी हुए हैं। अब तक कोरोना से 8,884 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में ही 396 लोगों की कोरोना से मौत हुई है।


विजय आनंद वर्मा


सपा संरक्षक के घर पहुंचा 'कोरोना'

मनोज तिवारी/देवेश शर्मा


इटावा। वायरस ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के परिवार में भी दस्तक दे दी है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव  के चचेरे भाई और बदायूं  से पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। पिछले दो दिन से बुखार की शिकायत पर उन्हें शनिवार को इटावा जिले के सैफई मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया था। जांच के बाद उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। फिलहाल धर्मेंद्र यादव डॉक्टरों की देख-रेख में हैं। गौरतलब है कि पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव को 11 जून को बुखार आया था। तब उन्होंने सामान्य दवा ले ली थी। इसके बाद लखनऊ में हुई जांच के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आई। हालांकि धर्मेंद्र यादव के ड्राइवर की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। धर्मेंद्र यादव के साथ आए लोगों का भी टेस्ट कराया जाएगा. परिवार के अन्य सदस्यों का भी एहतियातन कोरोना टेस्ट करवाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि धर्मेंद्र यादव एक केस के सिलसिले में इलाहाबाद हाईकोर्ट गए थे। वहां से आने के बाद उन्हें बुखार और कोरोना के लक्षण दिखे। इसके बाद उनका सैंपल टेस्ट के लिए भेजा गया। अब स्वास्थ्य विभाग कांटेक्ट ट्रेसिंग कर रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि वे किसके संपर्क में आने पर संक्रमित हुए हैं।
कौन हैं धर्मेंद्र यादव?
धर्मेन्द्र यादव मुलायम सिंह के भाई अभय राम यादव के बेटे हैं। वे पहली बार 2004 बदायूं सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे। इसके बाद वे 2009 और फिर 2014 के मोदी लहर में भी जीत कर लोकसभा पहुंचे। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। 3 फ़रवरी 1979 को जन्मे धर्मेंद्र यादव ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से राजनीति शास्त्र में मास्टर की डिग्री हासिल की है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जून 15, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-307 (साल-01)
2. सोमवार, जूूून 15, 2020
3. शक-1943, अषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि-दसवीं, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:36,सूर्यास्त 07:28।


5. न्‍यूनतम तापमान 24+ डी.सै.,अधिकतम-40+ डी.सै.।


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शनिवार, 13 जून 2020

रिकॉर्डः 386 की मौत, 11458 संक्रमित

नई दिल्ली। भारत में अब तक कोरोना संक्रमण के कुल मामले 3 लाख के पार हो चुके हैं। कोरोना के पिछले 24 घंटे के दौरान 11458 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 386 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद देश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,08,993 हो गई।


कोरोना संक्रमण से अब तक मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 8,884 हो चुकी है। कोरोना के आज नए मामले आने के बाद अब  कुल एक्टिव कोरोना केस की संख्या बढ़कर 1 लाख 45 हजार 779 हो गई है। हालांकि, कोरोना से अब तक 1 लाख 54 हजार 330 लोग ठीक हो चुके हैं।कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद से भारत संक्रमित लोगों का आंकड़ा 3 लाख के पार चला गया। पिछले 10 दिन के भीतर ही एक लाख मामले सामने आने के मद्देनजर सरकार ने महामारी की रोकथाम के लिए सख्त उपाय अपनाने की जरूरत पर जोर दिया। वहीं, केंद्र ने शुक्रवार को राज्यों से कोविड-19 के उभरते केंद्रों पर विशेष ध्यान देने और कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरुरत है।


आगरा में जांच हुई कम, मांगा जवाब

आगरा। कोरोना वायरस की जांच अचानक कम क्यों हो गई? सरकार को इस सवाल का जवाब देना होगा। शहर के अधिवक्ता अरुण कुमार दीक्षित की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सरकार की ओर से एडिशनल अटॉर्नी जनरल मनीष गोयल ने जवाब देने के लिए समय मांगा है। अगली सुनवाई 19 जून को होगी।

अरुण कुमार दीक्षित ने बताया कि नोएडा में कोरोना के 58 मामले आने पर सरकार ने वहां के जिलाधिकारी को हटा दिया था। आगरा में 1000 केस होने पर भी जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई नहीं की गई है। अमर उजाला व्यवस्था की खामियों को लगातार उजागर कर रहा है। 

इस पर उन्होंने जनहित याचिका दायर की। इसमें कोरोना जांच ही नहीं, और भी कई मुद्दे शामिल किए गए हैं। मामले की सुनवाई जस्टिस मनीष चंद त्रिपाठी और रमेश सिन्हा की बेंच में चल रही है। एडिशनल अटॉर्नी जनरल ने जवाब देने के लिए समय मांगा है।

अफसरों के जाते ही संक्रमण कैसे घटा?

दीक्षित का कहना है कि लखनऊ से प्रमुख सचिव के नेतृत्व में अफसरों की टीम आई थी। वो 11 मई को लौट गई। टीम के जाते ही आगरा में कोरोना केस अचानक से कैसे कम हो गए? टीम के आने से पहले एक दिन में 50 केस तक मिले। टीम के जाने के बाद ये कई दिन 10 से भी कम रहे। आखिर ऐसा क्या हुआ जिससे केस घटे?

मृत्यु के बाद रिपोर्ट क्यों आ रही?

1. जनहित याचिका में सवाल यह भी है कि संक्रमित की मृत्यु के बाद रिपोर्ट क्यों आ रही है? इसका अर्थ यही है कि जांच समय से नहीं की जा रही।

2. गैर कोरोना मरीजों के उपचार की व्यवस्था अभी भी मुकम्मल नहीं है। लोग उपचार के लिए भटक रहे हैं। इस पर कार्रवाई क्यों नहीं?

