नई दिल्ली (एजेंसी)। डिप्रेशन किसी भी आयु वर्ग के आदमी को प्रभावित करता है, जवान और बुजुर्ग ही नहीं बल्कि बच्चे भी इससे प्रभावित होते हैं। अगर आपका बच्चा लगातार उदास रहता है, लोगों से बात नहीं कर एकांत में चला जाता है। वह स्कूल का होम वर्क नहीं करता और परिवार के लोगों से बात करने में हिचकता है,तब बच्चे में यह डिप्रेशन के लक्षण हो सकते हैं। डिप्रेशन अपने तरह की गंभीर बीमारी है, जो शरीर में और भी कई तरह की बीमारियों को लगा देती है, लेकिन इसका इलाज उपलब्ध है। बच्चों को स्कूल में दूसरे बच्चों द्वारा बहुत ज्यादा तंग करने पर डिप्रेशन हो सकता है।स्कूल में बच्चे को बुली करने पर आत्म-सम्मान को झटका लगता है। इससे भी बच्चे डिप्रेशन में चले जाते हैं। लगातार तनाव में रहने की वजह से भी बच्चे डिप्रेशन की स्थिति में पहुंच जाते हैं। बार-बार पड़ने वाले किसी दबाव के कारण भी बच्चे इस स्थिति में पहुंच जाते हैं। पढ़ाई का अधिक प्रेसर होने के कारण भी डिप्रेशन बढ़ता है। जिन बच्चों के परिवार में कोई सदस्य डिप्रेशन का शिकार हो या हो चुका हो उस घर के बच्चों के डिप्रेशन में जाने का खतरा ज्यादा रहता है। वहीं ऐसा जरूरी नहीं है कि जिन बच्चों की अवसाद की फैमिली हिस्ट्री न हो, उन्हें डिप्रेशन नहीं हो सकता। अगर आपको लग रहा है कि आपके बच्चे में अवसाद का खतरा है तो उस परिवार के साथ रखें और खुश रखने का प्रयास करें।
वयस्कों की तरह बच्चे बदलावों को जल्दी स्वीकार नहीं कर पाते हैं। नए घर या स्कूल में जाना, पैरेंट्स का तलाक देखना या भाई-बहन या दादा-दादी का बिछड़ना, ये सभी चीजें बच्चे के दिमाग पर नकारात्मक असर डालती हैं। अगर आपको लग रहा है कि इन चीजों की वजह से आपका बच्चा प्रभावित हो रहा है तो जितना जल्दी हो सके, उससे इस बारे में बात करें। यदि किसी हादसे के बाद बच्चे के व्यवहार में बदलाव दिख रहा है तो आपको तुरंत डिप्रेशन की पहचान कर उसका इलाज कराना चाहिए। कुछ बच्चों में शरीर के अंदर रसायनों के असंतुलन के कारण अवसाद हो जाता है। हार्मोनल बदलाव और विकास होने के कारण ये असंतुलन हो सकता है, लेकिन ऐसा अपर्याप्त पोषण या शारीरक गतिविधियां कम करने की वजह से भी हो सकता है। बच्चे का विकास ठीक तरह से हो रहा है या नहीं, इसकी जांच के लिए नियमित चेकअप करवाते रहें।
मंगलवार, 9 जून 2020
जवान-बुजुर्ग ही नहीं, बच्चे भी प्रभावित
मुफ्त-अच्छी चिकित्सा का अधिकार नहीं
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मंगलवार को पश्चिम बंगाल के लिए ‘डिजिटल रैली’ कर रहे हैं। उन्होंने ममता बनर्जी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि ममता जी, क्या बंगाल के गरीब लोगों को मुफ्त और अच्छी वाली चिकित्सा सहायता प्राप्त करने का कोई अधिकार नहीं है? आयुष्मान भारत योजना को यहां अनुमति क्यों नहीं है? ममता जी, गरीबों के अधिकारों पर राजनीति करना बंद करें। आप कई अन्य मुद्दों पर राजनीति कर सकती हैं। अमित शाह ने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि बीजेपी सिर्फ आंदोलन करने के लिए बंगाल के मैदान में नहीं आई है। बीजेपी सिर्फ राजनीतिक दल के विस्तार लिए नहीं आई है,बीजेपी बंगाल के अंदर हमारी संगठन नीव को मज़बूत तो करना चाहती ही है लेकिन बीजेपी फिर से बंगाल को संस्कारिक बंगाल बनाना चाहती है।उन्होंने कहा कि मैं बंगाल की जनता को ये कहना चाहता हूं कि भले ही भाजपा को 303 सीटें देश भर से मिली है। लेकिन मेरे जैसे कार्यकर्ता के लिए सबसे महत्वपूर्ण सीटे हैं। बंगाल की 18 सीटों पर बीजेपी जीतेंगी।
उन्होंने कहा कि 2014 से पश्चिम बंगाल में 100 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं ने यहां राजनीतिक लड़ाई में अपनी जान गंवा दी। मैं उनके परिवारों को सम्मान देता हूं क्योंकि उन्होंने सोनार बांग्ला के विकास में योगदान दिया है। मैं उन लोगों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहता हूं, जिन्होंने कोरोना महामारी और अम्फान के कारण अपनी जान गंवाई है। अमित शाह ने कहा कि देश भर ने आयुष्मान भारत योजना को स्वीकार लिया। अंत में केजरीवाल जी ने भी आयुष्मान भारत योजना को स्वीकार कर लिया। लेकिन मामता दीदी आप क्यों नहीं स्वीकार कर रही हो ये बंगाल की जनता आपसे पूछना चाहती है। उन्होंने कहा कि यूपीए ने 10 साल में एक बार 3.5 करोड़ किसानों का 60 हज़ार करोड़ रुपए का ऋण माफ किया,लेकिन आंकड़े कुछ और है।
पीएम मोदी ने 9.5 करोड़ किसानों के बैंक अकाउंट में 72 हज़ार करोड़ रुपए पहुंचाने का काम किया है और हर साल किसान को 6 हज़ार रुपया पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा ममता दी आप हमारा हिसाब मांगती हो, मैं तो हिसाब लेकर आया हूं। आप कल एक प्रेस कांफ्रेंस करके अपने 10 साल का हिसाब दीजिएगा और ध्यान से दीजिएगा कहीं बम धमाकों या बंद हुई फैक्टरियों की संख्या मत बता दीजिएगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी के मार दिए कार्यकर्ताओं की संख्या मत बता दीजिएगा।
नए सितारो के बारे में जांच-पड़ताल
लंदन (एजेंसी)। शेफ़ील्ड स्टडी ग्रुप के वैज्ञानिकों ने ब्रह्माण्ड में तारा बनाने वाले क्षेत्रों की विशिष्टता का अध्ययन करने के लिए मिल्की वे में बने नए सितारों के बारे में जांच-पड़ताल की। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने नए सितारों अध्ययन के दौरान मैग्मा ओशन प्लॉनेट के बारे में पता लगाया है जिससे अंतरिक्ष में नए सितारों और ग्रहों के बनने की गुत्थी सुलझ सकती है। इतना ही नहीं, वैज्ञानिकों ने यह भी दावा किया है कि स्टेलर नर्सरीज जहां गैस और धूलकणों के मिलने से नए तारों का निर्माण होता है वहां सूर्य से बड़े और तारे भी मौजूद हैं। इस दौरान उन्होंने पाया कि मैग्मा ओशन प्लॉनेट में से एक ग्रह बेबी अर्थ के समान है। इस शोध से अंतरिक्ष में तारे और ग्रह बनने की प्रक्रिया को समझने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि ये मैग्मा ओशन प्लॉनेट सूर्य जैसे अन्य तारों का पता लगाने में भी काम आ सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ये ग्रह इतनी गर्मी उत्सर्जित करते हैं कि हम नेक्स्ट जेनरेशन की इन्फ्रा-रेड टेलिस्कोप का उपयोग करके उनसे चमक देख पाएंगे। जिन स्थानों पर हमें ये ग्रह मिले रहे हैं उन तारों की उम्र 100 मिलियन वर्ष से कम है। ऐसे तारों को युवा श्रेणी में रखा जाता है।शेफ़ील्ड विश्वविद्यालय के खगोलविद रिचर्ड पार्कर ने कहा कि मैग्मा ओशन प्लॉनेट चट्टानों और छोटे ग्रहों की क्रमिक टक्कर से बनते हैं। जिसके प्रभाव से उनकी सतह इतनी गर्म हो जाती है कि वह पिघली हुई चट्टान बन जाती है, जिससे उन्हें खोजने में मदद मिलती है।
'कम्युनिटी स्प्रैड' केंद्र कर सकेगा ऐलान
- केंद्र और दिल्ली के बीच तकरार बढ़ी
- सत्येंद्र जैन बोले- कोरोना का कम्युनिटी स्प्रेड केंद्र ही कर सकती है ऐलान
नई दिल्ली । दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और तीखी होती राजनीति के बीच कम्युनिटी स्प्रेड को लेकर चर्चा तेज हो गई है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को ऐलान किया कि एम्स डायरेक्टर ने दिल्ली में कोरोना वायरस के कम्युनिटी स्प्रेड को मान लिया है, लेकिन केंद्र ही इसका ऐलान कर सकता है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार ने जो दिल्ली के अस्पतालों को लेकर फैसला किया था, उसे LG साहब ने खत्म कर दिया है ऐसे में अब दिल्ली वालों का इलाज कहां होगा। दिल्ली में पूरी दुनिया से फ्लाइट यहां आई हैं, ऐसे में यहां केस बढ़ रहे हैं। सत्येंद्र जैन ने फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अब अगर दिल्ली में बाहर से लोग आएंगे तो राज्य के लोगों का इलाज कहां होगा। केंद्र सरकार के जो 10 हजार बेड हैं, उनमें इलाज करवा लें। केंद्र ने हमारी मांग नहीं मानी कि फ्लाइट बंद की जाए, दिल्ली के अंदर बाहर के लोगों को आने से रोका नहीं गया, जिससे केस बढ़ गए।