3. अन्य जिलों में बड़ी संख्या में प्रवासी संक्रमित मिले हैं। आगरा में न के बराबर हैं, इसकी वजह क्या है? कितने टेस्ट हुए हैं?

स्वास्थ्य विभाग खेल रहा है मौत का खेल

पालूराम


फरीदाबाद। स्वास्थ्य विभाग कोरोना से हुई मौतों को क्यों छुपा रहा है, यह अपने आप में बड़ी खबर है। स्वास्थ्य विभाग जहां कोरोना से हुई मौतों की संख्या 21 बता रहा था, वहीं नगर निगम फरीदाबाद ने यह आंकड़ा 37 बताया है। आपको बता दें कि यह  आंकड़े 15 अप्रैल से 11 जून तक के  हैं। हालांकि दोनों ही विभाग अपने स्तर पर यह आंकड़े जाहिर नहीं होने दे रहे, मगर मीडिया ने अपने सूत्रों के जरिए यह पूरा विवरण खोज निकाला है। बता दें कि फरीदाबाद जिले में कोरोना संभावित व सक्रंमित शवों के दाह संस्कार का जिम्मा नगर निगम के पास है। निगम के कर्मचारी ही कोरोना से होने वाली मौतों का दाहसंस्कार कर रहे हैं। नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार 15 अप्रैल से 11 जून तक कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या 43 है। इनमें से 6 लोग कोरोना संभावित भी हैं, दाहसंस्कार करने तक उनकी कोरोना रिपोर्ट नहीं आई थी, इसलिए उन्हें सूची में संभावित के तौर पर शामिल किया गया है, जबकि कोरोना पॉजीटिव के तौर पर 37 लोगों का दाहसंस्कार किया गया है। जबकि यह संख्या जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा 21 बताई गई थी। विभाग के अनुसार कोरोना से जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से कुछ लोग दिल्ली व गुरूग्राम के भी हैं। बता दें कि सूची के अनुसार 37 में से सात लोग गुरूग्राम और दिल्ली के हैं। यदि 37 में से सात मृतकों को हटा दिया जाए तो भी 31 कोरोना शव बचते हैं, इसे देखते हुए भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा 9 मामले छुपाए जाने का संदेह है। आपको बता दें कि फरीदाबाद में अब तक जिन शवों का दाह संस्कार किया गया है, उनमें फ्रेंडस कालोनी, फरीदाबाद, हाऊसिंग बोर्ड सैक्टर 18, सैक्टर 28, शिव शारदा कालोनी बल्लभगढ़, भारत कालोनी खेड़ी रोड फरीदाबाद, सैक्टर 18 फरीदाबाद, सैक्टर 19 फरीदाबाद, सार्इंकालोनी गांव मवई रोड फरीदाबाद, एनआईटी नंबर 2 बी ब्लाक, बाढ़ मौहल्ला ओल्ड फरीदाबाद, एसजीएम नगर फरीदाबाद, आदर्श कालोनी एनआईटी नंबर-4 फरीदाबाद, सैक्टर-7 बी, सैक्टर 37 फरीदाबाद, एसजीएम नगर फरीदाबाद, सैक्टर 8 फरीदाबाद,बसेलवा कालोनी फरीदाबाद,डीएस डोर अनंगपुर, सैक्टर 23 फरीदाबाद, कृष्णा कालोनी फरीदाबाद, डबुआ कालोनी गाजीपुर रोड , अनाजमंडी बल्लभगढ़, सैक्टर 23 फरीदाबाद, सैक्टर 28 फरीदाबाद, बाईपास रोड ओल्ड फरीदाबाद, स्प्रिंग फील्ड कालोनी, अलीगढ़ रोड नजदीक जीवन धारा अस्पताल, इंद्रा कंपलैक्स ग्रेटर फरीदाबाद एवं एक अज्ञात शव शामिल हैं। इनके अलावा दिल्ली और गुरूग्राम  के जिन एरिया का यह दाहसंस्कार किया गया है, उनमें श्रीनिवासपुरी नई दिल्ली, बुद्ध अपार्टमेंट नई दिल्ली, प्रेमपुर गुरूग्राम, संगम विहार दिल्ली, दक्षिण दिल्ली शामिल हैं। इनमें अलावा जिन कोरोना संभावित मरीजों की मौत के बाद दाहसंस्कार किया गया है, वे लोग संजय कालोनी, एनआईटी नंबर -4, सैक्टर 88 एफ ब्लाक, सैक्टर 21 बी, एसी नगर नीलम बाटा रोड  तथा डबुआ कालोनी डी ब्लाक फरीदाबाद के हैं। वहीं इस मामले को लेकर जिला उपायुक्त यशपाल यादव का कहना है कि वह इस मामले की जांच करवाएंगे कि आखिर दोनों सरकारी विभागों के आंकड़े अलग अलग क्यों हैं। उन्होंने कहा कि दोनों विभागों की एक बैठक करवाकर सभी शवों का मिलान करवाया जाएगा कि आखिर यह अलग अलग क्यों हैं। उनके  अनुसार कई बार दाहसंस्कार कोविड 19 के अंतर्गत पहले कर दिया जाता है और रिपोर्ट बाद में निगेटिव आती है। इसके बावजूद वह नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग  से कहेंगे कि इसमें कोई चूक नहीं होनी चाहिए। आपको बता दें कि  अमर उजाला के फरीदाबाद संस्करण ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...