स्वास्थ्य मंत्री बोले कि हम लगातार बेड बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, AIIMS के डायरेक्टर ने कम्युनिटी स्प्रेड को मान लिया है लेकिन केंद्र सरकार इसको नहीं मान रही है। दिल्ली में बहुत से ऐसे केस हैं, जिनका कोई सोर्स नहीं है। कम्युनिटी स्प्रेड है या नहीं, वो केंद्र मानेगी तभी होगा।
दिल्ली के अस्पतालों का हाल.. सरकारी आंकड़ा
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच इन दिनों कोरोना संकट को लेकर आर-पार की लड़ाई छिड़ गई है। पहले दिल्ली सरकार ने फैसला लिया था कि अब दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ राज्य के निवासी का इलाज होगा, लेकिन उपराज्यपाल ने इस फैसले को तुरंत बदल दिया। जिसके बाद से दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल आमने-सामने है।
बता दें कि दिल्ली में पिछले एक हफ्ते से रोज़ ही एक हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में चिंता बढ़ती जा रही है। दिल्ली में मंगलवार सुबह तक कुल कोरोना वायरस के मामले 29943 हैं, जबकि 874 लोगों की मौत हो चुकी है।
हिमाचल में कम नहीं हो रहा संक्रमण
नाहन। हिमाचल प्रदेश के कोरोना वायरस के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। मंगलवार सुबह सिरमौर जिले से कोरोना के आठ नए मामले सामने आए हैं। ये सभी औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब स्थित ओरिसन फार्मा इकाई में काम करते हैं। इनमें मालिक दंपति व उनका बेटा भी शामिल है, जो इस समय पंचकूला में रह रहे हैं। प्रशासन ने पहले ही इस फार्मा कंपनी (Pharma Company) को सील करने के आदेश दे दिए थे।
इसी फार्मा इकाई में काम करता था पशोग निवासी संक्रमित
जानकारी के अनुसार सिरमौर जिला से सोमवार को जांच के लिए भेजे गए 41 सैंपलों में से 33 नेगेटिव और आठ की रिपोर्ट पॉजिटिव (Report positive) आई है। सभी संक्रमित उसी फार्मा इकाई में कार्यरत थे जिसमें गांव बाग पशोग का निवासी कार्यरत था और बाद में पॉजिटिव पाया गया था। व्यक्ति फिलहाल सराहां के कोविड हेल्थ सेंटर में भर्ती है। आठ संक्रमितों में से सात लोग फिलहाल हरियाणा में ही हैं, जिनमें कंपनी का मालिक, उसकी बीवी और बेटा पंचकूला में और इकाई का सीईओ यमुनानगर में, दो लोग साढौरा में और एक व्यक्ति नारायणगढ़ में हैं। इसके अलावा एक व्यक्ति को त्रिलोकपुर स्थित कोविड केयर सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया है। डीसी सिरमौर डॉ. आरके परुर्थी ने इसकी पुष्टि की है। इसी के साथ सिरमौर में कुल संक्रमितों की संख्या 20 हो गई है, जबकि सक्रिय मामलें 16 हैं और चार ठीक हुए हैं। वहीं, हिमाचल प्रदेश में अब तक कुल 429 मरीज आ चुके हैं। एक्टिव केस एक्टिव 197 हैं। अब तक 227 लोग ठीक हुए हैं वहीं पांच की मौत हुई है।
लगातार तेज रफ्तार का 'कहर' जारी
कोरोना लक्ष्ण दिखने के बाद भर्ती कराऐंं
नई दिल्ली। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद भाजपा नेता संबित पात्रा ने ट्वीट कर कहा है कि अब वह घर आ चुके हैं, लेकिन उनको ठीक होने में अभी वक्त लगेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस मुश्किल समय में पार्टी ने उनकी का ध्यान रखा और पार्टी का नेतृत्व परछाई बनकर उनके पीछे खड़ी रहा है। ऐसे में वह यही कहना चाहते हैं कि पार्टी ही उनका परिवार है।
ध्यान रहे संबित पात्रा को अस्पताल से रविवार देर रात ही डिस्चार्ज कर दिया गया था। उनमें कोरोना के लक्षण दिखने के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन दोबारा जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। डॉक्टरों ने उन्हें अभी उन्हें कुछ दिन होम कवरेन्टीन रहने की हिदायत दी है। गौरतलब है कि पात्रा को कोरोना के लक्षण मिलने पर 28 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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